शनिवार, 5 जुलाई 2025

जुलाई का प्रथम शनिवार : अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस

(International Day of Cooperatives)

आज का दिन : जुलाई का प्रथम शनिवार
 

Cooperatives: Driving Inclusive and Sustainable Solutions for a Better World

  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष जुलाई माह के प्रथम शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जाता है।
  • जुलाई, 2025 में पहला शनिवार 5 जुलाई को है। इसलिए इस दिन अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जा रहा है।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सहकारिता के प्रति लोगों को जागरूक करना और सहकारी समितियों की ओर से किए जा रहे कार्य के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना है।
  • अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (International Cooperative Alliance) ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस 1923 में मनाया। सन् 1995 में इसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रथम बार मनाया गया। तब से यह दिवस आईसीए और संयुक्त राष्ट्र की ओर से संयुक्त रूप से मनाया जाता है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह दिवस मनाने संबंधी प्रस्ताव 16 दिसंबर, 1992 को ही पारित कर दिया था।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2025 को 'अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष' घोषित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह संकल्प 19 जून, 2024 को अपनाया। वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाने का प्रस्ताव मंगोलिया ने प्रस्तुत किया था।
  • इससे पहले वर्ष 2012 को 'अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष' के रूप में मनाया गया था। इस वर्ष का विषय था- 'सहकारिता उद्यम बेहतर संसार का निर्माण करते हैं'।
  • 103वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 5 जुलाई, 2025 को गुजरात के आणंद में देश के पहले राष्ट्रीय स्तर के सहकारी विश्वविद्यालय 'त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय' का भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए पेशेवर औप प्रशिक्षित श्रमबल तैयार करना है।
  • वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों ने सतत विकास के लिए 2030 तक लोगों और पृथ्वी के लिए शांति और समृद्धि के समझौते को अपनाया था।
  • आज दुनिया में हर क्षेत्र में, स्वास्थ्य, कृषि, उत्पादन, खुदरा, वित्त, आवास, रोजगार, शिक्षा, सामाजिक सेवाओं सहकारिता की भावना विद्यमान है। लगभग एक अरब से अधिक सहकारी सदस्यों ने कोरोना महामारी के दौर में एकता का प्रदर्शन किया है।

सहकारिता का इतिहास

  • सहकारिता की शुरुआत 14 मार्च 1761 में स्कॉटलैंड से मानी जाती है। इसके बाद इंग्लैंड में 1844 में कपास मिलों में काम करने वाले 28 कारीगरों के एक समूह ने पहली आधुनिक सहकारी समिति स्थापित की थी।
  • 19 अगस्त 1895 को इंग्लैंड के लंदन शहर में पहली सहकारी कांग्रेस का आयोजन हुआ। इसी दिन प्रथम कोऑपरेटवि कांग्रेस में 'अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (International Cooperative Alliance) की स्थापना की गई। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, इंग्लैंड, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, हॉलैंड, भारत, इटली, स्विट्जरलैंड, सर्बिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।


भारत में सहकारी आंदोलन

  • जो कार्य कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता, उसे सामूहिक रूप से अवश्य ही पूरा किया जा सकता। इसी सोच पर सहकारिता प्रणाली कार्य करती है। भारत में सहकारिता का इतिहास 100 साल से अधिक पुराना है।
  • परतंत्र भारत में वर्ष 1904 में सहकारी साख समिति अधिनियम लागू किया गया। इसका श्रेय फेड्रिक निकल्सन को दिया जाता है। उन्होंने सहकारी ऋण समिति की स्थापना की थी।
  • वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य में सर्वाधिक सहकारी बैंक कार्यरत हैं।
  • भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाओं में सहकारिता को महत्व दिया गया। यही कारण है कि आज देश में लाखों की संख्या में सहकारी समितियां लोगों को साथ लेकर चल रही हैं।
  • भारत सरकार ने सन् 1951 में गोरवाला समिति का गठन किया जिसे अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति के नाम से भी जाना जाता है। समिति ने 1954 में पेश अपनी रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता बढ़ाने पर बल दिया।
  • सन् 1956 में पटना में अखिल भारतीय सहकारी सम्मेलन हुआ।
  • सन् 1981 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य सहकारी बैंकों को पुनर्वित्त प्रदान करना था।
  • भारत सरकार ने बहु-राज्यीय सहकारी समिति अधिनियम 1942 के स्थान पर बहु राज्यीय सहकारी समिति अधिनियम 1984 लागू किया। इसके बाद 2002 में 'बहु-उद्देश्यीय राज्य सहकारी समिति अधिनियम' लाया गया।
  • देश में सहकारी समितियों के सर्वांगीण विकास के लिए सन् 2002 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सहकारिता नीति की घोषणा की।
  • आज देश की लगभग 70 प्रतिशत जनता किसी न किसी रूप में सहकारिता से जुड़ी हुई है।

*अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस-2025 का विषय/थीम*

Cooperatives: Driving Inclusive and Sustainable Solutions for a Better World

सोमवार, 30 जून 2025

30 जून 2025 : अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस

(International Day of Parliamentarism)

आज का दिन : 30 जून 2025

अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस-2025 की थीम
Achieving gender equality, action by action

  • अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस प्रतिवर्ष 30 जून को मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस या अंतरराष्ट्रीय संसदवाद दिवस मनाने का संकल्प वर्ष 2018 में पारित किया गया।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य संसदों और आधुनिक समाजों को आकार देने में सरकार की संसदीय प्रणाली के महत्व को बताना है।
  • 30 जून 1889 को 'अंतर-संसदीय संघ' का गठन किया गया था। इसी उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है।
  • अंतर-संसदीय संघ का मुख्यालय वर्तमान में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है। इससे पहले बर्न, ब्रुसेल्स और ओस्लो में इसका मुख्यालय रह चुका है। 
  • वर्तमान में अंतर-संसदीय संघ के 181 सदस्य हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में विश्व में 27.2 प्रतिशत ही महिला सांसद हैं। वहीं युवा यानी 40 वर्ष से कम आयु के सांसदों का प्रतिशत मात्र 18.92 प्रतिशत है।
  • वर्तमान यानी 2025 में अंतर-संसदीय संघ की अध्यक्ष तंजानिया की डॉ. तूलिया एक्सन हैं। वे तंजानिया की नेशनल असेंबली की भी अध्यक्ष हैं। भारत की ओर से डॉ. गुरदयाल सिंह ढिल्लो 1973 से 1976 तक अंतर-संसदीय संघ के अध्यक्ष रहे। भारत की डॉ. नजमा हेपतुल्ला को अंतर संसदीय संघ की पहली महिला अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त है। वे 1999 से 2002 तक इस प्रतिष्ठित संस्था की अध्यक्ष रहीं।
  • वर्तमान यानी 2025 में भारत की संसद के निम्न सदन 'लोकसभा' के अध्यक्ष ओम बिरला और उच्च सदन 'राज्यसभा' के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ (उपराष्ट्रपति) हैं। बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गए।


*अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस-2025 का विषय/थीम*

Achieving gender equality, action by action

रविवार, 29 जून 2025

29 जून 2025 : अंतरराष्ट्रीय उष्णकटिबंध दिवस

अंतरराष्ट्रीय उष्णकटिबंध दिवस

(International Day of the Tropics)

आज का दिन : 29 जून 2025

international-day-of-the-tropics-in-hindi

  • प्रतिवर्ष 29 जून को अंतरराष्ट्रीय उष्णकटिबंध दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रथम अंतरराष्ट्रीय उष्णकटिबंध दिवस 29 जून, 2016 को मनाया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 जून, 2016 को इस दिवस को मनाने का संकल्प पारित किया।
  • अंतरराष्ट्रीय उष्णकटिबंध दिवस उष्णकटिबंधीय देशों की असाधारण विविधता एवं विशिष्ट चुनौतियों और अवसरों को रेखांकित करते हुए उनके प्रति जागरूकता पैदा करता है।
  • उष्णकटिबंध (Tropics) दुनिया का वह ताप-कटिबंध है जो उत्तर में कर्क रेखा और दक्षिण में मकर रेखा के बीच भूमध्य रेखा के आसपास स्थित है। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि कर्क और मकर रेखा के बीच का क्षेत्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्र है। यह पृथ्वी का सबसे गर्म क्षेत्र है क्योंकि सूर्य की किरणें लम्बवत् (सीधी) गिरती हैं।
  • भारत भी अपनी जलवायु के कारण उष्णकटिबंधीय देशों में शामिल है।
  • संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2050 तक उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में दुनिया की अधिकांश जनता और दो-तिहाई बच्चे रहेंगे। दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के लोग अल्पपोषण के अधिक शिकार हैं। साथ ही उष्णकटिबंधीय देशों में शहरी जनसंख्या के अनुपात में झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वालों की संख्या अधिक है। सबसे बड़ी बात उष्णकटिबंधीय क्षेत्र दुनिया के क्षेत्रफल का लगभग 40 प्रतिशत है और इसी हिस्से में विश्व की 80 प्रतिशत जैव विविधता पाई जाती है।
  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में विश्व के लगभग 95 प्रतिशत मैंग्रोव वन और 99 प्रतिशत मैंग्रोव प्रजातियां पाई जाती हैं।

