बुधवार, 20 नवंबर 2024

20 नवम्बर 2024 : विश्व बाल दिवस

विश्व बाल दिवस
World Children’s Day

आज का दिन : 20 नवम्बर 2024

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  • विश्व बाल दिवस प्रतिवर्ष 20 नवम्बर को मनाया जाता है।
  • सन् 1954 में विश्व बाल दिवस को पहली बार वैश्विक स्तर पर मनाया गया। 20 नवंबर, 1959 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों को अपनाया था। इसी उपलक्ष्य में यह दिन मनाया जाता है। साथ ही इस दिन का महत्व ये भी है कि इसी दिन 1989 में यूएन एसेंबली द्वारा बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाया गया। 
  • विश्व के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना इस दिवस को मनाने का मूल उद्देश्य है।
  • बाल अधिकारों के मुद्दे पर एकजुटता दिखाने के लिए यूनिसेफ की ओर से 19-20 नवंबर, 2022 को 'गो-ब्लू' अभियान की शुरूआत की गई थी। इसके तहत प्रसिद्ध इमारतों को नीले रंग की रोशनी से जगमग किया जाता है। 
  • भारत के राष्ट्रपति भवन सहित देश के ऐतिहासिक भवन और कई ग्रामीण इलाकों में सड़कों और मकानों को नीली रोशनी से जगमग किया गया था।
    भारत में भी सन् 1964 से पूर्व 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता था। 27 मई, 1964 को पं. जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद सर्वसम्मति से 14 नवंबर को देश में बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
  • देश में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस भी मनाया जाता है। पहली बार 26 दिसंबर, 2022 को यह दिवस मनाया गया था।

    *विश्व बाल दिवस 2024 का विषय/थीम*

    Listen to the future

मंगलवार, 19 नवंबर 2024

19 नवम्बर, 2024 : अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस

International Mens Day

आज का दिन : 19 नवम्बर, 2024

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  • प्रतिवर्ष 19 नवम्बर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस सन् 1999 से प्रतिवर्ष 19 नवम्बर को मनाया जा रहा है।
  • त्रिनिदाद एवं टोबेगो से अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। यह निजी एजेंसियों द्वारा मनाया जाने वाला दिवस है। आज यह दुनिया के 70 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है। 
  • अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुषों और लड़कों को अपने जीवन में पुरुष होने के मूल्यों, चरित्र और जिम्मेदारियों को सिखाने के लिए प्रोत्साहित करता है। 
  • सन् 1999 में त्रिनिदाद एवं टोबेगो स्थित वेस्टइंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के लेक्चरर डॉ. जीरोम तिलकसिंह  के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।
  • अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस को मनाने का उद्देश्य पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना तथा लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। इसके अलावा इसे समाज में पुरुषों द्वारा किये जा रहे त्याग व बलिदान की सराहना का दिवस भी माना जा सकता है।
  • भारत में सेव इंडिया फैमिली फाउंडेशन ने वर्ष 2007 से इस दिवस को मनाना शुरू किया।
  • देश में पुरुषों के लिए कार्यरत सेव इंडिया फैमिली फाउंडेशन के मुताबिक भारत में आत्महत्या के मामलों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से दोगुनी है।

*अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 2024 का विषय/थीम* 

Positive Male Role Models

19 नवम्बर 2024 : विश्व शौचालय दिवस

विश्व शौचालय दिवस

World Toilet Day

आज का दिन : 19 नवम्बर 2024

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  • विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) प्रतिवर्ष 19 नवम्बर को मनाया जाता है। 
  • विश्व शौचालय संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से यह दिवस मनाया जाता है।
  • वर्ष 2013 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस के रूप में नामित किया। संयुक्त राष्ट्र जल (UN Water) द्वारा सरकारी और निजी भागीदारों के सहयोग से यह दिवस कॉर्डिनेट किया जाता है।
  • विश्व शौचालय दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्वव्यापी स्वच्छता पर संकट की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना है, क्योंकि अभी भी पूरे विश्व में करोड़ों लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। साथ ही कोविड-19, हैजा और टाइफाइड जैसी घातक संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए भी सभी को स्वच्छ पानी और हैंडवाशिंग के साथ ही सभी को स्थायी स्वच्छता भी मिलनी आवश्यक है।
  • संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य-6 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता की व्यवस्था करना है।

जानने योग्य अन्य तथ्य

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की वर्ष 2023 में जारी विभिन्न रिपोर्ट्स से ये तथ्य सामने आए हैं-
  • 3.5 बिलियन लोग अभी भी सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता से वंचित हैं, इनमें 419 मिलियन लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
  • 2.2 बिलियन लोग अभी भी सुरक्षित रूप से स्वच्छ पेयजल को तरस रहे हैं, इनमें से 115 मिलियन लोग सतही जल पी रहे हैं।
  • असुरक्षित जल, स्वच्छता और सफाई व्यवस्था हर दिन पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 1000 बच्चों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार हैं।

