सोमवार, 7 सितंबर 2020

25 अगस्त से 8 सितंबर 2020 : राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा

राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा

National Eye Donation Fortnight

आज का दिन : 25 अगस्त से 8 सितंबर 2020


  • 'नेत्रदान-महादान' उक्ति को साकार करने के लिए ही प्रतिवर्ष देश में 25 अगस्त से 8 सितंबर तक 'राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा' मनाया जाता है। वर्ष 2020 में 35वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
  • राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा को मनाने का उद्देश्य नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाना और आमजन को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करना है।
  • दृष्टिहीनता के अनेक कारण होते हैं, लेकिन कॉर्निया में आई खराबी से हुई नेत्रहीनता को नेत्रदान से ठीक किया जा सकता है। इसीलिए लोगों को नेत्रदान के लिए जागरुक किया जाता है।
  • कोरोना काल में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के दौरान अधिकतर कार्यक्रम वर्चुअल वल्र्ड पर आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें लोगों से नेत्रदान संकल्प फॉर्म भरवाने से लेकर जागरूकता बढ़ाने के कार्यक्रम शामिल हैं।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर एम्स नई दिल्ली और नेशनल आई बैंक की ओर से आयोजित वेबिनार की अध्यक्षता की।
  • कॉर्निया में चोट या किसी बीमारी के कारण कॉर्निया को नुकसान होने पर दृष्टिहीनता को ठीक किया जा सकता है। प्रत्यारोपण में आंख में से क्षतिग्रस्त या खराब कॉर्निया को निकाल दिया जाता है और उसके स्थान पर एक स्वस्थ कॉर्निया प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
  • एम्स (दिल्ली) और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से कराए गए नेशनल ब्लाइंडनेस एंड विज़ुअल इम्पेयरमेंट सर्वे 2019 के अनुसार भारत में 50 साल से कम उम्र के मरीजों में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस अंधेपन का प्रमुख कारण था, इस हिसाब से 37.5 प्रतिशत मामले और 50 वर्ष से अधिक आयु के रोगियों में अंधेपन का दूसरा प्रमुख कारण था।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट का अनुमान है कि दुनिया की लगभग 5 प्रतिशत आबादी अकेले कॉर्नियल रोगों के कारण अंधी है। भारत में, लगभग 68 लाख लोग कम से कम एक आंख में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीडि़त हैं; इनमें से 10 लाख लोग अपनी दोनों आंखों से नहीं देख पाते हैं।
  • सर्वप्रथम सन् 1771 में पेलियर डी किन्जसी ने कॉर्निया के प्रत्यारोपण की परिकल्पना की कि सफेद व अपारदर्शी कार्निया की जगह साफ-सुथरी, स्वच्छ कॉर्निया प्रत्यारोपण संभव है। सन् 1888 में बान हिप्पल ने पहली बार कॉर्निया प्रत्यारोपण किया। इसके करीब आठ वर्ष बाद 1906 में जिम ने माइक्रो सर्जरी तथा सूक्ष्म उपकरणों से सफलतापूर्वक कॉर्निया प्रत्यारोपण किया।
  •  हर स्वस्थ व्यक्ति जिसके नेत्र सही हैं, नेत्रदान की घोषण कर सकता है। इसके लिए एक शपथ-पत्र भरना होता है जो प्राय: सभी शासकीय चिकित्सालयों, निजी नेत्र विशेषज्ञों के पास उपलब्ध होता है।
  • ऐसे व्यक्ति जो वायरल हेपेटाइटिस, पीलिया, यकृत रोग, रक्त कैंसर, टी.बी., मस्तिष्क ज्वर, एड्स से संक्रमित हों, उनसे नेत्र नहीं लिये जाते। अप्राकृतिक मौत, एक्सीडेन्ट की हालत में मजिस्ट्रेट की अनुमति से नेत्र ग्रहण किये जा सकते हैं।
  • ऐसे दृष्टिहीन व्यक्ति जिनकी आंखों की कॉर्निया, किसी बैक्टीरिया, वायरल संक्रमण रोग, दुर्घटना, रासायनिक पदार्थो के गिरने जैसे एसिड, क्षार, घाव, अल्सर आदि के बाद सफेद हो गई हो तथा उससे दृष्टि एकदम कम हो गई हो, का इलाज नेत्रदान से प्राप्त कार्निया प्रत्यारोपण से संभव है।
  • रेटिना या आंखों के परदे की बीमारी, परदा उखडऩा, लेंस की बीमारी, मोतियाबिंद, आप्टिक नर्व की बीमारी व चोटों का इलाज कार्निया प्रत्यारोपण से संभव नहीं है। जिन दृष्टिहीनों की आंख पूरी की पूरी, कैंसर, चोट, या संक्रमण से निकालना पड़ा हो, उन्हें नेत्रदान से लाभ नहीं होता।


