थल सेना दिवस
(Army Day)
आज का दिन : 15 जनवरी 2025
- देश में प्रतिवर्ष 15 जनवरी को थल सेना दिवस मनाया जाता है।
- 15 जनवरी, 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करियप्पा (बाद में फील्ड मार्शल) भारतीय थल सेना के शीर्ष कमाडंर बने थे यानी भारतीय सेना की कमान पूरी तरह से भारतीय हाथों में आ गई थी। इसी उपलक्ष्य में 15 जनवरी को प्रतिवर्ष थल सेना दिवस या सेना दिवस मनाया जाता है।
- आर्मी डे देश की सीमाओं की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है।
पुणे में होगा मुख्य समारोह और परेड
- 77वां थल सेना दिवस परेड 15 जनवरी, 2025 को महाराष्ट्र के पुणे स्थित बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप और केंद्र में आयोजित होगी। दक्षिणी कमान का मुख्यालय पुणे में हैं। यह तीसरा मौका होगा जब सेना दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड मैदान की बजाय अन्य स्थान पर आयोजित किया जाएगा। इससे पहले वर्ष 2023 में बेंगलुरु और 2024 में लखनऊ में सेना दिवस समारोह का आयोजन किया गया था।
- पुणे में होने वाली सेना दिवस परेड की थीम 'समर्थ भारत, सक्षम सेना' रखी गई है।
- सेना दिवस की परेड में पहली बार राष्ट्रीय कैडेट कोर यानी एनसीसी की महिला विंग की टुकड़ी मार्च करेगी।
- परेड में बेंगलुरु स्थित सैन्य पुलिस कोर (सीएमपी), सेंटर एंड स्कूल की एक महिला अग्निवीर टुकड़ी और मार्चिंग 'रोबोटिक खच्चरों' का एक समूह भी पहली बार परेड में भाग लेगा।
- परडे में 'गौरव गाथा' कार्यक्रम होगा जिसमें सेना की प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक की विकास यात्रा को दिखाया जाएगा।
- परेड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाग लेने की संभावना है। साथ ही पूर्व पैरालंपिक एथलीट और सैन्यकर्मी मुरलीकांत पेटकर भी शामिल होंगे। मुरलीकांत को वर्ष 2024 का अर्जुन पुरस्कार (आजीवन) देने की घोषणा की गई है।
- थल सेना दिवस की शाम को सेना प्रमुख चाय पार्टी आयोजित करते हैं, जिसमें तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल होते हैं।
- थल सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करियप्पा (पूरा नाम कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा) ने भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था।
- 15 जनवरी, 1986 को करिअप्पा को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई। फील्ड मार्शल पांच सितारा रैंक है। स्वतंत्रता के समय भारत की सेना लगभग 2 लाख थी, लेकिन आज इसमें लगभग 13 लाख से अधिक सैनिक-असैनिक शामिल हैं।
- थलसेना का ध्येय वाक्य है 'सर्विस बिफोर सेल्फ' अर्थात् खुद से पहले सेवा।
- वर्तमान यानी सन् 2025 में भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी हैं।
- वर्तमान में भारतीय सेना के तीनों अंगों की कुल 17 कमान हैं। थल सेना व वायु सेना की 7-7 और नेवी की 3 कमान हैं।
जय हिन्द... जय हिन्द की सेना!
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