स्वच्छ भारत मिशन

  • भारत सरकार ने देश में स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 02 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया।
  • भारत सरकार ने खुले में शौच से मुक्ति (Open Defecation Free--ODF) अभियान के तहत देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 60 महीने में 60 करोड़ से अधिक लोगों को शौचालय मुहैया कराने के लिए 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए थे। सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण को 2024-25 तक के लिए मंजूरी दे दी है। इसमें खुले में शौच से मुक्ति के बाद सार्वजनिक शौचालयों में बेहतर सुविधाओं (ओडीएफ प्लस) पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा जिसमें खुले में शौच मुक्त अभियान को जारी रखना और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) भी शामिल होगा। इस कार्यक्रम में यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया जायेगा कि एक व्यक्ति भी न छूटे और हर व्यक्ति शौचालय का इस्तेमाल करे।

*विश्व शौचालय दिवस 2024 का विषय/थीम* 

Toilets: A Place for Peace

रविवार, 17 नवंबर 2024

17 नवम्बर 2024 : राष्ट्रीय मिरगी दिवस

राष्ट्रीय मिरगी दिवस

(National Epilepsy Day)

आज का दिन : 17 नवम्बर 2024

  • राष्ट्रीय मिरगी दिवस या अपस्मार दिवस देश में प्रतिवर्ष 17 नवम्बर को मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय मिरगी दिवस मिरगी रोग के बारे में लोगों में जागरुकता उत्पन्न करने के लिए मनाया जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से प्रतिवर्ष फरवरी माह के दूसरे सोमवार को 'अंतरराष्ट्रीय मिरगी दिवस' मनाया जाता है।
  • मिरगी रोग से पीड़ित लोगों के समर्थन में बैंगनी रंग का उपयोग किया जाता है। इसका लोगो भी पर्पल कलर में है।
  • मिरगी मस्तिष्क का एक क्रोनिक रोग है, जिसे बराबर होने वाले दौरे या दौरा पडऩे से पहचाना जाता है। व्यक्ति को न्यूरॉन्स (मस्तिष्क की कोशिकाओं) में अचानक, असामान्य एवं अत्यधिक विद्युत का संचार होने के कारण दौरा पड़ता है तथा परिणामस्वरुप व्यक्ति मूर्छित हो जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है तथा इस रोग से पीडि़त हर उम्र के व्यक्ति की परेशानियाँ अलग-अलग हो सकती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार दुनिया में लगभग पचास लाख लोग मिरगी के रोग से ग्रसित हैं। इन मरीजों का अस्सी प्रतिशत विकासशील देशों में है।
  • मिरगी को उपचारित किया जा सकता है, अभी तक विकासशील देशों में प्रभावित लोगों में से तीन-चौथाई लोगों को आवश्यक उपचार प्राप्त नहीं हुआ है। भारत में लगभग दस लाख लोग मिरगी के दौरे से पीडि़त है।

मिरगी रोग के लक्षण

  • अचानक लडखड़़ाना/फड़कन (हाथ-पांव में अनियंत्रित झटके आना)।
  • बेहोशी आना।
  • हाथ या पैर में सनसनी (पिन या सुई चुभने का अहसास होना) महसूस होना।
  • हाथ व पैरों या चेहरे की मांसपेशियों में जकडऩ।

मिरगी रोग के कारण

  • मस्तिष्क की क्षति जैसे कि जन्मपूर्व एवं प्रसवकालीन चोट।
  • जन्मजात असामान्यता।
  • मस्तिष्क में संक्रमण।
  • स्ट्रोक एवं ब्रेन ट्यूमर।
  • सिर में चोट/दुर्घटना।
  • बचपन के दौरान लंबे समय तक तेज बुखार से पीडि़त होना।

मिरगी रोग से पीडि़त हो तो क्या करें

  • घबराएँ नहीं।
  • पीडि़त व्यक्ति को दौरे के दौरान नियंत्रित करने की कोशिश न करें।
  • पीडि़त व्यक्ति के आसपास से तेज वस्तुओं या अन्य हानिकारक पदार्थों को दूर रखें।
  • यदि पीडि़त व्यक्ति ने गर्दन कसकर रखने वाले कपड़े पहन रखें है, तो उन कपड़ों को तुरंत ढीला करें।
  • पीडि़त व्यक्ति को एक ओर मोड़कर लिटाएं, ताकि पीडि़त व्यक्ति के मुंह से निकलने वाला किसी भी तरह का तरल पदार्थ सुरक्षित रूप से बाहर आ सकें।
  • पीडि़त व्यक्ति के सिर के नीचे कुछ आरामदायक वस्तुएं रखें।
  • पीडि़त व्यक्ति की जीभ बाहर निगलने के डर से उसके मुंह में कुछ न डालें।
  • जब तक चिकित्सा सहायता प्राप्त न हों, तब तक पीडि़त व्यक्ति के साथ रहें।

पीडि़त व्यक्ति को आराम करने या सोने दें।

  • दवाओं से हो सकता है उपचार
  • मिरगी को अधिकांशत: दवाओं से उपचारित किया जाता है। मिरगी के बारे में यह तथ्य महत्वपूर्ण है, कि मिरगी के उपचार में देर नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति के मिरगी से पीडि़त होने के बारे में जैसे ही जानकारी प्राप्त हों, वैसे ही तुरंत मिरगी का उपचार शुरू कर देना चाहिए। जल्द उपचार आगे बिगड़ती स्थिति को रोकता है।

शनिवार, 16 नवंबर 2024

16 नवंबर 2024 : राष्ट्रीय प्रेस दिवस

राष्ट्रीय प्रेस दिवस

(National Press Day)

