घटना दिनांक : 14 दिसंबर, 2018
ज्ञानपीठ सम्मान पाने वाले अंग्रेजी के पहले लेखक
- भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट की ओर से देश का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार-2018 अंग्रेजी लेखक अमिताव घोष को देने की घोषणा की गई है। यह ज्ञानपीठ का 54वां पुरस्कार है।
- अमिताव घोष ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अंग्रेजी के पहले लेखक हैं। घोष को पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र, वाग्देवी (सरस्वती) की कांस्य प्रतिमा और शॉल प्रदान किया जाएगा।
- 1956 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जन्में अमिताव घोष को लीक से हटकर काम करने वाले साहित्यकार के तौर पर जाना जाता है।
- अमिताव घोष साहित्य अकादमी और पद्मश्री सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
- अमिताव घोष की प्रमुख रचनाओं में 'द सर्किल ऑफ रीजन', 'दे शेडो लाइन', 'द कलकत्ता क्रोमोसोम', 'द ग्लास पैलेस', 'द हंगरी टाइड', 'रिवर ऑफ स्मोक' और 'फ्लड ऑफ फायर' शामिल हैं।
ज्ञानपीठ पुरस्कार : साहित्य जगत का सर्वोच्च पुरस्कार
- ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य जगत के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कारों में शामिल है। टाइम्स ऑफ इंडिया समूह द्वारा संचालित भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट की ओर से प्रदान किए जाने वाले इस पुरस्कार की स्थापना 1961 में की गई।
- प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार वर्ष 1965 में प्रदान किया गया। ट्रस्ट के गठन के बाद साहित्य मनीषियों ने इस पुरस्कार के स्वरूप का निर्धारण करने के लिए कई गोष्ठियां की, तब जाकर वर्ष 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया।
- ज्ञानपीठ पुरस्कार के प्रथम विजेता मलयालम भाषा के लेखक जी. शंकर कुरुप (1965) थे। वहीं वर्ष 2018 (54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार) के लिए यह पुरस्कार अंग्रेजी लेखक अमिताव घोष को प्रदान किया गया है।
- अमिताव इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले अंग्रेजी लेखक हैं।
- वर्तमान में ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता को 11 लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र, वाग्देवी (सरस्वती) की कांस्य प्रतिमा और शॉल प्रदान किया जाता है। शुरुआत में इसकी धनराशि एक लाख रुपए थी। पूर्व में यह पुरस्कार लेखक-साहित्यकार की एकल कृति के लिए प्रदान किया जाता था। बाद में भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान (लाइफ टाइम अचीवमेंट) के लिए भी प्रदान किया जाने लगा।
- हिन्दी भाषा के लेखकों ने इस पुरस्कार को सर्वाधिक 10 बार जीता है। वहीं कन्नड़ भाषा के साहित्यकारों ने इसे 8 बार प्राप्त किया है।
वाग्देवी (सरस्वती) की कांस्य प्रतिमा
- भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट की ओर से ज्ञानपीठ पुरस्कार में प्रतीक स्वरूप दी जाने वाली वाग्देवी का कांस्य प्रतिमा मूलत: धार, मालवा के सरस्वती मंदिर में स्थित प्रतिमा की अनुकृति है। इस मंदिर की स्थापना 1035 ईस्वी में राजा भोज ने की थी। वर्तमान में यह प्रतिमा ब्रिटिश म्यूजियम लंदन में है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार
| नाम | वर्ष | भाषा | |
|---|---|---|---|
| 1 | जी. शंकर कुरुप | 1965 | मलयालम |
| 2 | ताराशंकर बंद्योपाध्याय | 1966 | बांग्ला |
| 3 | डॉ. के.वी.पुतप्पा | 1967 | कन्नड़ |
| उमाशंकर जोशी | 1967 | गुजराती | |
| 4. | सुमित्रानंदन पंत | 1968 | हिन्दी |
| 5. | फिराक गोरखपुरी | 1969 | उर्दू |
| 6. | विश्वनाथ सत्यनारायण | 1970 | तेलुगू |
| 7. | विष्णु डे | 1971 | बंगाली |
| 8. | रामधारीसिंह दिनकर | 1972 | हिन्दी |
| 9. | दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे | 1973 | कन्नड़ |
| गोपीनाथ मोहंती | 1973 | उडिय़ा | |
| 10. | विष्णु सखाराम खाण्डेकर | 1974 | मराठी |
| 11. | पी.वी.अकिलंदम | 1975 | तमिल |
| 12. | आशापूर्णा देवी | 1976 | बांग्ला |
| 13. | के.शिवराम कारंत | 1977 | कन्नड़ |
| 14. | स.ही.वात्सायन 'अज्ञेय' | 1978 | हिन्दी |
| 15. | वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य | 1979 | असमी |
| 16. | एस.के.पोटाकट | 1980 | मलयालम |
| 17. | अमृता प्रीतम | 1981 | पंजाबी |
| 18. | महादेवी वर्मा | 1982 | हिन्दी |
| 19. | मास्ती वेंकटेश आयंगर | 1983 | कन्नड़ |
| 20. | थाकाझी शिवशंकर पिल्लई | 1984 | मलयालम |
| 21. | पन्नालाल पटेल | 1985 | गुजराती |
| 22. | सच्चिदानंद राउत राय | 1986 | उडिय़ा |
| 23. | विष्णुवामन शिरवाडकर | 1987 | मराठी |
| 24. | डॉ. सी. नारायण रेड्डी | 1988 | तेलुगू |
| 25. | कर्तुल एन. हैदर | 1989 | उर्दू |
| 26. | वी.के. गोकाक | 1990 | कन्नड़ |
| 27. | सुभाष मुखोपाध्याय | 1991 | बांग्ला |
| 28. | नरेश मेहता | 1992 | हिन्दी |
| 29. | सीताकांत महापात्र | 1993 | उडिय़ा |
| 30. | यू.आर.अनंतमूर्ति | 1994 | कन्नड़ |
| 31. | एम.टी. वासुदेवन अय्यर | 1995 | मलयालम |
| 32. | महाश्वेता देवी | 1996 | बांग्ला |
| 33. | अली सरदार जाफरी | 1997 | उर्दू |
| 34. | गिरीश कर्नाड | 1998 | कन्नड़ |
| 35. | निर्मल वर्मा | 1999 | हिन्दी |
| गुरुदयाल सिंह | 1999 | पंजाबी | |
| 36. | इंदिरा गोस्वामी | 2000 | असमी |
| 37. | राजेन्द्र केशवलाल शाह | 2001 | गुजराती |
| 38. | डी. जयकांतन | 2002 | तमिल |
| 39. | विन्दा करांदीकर | 2003 | मराठी |
| 40. | रहमान राही | 2004 | कश्मीरी |
| 41. | कवि कुंवर नारायण | 2005 | हिंदी |
| 42. | रवीन्द्र केलकर | 2006 | कोंकणी |
| सत्यव्रत शास्त्री | 2006 | संस्कृत | |
| 43 | ओ. एन. वी. कुरुप | 2007 | मलयालम |
| 44 | अखलाक मोहम्मद खान 'शहरयार' | 2008 | उर्दू |
| 45 | अमरकांत व श्रीलाल शुक्ल | 2009 | हिंदी |
| 46 | चन्द्रशेखर कंबर | 2010 | कन्नड़ |
| 47 | डॉ. प्रतिभा राय | 2011 | उडिय़ा |
| 48. | डॉ. रावुरी भारद्वाज | 2012 | तेलुगू |
| 49 | केदारनाथ सिंह | 2013 | हिंदी |
| 50. | भालचन्द्र नेमाड़े | 2014 | मराठी |
| 51. | रघुवीर चौधरी | 2015 | गुजराती |
| 52. | शंख घोष | 2016 | बांग्ला |
| 53. | कृष्णा सोबती | 2017 | हिन्दी |
| 54. | अमिताव घोष | 2018 | अंग्रेजी |
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