लोक सेवा दिवस-2024
(Civil Services Day-2024)
आज का दिन : 21 अप्रेल 2024
- लोक सेवा दिवस अथवा सिविल सेवा दिवस प्रतिवर्ष 21 अप्रेल को पूरे देश में मनाया जाता है।
- भारत सरकार ने सन् 2006 में लोक सेवा दिवस मनाने का निर्णय लिया।
- 21 अप्रेल को लोक सेवा दिवस मनाने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इसी दिन (1947 में) स्वतंत्र भारत के प्रथम लोक सेवा सत्र को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नई दिल्ली स्थित मेटकाफ हाउस में सम्बोधित किया था। सरदार पटेल ने उपस्थित लोकसेवकों को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' कहकर सम्मानित किया था।
- लोक सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्यों द्वारा अपने आप को नागरिकों के लिए एक बार पुन: समर्पित और फिर से वचनबद्ध करना है। यह दिन सिविल सेवकों को बदलते समय की चुनौतियों के साथ भविष्य के बारे में आत्मनिरीक्षण और सोचने का अवसर प्रदान करता है।
- पहला लोक सेवा दिवस समारोह 21 अप्रेल 2006 को विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री ने इस समारोह का शुभारंभ किया था। सभी सिविल सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण इस दिन आयोजित होने वाले समारोह में भाग लेते हैं ।
- लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता के कारण 17वें सिविल सेवा दिवस पर भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक आयोजन नहीं हो रहा है।
लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार
- आचार संहिता के कारण ही सिविल सेवा दिवस पर प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों की घोषणा नहीं की गई है। प्रतिवर्ष भारत सरकार की ओर से 'लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार' प्रदान किए जाते हैं।
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आज का दिन : 21 अप्रेल 2024
विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस
(World Creativity and Innovation Day)
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 21 अप्रेल को विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहली बार 21 अप्रेल, 2018 को विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस यानी World Creativity and Innovation Day मनाया गया।
- संयुक्त राष्ट्र ने 27 अप्रेल 2017 को यह दिवस मनाने का प्रस्ताव अपनाया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में रचनात्मकता और नवाचार के महत्व को बढ़ावा देना है।
- रचनात्मकता और नवाचार को देशों की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। मानव विकास में इनकी अहम भूमिका के कारण ही संयुक्त राष्ट्र ने यह दिवस मनाने का फैसला किया।
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