रविवार, 7 दिसंबर 2025

7 दिसंबर 2025 : सशस्त्र सेना झंडा दिवस

सशस्त्र सेना झंडा दिवस
(Armed Forces Flag Day)

आज का दिन : 7 दिसंबर 2025

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  • देश में प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1949 से प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है।  
  • सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर आमजन द्वारा देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। 
  • 23 अगस्त 1947 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा समिति ने युद्ध दिग्गजों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए सात दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का फैसला लिया। 
  • सशस्त्र सेना ध्वज दिवस पर छोटे-छोटे झंडे खरीद कर जनता तीनों सशस्त्र सेनाओं के प्रति अपना सम्मान प्रकट करती है। यह राशि सैनिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से खर्च की जाती है।
  • सैनिक कल्याण बोर्ड भारत सरकार की सर्वोच्च संस्था है, जो पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण के लिए नीतियां बनाता है। सशस्त्र बल ध्वज दिवस कोष को केंद्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा प्रशासनिक रूप से नियंत्रित किया जाता है।

जब आप घर जाएं, तो उन्हें हमारे बारे में बताएं और कहें, आपके कल के लिए, हमने अपना आज दिया है।

- कोहिमा (नागालैंड) युद्ध स्मारक पर अंकित एक सैनिक का संदेश

  • वर्ष 2022 में रक्षा मंत्री ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष के लिए ऑनलाइन योगदान को बढ़ावा देने के लिए नई वेबसाइट www.affdf.gov.in का शुभारंभ किया था।
  • सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष में कॉर्पोरेट योगदान कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत सीएसआर दायित्व को पूरा करने के लिए पात्र हैं क्योंकि यह 'सशस्त्र सेना के पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के लाभ के उपायों' का पालन करता है (अनुसूची VII का खंड VI) कंपनी अधिनियम, 2013) और सीएसआर गतिविधियों (पंजीकरण संख्या CSR00011199) करने के लिए कंपनियों के रजिस्ट्रार के कार्यालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत है। फंड में योगदान आयकर से मुक्त है।
  • सन् 1993 में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष बनाया गया। पहले इसे सेना झंडा दिवस के नाम से जाना जाता था, बाद में सन् 1993 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस नाम रखा गया।
  • सशस्त्र झंडा दिवस बहादुर सैनिकों व उनके परिजनों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने का दिन है। इस दिन धनराशि का संग्रह किया जाता है। यह धन लोगों को झंडे का एक स्टीकर देकर एकत्रित किया जाता है। गहरे लाल व नीले रंग के झंडे के स्टीकर की राशि निर्धारित होती है। लोग इस राशि को देकर स्टीकर खरीदते हैं और उसे पिन से अपने सीने पर लगाते हैं। इस तरह वे शहीद या हताहत हुए सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। जो राशि एकत्रित होती है, वह झंडा दिवस कोष में जमा कर दी जाती है। इस राशि का उपयोग युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिवार या हताहत हुए सैनिकों के कल्याण व पुनर्वास में खर्च की जाती है। 

आप भी सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में योगदान अवश्य करें।

7 दिसंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन दिवस

अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन दिवस

(International Civil Aviation Day)

 आज का दिन : 7 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
  • अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) को नागरिक उड्डयन मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और एकरूपता सुरक्षित करने के लिए 7 दिसंबर, 1944 को  अमेरिका के शिकागो में स्थापित किया गया था।
  • अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए नागरिक उड्डयन का महत्व बताना है।
  • अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की ओर से यह दिवस मनाया जाता है। शिकागो कन्वेंशन में इसी दिन अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक आईसीएओ पहल के अनुसार और कनाडा सरकार की सहायता से, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को मनाने घोषणा की।
  • 7 दिसंबर 2025 को शिकागो, संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन पर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर की 81वीं वर्षगांठ है। 

अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organization-ICAO)

  • अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) का मुख्यालय मॉन्ट्रियल (कनाडा) में है। आईसीएओ के 7 क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन निम्न संगठनों के साथ मिलकर काम करता है- विश्व मौसम विज्ञान संगठन, अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन सहित अन्य संयुक्त राष्ट्र के सदस्य।
  • आईसीएओ काउंसिल ने 1 अगस्त, 2021 को कोलम्बिया के जुआन कार्लोस सालाजार को 3 साल के लिए नया सेक्रेटरी जनरल (महासचिव) नियुक्त किया था। 11 मार्च 2024 को आईएसएओ काउंसिल ने जुआन कार्लोस सालाजार को दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। अब वे अगले तीन साल तक इस पद पर रहेंगे।
  • भारत के शिवेन्दर सिंह सिद्धू 1988-1991 तक अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के महासचिव रहे हैं। सिद्धू मणिपुर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल भी रह चुके हैं।


*अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन दिवस-2025 का विषय/थीम* 

Safe Skies. Sustainable Future: Together for the next 80 years

शनिवार, 6 दिसंबर 2025

6 दिसंबर, 2025 : नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड्स स्थापना दिवस

नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड्स स्थापना दिवस

(Civil Defence & Home Guards Foundation day)

आज का दिन : 6 दिसंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 6 दिसंबर को नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड्स स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • भारत में होमगार्ड्स यानी गृह रक्षक की स्थापना 6 दिसंबर, 1946 को मुंबई में की गई थी। इस संगठन की स्थापना का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा है।
  • सन् 1962 में चीन के आक्रमण के समय विभिन्न संगठनों को एकजुट करके अखिल भारतीय स्तर पर इस स्वयंसेवी संगठन को खड़ा किया गया।
  • देश के नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण में स्वयं को समर्पित करने वाले नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड्स का मुख्य कार्य आपदा के समय राहत में सहयोग करना है।
  • होमगाड्र्स की भूमिका आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में पुलिस के सहायक के रूप में कार्य करना है। इसके अलावा किसी भी आपातस्थिति जैसे- हवाई हमले, अग्निकांड, तूफान, भूकंप, महामारी आदि में नागरिकों की सुरक्षा करना, आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने में मदद करना आदि।
  • 26 फरवरी 2014 से भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत महानिदेशालय अग्निशमन सेवाएं, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षक कार्यरत है। वर्तमान यानी 2025 में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी नुजहत हसन इसके महानिदेशक हैं।
  • सीमावर्ती राज्यों में तो सीमा खंड होमगार्डों की बटालियन स्थापित की गई हैं।
  • देश के नागरिक, जिनकी उम्र 18 से 50 वर्ष होती है, वे होम गार्ड के सदस्य बन सकते हैं। इनका सामान्य कार्यकाल 3 से 5 वर्ष का होता है।
  • होम गार्ड के रूप में समाज के विभिन्न वर्गों, जैसे निजी क्षेत्र के संगठनों, कॉलेज व विश्वविद्यालय के छात्रों, कामगारों आदि को भर्ती किया जाता है।
  • होमगार्ड के जवानों को वीरता, उत्कृष्ट और सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाता है।
  • होमगार्ड्स को सरकार द्वारा तय भत्ते आदि मिलते हैं।
  • नागरिक सुरक्षा का ध्येय वाक्य यानी मोटो है- 'सर्व भूते हिते रत:'।
  • होम गार्ड का ध्येय वाक्य यानी मोटो है- 'निष्काम सेवा'।
  • सन् 1962 में चीनी हमले को ध्यान में रखकर केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे अपने वर्तमान स्वयंसेवी संगठनों को एक समान स्वयंसेवी बल, होमगार्ड के रूप में विलय कर लें।

शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025

5 दिसंबर 2025 : विश्व मृदा दिवस

विश्व मृदा दिवस

(World Soil Day)

आज का दिन : 5 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है।
  • पहली बार विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर, 2014 को मनाया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें अधिवेशन में प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को वर्ल्ड सॉइल डे मनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। इस दिवस को मनाने की सिफारिश अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने की थी।
  • विश्व मृदा दिवस मनाने का उद्देश्य किसानों के साथ ही आम लोगों को मृदा यानी मिट्टी का महत्व समझाना है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2015 को अंतरराष्ट्रीय मृदा वर्ष के रूप में मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ की ओर से वर्ष 2015-2024 तक के दशक को 'अंतरराष्ट्रीय मृदा दशक' के रूप में मनाया गया।

विश्व मृदा दिवस पुरस्कार

  • खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से विश्व मृदा दिवस पर Glinka World Soil Prize और King Bhumibol World Soil Day Award दो पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2025 के पुरस्कार की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
  • ग्लिंका विश्व मृदा दिवस पुरस्कार वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। रूस द्वारा प्रायोजित यह पुरस्कार व्यक्तिगत श्रेणी में प्रदान किया जाता है। वर्ष 2023 का ग्लिंका विश्व मृदा पुरस्कार फिजी में जन्मे ऑस्ट्रेलिया के प्रो. रवि नायडू को प्रदान किया गया था। भारत के डॉ. अशोक कुमार पात्रा (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉइल साइंस, भोपाल) को वर्ष 2022 में ग्लिंका वर्ल्ड सॉइल प्राइज से सम्मानित किया गया था।
  • राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार संस्था श्रेणी में प्रदान किया जाता है। यह वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। यह पुरस्कार थाईलैंड द्वारा प्रायोजित है। वर्ष 2025 के पुरस्कार की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। वर्ष 2023 का राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार द सॉइल एंड फर्टीलाइजर सोसायटी ऑफ थाईलैंड को प्रदान किया गया था।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) को वर्ष 2020 के राजा भूमिबोल विश्व मृदा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

