रविवार, 17 नवंबर 2024

17 नवम्बर 2024 : राष्ट्रीय मिरगी दिवस

राष्ट्रीय मिरगी दिवस

(National Epilepsy Day)

आज का दिन : 17 नवम्बर 2024

  • राष्ट्रीय मिरगी दिवस या अपस्मार दिवस देश में प्रतिवर्ष 17 नवम्बर को मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय मिरगी दिवस मिरगी रोग के बारे में लोगों में जागरुकता उत्पन्न करने के लिए मनाया जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से प्रतिवर्ष फरवरी माह के दूसरे सोमवार को 'अंतरराष्ट्रीय मिरगी दिवस' मनाया जाता है।
  • मिरगी रोग से पीड़ित लोगों के समर्थन में बैंगनी रंग का उपयोग किया जाता है। इसका लोगो भी पर्पल कलर में है।
  • मिरगी मस्तिष्क का एक क्रोनिक रोग है, जिसे बराबर होने वाले दौरे या दौरा पडऩे से पहचाना जाता है। व्यक्ति को न्यूरॉन्स (मस्तिष्क की कोशिकाओं) में अचानक, असामान्य एवं अत्यधिक विद्युत का संचार होने के कारण दौरा पड़ता है तथा परिणामस्वरुप व्यक्ति मूर्छित हो जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है तथा इस रोग से पीडि़त हर उम्र के व्यक्ति की परेशानियाँ अलग-अलग हो सकती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार दुनिया में लगभग पचास लाख लोग मिरगी के रोग से ग्रसित हैं। इन मरीजों का अस्सी प्रतिशत विकासशील देशों में है।
  • मिरगी को उपचारित किया जा सकता है, अभी तक विकासशील देशों में प्रभावित लोगों में से तीन-चौथाई लोगों को आवश्यक उपचार प्राप्त नहीं हुआ है। भारत में लगभग दस लाख लोग मिरगी के दौरे से पीडि़त है।

मिरगी रोग के लक्षण

  • अचानक लडखड़़ाना/फड़कन (हाथ-पांव में अनियंत्रित झटके आना)।
  • बेहोशी आना।
  • हाथ या पैर में सनसनी (पिन या सुई चुभने का अहसास होना) महसूस होना।
  • हाथ व पैरों या चेहरे की मांसपेशियों में जकडऩ।

मिरगी रोग के कारण

  • मस्तिष्क की क्षति जैसे कि जन्मपूर्व एवं प्रसवकालीन चोट।
  • जन्मजात असामान्यता।
  • मस्तिष्क में संक्रमण।
  • स्ट्रोक एवं ब्रेन ट्यूमर।
  • सिर में चोट/दुर्घटना।
  • बचपन के दौरान लंबे समय तक तेज बुखार से पीडि़त होना।

मिरगी रोग से पीडि़त हो तो क्या करें

  • घबराएँ नहीं।
  • पीडि़त व्यक्ति को दौरे के दौरान नियंत्रित करने की कोशिश न करें।
  • पीडि़त व्यक्ति के आसपास से तेज वस्तुओं या अन्य हानिकारक पदार्थों को दूर रखें।
  • यदि पीडि़त व्यक्ति ने गर्दन कसकर रखने वाले कपड़े पहन रखें है, तो उन कपड़ों को तुरंत ढीला करें।
  • पीडि़त व्यक्ति को एक ओर मोड़कर लिटाएं, ताकि पीडि़त व्यक्ति के मुंह से निकलने वाला किसी भी तरह का तरल पदार्थ सुरक्षित रूप से बाहर आ सकें।
  • पीडि़त व्यक्ति के सिर के नीचे कुछ आरामदायक वस्तुएं रखें।
  • पीडि़त व्यक्ति की जीभ बाहर निगलने के डर से उसके मुंह में कुछ न डालें।
  • जब तक चिकित्सा सहायता प्राप्त न हों, तब तक पीडि़त व्यक्ति के साथ रहें।

पीडि़त व्यक्ति को आराम करने या सोने दें।

  • दवाओं से हो सकता है उपचार
  • मिरगी को अधिकांशत: दवाओं से उपचारित किया जाता है। मिरगी के बारे में यह तथ्य महत्वपूर्ण है, कि मिरगी के उपचार में देर नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति के मिरगी से पीडि़त होने के बारे में जैसे ही जानकारी प्राप्त हों, वैसे ही तुरंत मिरगी का उपचार शुरू कर देना चाहिए। जल्द उपचार आगे बिगड़ती स्थिति को रोकता है।

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