29 जून 2025 : सांख्यिकी दिवस

 सांख्यिकी दिवस

(Statistics Day)

आज का दिन : 29 जून 2025

  • सांख्यिकी दिवस प्रतिवर्ष 29 जून को मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस सन् 2007 में मनाया गया।
  • इसे राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस भी कह सकते हैं, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी 20 अक्टूबर को विश्व सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है।
  • सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics & Programme Implementation) की ओर से भारतीय सांख्यिकी के जनक प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती 29 जून को सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दैनिक जीवन में सांख्यिकी के उपयोग को लोकप्रिय बनाना है। साथ ही यह दिवस देश की सांख्यिकीय प्रणाली में प्रो. महालनोबिस के अमूल्य योगदान को भी रेखांकित करता है।
  • केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन (एमओएसपीआई) की ओर से सांख्यिकी दिवस-2025 का राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम नई दिल्ली में डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक स्मारक सिक्का और कस्टमाइज्ड माई स्टैम्प जारी किया जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा प्रगति रिपोर्ट-2025 (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स- नेशनल इंडिकेटर फ्रेमवर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट 2025) जारी की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान सांख्यिकी में प्रतिष्ठित प्रो. सी.आर. राव राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
  • वर्तमान यानी वर्ष 2025 में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव लक्ष्मण करंदीकर हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रति पांच वर्ष में 20 अक्टूबर को 'विश्व सांख्यिकी दिवस' मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग की ओर से पहला सांख्यिकी दिवस वर्ष 2010 में, दूसरा 2015 में और तीसरा दिवस 2020 में मनाया गया।


पद्म विभूषण प्रो. पी.सी. महालनोबिस

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  • सांख्यिकीविद् प्रो. पी.सी. महालनोबिस का जन्म कलकत्ता में 29 जून 1893 को हुआ था। पद्म विभूषण से सम्मानित प्रो. महालनोबिस स्वतंत्रता के बाद गठित मंत्रिमंडल में सांख्यिकी सलाहकार बनाए गए थे।
  • सांख्यिकी के क्षेत्र में दो डेटा सेटों के बीच तुलनात्मक माप को 'महालनोबिस दूरी' के नाम से जाना जाता है। इस माप को स्वयं प्रो. महालनोबिस ने तैयार किया था। द्वितीय पंचवर्षीय योजना को तैयार करने में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा।
  • प्रो. महालनोबिस ने कलकत्ता में 17 दिसंबर, 1931 को भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की। 

 *सांख्यिकी दिवस-2025 का विषय/थीम*

75 Years of National Sample Survey

(राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 75 वर्ष)

रविवार, 22 जून 2025

22 जून 2025 : विश्व ऊंट दिवस

विश्व ऊंट दिवस

(World Camel Day)

आज का दिन : 22 जून 2025
world-camel-day-in-hindi

  • प्रतिवर्ष 22 जून को विश्व ऊंट दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व ऊंट दिवस मनाने का उद्देश्य लुप्त होते इस पशु के संरक्षण की दिशा में लोगों को जागरूक करना है।
  • माना जाता है कि प्रथम ऊंट दिवस 2009 में पाकिस्तान में मनाया गया। वैसे तो ऊंट का प्राकृतिक आवास गर्म प्रदेश हैं, जहां 21 जून का दिन विश्व का सबसे बड़ा दिन होता है। लेकिन वर्ष 2009 में 21 जून को रविवार को फादर्स डे होने के कारण विश्व ऊंट दिवस को एक दिन आगे बढ़ाकर 22 जून कर दिया गया। तब से यह दिवस प्रतिवर्ष 22 जून को मनाया जाता है। 21 जून और 22 जून में दिन की विशालता के मामले में मात्र 2 सैकंड का अंतर है।
  • ऊंट के प्राकृतिक आवास वाले देशों में 22 जून को विश्व ऊंट दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2024 को अंतरराष्ट्रीय ऊंट वर्ष (International Year of Camelids,2024) के रूप में मनाया गया था। 20 दिसंबर, 2017 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2024 को अंतराष्ट्रीय ऊंट वर्ष के रूप में मनाने संबंधी प्रस्ताव 72/210 पारित किया।