 नई दिल्ली में वैश्विक मृदा सम्मेलन-2024

  • हाल ही नई दिल्ली पूसा (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) की ओर से 19 से 22 नवंबर, 2024 तक वैश्विक मृदा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस ग्लोबल सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ के तत्वावधान में इटली कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से किया गया। सम्मेलन की थीम 'खाद्य सुरक्षा से परे मिट्टी की देखभाल:जलवायु परिवर्तन शमन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं' रखी गई।

राष्ट्रीय मृदा सेहत कार्ड

  • भारत में 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रव्यापी 'राष्ट्रीय मृदा सेहत कार्ड' योजना का शुभारंभ करते हुए स्वस्थ धरा, खेत हरा का नारा दिया था। 
  • प्रतिवर्ष देश में 19 फरवरी को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस मनाया जाता है।
  • केंद्रीय कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय द्वारा योजना के तहत खेतों की मिट्टी जांच कर किसानों को कार्ड प्रदान किया जाता है।
  • सॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को मिट्टी की पोषक तत्व संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य व उर्वरता में सुधार करने के लिए उचित मात्रा में उपयोग किए जाने वाले पोषक तत्वों की सलाह देता है। हर दो साल में मिट्टी की स्थिति का आकलन किया जाता है ताकि पोषक तत्वों की कमी का पता लगाया जा सके और सुधार किया जा सके।
  • *विश्व मृदा दिवस-2025 का विषय/थीम*

    Healthy Soils for Healthy Cities
     

5 दिसंबर 2025 :  अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस

 अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस

(International Volunteer Day)

आज का दिन : 5 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस मनाया जाता है। 
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर, 1986 को मनाया गया। 
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस को मनाने संबंधी प्रस्ताव 17 दिसंबर, 1985 को पारित किया था। 
  • संयुक्त राष्ट्र वॉलिंटियर प्रोग्राम की ओर से यह दिवस मनाया जाता है। 
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वयंसेवा के प्रति प्रोत्साहित करना और स्वयंसेवा में जुटे लोगों का उत्साह वर्धन करना है। 

*अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस-2025 का विषय/थीम*

Every Contribution Matters

गुरुवार, 4 दिसंबर 2025

4 दिसंबर 2025 : नौसेना दिवस

नौसेना दिवस

(Navy Day)

आज का दिन : 4 दिसंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है।
  • 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नौसेना पर जीत दर्ज की थी। उसी वीरतापूर्ण विजय की स्मृति में नौसेना दिवस मनाया जाता है।
  • पाकिस्तानी सेना द्वारा 3 दिसंबर, 1971 को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया गया था। इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी। पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' चलाया गया। इसे 'ऑपरेशन पायथन' भी कहा जाता है। यह अभियान पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेकर शुरू किया गया। एक मिसाइल नाव और दो युद्ध-पोत के एक आक्रमणकारी समूह ने कराची के तट पर जहाजों के समूह पर हमला कर दिया। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान के तीन जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे। इस दौरान पाकिस्तान के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे। कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज के तबाह हो जाने से पाकिस्तान नौसेना की कमर टूट गई थी।
  • युद्ध में भारतीय नौसेना ने भी अपना जंगी जहाज आईएनएस खुकरी खो दिया था। इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी 25वीं स्क्वाड्रन कमांडर बबरू भान यादव को दी गई थी।
  • वर्तमान यानी 2025 में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी हैं।

तिरुवनंतपुरम में होगा मुख्य समारोह

  • नई परंपरा के अनुसार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन राजधानी नई दिल्ली से बाहर आयोजित किया जा रहा है। इस बार तिरुवनंतपुरम (केरल) के शंगुमुघम तट पर 3-4 दिसंबर, 2025 को नौसेना दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू है। समारोह में भारतीय नौसेना के ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन को दिखाया जाएगा।  

भारतीय नौसेना से जुड़े तथ्य

  • भारतीय नौसेना की स्थापना 5 सितंबर, 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी। तब ईस्ट इंडिया कंपनी का उद्देश्य नौसेना की स्थापना करके अपने जहाजों की सुरक्षा करवाना था। इसका नाम East India Company’s Marine रखा गया। बाद में इसे रॉयल इंडियन नौसेना दिया गया। स्वतंत्रता के बाद सन् 1950 में इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया।
  • 22 अप्रैल, 1958 से 4 जून, 1962 तक नौसेनाध्यक्ष का पद संभालने वाले वाइस एडमिरल रामदास कटारी पहले भारतीय चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ यानी नौसेनाध्यक्ष थे।
  • अनुच्छेद 33 के तहत नौसेना अधिनियम 1950 पारित किया गया है।
  • भारतीय नौसेना का ध्येय वाक्य यानी मोटो है- 'शं नो वरुण:' अर्थात् जल के देवता वरुण हमारे लिए मंगलकारी रहें। (May the Lord of the Oceans be Auspicious Unto Us)। यह 'तैत्तिरीय उपनिषद' से लिया गया है।

