राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
(National Consumer Day)
आज का दिन : 24 दिसंबर 2024
- देश में प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।
- सन् 2000 से प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जा रहा है।
- 24 दिसंबर, 1986 को राष्ट्रपति ने 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986' को मंजूरी दी थी, इसलिए 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी कहा जाता है।
- भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर 24 दिसंबर, 2024 को 'जागो ग्राहक जागो ऐप', 'जागृति ऐप' और 'जागृति डैशबोर्ड' का शुभारंभ किया जाएगा। इन नई पहल का उद्देश्य वर्तमान में फैल रहे डिजिटल बाजार के धोखे या दबाव से उपभोक्ता को बचाना है। साथ डार्क पैटर्न्स से भी उपभोक्ताओं को बचाया जा सकेगा। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने वर्ष 2023 में 13 डार्क पैटर्न्स की पहचान की थी। जिनमें झूठी जानकारी, छुपी हुई खरीदारी, सहमति के लिए मजबूर करना, जबरन कार्रवाई, सदस्यता का जाल, इंटरफेस हस्तक्षेप, छल-कपट, धीरे-धीरे बढ़ती कीमतें, छुपा हुआ विज्ञापन और परेशान करना, छल-कपट वाली शब्दावली, दुर्भावनापूर्ण मैलवेयर आदि शामिल हैं। इस अवसर पर प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा संकल्प-पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इनमें रिलायंस रिटेल समूह, टाटा संस समूह, जोमैटो, ओला और स्विगी आदि 13 ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
- 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986' में व्यापक संशोधनों को 15 मार्च, 2003 को लागू किया गया।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को कानून के रूप में लागू किया जाना देश में उपभोक्ता आंदोलन में ऐतिहासिक मील का पत्थर माना जाता है।
- उपभोक्ता अधिकारों को संरक्षित करने वाला यह दिवस हमें विदित कराता है कि हम चाहे किसी व्यवसाय, आयु, लिंग, समुदाय, धार्मिक विचारधारा से जुड़े हों, अंतत: हर व्यक्ति एक उपभोक्ता है।
- उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्य त्रुटिपूर्ण वस्तुओं, सेवाओं में कमी तथा अनुचित व्यापार प्रचलनों जैसे विभिन्न प्रकार के शोषणों के खिलाफ उपभोक्ताओं को प्रभावी सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराना है। इस दिन लोगों को उपभोक्ता आंदोलन के महत्व को रेखांकित करने का अवसर मिलता है, साथ ही प्रत्येक उपभोक्ता को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में अधिक जागरूक करने की आवश्यकता भी रेखांकित होती है।
- विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस प्रति वर्ष 15 मार्च को मनाया जाता है।
उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की जगह उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 लागू किया गया है। इसे लोकसभा ने 30 जुलाई, 2019 को और राज्यसभा ने 06 अगस्त, 2019 को पारित किया तथा इसे 20 जुलाई, 2020 को लागू किया गया। संसद में इसे तत्कालीन उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने पेश किया था। इस अधिनियम का मूल उद्देश्य उपभोक्ताओं की समस्याओं को हल करने के लिए जरूरी कदम उठाना है।
- उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के अनुसार उपभोक्ता उस व्यक्ति को माना गया है जो अपनी आवश्यकताओं के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और उपभोग करता है। वाणिज्यिक उद्देश्य यानी बेचने के लिए क्रय करने वाले को उपभोक्ता नहीं माना गया है। अधिनियम में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों ही प्रकार के लेन-देन को शामिल किया गया है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 10 के प्रावधानों के अनुसार, 24 जुलाई, 2020 को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना की गई।
- प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में एक मुख्य आयुक्त के साथ केवल दो अन्य आयुक्त सदस्यों की व्यवस्था की गई है। इनमें से एक सामान से संबंधित मामलों को जबकि दूसरा सेवाओं से संबंधित मामलों को देखेगा। उपभोक्ता मामले विभाग की अपर सचिव निधि खरे पहली मुख्य आयुक्त बनीं।
- इसका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा लेकिन केंद्र सरकार देश के अन्य हिस्सों में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित कर सकती है। सीसीपीए में एक इन्वेस्टिगेशन विंग बनाई गई है, जिसकी अध्यक्षता एक महानिदेशक को दी गई है।
- अधिनियम में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों (CDRCs) की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
उपभोक्ता मामले विभाग
- उपभोक्ता मामले विभाग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत दो विभागों में से एक है। देश में बुनियादी उपभोक्ता आंदोलन को गति देने के लिए एक विशिष्ट विभाग की आवश्यकता के दृष्टिकोण से, जून 1997 में इसे एक अलग विभाग के रूप में गठित किया गया था।
- विभाग को निम्नलिखित कार्य सौंपे गए हैं-
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन
- भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 का कार्यान्वयन
- बाट और माप मानकों का कार्यान्वयन - विधिक मापविज्ञान अधिनियम, 2009
- पैकबंद वस्तुओं का विनियमन
- आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (1955 का 10) (आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, मूल्य और वितरण संबंधी मामलों को विशेष रूप से किसी अन्य विभाग द्वारा निपटाया नहीं गया)
- चोर बाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम, 1980 (1980 का 7)
- आवश्यक वस्तुओं की कीमतों और उपलब्धता की निगरानी
- आंतरिक व्यापार
- विधिक मापविज्ञान में प्रशिक्षण
- संप्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम, 1952
- अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए जैव ईंधन के संबंध में विनिर्दिष्टता, मानक और संहिता तैयार करना और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करना
- उपभोक्ता सहकारी समितियां
- राष्ट्रीय परीक्षण शाला
*राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस-2024 का विषय/थीम*
Virtual Hearings & Digital Access to Consumer Justice
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