ऊंटों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत में शुष्क एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में ऊंट की अहम भागीदारी रही है।
  • भारत सरकार ने राजस्थान के बीकानेर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन 5 जुलाई, 1984 को उष्ट्र परियोजना निदेशालय की स्थापना की। इसके बाद 20 सितम्बर, 1995 को इसे क्रमोन्नत कर राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र का नाम दिया गया। यह बीकानेर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर जोड़बीड़ क्षेत्र में स्थित है।
  • 'रेगिस्तान का जहाज' उपनाम से प्रसिद्ध यह पशु वाकई में जहाज का ही काम करता है। इसे एक बार चारा-पानी देने के बाद लगातार 40 दिन तक रेगिस्तान में परिवहन का कार्य करवाया जा सकता है।
  • सन् 1889 में बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने ऊंट सवार फौज तैयार की थी, जिसे गंगा रिसाला नाम दिया गया था। इसमें 500 ऊंट सवार सैनिक शामिल थे। गंगा रिसाला की ऊंट सवार फौज ने प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन की ओर से भाग लिया था।
  • वर्ष 1948 में भारतीय सेना में ऊंट दस्ते को शामिल किया गया। इसके बाद 1975 में भारतीय सेना ने इसे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया। वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल में ऊंट सवार जवानों का एक दस्ता शामिल है। यह दस्ता मरुस्थल से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पेट्रोलिंग में जुटा हुआ है। पहली बार 1976 में 90 ऊंटों की टुकड़ी पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनी थी।
  • ऊंट राजस्थान का राज्य पशु है। राजस्थान सरकार ने 30 जून, 2014 को ऊंट को पशुधन श्रेणी में राज्य पशु घोषित किया। इसकी अधिसूचना 19 सितम्बर, 2014 को जारी की गई। चिंकारा राजस्थान का वन्य जीव श्रेणी में राज्य पशु है।
  • राजस्थान सरकार ने ऊंट को मारने पर 5 साल की सजा वाला कानून भी लागू कर रखा है।
  • भारत में ऊंटों की 9 से अधिक नस्लें पाई जाती हैं। राजस्थान में बीकानेरी, मारवाड़ी, जैसलमेरी, मेवाड़ी, जालोरी, गुजरात में कच्छी और खराई, मध्य प्रदेश में मालवी और हरियाणा में मेवाती नस्ल के ऊंट पाए जाते हैं। सबसे प्रसिद्ध बीकानेरी व जैसलमेरी नस्ल है। यह एक कूबड़ वाला ऊंट है, जिसे अरबी ऊंट भी कहा जाता है। देश के कुल ऊंटों की आधी से अधिक संख्या राजस्थान में पाई जाती है।
  • दो कूबड़ वाला ऊंट केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की नूब्रा घाटी के ठंडे रेगिस्तान में पाया जाता है। इसे बैक्ट्रीयन ऊंट कहा जाता है।
  • अब सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा की निगरानी के लिए दो कूबड़ वाले ऊंट के उपयोग की रणनीति बनाई है।
  • राजस्थान के बीकानेर में प्रतिवर्ष जनवरी माह में ऊंट उत्सव का आयोजन किया जाता है। यहां मुख्यत: राईका व रैबारी समाज इस पशु का पालन करता है।
  • संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में ऊंटों का पहला अस्पताल खोला गया। यहां अलग से ऊंटनी के दूध की डेयरी भी स्थापित की गई है।
  • ऊंटनी का दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही टीबी, डायबिटीज, ऑटिज्म, दस्त, गठिया आदि के निदान में भी उपयोगी है। ऊंटनी के दूध में लौह तत्व विटामिनों का भंडार है, इसीलिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसे खाद्य आहार के रूप में मान्यता दी है।
  • आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में लगभग 50 देशों में 3 करोड़ से अधिक ऊंट हैं। लेकिन भारत में यह संख्या कम होती जा रही है। देश में 2019 में की गई 20वीं पशुधन गणना के अनुसार देश में मात्र 2.5 लाख ऊंट ही मौजूद थे। इनमें राजस्थान में 2.13 लाख ऊंट थे। जबकि 2012 की गणना में देश में लगभग 4 लाख और राजस्थान में 3.26 लाख ऊंट थे। गणना के अनुसार ऊंटों की गणना में बीकानेरी नस्ल का योगदान 29.6 प्रतिशत है।


