बुधवार, 27 नवंबर 2019

27 नवंबर, 2019 : भारतीय अंगदान दिवस

आज का दिन : 27 नवंबर, 2019

भारतीय अंगदान दिवस

Indian Organ Donation Day

  • प्रथम भारतीय अंगदान दिवस 27 नवंबर, 2010 को मनाया गया। उसके बाद से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है।
  • भारतीय अंगदान दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश के लोगों को अंगदान का महत्व समझाना है।
  • भारतीय अंगदान दिवस स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन  (National Organ & Tissue Transplant Organisation - NOTTO) की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।
  • विश्व अंगदान दिवस 13 अगस्त को मनाया जाता है।
  • देश में प्रतिवर्ष लाखों लोगों की मृत्यु अंगों की अनुपलब्धता के कारण हो जाती है। अगर मृत्यु के बाद अंगदान को प्रोत्साहन मिले तो मृत्यु के इन आंकड़ों में कमी लाई जा सकती है।
  • जागरूकता की कमी के कारण, लोगों के मन में अंगदान के बारे में भय और मिथक विद्यमान हैं। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सामान्य मनुष्य को मृत्यु के बाद अंगदान करने की प्रतिज्ञा दिलाने के लिए प्रोत्साहित करना हैं।
  • अंगदान में अंगदाता के अंगों जैसे कि हृदय, लीवर (यकृत), गुर्दे, आंत, फेफड़े और अग्न्याशय का दान उसकी मृत्यु के पश्चात जरूरतमंद व्यक्ति में प्रत्यारोपित करने के लिए किया जाता है।
  • ग्लोबल आब्जर्वेटरी दान तथा प्रत्यारोपण रिपोर्टों के अनुसार भारत में मृतक के अंगदान की दर प्रति मिलियन की आबादी पर लगभग 0.61 है। जबकि स्पेन में 43.8, संयुक्त राज्य अमेरिका में 30.37, ब्रिटेन में 21.5 और ऑस्ट्रेलिया में 20.7 है।
  • अंगदान के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए नोट्टो का 24 घंटे कार्य करने वाला टोल फ्री नंबर है- 1800114770.



अंगदान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

  • कोई भी व्यक्ति चाहे, वह किसी भी उम्र, जाति, धर्म और समुदाय का हों, वह अंगदान कर सकता है।
    अंगदान करने का निर्णय चिकित्सा मानदंडों के आधार पर किया जाता है। प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में कॉर्निया, हृदय वाल्व, त्वचा, और हड्डी जैसे ऊतकों का दान किया जा सकता हैं, लेकिन 'मस्तिष्क की मृत्यु' होने की स्थिति में केवल लीवर (यकृत), गुर्दे, आंत, फेफड़े, और अग्न्याशय का दान ही किया जा सकता है।
  • हृदय, अग्न्याशय, लीवर (यकृत), गुर्दें और फेफड़े जैसे अंगों का प्रत्यारोपण उन अंग प्राप्तकर्ताओं में किया जाता हैं, जिनके अंग असफल हो चुके हैं, ताकि यह प्राप्तकर्ता सामान्य जीवनयापन कर सकें।
  • अठारह वर्ष से कम आयु के अंगदानकर्ताओं के लिए अंगदान करने से पहले अपने माता-पिता या अभिभावकों की सहमति प्राप्त करना आवश्यक होता हैं।
  • सक्रिय कैंसर, एचआईवी, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी या हृदय की बीमारी जैसी गंभीर स्थितियों के होने पर अंगदान करने से बचना चाहिए।

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