विश्व ग्लेशियर दिवस
(World Glacier Day)
आज का दिन : 21 मार्च 2025
![]() |
World Glacier Day Theme-2025 |
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहली बार 21 मार्च 2025 को विश्व ग्लेशियर दिवस मनाया जा रहा है।
- आज प्रकृति के जमे हुए प्रहरी ग्लेशियर खतरे में हैं। इसी खतरे की आहट को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह दिवस मनाने का निर्णय किया है।
- यूएन जनरल असेम्बली ने 14 दिसंबर, 2022 को विश्व ग्लेशियर दिवस (World Day for Glaciers) मनाने का प्रस्ताव पारित किया।
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2025 को 'ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतरराष्ट्रीय वर्ष' (International Year of Glaciers’ Preservation, 2025) के रूप में मनाया जा रहा है।
- विश्व ग्लेशियर दिवस और ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतरराष्ट्रीय वर्ष-2025 को मनाने की जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूनेस्को और विश्व मौसम विज्ञान संगठन को सौंपी है।
- विश्व ग्लेशियर दिवस मनाने का उद्देश्य तेजी से पिघल रहे ग्लेशियरों के संरक्षण के प्रति लोगों और सरकारों जागरूक करना है।
- ग्लेशियर हिम यानी बर्फ की विशाल नदियां हैं, जो हमारी धरती को तराशने के साथ इसकी बदलती लय की गवाही देते हैं। ग्लेशियर हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत जरूरी हैं। ग्लेशियर से मिलने वाले मीठे पानी से करोड़ों लोगों की प्यास बुझती है। ये समुद्र के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं।
- लेकिन आज ये जमे हुए विशालकाय पहाड़ खतरे में हैं। ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते उत्सर्जन की वजह से ग्लेशियर खतरनाक दर से घट रहे हैं।
- हमारे देश में भी हिमालय के ग्लेशियर मौजूद हैं। हाल ही प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में पिछले 32 वर्षों में 110 ग्लेशियर लुप्त हो गए।
- भारत सरकार ने ग्लेशियरों के संरक्षण के लिए हिमालयी राज्यों के कई क्षेत्रों को राष्ट्रीय उद्यान या संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। जैसे गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क आदि।
- हमारे देश में ग्लेशियरों के संरक्षण के लिए कई संस्थाएं कार्यरत हैं, जिनमें वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण आदि प्रमुख हैं।
*विश्व ग्लेशियर दिवस-2025 का विषय/थीम*
Glaciers: Guardians of Earth's Future
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें