आज का दिन : 7 दिसंबर, 2019
सशस्त्र सेना झंडा दिवस
(Armed Forces Flag Day)
- सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर आमजन द्वारा देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। सन् 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है। 23 अगस्त 1947 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा समिति ने युद्ध दिग्गजों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए सात दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का फैसला लिया।
- सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर छोटे-छोटे झंडे खरीद कर जनता तीनों सशस्त्र सेनाओं के प्रति अपना सम्मान प्रकट करती है। यह राशि सैनिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से खर्च की जाती है।
- सन् 1993 में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष बनाया गया। पहले इसे सेना झंडा दिवस के नाम से जाना जाता था, बाद में सन् 1993 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस नाम रखा गया।
- सशस्त्र झंडा दिवस बहादुर सैनिकों व उनके परिजनों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने का दिन है। इस दिन धनराशि का संग्रह किया जाता है। यह धन लोगों को झंडे का एक स्टीकर देकर एकत्रित किया जाता है। गहरे लाल व नीले रंग के झंडे के स्टीकर की राशि निर्धारित होती है। लोग इस राशि को देकर स्टीकर खरीदते हैं और उसे पिन से अपने सीने पर लगाते हैं। इस तरह वे शहीद या हताहत हुए सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। जो राशि एकत्रित होती है, वह झंडा दिवस कोष में जमा कर दी जाती है। इस राशि का उपयोग युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिवार या हताहत हुए सैनिकों के कल्याण व पुनर्वास में खर्च की जाती है।
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