आज का दिन : 18 अप्रेल 2019
विश्व विरासत दिवस
(World Heritage Day)
- संयुक्त राष्ट्र के मुख्य घटक 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' यानी यूनेस्को की ओर से विश्व विरासत दिवस पहली बार 1983 में मनाया गया।
- हमारे पूर्वजों की अनमोल वस्तुओं को संजोकर रखना और उनके प्रति लोगों को जागरूक करना ही विश्व विरासत दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है।
- इतिहास में जाएं तो एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने 1968 ई. में विश्व प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों की रक्षा के लिए एक प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र के सामने 1972 ई. में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान रखा गया, जहां ये प्रस्ताव पारित हुआ।
- 18 अप्रैल, 1978 ई. में पहले विश्व के कुल 12 स्थलों को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया गया। यह कार्य 'यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर' के तहत किया गया। इस दिन को तब 'विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस' के रूप में मनाया जाता था। वैसे प्रथम विश्व विरासत दिवस 18 अप्रेल, 1982 को मनाया गया था।
भारत के विश्व विरासत स्थल
- वर्ष 1983 ई. में पहली बार भारत के चार ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को ने ताजमहल, आगरा का किला, अजंता और एलोरा की गुफाओं को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया था। आज देश के अनेक महत्वपूर्ण स्थल यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हैं। अब तक भारत के 37 स्थान विश्व विरासत सूची में स्थान पा चुके हैं।
*विश्व विरासत दिवस-2019 का विषय/थीम*
Rural Landscapes
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