नौसेना का नया ध्वज निशान

  • 2 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय नौसेना के नए ध्वज निशान का अनावरण किया था। ध्वज में से गुलामी के प्रतीक माने जाने वाले रेड क्रॉस को हटाया गया है। नौसेना का नया निशान महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के राजचिह्न से प्रेरित है। नए ध्वज निशान में ऊपर बायीं ओर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है और दाहिने ओर नीले रंग का अष्टकोण है। इसमें अशोक चक्र गोल्डन रंग में अंकित है, इसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। नौसेना का आदर्श वाक्य 'शं नो वरुण:' देवनागरी में अंकित है।

भारतीय नौसेना के प्रमुख ऑपरेशन

  • भारतीय नौसेना ने सन् 2011 में लीबिया से भारतीयों की निकासी के लिए 'ब्लॉसम' ऑपरेशन चलाया।
    वर्ष 2006 में इजरायल-लेबनान संघर्ष के दौरान नौसेना भारतीयों की निकासी के लिए 'सुकून' ऑपरेशन चलाया गया।
  • सन् 2004 में आई सुनामी में भारतीय नौसेना ने मदद, सी वेव्ज, केस्टर, गंभीर, रेनबो, राहत नाम से राहत अभियान चलाए थे।
  • सन् 2001 में भारतीय नौसेना ने 'एंड्यूरिंग फ्रीडम' ऑपरेशन के तहत मलक्का खाड़ी में अमेरिकी जहाजों को सुरक्षा दी थी।
  • सन् 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने 'तलवार' नाम से अभियान चलाया था।

4 दिसंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस

अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस

(International Day of Banks)

आज का दिन : 4 दिसंबर 2025


  • प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 19 दिसंबर, 2019 को प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस के रूप में मनाने का संकल्प अपनाया गया। यानी 4 दिसंबर, 2020 को पहला अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाया गया। यह पांचवां अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस है।
  • अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाने का उद्देश्य सतत विकास के आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति एवं लोगों के जीवन स्तर में सुधार में बैंकों के महत्व को दर्शाना है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र के 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में बैंकों का योगदान दर्शाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस को मनाने की पृष्ठभूमि 13-16 जुलाई, 2015 को इथोपिया की राजधानी आदिस अबाबा में हुई तीसरी फाइनेंसिंग फॉर डवलमेंट कॉन्फ्रेंस में तैयार  हुई थी, जिसमें बैंकों का महत्व स्वीकार किया गया। आज हमारे जीवन बैंकों का अतिमहत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसी को दर्शाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाया जा रहा है।

*अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस-2025 का विषय/थीम*
Banks Powering a Livable Planet

बुधवार, 3 दिसंबर 2025

3 दिसंबर 2025: कृषि शिक्षा दिवस

 कृषि शिक्षा दिवस

(Agricultural Education Day)

आज का दिन : 3 दिसंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को कृषि शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
  • देश के प्रथम राष्ट्रपति और पहले कृषि एवं खाद्य मंत्री डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती 3 दिसंबर को यह दिवस मनाया जाता है।
  • भारत सरकार के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ओर से 3 दिसंबर, 2016 को पहला 'कृषि शिक्षा दिवस' मनाया गया।
  • भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सारण जिले (वर्तमान में सीवान) के एक गांव में हुआ था।
  • भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद एकमात्र राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने देश के इस सर्वोच्च पद को दो बार सुशोभित किया।
  • भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 में कृषि शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की ओर से स्कूली पाठ्यक्रम में कृषि शिक्षा को शामिल करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।

3 दिसंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस

(International Day of Persons with Disabilities)

आज का दिन : 3 दिसंबर 2025

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  • प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से सन् 1992 से प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया रहा है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सन् 1991 में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन अथवा अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया था।
  • अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाने का उद्देश्य शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने और उनके प्रति भेदभाव की सोच बदलने का प्रयास करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सन् 1981 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन वर्ष के रूप में मनाया था। इसके पश्चात् महासभा ने सन् 1983 से 1992 तक के दशक को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दशक के रूप में मनाया था।

आंकड़ों में दिव्यांगजनों की स्थिति

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में 1.3 बिलियन लोग गंभीर विकलांगता का अनुभव करते हैं। यह विश्व की जनसंख्या का 16 प्रतिशत है यानी हममें से 6 में से एक व्यक्ति है।
  • यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विकलांग व्यक्ति सामान्य व्यक्तियों की तुलना में 20 वर्ष पहले ही अपना जीवन गंवा देते हैं।
  • दिव्यांगजनों में अवसाद, अस्थमा, मधुमेह, स्ट्रोक, मोटापा आदि बीमारियों से पीडि़त होने का जोखिम सामान्य व्यक्तियों से दुगुना होता है।
  • परिवहन सुविधाओं के मामले में भी दिव्यांगजनों को 15 गुना अधिक कठिनता का सामना करना पड़ता है।
  • इसके अलावा भी दिव्यांगजनों को अनेक अनुचित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें भेदभाव, गरीबी, अशिक्षा, रोजगार से बहिष्कार और स्वास्थ्य प्रणाली में आने वाली बाधाएं शामिल हैं।

