यह सप्ताह : 10 से 16 मार्च 2019
विश्व काला मोतियाबिंद सप्ताह
(World Glaucoma Week)
- 10 से 16 मार्च, 2019 तक विश्व काला मोतियाबिंद (Glaucoma) सप्ताह मनाया जा रहा है।
- विश्व काला मोतियाबिंद सप्ताह मनाने का उद्देश्य ग्लूकोमा के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
- ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद एक साइलेंट ब्लाइंडनेस है। इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति धीरे-धीरे आंखों की रोशनी खो देता है।
- ग्लूकोमा के कारण नेत्रों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसके कारण आप्टिक नर्व नष्ट हो सकती हैं। आप्टिक नर्व किसी वस्तु के चित्र को हमारे मस्तिष्क तक पहुंचाती हैं। यदि आप्टिक नर्व और आंखों के अन्य भागों पर पडऩे वाले दबाव को समय पर नियंत्रित न किया जाए तो व्यक्ति हमेशा के लिए नेत्रहीन हो सकता है।
- मधुमेह और हाइपरटेंशन से पीडि़त व्यक्ति को ग्लूकोमा होने का खतरा अधिक होता है।
- सिरदर्द या आंखों में दर्द होना, प्रकाश के आसपास रंगदार चक्कर का आना, आंखों में दर्द और लाली इसके लक्षण हैं।
- नेशनल हेल्थ पोर्टल इंडिया सर्वे के अनुसार हमारे देश में प्रतिवर्ष लगभग 18 लाख मामले सामने आते हैं।
- 40 साल से अधिक के लोगों को काला मोतिया (ग्लूकोमा) का खतरा ज्यादा होता है। नियमित जांच या दवाई का उपयोग कर इस पर काबू पाया जा सकता है।
- देश में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम (एन.पी.सी.बी.) का आरंभ 1976 में किया गया था। इसके तहत मोतियाबिंद से पीडि़त मरीजों का ऑपरेशन करवाया जाता है।
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