विश्व मृदा दिवस
(World Soil Day)
आज का दिन : 5 दिसंबर 2024
- प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है।
- पहली बार विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर, 2014 को मनाया गया।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें अधिवेशन में प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को वर्ल्ड सॉइल डे मनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। इस दिवस को मनाने की सिफारिश अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने की थी।
- विश्व मृदा दिवस मनाने का उद्देश्य किसानों के साथ ही आम लोगों को मृदा यानी मिट्टी का महत्व समझाना है।
- संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन वर्ष 2024 के विश्व मृदा दिवस पर कैम्पेन चला रहा है। जिसका विषय है-Caring for soils: measure, monitor, manage. यह मिट्टी की विशेषताओं को समझने और खाद्य सुरक्षा के लिए स्थायी मृदा प्रबंधन पर सूचित निर्णय लेने में सटीक मृदा डेटा और सूचना के महत्व को रेखांकित करता है।
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2015 को अंतरराष्ट्रीय मृदा वर्ष के रूप में मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ की ओर से वर्ष 2015-2024 तक के दशक को 'अंतरराष्ट्रीय मृदा दशक' के रूप में मनाया जा रहा है।
विश्व मृदा दिवस पुरस्कार
- खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से विश्व मृदा दिवस पर Glinka World Soil Prize और King Bhumibol World Soil Day Award दो पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2024 के पुरस्कार की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
- ग्लिंका विश्व मृदा दिवस पुरस्कार वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। रूस द्वारा प्रायोजित यह पुरस्कार व्यक्तिगत श्रेणी में प्रदान किया जाता है। वर्ष 2023 का ग्लिंका विश्व मृदा पुरस्कार फिजी में जन्मे ऑस्ट्रेलिया के प्रो. रवि नायडू को प्रदान किया गया था। भारत के डॉ. अशोक कुमार पात्रा (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉइल साइंस, भोपाल) को वर्ष 2022 में ग्लिंका वर्ल्ड सॉइल प्राइज से सम्मानित किया गया था।
- राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार संस्था श्रेणी में प्रदान किया जाता है। यह वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। यह पुरस्कार थाईलैंड द्वारा प्रायोजित है। वर्ष 2024 के पुरस्कार की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। वर्ष 2023 का राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार द सॉइल एंड फर्टीलाइजर सोसायटी ऑफ थाईलैंड को प्रदान किया गया था।
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) को वर्ष 2020 के राजा भूमिबोल विश्व मृदा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
नई दिल्ली में वैश्विक मृदा सम्मेलन-2024
- हाल ही नई दिल्ली पूसा (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) की ओर से 19 से 22 नवंबर, 2024 तक वैश्विक मृदा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस ग्लोबल सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ के तत्वावधान में इटली कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से किया गया। सम्मेलन की थीम 'खाद्य सुरक्षा से परे मिट्टी की देखभाल:जलवायु परिवर्तन शमन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं' रखी गई।
राष्ट्रीय मृदा सेहत कार्ड
- भारत में 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रव्यापी 'राष्ट्रीय मृदा सेहत कार्ड' योजना का शुभारंभ करते हुए स्वस्थ धरा, खेत हरा का नारा दिया था।
- प्रतिवर्ष देश में 19 फरवरी को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस मनाया जाता है।
- केंद्रीय कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय द्वारा योजना के तहत खेतों की मिट्टी जांच कर किसानों को कार्ड प्रदान किया जाता है।
- सॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को मिट्टी की पोषक तत्व संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य व उर्वरता में सुधार करने के लिए उचित मात्रा में उपयोग किए जाने वाले पोषक तत्वों की सलाह देता है। हर दो साल में मिट्टी की स्थिति का आकलन किया जाता है ताकि पोषक तत्वों की कमी का पता लगाया जा सके और सुधार किया जा सके।
*विश्व मृदा दिवस-2024 का विषय/थीम*
Caring for soils: measure, monitor, manage
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