मंगलवार, 15 अक्तूबर 2024

15 अक्टूबर, 2024 : सफेद छड़ी दिवस

सफेद छड़ी दिवस
White Cane Day

आज का दिन : 15 अक्टूबर, 2024

  • प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर को 'सफेद छड़ी दिवस' मनाया जाता है।
  • सफेद छड़ी दिवस मनाने का उद्देश्य आम जन को दृष्टिहीनता के बारे में शिक्षित करना और यह बताना है कि दृष्टिबाधित लोग अपना जीवनयापन बिना किसी सहारे के कर सकते हैं।
  • फ्रांस के गुली द हरर्बेमोंट ने दृष्टिबाधित लोगों की सहायता के लिए एक सफेद रंग की छड़ी की शुरुआत की।
  • शुरुआत में यह दिवस (लगभग सन् 1964 से) अमेरिका में मनाया गया। लेकिन धीरे-धीरे सफेद छड़ी दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाने लगा।वक्त बदला तो सफेद छड़ी में भी कई बदलाव हुए। आजकल मोड़कर रखने वाली और हल्की छडिय़ां उपलब्ध हैं। यहां तक कि सेंसर वाली इलेक्ट्रॉनिक छडियां भी उपलब्ध हैं, जो दृष्टिबाधित लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही हैं।
  • पिछले कुछ समय में दृष्टिबाधित लोगों की मदद के लिए विभिन्न उपकरणों के शोध और उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति आई है ताकि दृष्टिबाधित लोग चलने-फिरने, काम करने, पढऩे और अपना जीवन बिना किसी सहारे के बिता सकें। सूचना का प्रसार, गतिशीलता और कंप्यूटर तक पहुंच शोध के तीन प्रमुख क्षेत्र हैं।
  • सरकारी आंकड़ों के अनुसार विश्व के 20 प्रतिशत दृष्टिबाधित लोग भारत में हैं।
  • भारत में एडीआईपी के जरिए उपकरणों को खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत विकलांग मामलों के विभाग द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं को टिकाउ, संवेदनशील और उच्च तकनीक वाले आई एस आई स्तर के उपकणों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
  • भारत सरकार ने सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के तहत 'विकलांग मामलों के विभाग' की स्थापना वर्ष 2016 में की थी।
  • आईआईटी दिल्ली ने एक ''स्मार्ट केन'' विकसित की है जिसमें विद्युत सेंसर लगे है और यह जमीन पर किसी भी अवरोध का आसानी से पता लगा सकता है।
  • राष्ट्रीय परियोजना 'इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी फॉर द ब्रेल लिटरेसी इन इंडियन लेंग्वेजज' में पश्चिम बंगाल सरकार के उपक्रम 'वेबल मीडियाट्रानिक' ने देशभर के 190 विशेष दृष्टिबाधित स्कूलों में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित 'ब्रेल प्रणाली' लगाई है। इसने 'इंटरनेट ऐक्सेसे एंड रिहेबिलीटेशन टूल्स' भी विकसित किया है। इसमें इलैक्ट्रानिक्स ब्रेल डिस्पले, ऑटोमेटिक ब्रेलर एम्ब्रोसर और कई सॉफ्टवेयर हैं।
  • सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के तहत दृष्टिबाधितों के क्षेत्र में कार्यरत अग्रणी संस्थान 'द नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द विजुअली हैंडीकैप्पड' भी शोध एवं विकासात्मक गतिविधियों में हिस्सा ले रहा है। इसने दृष्टिबाधितों के लिए कई लाभदायक उपकरण एवं तकनीक विकसित की हैं।

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