विश्व कपास दिवस
(World Cotton Day)
आज का दिन : 7 अक्टूबर 2024
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विश्व कपास दिवस 2024 की थीम : Cotton for Good |
- प्रतिवर्ष 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस मनाया जाता है।
- प्रथम विश्व कपास दिवस 7 अक्टूबर, 2019 को मनाया गया। लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 30 अगस्त, 2021 को 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस के रूप में मनाने का संकल्प पारित किया था। इसलिए यह चौथा वर्ल्ड कॉटन डे है। कपास उत्पादक देशों सी-4 (बेनिन, बुर्कीना फासो, चाड और माली) ने विश्व व्यापार संगठन के सहयोग से पहले दो दिवस मनाए।
- विश्व कपास दिवस को संयुक्त राष्ट्र, विश्व खाद्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास सम्मेलन (UNCTAD), विश्व व्यापार संगठन तथा अंतरराष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति द्वारा मनाया जा रहा है।
- कपास उत्पादक देशों सी-4 (बेनिन, बुर्कीना फासो, चाड और माली) के प्रयासों से 7 से 11 अक्टूबर, 2019 तक जिनेवा में कपास समारोह का आयोजन किया गया था।
- विश्व कपास दिवस मनाने का उद्देश्य कपास तथा इससे जुड़े लोगों को अवसर प्रदान करना तथा विकासशील देशों के लिए निजी सेक्टर तथा निवेशकों के बीच सहयोग बढ़ाना है।
- संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार दुनिया के पांच महाद्वीपों के लगभग 80 देशों में कपास का उत्पादन किया जाता है। कपास की खेती में लगभग 32 मिलियन लोग/किसान शामिल हैं। इनमें से आधे से अधिक महिलाएं शामिल हैं। कपास से लगभग 100 मिलियन परिवार लाभाविन्त होते हैं।
- भारत विश्व के सबसे बड़े कपास उत्पादक और उपभोक्ता देशों में शामिल है।
- 'इंटरनेशनल कॉटन एडवाइजरी कमेटी' संयुक्त राष्ट्र और कपास उत्पादक देशों, उपभोक्ताओं और इसके व्यापार में जुटे राष्ट्रों का संगठन है। भारत के अंशुल शर्मा वर्ष 2021 में इस कमेटी के अध्यक्ष थे। वर्तमान यानी वर्ष 2024 में कोटे डी आइवर के एचईएम एली टूर इसके अध्यक्ष हैं।
- विश्व कॉटन दिवस-2024 का मेजबान देश पश्चिमी अफ्रीकी देश बेनिन है, जहां 7 अक्टूबर, 2024 को मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होगा।
भारत ने चला रखा है कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम
- भारत ने सन् 2012 से 2018 तक कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम (टीएपी) संचालित किया था। इसमें छह अफ्रीकी देश (बेनिन, बुर्किना फासो, चाड, मालावी, नाइजीरिया और युगांडा) शामिल थे।
- तत्कालीन केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी ने जिनेवा में आयोजित कपास सम्मेलन में अफ्रीका के लिए कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम (टीएपी) के दूसरे चरण की घोषणा की थी। दूसरा चरण पांच वर्षों का होगा। कार्यक्रम के कवरेज को विस्तार दिया जाएगा और इसमें पांच अन्य देशों-माली, घाना, टोगो, जाम्बिया और तन्जानिया को शामिल किया जाएगा। कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम (टीएपी) में शामिल होने वाले देशों की संख्या 11 हो गई हैं।
- जिनेवा में आयोजित पहले विश्व कपास दिवस सम्मेलन में भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बुनकर पिट्टा रामुलु ने चरखे पर अपनी कला का प्रदर्शन किया था।
- वर्ष 2020 में विश्व कपास दिवस के अवसर पर तत्कालीन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने भारतीय कपास का पहला ब्रांड एवं लोगो लॉन्च किया था। विश्व कपास व्यापार में भारतीय कपास का ब्रांड नाम 'कस्तूरी कॉटन' रखा गया है। यह ब्रांड सफेदी, चमक, मृदुलता, शुद्धता, शुभ्रता, अनूठापन एवं भारतीयता का प्रतिनिधित्व करता है।
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