21 अक्टूबर 2024 : विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस
आज का दिन : 21 अक्टूबर 2024विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस
(World Iodine Deficiency Day)
- विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस (आयोडीन अल्पता विकार) या विश्व आयोडीन अल्पता दिवस प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
- विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस को मनाने का उद्देश्य आयोडीन के उपयोग के प्रति लोगों में जागरुकता उत्पन्न करना है। इसके साथ ही आयोडीन की कमी के परिणामों के प्रति जागरुकता फैलाना है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वैश्विक स्तर पर अनुमानित 1.88 अरब लोगों को अपर्याप्त आयोडीन सेवन का खतरा है, इनमें भी 30 प्रतिशत स्कूली बच्चे शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ वर्ष 1993 से ही आयोडीनयुक्त नमक का समर्थन कर रहे हैं। इस पहल के कारण ही वर्तमान में 120 से अधिक देशों ने आयोडीनीकरण कार्यक्रम को अपना रखा है।
- आयोडीन सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो कि मानव वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक है।
- आयोडीन नमक आयोडीन यौगिक से युक्त सामान्य नमक होता है।
- शरीर में आयोडीन की कमी से गलगण्ड/घेंघा के साथ अनेक रोग होने की आशंका रहती है।
- भारत सरकार ने सन् 1962 में राष्ट्रीय गलगण्ड नियंत्रण कार्यक्रम का आरभ किया। सन् 1992 में इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम रखा गया।
- केन्द्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर प्रतिबंध और प्रतिबंध) विनियमन, 2011 के अधिनियम 2.3.2012 के अंतर्गत बिना आयोडीन युक्त नमक की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है।
आयोडीन की कमी से होने वाले विकार
- थायरॉयड ग्रंथि का बढऩा।
- मंदबुद्धि, मानसिक मंदता, बच्चों में संज्ञानात्मक विकास की गड़बड़ी एवं मस्तिष्क की क्षति।
- तंत्रिका-पेशी एवं स्तैमित्य (मांसपेशियों की जकडऩ)।
- एन्डेमिक क्रेटिनिजम (शारीरिक एवं मानसिक विकास का अवरुद्ध होना)।
- मृत जन्म एवं गर्भवती महिलाओं में स्वत: गर्भपात।
- जन्मजात असामान्यता जैसे कि बहरा-गूंगापन (बात करने में असमर्थता) और बौनापन।
- देखने, सुनने एवं बोलने में विकार।
आयोडीन के स्रोत
- नमक (सबसे सामान्य स्रोत), दूध, अंडा, दाल व अनाज, समुद्री शैवाल आदि।
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