नेत्रदान के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर

  • कौन नेत्रदाता हो सकता है?   
  • कोई भी व्यक्ति चाहे, वह किसी भी उम्र, लिंग, रक्त समूह और धर्म का हो, वह नेत्रदाता हो सकता है। कम दृष्टि या दूर की दृष्टि के लिए लेंस या चश्मे का उपयोग करने वाले व्यक्ति या जिन व्यक्तियों की आँखों की सर्जरी हुई हों, यह सभी नेत्रदान कर सकते हैं। कमजोर दृष्टि नेत्रदान के रास्ते में बाधा नहीं है।
  • मैं मधुमेह से पीडि़त हूँ, तो क्या मैं भी अपनी आँखें दान कर सकता हूँ?
    मधुमेह, उच्च रक्तचाप या अस्थमा से पीडि़त रोगी भी अपनी आँखें दान कर सकता हैं। मोतियाबिंद से पीडि़त रोगी भी अपनी आँखें दान कर सकता हैं। हालांकि, संचारित रोगों से पीडि़त व्यक्ति अपनी आँखें दान नहीं कर सकता हैं।
  • कृपया उन स्थितियों के बारे में बताएं, जिसमें कोई व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकता हैं? 
  • एड्स, हेपेटाइटिस बी या सी, रेबीज, टेटनस और मलेरिया जैसी प्रणालीगत संक्रमण से पीडि़त व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकते हैं।  
  • कितनी जल्दी कॉर्निया को मृत्यु के तुरंत बाद निकाला जाना चाहिए?
    बेहत्तर होगा कि कॉर्निया को एक घंटे के भीतर निकाला लिया जाएं, लेकिन ज़्यादा से ज़्यादा मृत्यु के छह से आठ घंटे की अवधि तक कॉर्निया को निकाल लिया जाना चाहिए।
  • नेत्रदान करने से व्यक्ति का चेहरा क्या खराब हो जाता हैं?
    नेत्रदान करने से व्यक्ति का चेहरा खराब नहीं होता हैं। यह केवल एक मिथक हैं। कॉर्निया का निकाला जाना किसी भी तरह की विकृति का कारण नहीं है। नेत्रगोलक निकालने के बाद नेत्रगोलक के स्थान पर आँख में ट्रांसपेरेंट आई कैप लगाई जाती हैं।
    मुझे अपनी आँखें क्यों दान करनी चाहिए?
  • 'नेत्रदान एक नेक काम है'। किसी व्यक्ति को अपनी आंखें दान करके आप दो लोगों के जीवन में उजाला ला सकते हैं।
    मैं अपनी आँखें कैसे दान कर सकता हूँ?
  • नेत्रदान के लिए आपको शपथ फार्म भरने की आवश्यकता है। इसके उपरांत आपको यह फार्म अपने नजदीकी नेत्रबैंक को भेजना होगा। एक बार नेत्रदाता के तौर पर पंजीकृत होने के बाद आपको नेत्रदाता कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
    कितने व्यक्ति मेरे नेत्रदान से लाभान्वित हो सकते हैं?
  • नेत्रदान से कम से कम दो व्यक्ति लाभान्वित हो सकते है। दानकर्ता की दोनों आंखें दो अलग-अलग कॉर्निया से नेत्रहीन व्यक्तियों को लगाई जाती हैं।
  • मैं अपनी आँखें कब दान कर सकता हूँ?
  • नेत्रदान की शपथ किसी भी उम्र में ली जा सकती है, लेकिन नेत्रदान केवल मृत्यु के बाद ही किया जा सकता है।  
  • यदि मैं अपनी आँखें दान करता हूँ, तो यह बात क्या दूसरों को मालूम होगी? 
  • नेत्रदाता और प्राप्तकर्ता दोनों की पहचान को गोपनीय रखा जाता है, इसलिए आपको अपनी पहचान के उजागर हो जाने के बारे चिंता करने की आवश्यकता नहीं हैं।
    क्या नेत्रदाता के परिवार को किसी भी तरह का भुगतान या शुल्क मिलेंगा? 
  • नहीं, मानव की आँखें, अंगों और ऊतकों को खरीदना व बेचना अवैध है। नेत्र प्रत्यारोपण के साथ जुड़े किसी भी तरह के खर्च का वहन नेत्र बैंक द्वारा किया जाता है। 
  • किसी व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में उस व्यक्ति के आसपास उपस्थित व्यक्तियों के पालन करने के लिए क्या दिशा-निर्देश हो सकते हैं? 
  • नेत्रदाता की पलकें बंद करें।  पंखा बंद करें; आप वातानुकूलक (एयर कंडीशनर) का बटन बंद कर सकते हैं। मृतक का सिर तकिए के नीचे रखकर थोड़ा ऊपर उठाएं।  जल्द से जल्द अपने नजदीकी नेत्रबैंक के लिए 1919 पर संपर्क करें।
  • क्या नेत्रदाता को अस्पताल ले जाने की आवश्यक है?
  • नहीं, आपको केवल नेत्र बैंक की टीम से संपर्क करने की जरूरत है। टीम नेत्रदाता के निवास या अस्पताल, जहाँ नेत्रदाता की मृत्यु हुई है, वहां जाकर कार्निया निकाल लेगें।
  • क्या नेत्रदान करने के लिए कुछ अन्य औपचारिकताओं को पूरा किया जाना आवश्यक हैं?
  • परिजनों की लिखित सहमति से दो गवाहों की उपस्थिति में ही नेत्रदान किया जा सकता है।

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