भारत में दिव्यांगों के कल्याण संबंधी योजनाएं

  • भारत में दिव्यांगों के कल्याण संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय करता है। वर्ष 2017 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से सुगम्य भारत अभियान भी चलाया गया।

राष्ट्रपति प्रदान करेंगी राष्ट्रीय पुरस्कार

  • अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में अर्जित की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं किए गए कार्यों के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य / जिला आदि को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है।
  • 2017 तक यह पुरस्कार योजना राष्ट्रीय पुरस्कार नियम, 2013 के तहत शासित थी, जो दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम, 1995 के अनुसार दिव्यांगों की 7 श्रेणियां प्रदान करती थी। हालांकि, 19 अप्रैल 2017 को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रभावी होने के साथ ही नए कानून के तहत निर्दिष्ट दिव्यांगताओं  की संख्या 7 से बढ़कर 21 हो गई। इन्हें 2 अगस्त, 2018 को भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचित किया गया।


*अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस-2025 का विषय/थीम*

Fostering disability inclusive societies for advancing social progress

मंगलवार, 2 दिसंबर 2025

2 दिसंबर 2025 : राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस

राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस

(National Pollution Prevention Day)

आज का दिन : 2 दिसंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1984 में 2-3 दिसंबर की रात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में घटित गैस त्रासदी में अपने प्राण गंवाने वाले लोगों की याद में 'राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस' मनाया जाता है।
  • भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड के रासायनिक संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट नामक जहरीली गैस के रिसाव के कारण लोगों की मौत हुई थी।  जिसे एमआईसी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्रासदी विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण आपदाओं में से एक मानी जाती है।
  • राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस को मनाने का उद्देश्य उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को रोकना और प्रदूषण नियंत्रण का महत्व समझाते हुए लोगों को जागरूक करना है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

  • भारत में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकारी निकाय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) कार्यरत है।
    सीपीसीबी का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम वर्ष 1974 के अंतर्गत सितंबर वर्ष 1974 में किया गया था। 
  • वर्तमान यानी वर्ष 2025 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष वीर विक्रम यादव हैं।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशालय और उनके अधिकार क्षेत्र वाले राज्य व केंद्रशासित प्रदेश इस प्रकार हैं-
  • 1. क्षेत्रीय निदेशालय भोपाल - छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान
  • 2. क्षेत्रीय निदेशालय बेंगलुरु - कर्नाटक, केरल, गोवा और लक्ष्यद्वीप
  • 3. क्षेत्रीय निदेशालय लखनऊ - उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
  • 4. क्षेत्रीय निदेशालय कोलकाता - बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान व निकोबर द्वीप समूह
  • 5. क्षेत्रीय निदेशालय वडोदरा - गुजरात और दादर व नगर हवेली और दमन दीव
  • 6. क्षेत्रीय निदेशालय चेन्नई - आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु  और पुड्डुचेरी
  • 7. क्षेत्रीय निदेशालय पुणे - महाराष्ट्र
  • 8. क्षेत्रीय निदेशालय चंडीगढ़ - पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख
  • 9. क्षेत्रीय निदेशालय शिलांग - अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम और त्रिपुरा
  • 10. परियोजना कार्यालय आगरा
  • भारत में वायु प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम के लिए वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम वर्ष 1981 में अधिनियमित किया गया था। यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करता है
  • सीपीसीबी का मुख्य कार्य जल प्रदूषण के निवारण एवं नियंत्रण द्वारा राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में कुओं और सरिताओं की स्वच्छता को सुधारना तथा देश में वायु प्रदूषण के निराकरण या नियंत्रण, निवारण के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है।

भारत में प्रदूषण रोकने के संबंध में निम्न अधिनियम मौजूद हैं-

  • जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974
  • जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) उपकर अधिनियम 1977
  • वायु (प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981
  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986
  • खतरनाक रसायनों का निर्माण, भंडारण एवं आयात अधिनियम 1989
  • खतरनाक रसायनों का निर्माण, भंडारण, आयात और निर्यात
  • सूक्ष्मजीव/अनुवांशिक रूप से अभियंत्रित किए गए जीवों या कोशिकाओं का निर्माण, उपयोग आयात, निर्यात और भंडारण अधिनियम 1989
  • रासायनिक दुर्घटना (आपातकाल, नियोजन, तैयारी एवं प्रतिक्रिया) अधिनियम 1996
  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) अधिनियम 1998
  • पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक निर्माण और उपयोग अधिनियम 1999
  • ओजोन क्षयकारी पदार्थ (विनियमन) अधिनियम 2000
  • ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) का अधिनियम 2000
  • नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) अधिनियम 2000
  • बैटरियों (मैनेजमेंट और संचालन) अधिनियम 2001
  • पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना नियम 2006।
  • राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) अधिनियम 2010
  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016
  • खतरनाक और अन्य कचरा (प्रबंधन और सीमापार आवागमन-मैनेजमेंट एंड ट्रांसबाउंडरी मूवमेंट) अधिनियम 2016
  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016
  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016
  • ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) अधिनियम, 2016
  • निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016

वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष 7 मिलियन लोगों की मौत

  • विश्व में दस में से नौ लोग स्वच्छ वायु में सांस नहीं लेते है।
  • वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष सात मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है, जिनमें से चार मिलियन लोग घर के अंदर (इनडोर) वायु प्रदूषण से मरते हैं। एक माइक्रोस्कोपिक प्रदूषक (पीएम 2.5) इतना छोटा है, कि यह फेफड़ों, हृदय और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने के लिए श्लेष्मा झिल्ली और अन्य सुरक्षात्मक अवरोधों से गुजर सकता है।
  • प्रमुख प्रदूषकों में कण पदार्थ, ईंधन जलने से उत्पन्न ठोस और तरल बूंदों का मिश्रण, सड़क यातायात से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, औद्योगिक सुविधाओं और वाहन उत्सर्जन से प्रदूषकों के साथ सूरज की रोशनी की प्रतिक्रिया के कारण जमीन के स्तर पर ओजोन; तथा कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड और अदृश्य गैस शामिल है।
  • वायु प्रदूषण से बच्चे और बुजुर्ग अत्यधिक प्रभावित होते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन के लिए वायु प्रदूषण भी उत्तरदायी है।

वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय:

  • तीव्र आगमन के दौरान भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर चलने से बचें तथा यदि आपके साथ छोटा बच्चा है, तो उसे वाहन निकास के स्तर से ऊपर उठा लें।
  • अपशिष्ट न जलाएं क्योंकि इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण कम करने के लिए वृक्षारोपण में वृद्धि करें जैसे कि शहरी वन और छतों पर पेड़ लगाएं।
  • जब लाइट और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का उपयोग न करना हों तब इन्हें बंद कर दें।

2 दिसंबर 2025 : विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस

विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस

(World Computer Literacy Day)

आज का दिन : 2 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है। 
  • पहली बार 'विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस' सन् 2001 में मनाया गया।
  • विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस भारतीय आईटी कंपनी NIIT ने मनाना शुरू किया था। NIIT ने अपनी स्थापना के 20वें वर्ष में इस दिवस की स्थापना की थी।
  • विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को तकनीक की दुनिया से रूबरू कराना है।  तकनीक हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में घुल-मिल गई है। कम्प्यूटर साक्षरता भी साक्षर होने की तरह ही जरूरी हो गई है।
  • कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा पर ही अधिक ध्यान दिया गया। इस कारण कम्प्यूटर साक्षरता आज के दौर में अनिवार्य आवश्यकता मानी जा सकती है। 

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान

  • भारत सरकार ने 8 फरवरी 2017 को प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीडीएसए) शुरू किया था।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम है।
    प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान का क्रियान्वयन सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों (प्रति परिवार एक व्यक्ति) को शामिल करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों यानी ग्राम पंचायत/गांव में लागू की गई। अब तक योजना के अंतर्गत लगभग 7.35 करोड़ उम्मीदवारों को नामांकित कर 6.39 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया गया। इस योजना में लोग डिजिटल रूप से साक्षर करने पर वे कंप्यूटर तथा स्मार्टफोन चलाने में सक्षम हो रहे हैं।
  • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के 71वें शिक्षा सर्वेक्षण के अनुसार देश में केवल छह प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास ही कंप्यूटर है। यानी 94 प्रतिशत (लगभग 16 करोड़ ग्रामीण आबादी) कम्प्यूटर से वंचित है।

2 दिसंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस

 अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस

(International Day for the Abolition of Slavery)

आज का दिन : 2 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।
  • 2 दिसंबर, 1949 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था, इसीलिए 2 दिसंबर को 'अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस' मनाया जाता है।
  •  इतिहास के हर दौर में दास प्रथा मौजूद रही है। आज भी यह कई रूपों में मौजूद है। कई देशों में घरेलू नौकरों और कामगारों को गुलाम के रूप में रखा जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस को मनाने का उद्देश्य हर प्रकार की दास प्रथा को समाप्त करना है।
  • देश में बेरोजगारों को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी के बहाने विदेशों में भेजने और वहां उनके शोषण के मामले सामने आते हैं। 
  • नवंबर, 2016 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने जबरन श्रम को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रोटोकॉल अपनाया।

आंकड़ों में आधुनिक दासता

  • संयुक्त राष्ट्र की त्रिपक्षीय संस्था अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार वर्तमान में 50 मिलियन लोग आधुनिक दासता जकड़े हैं, इनमें 28 मिलियन बंधुआ मजदूरी और 22 मिलियन जबरन शादी के शिकार हैं।
  • आधुनिक दासता में फंसे प्रत्येक आठ में से एक बच्चा है। 
  • बंधुआ मजदूरी के तमाम केसों के 86 प्रतिशत निजी क्षेत्र में हैं।
  • श्रमिकों को बंधुआ बनाकर उनकी मजदूरी चुराने का आंकड़ा वैश्विक स्तर पर लगभग 236 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।  

*अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस-2025 का विषय/थीम*
Modern slavery is on the rise

सोमवार, 1 दिसंबर 2025

1 दिसंबर 2025 : नागालैंड स्थापना दिवस

नागालैंड स्थापना दिवस

(Nagaland Foundation Day)

आज का दिन : 1 दिसंबर 2025

nagaland-foundation-day

  • प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को नागालैंड स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • 1 दिसंबर, 1963 को नागालैंड देश का 16वां राज्य बना।
  • नागालैंड को स्वतंत्रता के पश्चात् केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया गया था। तब इसे 'नगा हिल्स तुएनसांग' क्षेत्र कहा गया। सन् 1961 में इसका नाम बदलकर 'नागालैंड' रखा गया। बाद में 1 दिसंबर, 1963 को राज्य का दर्जा दिया गया।
  • भारत सरकार और नगा पीपुल्स कन्वेंशन के बीच हुए समझौते के अनुसार नागालैंड राज्य के लिए विशेष उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 371क जोड़ा गया। यह उपबंध '13वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1962' के तहत जोड़ा गया।
  • 1 दिसंबर, 2025 को नागालैंड अपना 63वां स्थापना दिवस मना रहा है। कोहिमा में नागालैंड सचिवालय में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया।
  • नागालैंड राज्य दिवस समारोह-2025 के अवसर पर 26वां हॉर्नबिल फेस्टिवल नगा हैरिटेज गांव किसामा में 1 से 10 दिसंबर, 2025 तक हो रहा है।
  • वर्तमान यानी वर्ष 2025 में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेफियू रियो नागालैंड के मुख्यमंत्री हैं। वहीं राज्यपाल अजय कुमार भल्ला हैं।
  • इस पहाड़ी राज्य के पूर्व में म्यांमार देश, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम और दक्षिण में मणिपुर राज्य स्थित हैं।
  • नागालैंड की राजधानी कोहिमा है और इसे 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है।
  • नागालैंड ब्रह्मपुत्र घाटी और बर्मा के बीच, पहाड़ी इलाके की संकरी पट्टी में बसा हुआ है।
  • नागालैंड का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग किमी है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नागालैंड की जनसंख्या 19,78,502,  लिंगानुपात- 931/1000 पुरुष पर, साक्षरता दर- 79.6 प्रतिशत है।
  • नागालैंड गुवाहाटी उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में है। कोहिमा में न्यायालय की खंडपीठ है।
  • नागालैंड की प्रमुख भाषाएं आओ, चांग, अंगामी, लोथा, कोन्याक, सेमा, संगताम आदि हैं।
  • नागालैंड का राज्य पशु गौर और राज्य पक्षी ब्लाइथ्स ट्रापागोन है।
  • नागालैंड में बरेल एवं जाप्फू पर्वत हैं।
  • राज्य में झांजी, मेलक, दोयांग, दिखू, तीजू, धनसिरी नदियां प्रमुख हैं। यहां लेचाम झील है।
  • विधानसभा सदस्यों की संख्या 60 है। लोकसभा एवं राज्यसभा के लिए एक-एक सदस्य चुने जाते हैं।
  • कोहिमा में इंटाग्फी वन्य जीव अभयारण्य स्थित है।

इनर लाइन परमिट

  • भारतीय नागरिकों को नागालैंड में कहीं भी आने-जाने के लिए राज्य सरकार एक परमिट जारी करती है। इसे इनर लाइन परमिट कहा जाता है। सीमाओं पर चेकगेट बने हुए हैं, जहां परमिट दिखाकर ही प्रवेश पाया जा सकता है। हालांकि नागालैंड के दिमापुर शहर में जाने के लिए परमिट की आवश्कता नहीं पड़ती है।
  • यह इनर लाइन परमिट नागालैंड के अलावा मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश में भी लागू है।

1 दिसंबर 2025 : सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस

सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस

(Border Security Force Foundation Day)