आज का दिन : 16 नवंबर, 2024

  • देश में प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है।
  • आज ही के दिन सन् 1966 में भारतीय प्रेस परिषद् (Press Council of India) ने विधिवत कार्य शुरू किया था, तभी से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय प्रेस दिवस को मनाने का उद्देश्य पत्रकारों को सशक्त बनाना है। यह दिन भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की उपस्थिति को बताता है।
  • प्रथम प्रेस आयोग ने देश में प्रेस परिषद की स्थापना का सुझाव दिया था। इसी के परिणामस्वरूप 4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना की गई और 16 नवंबर, 1966 से इसने कार्य शुरू किया।
  • भारत में प्रेस को वाचडॉग कहा गया है, वहीं भारतीय प्रेस परिषद को मोरल वॉचडॉग की संज्ञा दी गई है।
  • 1 जनवरी 1976 को आन्तरिक आपातकाल के समय प्रेस परिषद् को भंग कर दिया गया। इसके बाद देश में सन् 1978 में नया प्रेस परिषद अधिनियम लागू हुआ और सन् 1979 में नए सिरे से प्रेस परिषद की स्थापना की गई।
  • प्रेस परिषद, प्रेस से प्राप्त या प्रेस के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर विचार करती है। परिषद को सरकार सहित किसी समाचारपत्र, समाचार एजेंसी, सम्पादक या पत्रकार को चेतावनी दे सकती है या भर्त्सना कर सकती है या निंदा कर सकती है या किसी सम्पादक या पत्रकार के आचरण को गलत ठहरा सकती है।
  • प्रेस परिषद के निर्णय को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
  • भारतीय प्रेस परिषद के प्रमुख इसके अध्यक्ष हैं। यह परिपाटी चली आ रही है कि अध्यक्ष पद सामान्यत: उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज संभालते हैं। प्रथम अध्यक्ष न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.आर. मधोलकर थे। वे 16 नवंबर, 1966 से 1 मार्च 1968 तक इस पद पर रहे। वर्तमान में यानी सन् 2024 में भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष हैं- न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई।
  • परिषद् में 28 अन्य सदस्य हैं जिनमें से 20 प्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा मान्यता प्राप्त प्रेस संगठनों/समाचार एजेंसियों द्वारा नामित किये जाते हैं और श्रेणियों, जैसे: सम्पादकों, श्रमिक पत्रकारों तथा समाचारपत्रों व समाचार एजेंसियों के स्वामियों तथा प्रबंधकों के अखिल भारतीय निकायों के रूप में परिषद् द्वारा अधिसूचित किये जाते हैं।
  • इसके अलावा 5 सदस्य संसद के दोनों सदनों द्वारा नामित किये जाते हैं तथा तीन सदस्य साहित्य अकादमी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा भारतीय विधिज्ञ परिषद् के नामित के रूप में सांस्कृतिक, साहित्ययिक व विधिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह सदस्य परिषद् को तीन वर्ष की सेवावधि तक सेवा प्रदान करते हैं। सेवानिवृत होने वाला सदस्य एक सेवावधि से ज्यादा के लिए पुन:नामित नहीं किया जा सकता।


शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

15 नवंबर 2024 : जनजातीय गौरव दिवस

जनजातीय गौरव दिवस

Janjatiya Gaurav Diwas

आज का दिन : 15 नवंबर 2024

  • देश में प्रतिवर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।
  • 15 नवंबर, 2021 को पहली बार 'जनजातीय गौरव दिवस' मनाया गया।
  • भारत सरकार ने 10 नवंबर, 2021 को अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
  • 15 नवंबर, 1875 में झारखंड के रांची में आदिवासी नेता और लोकनायक बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। बिरसा मुंडा 19वीं सदी में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे।
  • बिरसा मुंडा को रांची और सिंहभूमि के आदिवासी 'बिरसा भगवान' का दर्जा देते हैं।
  • 15 नवंबर, 2024 को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती है। इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का मुख्य समारोह बिहार के जमुई स्थित बल्लोपुर गांव में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीे इस अवसर पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण करेंगे। इसके साथ ही पूरे वर्ष मनाए जाने वाले 150वें जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत हो जाएगी।

भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय

  • प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से झारखंड की राजधानी रांची में 'भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय' का उद्घाटन किया था। यह संग्रहालय रांची के पुराने केंद्रीय कारावास में बनाया गया है, जहां भगवान बिरसा मुंडा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। संग्रहालय जनजातीय संस्कृति एवं इतिहास को संरक्षित और बढ़ावा देगा। इस संग्रहालय में भगवान बिरसा मुंडा के साथ अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी जानकारी प्रदर्शित की गई है। 25 एकड़ में फैले इस संग्रहालय में भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई है।

15 नवंबर 2024 : झारखंड स्थापना दिवस

झारखंड स्थापना दिवस

Jharkhand Foundation Day

आज का दिन : 15 नवंबर 2024

jharkhand-rajya-sthapna-diwas
  • 15 नवंबर को झारखंड राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • झारखंड 15 नवंबर, 2000 को राज्य बनाया गया। इस राज्य का गठन दक्षिण बिहार के 18 जिलों को मिलाकर किया गया। इसके साथ ही झारखंड देश का 28वां राज्य बना था।
  • 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती होने कारण ही झारखंड की स्थापना के लिए यह दिन चुना गया।
  • लोकसभा ने झारखंड को राज्य बनाने संबंधी विधेयक को 2 अगस्त, 2000 को तथा राज्यसभा ने 11 अगस्त, 2000 को मंजूरी दी।
  • बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री थे।
  • 15 नवंबर, 1875 में झारखंड के रांची में आदिवासी नेता और लोकनायक बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। बिरसा मुंडा 19वीं सदी में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे।
  • बिरसा मुंडा को रांची और सिंहभूमि के आदिवासी 'बिरसा भगवान' का दर्जा देते हैं।