शनिवार, 21 जून 2025

21 जून 2025 : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

(International Day of Yoga)

आज का दिन : 21 जून 2025
antarrashtriya-yog-diwas-2023-ki-theme
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम
Yoga for One Earth, One Health


  • प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से सम्पूर्ण विश्व में प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
  • योग दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इस 5,000 साल पुरानी भारतीय शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक पद्धति के प्रति आकर्षित करना है। यह पद्धति मानव शरीर और मस्तिष्क में सकारात्मक परिवर्तन लाती है।
  • भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में दिए अपने पहले भाषण में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था।
  • 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई तथा 21 जून, 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
  • 21 जून, 2025 को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने योग को 'शारीरिक गतिविधि के एक्शन प्लान 2018-2030 : एक स्वस्थ दुनिया के लिए और अधिक सक्रिय लोग' में भी शामिल किया हुआ है।

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में होगा राष्ट्रीय योग कार्यक्रम

  • वर्ष 2015 का पहला राष्ट्रीय स्तर का योग कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के राजपथ पर हुआ था। आयुष मंत्रालय की ओर से वर्ष 2025 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का राष्ट्र स्तरीय मुख्य समारोह आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से विशाखापट्टनम में आयोजित किया जाएगा। 21 जून, 2025 को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य समारोह का नेतृत्व करेंगे।

योग पुरस्कार-2025

  • भारत सरकार का आयुष मंत्रालय प्रतिवर्ष 'योग प्रोत्साहन और विकास में असाधारण योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार' प्रदान करता है। ये 4 पुरस्कार दो श्रेणियों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय में प्रदान किए जाते हैं। विजेताओं के नामों की घोषणा 21 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर की जाएगी।

21 जून को होता है वर्ष का सबसे लम्बा दिन

  • 21 जून वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है। इस दिन सूर्य का तेज सबसे अधिक होता है। प्रकृति के इसी रूप को सम्मान देते हुए इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया गया।
  • योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'युज्' से हुई है, जिसका अर्थ समाधि, जोड़ या सामंजस्य है। योग एक समग्र अवधारणा है, जो कि शरीर, मन, भावना और ऊर्जा के स्तर पर काम करता है।
  • योग को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है : कर्म योग- जिसमें हम शरीर का उपयोग करते हैं; ज्ञान योग- जिसमें हम मन का उपयोग करते हैं; भक्ति योग- जिसमें हम भावनाओं का उपयोग करते हैं तथा क्रिया योग- जहां हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
  • प्राचीन काल में महर्षि पंतजलि ने उस समय के प्रचलित प्राचीन योग अभ्यासों को व्यवस्थित व वर्गीकृत करते हुए 'पातंजलयोगसूत्र' नामक ग्रन्थ की रचना की थी।
  • योग भारतीय सनातन संस्कृति के छह दर्शनों- 1. न्याय, 2. वैशेषिक, 3. सांख्य, 4. योग, 5. मीमांसा और  6. वेदान्त में से एक है।

*अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2025 का विषय/थीम*

Yoga for One Earth, One Health

20 जून 2025 : विश्व शरणार्थी दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व शरणार्थी दिवस

(World Refugee Day)

