बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

12 फरवरी 2025 : राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस

(National Productivity Day)

आज का दिन : 12 फरवरी 2025

  • भारत में प्रतिवर्ष 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1958 में 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् (National Productivity Council) की स्थापना की गई थी। इसलिए यह दिवस मनाया जाता है।
  • इसी दिन यानी 12 फरवरी से 18 फरवरी तक राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह मनाया जाता है। हर वर्ष इसकी एक विषय/थीम तय की जाती है। वर्ष 2025 के लिए इसका विषय/थीम 'विचारों से प्रभाव तक: प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक सम्पदा की सुरक्षा' (From Ideas to Impact: Protecting Intellectual Property for Competitive Startups) है।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी, बहुपक्षीय, गैर लाभांश संगठन है। रा.उ.प. टोक्यो स्थित अंत:-शासकीय निकाय, एशियाई उत्पादकता संगठन (ए.पी.ओ.) का घटक है जिसके स्थापक-सदस्यों में से भारत भी एक है।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत कृषि सेवा संरचनात्मक तथा अन्य क्षेत्रों में उत्पादकता के कारणों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है । इसका उद्देश्य भारत में समग्र विकास को बनाए रखने में सहयोग प्रदान करने का है ताकि आम जनता की जीवन की गुणवत्ता बढ़ सके।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् द्वारा उत्पादकता के संसाधनों का बेहतर प्रयोग मात्र ही नहीं है अपितु समग्र आर्थिक तथा सामाजिक विकास के लिए गुणवत्ता पर्यावरण संरक्षण है । राउप अपनी गतिविधियों तथा उद्देश्यों के प्रति प्रयासरत है ।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की स्थापना का उद्देश्य उत्पादकता संबंधी ज्ञान तथा अनुभव का विकास संवितरण का अनुप्रयोग ताकि उत्पादकता सुधार की संचेतना में सुुधार हो सके। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा बढ़े, निष्पादन में सुधार आए, कार्य जीवन की गुणवत्ता तथा कार्य स्थितियों में सुधार आए।
  • वर्तमान यानी 2025 में राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की महानिदेशक आईएएस नीरजा शेखर हैं।

औद्योगिक क्रांतियां

  • पहली :  औद्योगिक क्रांति पानी और भाप की शक्ति के कारण हुई, जिसने मानव श्रम को यांत्रिकी निर्माण में परिवर्तित किया।
  • दूसरी : औद्योगिक क्रांति विद्युत शक्ति के कारण हुई, जिससे बड़े स्तर पर उत्पादन संभव हो सका।
  • तीसरी : औद्यगिकी क्रांति से इलैक्ट्रोनिक और सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा स्वचालित निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • चौथी : इस औद्योगिक क्रांति का दौर जारी है। इसमें स्वचालित करण और निर्माण प्रौद्योगिकी में आंकड़ों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें