अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस
(International Day of UN Peacekeepers)
आज का दिन : 29 मई 2025
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*अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस-2025 का विषय/थीम* The Future of Peacekeeping |
- प्रतिवर्ष 29 मई को 'अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस' मनाया जाता है।
- सन् 2003 से प्रतिवर्ष 'अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस' मनाया जा रहा है। 1948 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को वर्ष 2024 में 76 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
- 'अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस' मनाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसम्बर 2002 को प्रस्ताव (57/129) पारित किया।
- अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस को मनाने का मूल उद्देश्य शांति स्थापना हेतु शहीद हुए सैनिकों को याद करना एवं उन्हें सम्मान प्रदान करना है। इसी के साथ सभी पुरुष एवं महिला शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि देना एवं उनके कार्यों, जज्बे एवं समर्पण का सम्मान करना है।
- अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस को मनाने का आग्रह यूक्रेनी शांति स्थापना एसोसिएशन एवं यूक्रेन सरकार ने किया था।
संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को डैग हैमर्शहोल्ड मेडल
- अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र द्वारा शांति हेतु सेवा करते हुए अपने प्राण गंवाने वाले सैनिको को मरणोपरांत डैग हैमर्शहोल्ड मेडल प्रदान किया जाता है। यह पदक संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव डैग हैमर्शहोल्ड के नाम पर दिया जाता है। इसकी स्थापना दिसंबर, 2000 में की गई थी।
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से दो भारतीय शांतिरक्षकों ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को मरणोपरांत डैग हैमर्शहोल्ड मेडल-2025 से सम्मानित किया गया है।
- वर्ष 2024 का UN Military Gender Advocate of the Year पुरस्कार घाना की स्क्वाड्रन लीडर शेरॉन साइम को दिया गया है। वहीं यूएन महिला पुलिस अधिकारी पुरस्कार से सिएरा लियोन की जैनब ग्बला को सम्मानित किया गया है।
- पिछली बार यानी वर्ष 2023 के लिए भारत की मेजर राधिका सेन को UN Military Gender Advocate of the Year पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
1948 से हुई शुरुआत
- प्रतिवर्ष 29 मई को ही इस दिवस को मनाने की वजह यह है कि इस दिन को सन् 1948 में संयुक्त राष्ट्र ट्रूस सुपरविजन ऑर्गेनाईजेशन (यूएनटीएसओ) को अरब-इसराइल युद्ध में शांति वार्ता की निगरानी रखने के लिए निर्धारित किया गया था।
- भारत ने दुनिया में शांति स्थापना के लिए हमेशा ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सन् 1950 में भारत ने कोरिया को कस्टोडियन फोर्स प्रदान कर विश्व में शांति स्थापना में अपने योगदान की शुरुआत की।
- संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान में वर्दीधारी कर्मियों की संख्या के मामले में योगदान देने वाला भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश है। भारत के 6,000 से अधिक सैन्य और पुलिसकर्मी संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति मिशनों में तैनात हैं।
- यह भी जानने योग्य है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रथम तीन महत्वपूर्ण शांति सहयोगियों में भारत भी शामिल है।
*अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस-2025 का विषय/थीम*
The Future of Peacekeeping
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