राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस
(National Fish Farmer’s Day)
आज का दिन : 10 जुलाई 2025
- देश में प्रतिवर्ष 10 जुलाई को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जाता है।
- इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में मत्स्य किसानों, एक्वाउद्यमियों यानी एक्वा फार्मिंग क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों और मछुआरों द्वारा किए गए योगदान की सराहना करना है। साथ ही हमारे मत्स्य संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए टिकाऊ तरीकों पर सामूहिक रूप से सोचने और चर्चा करने के लिए एक वातावरण बनाना है।
- यह दिवस भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा मनाया जाता है।
- वर्ष 2025 के राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस के अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से 10 जुलाई, 2025 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय मीठाजल जीवनपालन अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर में समारोह का आयोजन किया गया।
- 10 जुलाई 1957 को प्रो. डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. के.एच. अलीकुन्ही हाइपोफिजेशन तकनीक द्वारा भारतीय मेजर काप्र्स में इंडयूस्ड ब्रीडिंग एंड रीप्रोडक्शन का प्रदर्शन किया गया था। यहां हाइपोफिजेशन तकनीक से तात्पर्य प्रेरित प्रजनन तकनीक है। वहीं मेजर काप्र्स का मतलब है मछलियों की कई प्रजातियां। इस हाइपोफिजेशन तकनीक ने इनलैंड एक्वाकल्चर में क्रांति का सूत्रपात किया।
- मत्स्य पालन के क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिए देश में नीली क्रांति की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई।
- 10 सितंबर, 2020 को प्रधानमंत्री ने 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' शुरू की थी। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत शुरू हुई यह योजना वर्ष 2020 से 2025 पांच वर्ष के लिए है। इसे सभी प्रदेशों और संघ शासित राज्यों में लागू किया जाएगा।
- योजना का लक्ष्य 2025 तक 22 मिलियन मीट्रिक टन मछली उत्पादन प्राप्त करना है।
- देश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) का गठन वर्ष 9 सितंबर 2006 को किया गया। इसका मुख्यालय हैदराबाद में है। वर्तमान में यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत काम करता है। राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड की ओर से प्रतिवर्ष मछली पालन के क्षत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। नवंबर, 2022 में एनएफडीबी को 'इंडिया एग्रीबिजनेस पुरस्कार 2022' से सम्मानित किया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें