अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस
(International Day for the Abolition of Slavery)
आज का दिन : 2 दिसंबर 2024
- प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।
- 2 दिसंबर, 1949 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था, इसीलिए 2 दिसंबर को 'अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस' मनाया जाता है।
- इतिहास के हर दौर में दास प्रथा मौजूद रही है। आज भी यह कई रूपों में मौजूद है। कई देशों में घरेलू नौकरों और कामगारों को गुलाम के रूप में रखा जाता है।
- अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस को मनाने का उद्देश्य हर प्रकार की दास प्रथा को समाप्त करना है।
- देश में बेरोजगारों को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी के बहाने विदेशों में भेजने और वहां उनके शोषण के मामले सामने आते हैं।
- नवंबर, 2016 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने जबरन श्रम को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रोटोकॉल अपनाया।
आंकड़ों में आधुनिक दासता
- संयुक्त राष्ट्र की त्रिपक्षीय संस्था अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार वर्तमान में 50 मिलियन लोग आधुनिक दासता जकड़े हैं, इनमें 28 मिलियन बंधुआ मजदूरी और 22 मिलियन जबरन शादी के शिकार हैं।
- आधुनिक दासता में फंसे प्रत्येक आठ में से एक बच्चा है।
- बंधुआ मजदूरी के तमाम केसों के 86 प्रतिशत निजी क्षेत्र में हैं।
- श्रमिकों को बंधुआ बनाकर उनकी मजदूरी चुराने का आंकड़ा वैश्विक स्तर पर लगभग 236 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें