अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
(International Mother Language Day)
आज का दिन : 21 फरवरी 2025
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।
- यूनेस्को ने 17 नवंबर, 1999 को इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी। यानी पहली बार अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी, 2000 को मनाया गया।
- 15 फरवरी, 2002 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया।
- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस बांग्ला भाषी बांग्लादेश की पहल पर मनाना शुरू किया गया था। बांग्लादेश की इस पहल के पीछे बांग्ला भाषी प्रेमियों का बलिदान है।
- 21 फरवरी, 1952 को ढाका विश्वविद्यालय (अब बांग्लादेश में) के छात्र व सामाजिक कार्यकर्ता अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी पुलिस ने गोलियां बरसाईं, जिससे 16 लोगों की जान चली गई। इन्हीं मातृभाषा प्रेमियों के बलिदान को चिरस्थायी करने के लिए बांग्लादेश ने यह दिवस मनाने की पहल की।
- बांग्लादेश में इस दिवस को 'भाषा शहीद दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
- 20 फरवरी से 21 फरवरी, 2025 को यूनेस्को मुख्यालय में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
भारत में मातृभाषा
- हमारे देश में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदी को मातृभाषा बताने वाले लोगों की संख्या 43.63 प्रतिशत रही यानी 52,83,47,193 लोगों की मातृभाषा हिंदी है। 8.3 प्रतिशत के साथ बांग्ला दूसरे और 7.09 प्रतिशत के साथ मराठी तीसरे स्थान पर है।
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार संस्कृत को अपनी मातृभाषा बताने वाले 24,821 लोग रहे। बोलने वालों की संख्या के लिहाज से यह देश की सबसे कम बोली जाने वाली भाषा है।
*अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस-2025 का विषय/थीम*
Silver Jubilee Celebration of International Mother Language Day
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