विश्व ब्रेल दिवस
(World Braille Day)
आज का दिन : 4 जनवरी 2025
- प्रतिवर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है।
- दृष्टि-बाधित लोगों को अक्षर ज्ञान कराने वाली ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल की जयंती 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है।
- लुई ब्रेल का जन्म उत्तरी फ्रांस के कूपवरे शहर में 4 जनवरी 1809 को हुआ था।
- वैसे तो ब्रेल दिवस काफी पहले से मनाया जा रहा है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवम्बर, 2018 को प्रतिवर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाने प्रस्ताव पारित किया।
- प्रथम ब्रेल दिवस 4 जनवरी, 2019 को मनाया गया। 4 जनवरी, 2025 को सातवां लुई ब्रेल दिवस मनाया जा रहा है।
- ब्रेल लिपि में उभरे हुए बिन्दुओं के जरिये अक्षर और संख्या लिखे जाते हैं। इसके अलावा ब्रेल लिपि में संगीत, गणित और वैज्ञानिक प्रतीक व चिन्ह भी लिखे जाते हैं, ताकि पुस्तकें और पत्रिकाएं भी स्पर्श के जरिये पढ़ी जा सकें।
- संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में, लगभग 2 अरब 20 करोड़ लोगों को नजर की कमजोरियों और विकलांगता की स्थिति के साथ जीना पड़ रहा है। इनमें से लगभग 1 अरब लोगों को नजर की ऐसी कमजोरी अथवा विकलांगता है जिसे रोका जा सकता था, या उन पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है।
- कोरोना महामारी के दौरान यूएन एजेंसियों सहित अनेक ऐसे प्रयास हुए जिनसे दृष्टिबाधितों को ब्रेल लिपि में आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध करवाई गईं।
- हमारे देश में दृष्टिबाधित दिव्यांगों को करेंसी नोट की पहचान हो सके इसके लिए रुपये के हर नोट पर ब्रेल लिपि में भी छपाई की गई है। भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जिसकी करेंसी पर ब्रेल लिपि में भी लिखा गया है।
- भारत में नेशनल एटलस एंड थीमैटिक मैपिंग ऑर्गनाइजेशन (एनएटीएमओ) दृष्टिबाधित छात्रों के लिए डिजिटल एम्बॉसिंग तकनीक का उपयोग करके बनाए गए ब्रेल मानचित्र उपलब्ध करवा रहा है। इस उपलब्धि के लिए एनएटीएमओ को वर्ष 2017 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से 'दिव्यांगों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप' का राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
- भारत में सन् 2009 में लुई ब्रेल के द्विशताब्दी जन्म दिवस की स्मृति को बनाए रखने के लिए एक डाक टिकट जारी किया गया।
लुई ब्रेल ने 15 वर्ष की उम्र में बनाई थी ब्रेल लिपि
- लुई ब्रेल तीन वर्ष की उम्र में अपनी दृष्टि खो बैठे। उसके बाद उन्होंने उभरे हुए बिंदुओं के सहारे एक भाषा निर्मित की, जिसे महसूस करके दृष्टिहीन व्यक्ति पढ़ सकता है। ब्रेल एक प्रकार की कूट भाषा है।
- लुई ब्रेल ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में ब्रेल लिपि बना दी थी। सन् 1824 तक यह दुनिया के लगभग सभी देशों के दृष्टिहीनों के उपयोग में लाई जाने लगी थी।
- ब्रेल लिपि को उभरे हुए बिन्दुओं की श्रृंखला पर अंगुलियां रखकर या उन्हें अंगुलियों से छूकर पढ़ा जाता है, जो कि 1 से 6 बिन्दुओं की एक व्यवस्था या प्रणाली होती है। ये बिन्दु अक्षर, संख्या और संगीत व गणितीय चिन्हों के संकेतकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- ब्रेल लिपि को टाइपराइटर की ही तरह दिखने वाली एक मशीन- ब्रेलराइटर के जरिये लिखा जा सकता है, या फिर पेंसिल जैसी किसी नुकीली चीज (स्टायलस) और ब्रेल स्लेट (पट्ट) का इस्तेमाल करके, कागज पर, बिन्दु उकेर कर लिखा जा सकता है।
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