झारखंड राज्य से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • झारखंड की राजधानी रांची है।
  • झारखंड का क्षेत्रफल- 79,714 वर्ग किलोमीटर है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य की जनसंख्या- 3,29,88,134 है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य लिंगानुपात- 949/1000 है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य की साक्षरता दर- 66.4 प्रतिशत है। इसमें पुरुष साक्षरता 76.8 और महिला साक्षरता का 55.4 प्रतिशत है।
  • झारखंड राज्य की मुख्य भाषाएं- हिन्दी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी है।
  • झारखंड राज्य 210 51'10'' से 250 19'15'' उत्तरी अक्षांश एवं 830 20'50'' से 880 4'40'' पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है।
  • झारखंड राज्य पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, उत्तर में बिहार एवं दक्षिण में ओडिशा से घिरा हुआ है। 
  • उत्तरी कोयल, दक्षिणी कोयल, फल्गु, सकरी, पंचाने, दामोदर, स्वर्ण रेखा, बराकर झारखंड राज्य की प्रमुख नदियां हैं। 
  • हजारीबाग नेशनल पार्क (हजारीबाग), तोपचांपी अभ्यारण्य (धनबाद), डोल्मा वन्य जीव अभयारण्य (सिंहभूमि) और मदुआडार वन्य जीव अभयारण्य (पलामू) झारखंड के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य हैं।
  • झारखंड के लोग बसंत ऋतु में सरहूल त्योहार मनाते है। जिसमें वे अपने देवता की पूजा करते हैं।  अन्य प्रमुख त्योहारों में करमा, सोहराइ, बडना, टूसू आदि प्रमुख है। यहां क्रिसमस, होली, बसंत पंचमी, दिवाली, दशहरा आदि त्योहार भी मनाए जाते हैं।
  • छत्रा मेला झारखंड का प्रमुख पशु मेला है, जिसमें बड़ी संख्या में पशुओं की खरीद और बिक्री होती है।

गुरुवार, 14 नवंबर 2024

14 नवंबर 2024 : विश्व मधुमेह दिवस

विश्व मधुमेह दिवस

World Diabetes Day

आज का दिन : 14 नवंबर 2024

  • वर्ष 1991 से प्रतिवर्ष विश्व मधुमेह दिवस मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ ने संयुक्त रूप से इस दिवस को मनाने का निर्णय किया था।
  • इंसुलिन की खोज करने वाले फ्रेडरिक बैटिंग की जयंती 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। इंसुलिन की खोज फ्रेडरिक बैटिंग एवं चार्ल्स बेस्ट ने की थी। इस कार्य हेतु इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • विश्व मधुमेह दिवस को मनाने का उद्देश्य खतरनाक ढंग से फैलती जा रही डायबिटीज जैसी बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
  • 20 दिसंबर 2006 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प पारित करके मधुमेह को स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सूची में शामिल किया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसका प्रतीक चिह्न नीला छल्ला चुना गया है और इस प्रतीक चिह्न का सूत्र वाक्य है- मधुमेह के लिए एकजुटता।
  • संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार जहां 1980 में मधुमेह से पीडि़त लोगों की संख्या 108 मिलियन थी, वहीं 2014 में यह आंकड़ा 422 मिलियन पर पहुंच गया।
  • अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ के अनुसार वर्तमान में डायबिटीज से लगभग 425 मिलियन लोग पीडि़त हैं।  हर 2 डायबिटीज ग्रस्त मरीजों में से एक को इस बीमारी का पता ही नहीं है। इसके अलावा हर 10 में से 1 व्यक्ति को डायबिटीज है।
  • नेशनल हैल्थ पोर्टल के अनुसार वर्ष 2015 में भारत में मधुमेह के 69.1 मिलियन मामले थे। यानी वयस्क जनसंख्या का 8.7 प्रतिशत डायबिटिक था। वर्तमान में 2040 तक कुल जनसंख्या का 313 मिलियन मधुमेह से पीडि़त होने की आशंका है।

*विश्व मधुमेह दिवस 2024-26 का विषय/थीम*

Diabetes and well-being

*संयुक्त राष्ट्र की ओर से यह त्रिवर्षीय थीम तय की गई है।

14 नवंबर 2024 : बाल दिवस

बाल दिवस

(Children's Day)

