रविवार, 20 जुलाई 2025

20 जुलाई 2025 : विश्व शतरंज दिवस

विश्व शतरंज दिवस

(World Chess Day)

आज का दिन : 20 जुलाई 2025

  • प्रतिवर्ष 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस मनाया जाता है।
  • 20 जुलाई, 1924 को शतरंज की अंतरराष्ट्रीय संस्था 'विश्व शतरंज फेडरेशन' (फीडे) की स्थापना के उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है।
  • यह दिवस अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस के रूप में सन् 1966 से ही मनाया जा रहा है, लेकिन यूनेस्को की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 दिसंबर, 2019 को इस दिवस को आधिकारिक रूप से मनाने का प्रस्ताव पारित किया।
  • भारतीय शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने वर्ष 2020 में पहले विश्व शतरंज दिवस पर यूएन की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया था। फीडे का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है।
  • बुद्धि कौशल के खेल शतरंज का जन्मदाता भारत को माना जाता है। प्राचीन भारत में शतरंज के खेल को चतुरंग के नाम से जाना जाता था।
  • संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत वयस्क आबादी (भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस) ने जीवन में कभी-न-कभी शतरंज खेला है। आज भी 604 मिलियन लोग नियमित रूप से शतरंज खेलते हैं। शतरंज के खेल में प्रतिद्वन्द्वी को मात्र दो चालों में चेकमेट करना संभव है।


भारत ने 2022 में की थी शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी

  • शतरंज की अंतरराष्ट्रीय संस्था फीडे ने 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी पहली बार भारत को सौंपी थी।
  • शतरंज ओलंपियाड का आयोजन 28 जुलाई से 10 अगस्त, 2022 तक चेन्नई में हुआ। शतरंज ओलंपियाड की शुरुआत वर्ष 1927 में हुई।
  • फीडे की ओर से पहली बार मशाल रिले का आयोजन भारत से ही शुरू किया गया है। साथ ही फीडे ने तय किया है कि आगामी शतरंज ओलंपियाड सत्रों में भी मशाल रिले की शुरुआत भारत से ही होगी।
  • चेन्नई में 44वें शतरंज ओलंपियाड में 188 देशों के 2000 से अधिक खिलाडिय़ों ने भाग लिया।
  • भारत ने वर्ष 1956 में मॉस्को में हुए शतरंज ओलंपियाड में पहली बार हिस्सा लिया था। तब भारत 27वें स्थान पर रहा था। 
  • भारत ने वर्ष 2024 में हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित 45वें शतरंज ओलंपियाड में महिला और पुरुष दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीता।

हरिकृष्णन बने 87वें ग्रैंडमास्टर

  • हाल ही 13 जुलाई, 2025 को हरिकृष्णन ए रा भारत के 87वें ग्रैंडमास्टर बने हैं। हरिकृष्णन ने फ्रांस के ला प्लेन अंतरराष्ट्रीय शतरंज महोत्सव में अपना तीसरा ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल कर यह उपलब्धि पाई। हरिकृष्णन से पहले श्रीहरि एलआर भारत के 86वें ग्रैंडमास्टर बने थे।

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