दक्षेस चार्टर दिवस
(SAARC Charter Day)
आज का दिन : 8 दिसंबर 2024
- प्रतिवर्ष 8 दिसंबर को दक्षेस चार्टर दिवस मनाया जाता है।
- सन् 1985 में 8 दिसंबर के दिन दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) की स्थापना की गई थी। इसलिए प्रतिवर्ष इस दिन को 'सार्क चार्टर डे' के रूप में मनाया जाता है।
- विश्व के इस सबसे प्रभावशाली क्षेत्रीय संगठन के सदस्य भारत, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान, श्रीलंका और भूटान थे। बाद में अप्रेल, 2007 में अफगानिस्तान इसका आठवां सदस्य बना।
- दक्षेस यानी सार्क का पूरा नाम है- South Asian Association for Regional Cooperation Day (SAARC).
- दक्षेस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशिया में मानव संसाधन, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास करना है।
- बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान के प्रस्ताव पर दक्षेस की स्थापना की गई।
- दक्षेस का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है। विभिन्न सदस्य देशों में सार्क के क्षेत्रीय केन्द्र सक्रिय हैं।
- महासचिव संगठन का संचालन करते हैं, जिसकी नियुक्ति सदस्य देशों की मंत्रिपरिषद् करती है। महासचिव का पद देशों की वर्णमाला क्रम के अनुसार मिलता है। संगठन में निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं और द्विपक्षीय और विवादास्पद मामलों से बचा जाता है।
- वर्तमान यानी सन् 2023 में बांग्लादेश के मोहम्मद गोलाम सरवर दक्षेस के महासचिव हैं। उनकी नियुक्ति 25 अक्टूबर, 2023 को हुई।
- भारत की ओर से अब तक दो ही व्यक्ति सार्क के महासचिव बने हैं। ये हैं- के. किशोर भार्गव और शील शर्मा।
- सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की बैठकें यानी शिखर सम्मेलन वर्ष में एक बार और विदेश सचिवों की बैठकें वर्ष में दो बार आयोजित की जाती हैं।
- दक्षेस में 8 सदस्य देशों के अलावा कुछ अन्य देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया। इनमें अमेरिका, चीन, जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, ईरान, यूरोपीय संघ, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
- नवंबर, 2016 में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाले 19वें शिखर सम्मेलन को भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान के बहिष्कार के कारण स्थगित करना पड़ा था। इससे पूर्व 18वां शिखर सम्मेलन 26-27 नवंबर, 2014 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुआ था। वर्ष 2014 से सार्क की अध्यक्षता नेपाल के पास है।
- पाकिस्तान ने 2018 में भी 19वें शिखर सम्मेलन का आयोजन करना चाहा लेकिन भारत ने पाकिस्तान में होने वाले शिखर सम्मेलन के बहिष्कार का निर्णय बरकरार रखा। वर्ष 2020 में भी एक बार फिर 19वें शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान ने प्रयास किया, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते सदस्य देशों ने इसे टाल दिया। इसके बाद से अभी तक 19वें शिखर सम्मेलन का आयोजन नहीं हो सका है।
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