आज का दिन : 14 नवंबर 2024

baal-diwas-kaise-manaya-jata-hai
  • भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर पर देश में प्रतिवर्ष बाल दिवस मनाया जाता है।
  • पं. नेहरू को 'चाचा नेहरू' भी कहा जाता है। इसका मुख्य कारण उनका बच्चों के प्रति असीम प्रेम था। वैसे भी बच्चों के लिए चाचा सबसे प्यारा होता है।
  • देश के बाल-गोपालों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिवर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।
  • देश में बाल दिवस पर स्कूलों में प्रश्नोतरी, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता और बच्चों की कला प्रदर्शनियां जैसे कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • पं. जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ।  अंग्रेजों से स्वतंत्रता के पश्चात् वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने। वे इस पद पर मृत्यु पर्यन्त रहे। उनका निधन 27 मई, 1964 को हुआ।
  • भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय (पूर्व में मानव संसाधन मंत्रालय) द्वारा राष्ट्रीय बाल भवन का संचालन किया जाता है, यह एक स्वायत्तशासी संस्था है। इसकी प्रथम अध्यक्ष इंदिरा गांधी थीं। वर्तमान यानी वर्ष 2024 में राष्ट्रीय बाल भवन के अध्यक्ष विपिन कुमार हैं। दिल्ली के तुर्कमान गेट से शुरु हुआ बाल भवन का सफर आज 100 से अधिक जिलों में फैल गया है।

विश्व बाल दिवस

  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व बाल दिवस मनाने के लिए 20 नवंबर का दिन तय किया है। 
  • विश्व बाल दिवस की पृष्ठभूमि सन् 1925 में बाल कल्याण पर हुई विश्व कांफ्रेंस में तैयार हुई, जिसमें बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। सन् 1954 से प्रतिवर्ष यह दिवस 20 नवंबर को मनाया जा रहा है। वैसे अलग-अलग देशों में बाल दिवस अलग-अलग दिन मनाया जाता है।
  • भारत में भी सन् 1964 से पूर्व 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता था। 27 मई, 1964 को पं. जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद सर्वसम्मति से 14 नवंबर को देश में बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

मंगलवार, 12 नवंबर 2024

12 नवंबर 2024 : राष्ट्रीय पक्षी दिवस

राष्ट्रीय पक्षी दिवस

National Bird Day

आज का दिन : 12 नवंबर 2024

  • राष्ट्रीय पक्षी दिवस प्रतिवर्ष 12 नवंबर को मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय पक्षी दिवस विश्व प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ डॉ. सालिम (सलीम) अली की जयंती 12 नवंबर को मनाया जाता है। देश में 'पक्षी मानव' के नाम से प्रसिद्ध डॉ. सलीम का जन्म 12 नवंबर, 1896 में हुआ था। 
  • हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर है।
  • भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1963 को मोर को देश का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया था।
  • राष्ट्रीय पक्षी मोर को भारतीय वन्य-जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पूर्ण संरक्षण प्राप्त है। हमारे पड़ोसी देशों म्यांमार और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी भी मोर ही है।
  • वैश्विक स्तर पर पक्षियों संबंधी 'विश्व प्रवासी पक्षी दिवस' मनाया जाता है। यह दिवस वर्ष में दो बार मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है।

सुंदर पक्षी है मोर

  • मोर का वैज्ञानिक नाम Pavo Cristatus (पावो क्रिस्टेटस) है। मोर एक रंगीन, हंस के आकार का, पंखों की कलगी, आँख के नीचे सफेद धब्बा और लंबी पतली गर्दन वाला पक्षी है। इस प्रजाति का नर मादा से अधिक रंगीन होता है जिसका चमकीला नीला सीना और गर्दन होती है और अति मनमोहक कांस्य हरा लगभग 200 लम्बे पंखों का गुच्छा होता है। मादा भूरे रंग की होती है, नर से थोड़ा छोटा और इसमें पंखों का गुच्छा नहीं होता है। नर का दरबारी नाच पंखों को घुमाना और पंखों को संवारना सुंदर दृश्य होता है।

पक्षी मानव : डॉ. सालिम (सलीम) अली

  • डॉ. सालिम (सलीम) अली की जयंती 12 नवंबर को ही प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाता है।
  • डॉ. सलीम अली का पूरा नाम डॉ. सलीम मोइजुद्दीन अब्दुल अली है। उनका जन्म 12 नवंबर, 1896 को  और निधन 27 जुलाई, 1987 को हुआ।
  • डॉ. अली ने पक्षियों से संबंधित अनेक पुस्तकें लिखीं, जिनमें 'बर्ड्स ऑफ इंडिया' मुख्य है।
  • डॉ. सलीम अली को वर्ष 1958 में पद्मभूषण तथा 1976 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।
  • भारतीय डाक विभाग ने इनकी स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया है।
  • डॉ. सलीम अली को वर्ष 1985 में राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया गया।
  • डॉ. अली को सम्मान देने के लिए उनके नाम पर कोयम्बटूर के निकट 'अनाइकट्टी' में 'सलीम अली पक्षी विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास केन्द्र' स्थापित किया गया है।
  • 1985 में डॉ. सालिम अली ने अपनी आत्मकथा लिखी जिसका शीर्षक 'द फॉल ऑफ स्पैरो' है।

लोक सेवा प्रसारण दिवस

(Public Service Broadcasting Day)

  • देश में प्रतिवर्ष 12 नवंबर को ही लोक सेवा प्रसारण दिवस मनाया जाता है। 12 नवंबर, 1947 को महात्मा गांधी के नई दिल्ली आकाशवाणी स्टूडियो में आने की स्मृति में मनाया जाता है। महात्मा गांधी का यह संबोधन हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के लिए था। एक प्रकार से महात्मा गांधी ने लिखने और बोलने के अलावा तीसरे माध्यम का उपयोग किया था, इसीलिए इस दिवस को मनाया जाता है।

सोमवार, 11 नवंबर 2024

11 नवम्बर 2024 : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

(National Education Day)

आज का दिन : 11 नवम्बर 2024

  • प्रतिवर्ष 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
  • देश में पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस सन् 2008 में मनाया गया।
  • राष्ट्रीय शिक्षा दिवस स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती 11 नवंबर को मनाया जाता है।
  • 11 नवम्बर, 1888 ई. में अबुल कलाम का जन्म सऊदी अरब के मक्का में हुआ था। स्वतंत्र भारत में शिक्षा की नींव को सुदृढ़ बनाने में उनके योगदान को देखते हुए देश भर में 11 नवम्बर को उनकी जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 24 जनवरी को 'अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस' मनाया जाता है।
  • अबुल कलाम आजाद महान स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध शिक्षाविद् थे। भारत सरकार ने उन्हें सन् 1992 में मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया। वे 11 वर्षों तक राष्ट्र की शिक्षा नीति के अगुवा रहे।
  • अबुल कलाम आजाद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.टी.आई.) और 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग' की स्थापना की।
  • स्वतंत्रता के बाद शिक्षा और संस्कृति को विकसित करने के लिए संगीत नाटक अकादमी (1953), साहित्य अकादमी (1954) और ललितकला अकादमी (1954) की स्थापना में भी अबुल कलाम आजाद का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
  • 1 अप्रेल, 2010 को देश में 'अनिवार्य व नि:शुल्क प्राथमिक शिक्षा अधिकार का कानून-2009' लागू किया गया। इसके तहत  6 से 14 वर्ष की उम्र वाले बच्चों के लिए कक्षा 1 से 8वीं की शिक्षा नि:शुल्क व अनिवार्य की गई।
  • हाल ही में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की घोषणा की गई है। इसमें भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। इसके पहले सन् 1986 में आखिरी बार शिक्षा नीति लागू की गई थी।

भारत सरकार की ओर से देश में शिक्षा के क्षेत्र में चल रही विभिन्न योजनाएं और पहल

  • पीएम श्री : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 सितंबर 2022 को पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना को मंजूरी दी। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के घटकों को प्रदर्शित करते हुए पूरे भारत में 14,500 से अधिक स्कूलों को मजबूत करना है।
  • समग्र शिक्षा : 1 अप्रैल 2021 को शुरू की गई यह योजना 31 मार्च, 2026 को समाप्त होगी। यह विभिन्न छात्र समूहों में सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने और शैक्षणिक क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।
  • उल्लास : इसे नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम-एनआईएलपी) के रूप में भी जाना जाता है। उल्लास को वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि के लिए शुरू किया गया था।
  • निपुण भारत : 5 जुलाई 2021 को समझ के साथ पढ़ने और अंकगणित में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल 'निपुण भारत' शुरू की गई थी।
  • विद्या प्रवेश : ग्रेड-I के बच्चों के लिए तीन महीने के खेल-आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल के लिए विद्या प्रवेश दिशानिर्देश 29 जुलाई 2021 को जारी किए गए थे।
  • विद्यांजलि: 7 सितंबर 2021 को शुरू किए गए स्कूल स्वयंसेवक प्रबंधन कार्यक्रम 'विद्यांजलि' का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।
  • दीक्षा: 5 सितंबर 2017 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू द्वारा 5 सितंबर 2017 को दीक्षा का शुभारंभ किया गया था। इस मंच का उद्देश्य शिक्षा में नवीन समाधानों और प्रयोगों में तेजी लाकर शिक्षक प्रशिक्षण और व्यावसायिक विकास को बढ़ाना है।
  • स्वयं प्लस: 27 फरवरी 2024 को शुरू 'स्वयं प्लस' पहल उच्च शिक्षा में क्रांति लाने और उद्योग-प्रासंगिक पाठ्यक्रमों के लिए एक अभिनव क्रेडिट मान्यता प्रणाली को लागू करके कौशल विकास, रोजगार क्षमता और मजबूत उद्योग साझेदारी बनाने पर जोर देकर रोजगार क्षमता में सुधार करना चाहती है।
  • निष्ठा: 21 अगस्त 2019 को शुरू की गई निष्ठा (स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) का उद्देश्य प्राथमिक शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के व्यावसायिक विकास को बढ़ाना है।
  • एनआईआरएफ रैंकिंग: 29 सितंबर 2015 को शुरू की गई राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों का मूल्यांकन और रैंकिंग की जाती है।
  • पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना: पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना भारत भर के शीर्ष 860 संस्थानों में प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए शिक्षा ऋण प्रदान करती है, जिससे हर साल 22 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित होते हैं।

एआईएसएचई रिपोर्ट 2021-22

  • भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने जनवरी 2024 में उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2021-2022 जारी किया। इसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकन में वृद्धि दर्ज की गई है। महिला नामांकन 2014-15 में 1.57 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 2.07 करोड़ हो गए। 2021-22 में लिंग समानता सूचकांक (जीपीआई) 1.01 तक पहुंच गया, जो पुरुषों की तुलना में उच्च शिक्षा में अधिक महिला छात्रों के नामांकन की निरंतर प्रवृत्ति को उजागर करता है।



रविवार, 10 नवंबर 2024

10 नवंबर 2024 : शांति एवं विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस

शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस

(World Science Day for Peace and Development)

