शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

12 अप्रेल 2024 : अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस

अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस

(International Day of Human Space Flight)

आज का दिन : 12 अप्रेल 2024

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  • प्रतिवर्ष 12 अप्रेल को 'अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस' मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहली बार 12 अप्रेल, 2011 को 'अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस' मनाया गया।
  • 12 अप्रेल, 1961 को पूर्व सोवियत संघ के नागरिक यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष के लिए पहली उड़ान भरी थी। इसीलिए इस दिन को अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 अप्रैल, 2011 को एक प्रस्ताव पारित कर यह दिवस मनाने की घोषणा की थी।
  • यूरी गागरिन वोस्टॉक नामक अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में जाकर पहले अंतरिक्ष यात्री बने। गागरिन की इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा ने मानव जाति के लिए अंतरिक्ष की खोज में एक नया आयाम स्थापित किया।
  • 12 अप्रेल को ही अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी दूसरी घटना हुई थी। 12 अप्रेल, 1981 को कोलंबिया द्वारा पहले स्पेस शटल एसटीएस -1 को लॉन्च किया गया था।
  • संयुक्त राष्ट्र का 'बाहरी अंतरिक्ष मामलों के लिए कार्यालय' अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने में सहयोग करता है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों की पालना भी सुनिश्चित करता है। 
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से 1992 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष वर्ष के रूप में मनाया गया था। 

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन

  • अंतरिक्ष में अनुसंधान करने की प्रयोगशाला और अंतरिक्ष यात्रियों के निवास के लिए निर्मित जगह को 'अंतरिक्ष स्टेशन' कहा जाता है। अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाता है। सर्वप्रथम रूस (तब सोवियत संघ) ने 1971 में सल्युत नामक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया। इसके दो साल बाद अमेरिका ने स्कायलेब नामक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया। अब तक 10 से अधिक अंतरिक्ष स्टेशनों का निर्माण किया जा चुका है। लेकिन वर्तमान में सिर्फ दो ही अंतरिक्ष स्टेशन कार्यरत हैं। पहला है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जिसे अमेरिका, रूस, जापान, ब्राजील, कनाडा और यूरोप के 11 देश संचालित कर रहे हैं। यह पृथ्वी की सतह से 400 किमी की ऊंचाई पर स्थित है। दूसरा अंतरिक्ष स्टेशन है तियांगोंग। इसे चीन की अंतरिक्ष एजेंसी 'चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन' ने तैयार किया है। चीन की मंदारिन भाषा में तियांगोंग का अर्थ है- स्वर्ग का महल।

भारत का अंतरिक्ष कायर्क्रम

  • भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई थे।
  • अंतरिक्ष के लिए भारतीय एजेंसी की स्थापना 15 अगस्त 1969 को 'अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति' के रूप में की गई। बाद में इसे भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) नाम मिला। आज पूरी दुनिया में इसरो का डंका बज रहा है।
  • सोवियत संघ द्वारा भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट 19 अप्रेल 1975 को लॉन्च किया गया था। आर्यभट्ट प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ थे।
  • भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं। बाद में वे विंग कमांडर के पद से रिटायर हुए।
  • राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के बैकानूर से सोयुज टी-11 अंतरिक्षयान से 2 अप्रेल, 1984 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। उन्होंने कुल सात दिन, 21 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए और सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटे।
  • विंग कमांडर राकेश शर्मा भारत के पहले और दुनिया के 138वें अंतरिक्ष यात्री थे।
  • वर्तमान में इसरो विश्व की जानी-मानी और प्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी बन गई है। इसरो देश के ही नहीं विदेशों के भी उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर रहा है।

भारत का गगनयान मिशन

  • गगनयान इसरो का सर्वाधिक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। यह इसरो का मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है। भारत गगनयान मिशन से मानव को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक भेजकर रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। गगनयान वर्ष 2025 में प्रक्षेपित किया जाएगा। 
  • हाल ही इसरो ने घोषणा की है कि वर्ष 2024 के अंत तक महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस महिला रोबोट का नाम 'व्योममित्र' रखा गया है। 'व्योममित्र' नाम संस्कृत के दो शब्दों 'व्योम' (जिसका अर्थ है अंतरिक्ष) और 'मित्र' (जिसका अर्थ है मित्र/दोस्त) से मिलकर बना है। गगनयान परियोजना में अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेज कर और फिर इन मानव अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। 
  • गगनयान की पहली परीक्षण वाहन उड़ान (टेस्ट फ्लाइट)  टीवी डी 1 पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को पूरी कर ली गई थी।
  • इसरो की ओर से गगनयान मिशन के लिए चार पायलटों का चयन किया गया है। इनके नामों की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 फरवरी, 2024 को की। ये चारों 'गगनवीरों' ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना से जुड़े हुए हैं। इन चारों एस्ट्रोनॉट को अब तक रूस सहित देश में भी कड़ी ट्रेनिंग दी गई है।

4 से 10 अक्टूबर तक मनाया जाता है विश्व अंतरिक्ष सप्ताह

  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 4 से 10 अक्टूबर तक विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया जाता है। यह सन् 1999 से मनाया जा रहा है। इस सप्ताह को मनाने का कारण अंतरिक्ष क्षेत्र की दो प्रमुख घटनाएं हैं। पहली 4 अक्टूबर, 1957 को पहले मानव निर्मित उपग्रह 'स्पूतनिक-1' को लॉन्च किया गया था। तत्कालीन सोवियत संघ ने यह उपलब्धि हासिल की थी। दूसरी घटना है, 10 अक्टूबर, 1967 को संयुक्त राष्ट्र ने बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोगों की घोषणा की थी। इसलिए 4 से 10 अक्टूबर तक प्रतिवर्ष विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया जाता है।

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