विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस
(World Elder Abuse Awareness Day)
आज का दिन : 15 जून 2024
- प्रतिवर्ष 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस या विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
- इस दिवस को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम संघ (International Network for the Prevention of Elder Abuse - INPEA) की ओर से 15 जून, 2006 को मनाया गया।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर, 2011 को संकल्प ए-आरईएस/66/127 के तहत विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस को आधिकारिक मान्यता प्रदान करते हुए प्रतिवर्ष 15 जून को इसे मनाने का संकल्प लिया।
- बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की रोकथाम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
- बुजुर्गों के प्रति सभी प्रकार के दुर्व्यवहार जैसे कि गंभीर शारीरिक चोट और दीर्घकालिक मनोवैज्ञानिक प्रभाव (जैसे कि अवसाद, तनाव और चिंता), आपातकालीन सेवाओं का उपयोग, अस्पताल में भर्ती और मृत्यु इत्यादि का समाज और व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता हैं।
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2021-2030 तक संयुक्त राष्ट्र स्वस्थ वृद्धावस्था दशक (United Nations Decade of Healthy Ageing) के रूप में मनाया जा रहा है। इस दशक के दौरान बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाने व उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा।
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस' भी मनाया जाता है।
विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन
- वृद्धावस्था को लेकर प्रथम विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन (World Assembly on Ageing) का आयोजन ऑस्ट्रिया के वियना में सन् 1982 में किया गया था। इसके बाद दूसरे विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन का आयोजन स्पेन के मैड्रिड में 8 से 12 अप्रेल, 2002 को किया गया। इसी मैड्रिड वृद्धावस्था सम्मेलन में वृद्धावस्था पर अंतरराष्ट्रीय एक्शन प्लान-2002 (Madrid International Plan of Action on Ageing (MIPAA)) को स्वीकार किया गया। इस एक्शन प्लान को 159 सदस्य देशों ने स्वीकार कर हस्ताक्षर किए थे।
क्या कहते हैं डब्ल्यूएचओ के आंकड़े
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की वैश्विक जनसंख्या 2015 में जहां 900 मिलियन थी, वहीं यह वर्ष 2050 में बढ़कर लगभग 2 बिलियन होने की संभावना है।
- पिछले वर्ष 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग 6 में से एक व्यक्ति ने किसी ने किसी रूप में दुर्व्यवहार का सामना किया।
- नर्सिंग होम और बुजुर्गों की देखभाल में लगे संस्थानों में बुजुर्गों से दुर्व्यवहार की दर अधिक है। इन संस्थाओं के 2-3 कर्मचारियों ने पिछले एक साल में बुजुर्गों से दुर्व्यवहार करना स्वीकार किया है।
- कोविड-19 महामारी के दौरान भी बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाओं में वृद्धि हुई।
- बुजुर्गों से होने वाले दुर्व्यवहार के कारण उन्हें शारीरिक चोट लग सकती है और इसके दीर्घकालीन मनोवैज्ञानिक परिणाम सामने आते हैं।
- कई देशों में तेजी से उम्र बढऩे वाली आबादी (वृद्ध जन) के साथ दुर्व्यवहार बढऩे की आशंका जताई गई है।
भारत में बुजुर्गों की देखभाल
- भारत में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है और सर्वेक्षणों के अनुसार, देश में कुल आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 2001 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 2026 तक लगभग 12.5 प्रतिशत और 2050 तक 19.5 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है।
- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 11वीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2007-2012) के दौरान राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) की शुरूआत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य त्रिस्तरीय प्रणाली के माध्यम से बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से 4 जून 2021 को सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई) कार्यक्रम शुरू किया गया था। साथ ही एसएजीई पोर्टल भी शुरू किया गया था। जो बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ा है।
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