अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस
(International Mine Awareness Day)
आज का दिन : 4 अप्रेल 2025
- प्रतिवर्ष 4 अप्रेल को अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 8 दिसंबर 2005 को अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। प्रथम इंटरनेशनल माइन अवेयरनेस दिवस 4 अप्रैल, 2006 को मनाया गया था।
- अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस को 'खान जागरूकता और खदान कार्य में सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस' (International Day for Mine Awareness and Assistance in Mine Action) भी कहा जाता है। यह दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को लैंडमाइंस के कारण पैदा हुए खतरे से सुरक्षा प्रदान करना, स्वास्थ्य और जीवन से सम्बंधित परेशानियों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
- इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस के माध्यम से सरकारों को खदान क्लियरिंग प्रोग्राम विकसित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 1990 के दशक के बाद से अब तक जमीन में बिछाई गई साढ़े पांच करोड़ बारूदी सुरंगों को नष्ट किया गया है। इस जोखिम से अब तक 30 से अधिक देश मुक्त हो चुके हैं।संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार हर घंटे एक व्यक्ति बारूदी सुरंगों के कारण मारा जाता है या घायल होता है।
- संयुक्त राष्ट्र मौजूदा कानूनी ढांचे के सार्वभौमिकरण के लिए अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करता है और सदस्य राज्यों को उन शासनों का विस्तार करने और युद्ध के विस्फोटक अवशेषों से नागरिकों की रक्षा के लिए नए अंतर्राष्ट्रीय उपकरणों का विकास करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह इस काम को इच्छुक राज्यों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से चलाता है।
- पिछले दो दशकों से संयुक्त राष्ट्र माइन एक्शन सर्विस (UNMAS) प्रभावित लोगों की समस्याओं को सुलझाने और आम नागरिकों के सामने आने वाले विस्फोटक से पैदा हुए खतरों का हल कर रही है।
ओटावा संधि : बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध
- बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध के लिए ओटावा संधि की गई है। सितंबर 1997 में नॉर्व की राजधानी ओस्लो में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस संधि पर सहमति बनी थी। ओटावा कन्वेंशन का पूरा नाम Convention on the Prohibition of the Use, Stockpiling, Production and Transfer of Anti-Personnel Mines and on Their Destruction है। इस संधि के तहत बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल करने, उनका भंडार बना कर रखने और उत्पादन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। साथ ही ऐसी सामग्री को पूरी तरह नष्ट करने का प्रावधान भी किया गया था। इस संधि पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया कनाडा के ओटावा शहर में हुई थी, इसलिए इसे ओटावा संधि कहा जाता जाता है। वर्ष 1999 में यह संधि लागू हुई। वर्ष 2024 तक इस संधि पर 164 देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं।
*अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस-2025 का विषय/थीम*
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