आज का दिन : 10 नवंबर 2024

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शांति एवं विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस-2024 थीम
Youth at the forefront

  • प्रतिवर्ष 10 नवंबर को यूनेस्को की ओर से 'शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस' मनाया जाता है। बोलचाल में इसे विश्व विज्ञान दिवस भी कहा जाता है।
  • पहली बार 10 नवंबर, 2002 को 'शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस' मनाया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और इंटरनेशनल काउंसिल फॉर साइंस की ओर से 1999 में बुडापेस्ट में आयोजित विश्व विज्ञान सम्मेलन में इस दिवस को मनाने का विचार सामने आया और यूनेस्को ने 2001 में इसे मनाने का निर्णय लिया।
  • विश्व विज्ञान दिवस को मनाने का उद्देश्य हमारे समाज और जीवन में विज्ञान के महत्व को प्रदर्शित करना है। 
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2024-2033 के दशक को International Decade of Sciences for Sustainable Development (सतत विकास के लिए विज्ञान का अंतरराष्ट्रीय दशक) के रूप में मनाया जा रहा है। विश्व विज्ञान दिवस-2024 भी इसी दशक के तहत मनाया जा रहा है। यह युवाओं को प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों से विज्ञान के बारे में और अधिक जानने का अवसर प्रदान करेगा।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2022 को International Year of Basic Sciences for Sustainable Development के रूप में मनाया गया था। इसे मनाने का संकल्प संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 दिसंबर, 2021 को पारित किया था।
  • यूनेस्को की ओर से पेरिस स्थित मुख्यालय में 12 नवंबर, 2024 को Why Science Matters - Engaging Minds and Empowering Futures विषय पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।
  • यूनेस्को की ओर से विज्ञान का महत्व बताने वाली त्रैमासिक पत्रिका 'अ वर्ल्ड ऑफ साइंसट का प्रकाशन भी किया जाता है।
  • हमारे देश में रमन प्रभाव और प्रो. सी.वी. रमन की उपलब्धियों की स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए सन् 1986 से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' मनाया जा रहा है।

*शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस-2024 का विषय/थीम*

Youth at the forefront



शनिवार, 9 नवंबर 2024

9 नवंबर 2024 : उत्तराखंड स्थापना दिवस

 आज का दिन : 9 नवंबर 2024

उत्तराखंड स्थापना दिवस

(Uttarakhand Foundation Day)

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  • प्रतिवर्ष 9 नवंबर को उत्तराखंड का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र और हिमालय पर्वत शृंखला के एक हिस्से के कई जिलों को मिलाकर हुआ था।
  • गठन की शुरुआत में इसका नाम उत्तरांचल था, बाद में वर्ष 2007 में औपचारिक रूप से उत्तराखंड नाम रखा गया।
  • देवभूमि यानी देवताओं की भूमि के रूप में प्रसिद्ध उत्तराखंड की दो राजधानियां हैं-देहरादून (शीतकालीन) व गैरसैंण (ग्रीष्मकालीन)।
  • उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस-2024 का मुख्य कार्यक्रम 9 नवंबर को पुलिस लाइन देहरादून में हुआ। इसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया। राज्यपाल ने रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।
  • राज्य स्थापना दिवस पर 'उत्तराखंड गौरव सम्मान-2024' से 5 हस्तियों को सम्मानित किया गया। यह सम्मान  चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, लोक गायक प्रीतम भर्तवाण, समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक गुरु माता मंगला, अभिनेता हेमंत पांडेय और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. महेश कुडिय़ाल को दिया गया।

उत्तराखंड संबंधी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

उत्तराखंड देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। इस पहाड़ी राज्य की आकृति आयताकार है। इसके बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है-

  • क्षेत्रफल- 53,483 वर्ग किमी.
  • राजकीय भाषा- हिंदी, संस्कृत
  • अंतरराष्ट्रीय पड़ोसी- उत्तर में तिब्बत (चीन) और पूर्व में नेपाल
  • राज्य पड़ोसी- उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश
  • राज्य पशु- कस्तूरी मृग
  • राज्य पक्षी- मोनाल (हिमालय का मोर)
  • राज्य वृक्ष- बुरांश
  • राज्य पुष्प- ब्रह्म कमल
  • लोकसभा सीटें- 5
  • राज्यसभा सीटें- 3




बुधवार, 6 नवंबर 2024

6 नवंबर 2024 : युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस

युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस

International Day for Preventing the Exploitation of the Environment in War and Armed Conflict

आज का दिन : 6 नवंबर 2024

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  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 6 नवंबर को 'युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस' मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 नवंबर, 2001 को इस दिवस को मनाने का संकल्प पारित किया था। यानी पहला 'युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस' वर्ष 2001 में मनाया गया।
  • वैसे तो संयुक्त राष्ट्र की ओर से पर्यावरण संबंधी अनेक दिवस मनाए जाते हैं, लेकिन यह दिवस पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उस प्रमुख कारण की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है, जिसे हम चाहकर भी नहीं रोक पाते हैं।
  • युद्ध...संघर्ष में जब दो पक्ष किसी की न सुनते हुए लडऩे पर आमादा हो जाते हैं, तो मानवता के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान होता है। हम मानवता को हुए नुकसान को तो गिन लेते हैं, लेकिन पर्यावरण की हानि की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता।
  • दो पक्षों या देशों के बीच संघर्ष के दौरान जंगल को जलाना, पानी को दूषित करना, फसलों को जलाना, जानवरों को मारना आदि पर्यावरण को बिगाडऩे वाले काम बहुतायत से होते हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार पिछले 60 वर्षों के दौरान हुए संघर्षों में से 40 प्रतिशत ने पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सशस्त्र संघर्ष से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए 27 मई, 2016 को एक प्रस्ताव पारित किया था।
  • लड़ाई के दौरान पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति जागरुकता के लिए संयुक्त राष्ट्र की यूएनईपी, यूएनडीपी सहित छह एजेंसियों और यूरोपीय यूनियन ने समझौता किया है। इस समझौते के तहत जिन देशों में संघर्ष के कारण नुकसान हुआ है, उनकी पहचान कर उन्हें सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।

