आज का दिन : 15 जनवरी 2020
थल सेना दिवस
(Army Day)
- 15 जनवरी, 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करिअप्पा भारतीय थल सेना के शीर्ष कमाडंर बने थे यानी भारतीय सेना की कमान पूरी तरह से भारतीय हाथों में आ गई थी। इसी उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष थल सेना दिवस या सेना दिवस मनाया जाता है।
- आर्मी डे देश की सीमाओं की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है।
- प्रतिवर्ष सेना दिवस पर दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड मैदान में थल सेनाध्यक्ष परेड की सलामी लेते हैं। सेना द्वारा दम-खम का प्रदर्शन किया जाता है।
- थल सेना दिवस की शाम को सेना प्रमुख चाय पार्टी आयोजित करते हैं, जिसमें तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल होते हैं।
- थल सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करिअप्पा (पूरा नाम कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा) ने भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था।
- वर्ष 1986 में करिअप्पा को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई। उस समय भारत की सेना लगभग 2 लाख थी, लेकिन आज इसमें लगभग 13 लाख से अधिक सैनिक-असैनिक शामिल हैं।
- थलसेना का ध्येय वाक्य है 'सर्विस बिफोर सेल्फ' अर्थात् खुद से पहले सेवा।
- वर्तमान यानी सन् 2020 में भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे हैं।
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