आज का दिन : 2 दिसंबर, 2019
अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस
(International Day for the Abolition of Slavery)
- सन् 1949 में 2 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था, इसीलिए 2 दिसंबर को 'अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस' मनाया जाता है।
- दुनिया के हर दौर में दासता मौजूद रही है। आज भी यह कई रूपों में मौजूद है। कई देशों में घरेलू नौकरों और कामगारों को गुलाम के रूप में रखा जाता है।
- अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस को मनाने का उद्देश्य हर प्रकार की दास प्रथा को समाप्त करना है।
- देश में बेरोजगारों फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी के बहाने विदेशों में भेजने और वहां उनके शोषण के मामले सामने आते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों में आधुनिक दासता
- वर्तमान में 40.3 मिलियन लोग आधुनिक दासता जकड़े हैं, इनमें 24.9 मिलियन बंधुआ मजदूरी और 15.4 मिलियन जबरन शादी के शिकार हैं।
- दुनिया में प्रत्येक 1000 लोगों में से 5.4 लोग आधुनिक दासता में जकड़े हुए हैं।
- आधुनिक दासता की गिरफ्त में आए प्रत्येक 4 में से 1 बच्चा है।
- वर्तमान में 24.9 मिलियन लोग बंधुआ मजदूरी, 16 मिलियन लोग निजी क्षेत्र जैसे घरेलू कार्य, निर्माण या कृषि में, 4.8 मिलियन लोग जबरन यौन शोषण में और 4 मिलियन लोग राज्याश्रित एजेंसियों द्वारा जबरन मजदूरी के कारण आधुनिक दास बनने को मजबूर हैं।
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