मंगलवार, 5 नवंबर 2024

5 नवंबर 2024 : विश्व सुनामी जागरूकता दिवस

आज का दिन : 5 नवंबर, 2024

विश्व सुनामी जागरूकता दिवस

(World Tsunami Awareness Day)

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  • प्रतिवर्ष 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जापान की पहल पर दिसंबर, 2015 में 5 नंवबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस घोषित किया।
  • आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनडीआरआर) की ओर से यह दिवस मनाया जाता है। यूएनडीआरआर का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है और वर्तमान में इसके प्रमुख शीर्ष भारतीय अधिकारी कमल किशोर हैं। वे आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस के विशेष प्रतिनिधि भी हैं।
  • वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी 21वीं सदी की पहली वैश्विक आपदा थी। यह हाल के मानव इतिहास की सबसे घातक आपदाओं में से एक है। इस सुनामी के कहर को झेलने के बाद सुनामी की पूर्व चेतावनी प्रणाली का तीव्र गति से विकास किया गया, जिससे हिंद महासागर के आसपास के 27 देशों को लाभ हुआ।
  • यूएनडीआरआर के अनुसार पिछले 100 वर्षों में अब तक 58 से ज्यादा बार सुनामी की घटनाएं हो चुकी हैं, इनमें 2,60,000 ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा जनहानि दिसंबर, 2004 में आई सुनामी में हुई थीं। इसमें लगभग 2,30,000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। लगभग 14 देश इससे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए थे।
  • 2004 की सुनामी के कुछ ही दिन बाद जापान के ह्योगो क्षेत्र के कोबे में दुनिया के देश एकत्रित हुए और 10 वर्षीय ह्योगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन को अपनाया। यह आपका जोखिम न्यूनीकरण पर पहला व्यापक वैश्विक समझौता था। ह्योगो में ही हिंद महासागर सुनामी चेतावनी और न्यूनीकरण प्रणाली भी बनाई गई। इस प्रणाली के तहत दर्जनों भूकंपीय और समुद्र-स्तर निगरानी स्टेशन हैं जो विभिन्न देशों के सुनामी सूचना केंद्रों को चेतावनी प्रसारित करता है।
  • दुनिया में आपदाओं को रोकने और उनका प्रभाव कम करने के लिए मार्च 2015 में 15 वर्ष के लिए लागू 'आपदा जोखिम न्यूनीकरण 2015-2030 के लिए सेंदाई फ्रेमवर्क' में भी सुनामी को शामिल किया गया।

भारत में सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली

  • 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद भारत सरकार ने प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया। इस परियोजना की जिम्मेदारी हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र को सौंपी गई।
  • भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली का नेटवक बहुत बड़ा है। इसमें भूकंपीय स्टेशन, बॉटम प्रेशर रिकॉर्डर, ज्वार मापक और 24 घंटे चलने वाले सुनामी चेतावनी केंद्रों शामिल हैं। ये सभी सुनामी उत्पन्न करने वाले भूकंपों का पता लगाने के साथ ही लोगों को जागरुक करने का काम करते हैं, जिससे आने वाली सुनामी से जान-माल की अधिकतम रक्षा की जा सके।
  • वर्तमान में भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्यरत है।

क्या है सुनामी

  • सामान्य शब्दों में कहें तो सुनामी समुद्र में भूकंप आने या अन्य गड़बडिय़ों की वजह से विशाल लहरों की एक शृंखला है, जो तटीय इलाकों में कहर बरपाती है।
  • सुनामी शब्द जापनी शब्दों 'त्सु' (बंदरगाह) और 'नामी' (लहर) से मिलकर बना है।
  • समुद्र में या उसके पास भूकंप सुनामी का मुख्य कारण है। भूकंप की तीव्रता भी रिक्टर पैमाने पर कम से कम 6.5 होनी चाहिए।
  • इसके अलावा भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट, समुद्र में क्षुद्रग्रह, उल्का आदि के गिरने से भी सुनामी आ सकती है।
  • सुनामी में लहरें पानी की दीवारों की तरह दिखती हैं और तटरेखा पर हमला करती हैं। ये लहरें हर 5 से 60 मिनट में आती हैं।
  • सुनामी के दौरान पहली लहर शायद सबसे बड़ी न हो, लेकिन दूसरी, तीसरी, चौथी या उससे भी बाद की लहरें बहुत बड़ी होती हैं।


*विश्व सुनामी जागरूकता दिवस-2024 का विषय/थीम*

Empowering the next generation with the lessons of the 2004 Indian Ocean Tsunami