विश्व प्रवासी पक्षी दिवस
(World Migratory Bird Day)
आज का दिन : मई और अक्टूबर का दूसरा शनिवार
![]() |
| विश्व प्रवासी पक्षी दिवस-2025 की थीम Creating Bird-Friendly Cities & Communities |
- विश्व प्रवासी पक्षी दिवस प्रतिवर्ष मई एवं अक्टूबर माह के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है।
- 2025 में 10 मई को यह दिवस मनाया जा रहा है। साथ ही 11 अक्टूबर, 2025 को भी यह दिवस मनाया जाएगा। वर्ष में दो बार यह दिवस मनाने का कारण उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द्ध में पक्षियों के प्रवास की अलग-अलग अवधि है।
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहला विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 8-9 अप्रेल, 2006 को मनाया गया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ ही उनके प्रवास स्थल आर्द्रभूमियों के संरक्षण के प्रति प्रेरित करना है।
- यूरोपीय देशों से प्रतिवर्ष हजारों प्रवासी पक्षी भारत आते हैं।
- अधिकतर प्रवासी पक्षी रात में सफर करते हैं, लेकिन शहरों की लाइट्स इन पक्षियों भटका देती है और इसी कारण से कई पक्षियों की मौत भी हो जाती है। इसके प्रति जागरूक होने का समय आ गया है।
सेंट्रल एशियाई फ्लाईवे मार्ग पर स्थित है भारत
- प्रवासी पक्षियों के प्रजनन स्थल से सर्दियों के प्रवास स्थल जाने के हवाई मार्ग को 'फ्लाईवेज' कहा जाता है। भारत सेंट्रल एशियाई फ्लाईवे मार्ग पर स्थित होने के कराण प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थल है।
- पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार हर साल 29 देशों के पक्षी भारत के लिए उड़ान भरते हैं। प्रवासी पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां भारत आती हैं। इनमें कॉम्ब डक (नटका), साइबेरिया सारस (कुरजां), ग्रेटर फ्लेमिंगो, ब्लैक विंग्ट स्टिल्ट, कॉमन टील, वुड सैंडपाइपर आदि प्रमुख प्रजातियां हैं।
- भारत में आने वाले पक्षियों के आने का सामान्य समय अक्टूबर माह है और दिसंबर तक ये देश के जलाशयों पर दिखाई देते हैं। देश में प्रवासी पक्षियों के प्रमुख निवास स्थानों में राजस्थान का केवलादेव घना पक्षी विहार, सांभर, खींचन, गोवा का सालिम अली पक्षी अभयारण्य, केरल का कुमारकॉम पक्षी अभयारण्य, दिल्ली का बायोडायवर्सिटी पाक, ओडिशा की चिल्का झील, तमिलनाडु का वेदानथंगल आदि प्रमुख हैं।
- राजस्थान के खींचन गांव को तो कुरजां नगरी के रूप में नई पहचान मिली है।
- प्रवासी पक्षियों से पर्यावरण व जलीय पारिस्थितिकी का विकास होता है।
*विश्व प्रवासी पक्षी दिवस-2025 का विषय/थीम*
Creating Bird-Friendly Cities & Communities

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें