रविवार, 3 अगस्त 2025

1 से 7 अगस्त, 2025 : विश्व स्तनपान सप्ताह

विश्व स्तनपान सप्ताह

(World Breastfeeding Week)

आज का दिन : 1 से 7 अगस्त, 2025

  • नवजात शिशु के लिए मां के दूध का महत्व बताने वाला यह सप्ताह प्रतिवर्ष 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है।
  • अगस्त, 1990 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और विभिन्न देशों की सरकारों ने विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का निर्णय किया।
  • विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर 5-6 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष और ग्लोबल ब्रेस्टफीडिंग कलेक्टिव वेबिनार की मेजबानी करेंगे। इस वेबिनार का विषय/थीम Building healthcare systems that truly support breastfeeding: new tools for sustainable change. रखी गई है।

विश्व स्तनपान सप्ताह के उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • माता-पिता में स्तनपान को लेकर जागरूकता पैदा करना।
  • माता-पिता को स्तनपान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • शुरुआत एवं अनन्य स्तनपान के महत्व को लेकर जागरुकता पैदा करना और पर्याप्त एवं उचित पूरक आहार।
  • स्तनपान के महत्व से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराना।

भारत में राष्ट्रीय स्तनपान संवर्धन कार्यक्रम

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने नवजात और शिशुओं के लिए स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए रणनीति 'प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल और किशोर स्वास्थ्य' के दृष्टिकोण के तहत मां (मां का पूर्ण  स्नेह-MOTHER’S ABSOLUTE AFFECTION) के रूप में एक राष्ट्रीय स्तनपान प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

स्तनपान महत्वपूर्ण है क्योंकि:

  • यह मां और बच्चे दोनों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • यह प्रारंभिक अवस्था में दस्त और तीव्र श्वसन संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकता है और इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आती है।
  • यह मां में स्तन कैंसर, अंडाशय के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग विकसित होने के खतरे को कम करता है।
  • यह नवजात को मोटापे से संबंधित रोगों, डायबिटीज से बचाता है और आईक्यू बढ़ाता है।

नवजात शिशु के लिए अमृत है माँ का दूध

  • नवजात शिशुओं के लिए माँ का दूध अमृत के समान है। शिशुओं को जन्म से छ: माह तक केवल माँ का दूध पिलाने के लिए महिलाओं को इस सप्ताह के दौरान विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाता है।
  • शिशु के जन्म के पश्चात स्तनपान एक स्वाभाविक क्रिया है। लेकिन प्रथम बार मां बन रही माताओं को स्तनपान की जानकारी न होने कारण बच्चा कुपोषण एवं संक्रमण से पीडि़त हो सकता है।
  • मां के प्रथम दूध को 'कोलोस्ट्रम' कहा जाता है। यह गाढ़ा, पीला दूध होता है, जो शिशु को जन्म देने के 4-5 दिनों में उत्पन्न होता है।
  • मां के दूध में लेक्टोफोर्मिन नामक तत्व होता है, जो शिशु की आंत में लौह तत्व को बांध लेता है और लौह तत्व के अभाव में उसकी आंत में रोगाणु पनप नहीं पाते।

शिशु और छोटे बच्चे को दूध पिलाने के सही तरीके:

  • जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत।
  • जन्म के बाद पहले छह महीने तक अनन्य स्तनपान। अन्य प्रकार के दूध, आहार, पेय अथवा पानी को 'ना'।
  • स्तनपान को जारी रखते हुए छह महीने की आयु से उचित और पर्याप्त पूरक आहार।
  • दो वर्ष की आयु अथवा इसके बाद तक निरंतर स्तनपान।

*विश्व स्तनपान सप्ताह-2025 का विषय/थीम* 

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