रविवार, 1 दिसंबर 2024

1 दिसंबर 2024 : विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस

(World AIDS Day)

आज का दिन : 1 दिसंबर 2024

  • प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1988 से दुनिया भर में प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है।
  • विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ दूर करना है।
  • विश्व एड्स दिवस मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने अगस्त, 1987 में की थी। ये दोनों डब्ल्यूएचओ में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम के लिए अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे। जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल प्रोग्राम ऑन एड्स के डायरेक्टर जोनाथन मान के सामने विश्व एड्स दिवस मनाने का सुझाव रखा। जोनाथन ने इस पर मुहर लगाते हुए 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स डे मनाने के लिए चुना। तब से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है।
  • यूएन एड्स की वर्ष 2024 की Take the rights path रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में 1.3 मिलियन नए लोग एड्स से पीडि़त हुए हैं। वहीं 2023 में लगभग 39.9 लोग एड्स से पीडि़त हैं। आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष 630 हजार लोगों की एड्स के कारण मृत्यु हो गई।

पहला मामला सन् 1981 में आया था सामने

  • एड्स का पूरा नाम 'एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' (Acquired Immune Deficiency Syndrome) है।
  • ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण से होने वाली इस बीमारी का पहला मामला सन् 1981 में सामने आया। इसे एड्स नाम 27 जुलाई, 1982 को दिया गया।
  • भारत में एड्स का पहला मामला सन् 1986 में सामने आया। इसके बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय एड्स समिति का गठन किया। 1992 में भारत का पहला राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1992-1999) शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) का गठन किया गया। प्रथम एनएसीपी (1992-1999) का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करना था।
  • इसके बाद इस खतरनाक बीमारी से देश को मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने द्वितीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1999-2006)और तृतीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) (2007-2012) चलाए हैं। इसके बाद चौथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2012 से 2017 तक चलाया गया।
  • सरकार ने चौथे चरण का विस्तार कर इसे 2021 तक बढ़ा दिया। वर्ष 2017 में एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम,  2017 को पारित किया गया। यह अधिनियम सितंबर 2018 में प्रभावी हुआ। यह अधिनियम एचआईवी-पॉजिटिव लोगों को समान अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकता है।
  • एनएसीपी का पांचवां चरण 2021-26 के लिए शुरू किया गया। इसका लक्ष्य 2025-26 तक वार्षिक मृत्यु दर में 80 प्रतिशत तक कमी लाना है।
  • भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट के अनुसार देश में 25 लाख से ज्यादा लोग एड्स से पीडि़त हैं। वर्ष भर में एचआईवी संक्रणों की संख्या 66,400 है, जो वर्ष 2010 से 44 प्रतिशत कम है। वैश्विक स्तर पर कमी दर 39 प्रतिशत है।

रेड रिबन एक्सप्रेस

  • रेड रिबन एक्सप्रेस कार्यक्रम के अंतर्गत 80 लाख लोग आते हैं। इसके अंतर्गत 81,000 निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को एचआईवी/एड्स के मुद्दों पर प्रशिक्षित किया गया ताकि वे गाँव-गाँव में जाकर लोगों को इस बारे में जागरूक कर सकें। इसके अलावा नेहरु युवा केंद्र संगठन एवं अन्य युवा संगठनों की मदद से स्कूल नहीं जा सकने वाले युवाओं को भी इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताया गया एवं उन्हें एड्स संबंधित जानकारियाँ दी गई। विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, प्राधिकृत सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायक नर्सों एवं पंचायती राज संस्था के सदस्यों को एचआईवी/एड्स संबंधित विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

एड्स के कारण

  • अनसेफ  सेक्स करने से।
  • संक्रमित खून चढ़ाने से।
  • एचआईवी पॉजिटिव महिला के बच्चे में।
  • एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार उपयोग करने से।
  • इन्फेक्टेड ब्लेड उपयोग करने से।

एचआईवी के लक्षण?

  • एचआईवी/एड्स होने पर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं- बुखार आना, पसीना आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना, उल्टी आना, गले में खराश रहना, दस्त होना, खांसी होना, सांस लेने में समस्या, शरीर पर चकत्ते होना, स्किन प्रॉब्लम आदि।

*विश्व एड्स दिवस-2024 का विषय/थीम*

Take the rights path: My health, my right!

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