आज का दिन : 1 दिसंबर 2025

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  • 1 दिसंबर, 1965 को सीमा सुरक्षा बल की स्थापना की गई थी। 
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले सीमा सुरक्षा बल की स्थापना पाकिस्तान-बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई थी। 
  • स्थापना के समय सीमा सुरक्षा बल में 25 बटालियन थीं, वहीं आज 192 बटालियन हैं। इनमें तीन एनडीआरएफी बटालियन भी शामिल हैं। वर्तमान में यह विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है।
  • बीएसएफ का यह 61वां स्थापना दिवस समारोह है। नई परंपरा के तहत बीएसएफ स्थापना दिवस राजधानी दिल्ली से बाहर मनाया जाता है। इस बार बीएसएफ स्थापना दिवस की मुख्य परेड गुजरात के भुज में आयोजित किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परेड की सलामी ली।
  • सीमा सुरक्षा बल का ध्येय वाक्य है 'जीवन पर्यन्त कर्तव्य' (Duty Unto Death)। सीमा सुरक्षा बल ने अपनी स्थापना से लेकर आज तक उसे सौंपी गई समस्त जिम्मेदारियों को उत्कृष्ट ढंग से निभाया है। 
  • सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित महसूस कराने में बीएसएफ  की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी/घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने में भी बीएसएफ हमेशा सतर्क रही है।
  • सीमा सुरक्षा बल के प्रथम महानिदेशक के एफ रुस्तमजी थे। रुस्तमजी आज तक देश के ऐसे अकेले पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया।
  • वर्तमान में यानी सन् 2025 में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी बीएसएफ के महानिदेशक हैं।

जय हिन्द

1 दिसंबर 2025 : विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस

(World AIDS Day)

आज का दिन : 1 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1988 से दुनिया भर में प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है।
  • विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ दूर करना है।
  • विश्व एड्स दिवस मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने अगस्त, 1987 में की थी। ये दोनों डब्ल्यूएचओ में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम के लिए अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे। जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल प्रोग्राम ऑन एड्स के डायरेक्टर जोनाथन मान के सामने विश्व एड्स दिवस मनाने का सुझाव रखा। जोनाथन ने इस पर मुहर लगाते हुए 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स डे मनाने के लिए चुना। तब से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है।
  • 1 दिसंबर, 2025 को एड्स दिवस का मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।

पहला मामला सन् 1981 में आया था सामने

  • एड्स का पूरा नाम 'एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' (Acquired Immune Deficiency Syndrome) है।
  • ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण से होने वाली इस बीमारी का पहला मामला सन् 1981 में सामने आया। इसे एड्स नाम 27 जुलाई, 1982 को दिया गया।
  • भारत में एड्स का पहला मामला सन् 1986 में सामने आया। इसके बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय एड्स समिति का गठन किया। 1992 में भारत का पहला राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1992-1999) शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) का गठन किया गया। प्रथम एनएसीपी (1992-1999) का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करना था।
  • इसके बाद इस खतरनाक बीमारी से देश को मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने द्वितीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1999-2006)और तृतीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) (2007-2012) चलाए हैं। इसके बाद चौथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2012 से 2017 तक चलाया गया।
  • सरकार ने चौथे चरण का विस्तार कर इसे 2021 तक बढ़ा दिया। वर्ष 2017 में एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम,  2017 को पारित किया गया। यह अधिनियम सितंबर 2018 में प्रभावी हुआ। यह अधिनियम एचआईवी-पॉजिटिव लोगों को समान अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकता है।
  • एनएसीपी का पांचवां चरण 2021-26 के लिए शुरू किया गया। इसका लक्ष्य 2025-26 तक वार्षिक मृत्यु दर में 80 प्रतिशत तक कमी लाना है।
  • भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट के अनुसार देश में 25 लाख से ज्यादा लोग एड्स से पीडि़त हैं। वर्ष भर में एचआईवी संक्रणों की संख्या 66,400 है, जो वर्ष 2010 से 44 प्रतिशत कम है। वैश्विक स्तर पर कमी दर 39 प्रतिशत है।

रेड रिबन एक्सप्रेस

  • रेड रिबन एक्सप्रेस कार्यक्रम के अंतर्गत 80 लाख लोग आते हैं। इसके अंतर्गत 81,000 निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को एचआईवी/एड्स के मुद्दों पर प्रशिक्षित किया गया ताकि वे गाँव-गाँव में जाकर लोगों को इस बारे में जागरूक कर सकें। इसके अलावा नेहरु युवा केंद्र संगठन एवं अन्य युवा संगठनों की मदद से स्कूल नहीं जा सकने वाले युवाओं को भी इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताया गया एवं उन्हें एड्स संबंधित जानकारियाँ दी गई। विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, प्राधिकृत सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायक नर्सों एवं पंचायती राज संस्था के सदस्यों को एचआईवी/एड्स संबंधित विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

एड्स के कारण

  • अनसेफ  सेक्स करने से।
  • संक्रमित खून चढ़ाने से।
  • एचआईवी पॉजिटिव महिला के बच्चे में।
  • एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार उपयोग करने से।
  • इन्फेक्टेड ब्लेड उपयोग करने से।

एचआईवी के लक्षण?

  • एचआईवी/एड्स होने पर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं- बुखार आना, पसीना आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना, उल्टी आना, गले में खराश रहना, दस्त होना, खांसी होना, सांस लेने में समस्या, शरीर पर चकत्ते होना, स्किन प्रॉब्लम आदि।

*विश्व एड्स दिवस-2025 का विषय/थीम*

Overcoming disruption, transforming the AIDS response