आज का दिन : 20 जून 2025

world-refugee-day-2025-in-hindi
विश्व शरणार्थी दिवस 2025 : Solidarity with Refugees
  • प्रतिवर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने प्रथम विश्व शरणार्थी दिवस 20 जून, 2001 को मनाया था।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व शरणार्थी दिवस मनाने का संकल्प 12 फरवरी, 2001 को अपनाया। यह दिवस मनाने का उद्देश्य शरणार्थियों के प्रति सम्मान प्रकट करना और उनकी समस्याओं के प्रति लोगों व सरकारों का ध्यान आकर्षित करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1951 में हुए रिफ्यूजी कन्वेंशन और इसके बाद 1967 के प्रोटोकॉल से शरणार्थियों के हितों की रक्षा की जा रही है।
  • 1951 के रिफ्यूजी कन्वेंशन के अनुसार एक शरणार्थी वह है जिसे अपनी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी विशेष सामाजिक समूह में सदस्यता या राजनीतिक विचारधारा के कारण उत्पीडऩ के भय से अपना घर और देश छोडऩा पड़ा हो।
  • पलायन को मजबूर का सम्मान करना ही इस दिवस को मनाने की सार्थकता सिद्ध करता है।
  • दुनिया में अशांति फैलने के साथ ही रिफ्यूजी यानी शरणार्थियों की समस्या भी विकराल होती जा रही है। इसी समस्या पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और शरणार्थियों के मानव अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र यह दिवस मनाता है।

1951 की शरणार्थी कन्वेन्शन

  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से दूसरे विश्व युद्ध के बाद पैदा हुए हालात के कारण 14 दिसंबर, 1950 को यह संधि लाई गई। 
  • जुलाई 1951 में 26 देशों के प्रतिनिधियों ने इस संधि के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए जिनेवा में बैठक की थी। इसी कन्वेशन के तहत शरणार्थियों की परिभाषा तय की गई और उनकी सुरक्षा, सहायता और अधिकार निर्धारित किए गए हैं। 
  • वर्ष 1967 में एक प्रोटोकॉल के तहत इसका दायरा बढ़ाया गया। शरणार्थियों के बारे में वर्ष 1969 में अफ्रीका में शरणार्थी कन्वेशन, 1984 में लैटिन अमेरिका में हुआ कार्टाजेना घोषणा-पत्र और योरोपीय संघ की साझा शरणार्थी प्रणाली उल्लेखनीय है। 
  • 1951 के शरणार्थी कन्वेन्शन के सिद्धान्तों के लिये, दिसम्बर 2018 में हुए 'शरणार्थियों पर ग्लोबल कॉम्पैक्ट' के जरिए फिर से शरणार्थियों की समस्याओं के स्थायी समाधान के संकल्प व्यक्त किए गए।

विश्व शरणार्थी दिवस-2025 का विषय/थीम
Solidarity with Refugees


मंगलवार, 17 जून 2025

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस

(World Day to Combat Desertification and Drought)

आज का दिन : 17 जून 2025

world-day-to-combat-desertification-and-drought
विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस-2025 थीम

  • प्रतिवर्ष 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहली बार 'विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस' 17 जून, 1995 को मनाया गया।
  • यह दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में लगातार बढ़ रहे मरुस्थलीकरण व सूखे को रोकना है।
  • वर्ष 2025 के विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस पर वैश्विक समारोह की मेजबानी कोलंबिया सरकार द्वारा की जा रही है। मुख्य कार्यक्रम कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में किया रहा है।

रियो सम्मेलन में पड़ी थी इस दिवस को मनाने की नींव

  • 'विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस' को मनाने की नींव ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में 3 से 14 जून, 1992 तक हुए पृथ्वी सम्मेलन में रखी गई। इस पृथ्वी सम्मेलन को रियो समिट, रियो कॉन्फ्रेंस और अर्थ समिटि के नाम से भी जाना जाता है।
  • रियो पृथ्वी सम्मेलन के 2 वर्ष बाद 19 दिसंबर, 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 17 जून को 'विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस' मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसी समय महासभा ने 'संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय/कन्वेंशन' (UNCCD) की स्थापना की, जो पर्यावरण और विकास को स्थायी भूमि प्रबंधन से जोडऩे वाला एकमात्र अंतरराष्ट्रीय समझौता है।  भारत ने वर्ष 2019 से 2022 तक यूएनसीसीडी की अध्यक्षता की है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2010-2020 के दशक को 'मरुस्थल और मरुस्थलीकरण के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र दशक' (United Nations Decade for Deserts and the fight against Desertification) के रूप में मनाया था।

देश में 1952 में हुई थी काजरी की स्थापना

  • देश में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की ओर से 1952 में केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) की स्थापना राजस्थान के जोधपुर में की गई। बढ़ते मरुस्थल एवं सूखा क्षेत्रों को रोकने के लिए काजरी की स्थापना की गई। शुरुआत में यह मरु वनीकरण केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ, लेकिन बाद में इसका विस्तार करते हुए इसे केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) के रूप में 1959 में पूर्ण संस्थान का दर्जा दिया गया। दिसंबर, 2020 में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में काजरी का क्षेत्रीय केंद्र शुरू हुआ। यानी अब काजरी के वैज्ञानिक रेतीले मरुस्थल के साथ ही शीत मरुस्थल में भी अनुसंधान करेंगे।

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस-2025 की थीम

Restore the land. Unlock the opportunities


रविवार, 15 जून 2025

जून माह का तीसरा रविवार : पितृ दिवस

पितृ दिवस

(Father's Day)

आज का दिन : जून माह का तीसरा रविवार
 

fathers-day

  • प्रतिवर्ष जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है।
  • सन् 1966 से फादर्स डे यानी पितृ दिवस मनाया जा रहा है।
  • वर्ष 2025 में जून माह का तीसरा रविवार 15 जून को आया है। इसलिए 15 जून को फादर्स डे मनाया जा रहा है।
  • आज पूरी दुनिया के सौ से अधिक देशों में मनाए जा रहे फादर्स डे की मूल परिकल्पना अमेरिका की है। सबसे पहले फादर्स डे 19 जून, 1909 को मनाया गया।
  • अमेरिका के वाशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा डॉड ने अपने पिता की स्मृति में फादर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। उन्हें फादर्स डे मनाने की प्रेरणा मदर्स डे से मिली।
  • सन् 1916 में अमेरिका राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। सन् 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया।
  • फिर आया सन् 1966 जब अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने पहली बार जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने का फैसला किया। इसके बाद सन् 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स डे को नियमित अवकाश के रूप में घोषित किया।
  • विश्व के अधिकांश देशों में जून माह के तीसरे रविवार को ही फादर्स डे मनाया जाता है। पितृ दिवस पर पिता को उपहार देना, पिता के लिये विशेष भोज एवं पारिवारिक गतिविधियां शामिल हैं। फादर्स डे मनाने का मूल उद्देश्य पिता के प्रति प्रेम और सम्मान प्रदर्शित करना है। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में बच्चों के पास अपने पिता के लिए समय नहीं मिल पाता है। इसी को ध्यान में रखकर पितृ दिवस मनाने की परंपरा का आरम्भ हुआ।
  • हमारी सनातन संस्कृति में मर्यादा पुरुषोत्तम राम जैसे आज्ञाकारी पुत्र हुए हैं, जिन्होंने अपने पिता के वचन की रक्षा के लिए 14 वर्ष का वनवास लिया। इसी प्रकार श्रवण कुमार जैसे मातृ-पितृ भक्त भी प्रेरणा के स्रोत हैं।

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2024 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

(World Elder Abuse Awareness Day)

आज का दिन : 15 जून 2024

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  • प्रतिवर्ष 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस या विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
  • इस दिवस को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम संघ (International Network for the Prevention of Elder Abuse - INPEA) की ओर से 15 जून, 2006 को मनाया गया। 
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर, 2011 को संकल्प ए-आरईएस/66/127 के तहत विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस को आधिकारिक मान्यता प्रदान करते हुए प्रतिवर्ष 15 जून को इसे मनाने का संकल्प लिया।
  • बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की रोकथाम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
  • बुजुर्गों के प्रति सभी प्रकार के दुर्व्यवहार जैसे कि गंभीर शारीरिक चोट और दीर्घकालिक मनोवैज्ञानिक प्रभाव (जैसे कि अवसाद, तनाव और चिंता), आपातकालीन सेवाओं का उपयोग, अस्पताल में भर्ती और मृत्यु इत्यादि का समाज और व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2021-2030 तक संयुक्त राष्ट्र स्वस्थ वृद्धावस्था दशक (United Nations Decade of Healthy Ageing) के रूप में मनाया जा रहा है। इस दशक के दौरान बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाने व उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस' भी मनाया जाता है।

विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन

  • वृद्धावस्था को लेकर प्रथम विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन (World Assembly on Ageing) का आयोजन ऑस्ट्रिया के वियना में सन् 1982 में किया गया था। इसके बाद दूसरे विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन का आयोजन स्पेन के मैड्रिड में 8 से 12 अप्रेल, 2002 को किया गया। इसी मैड्रिड वृद्धावस्था सम्मेलन में वृद्धावस्था पर अंतरराष्ट्रीय एक्शन प्लान-2002 (Madrid International Plan of Action on Ageing (MIPAA)) को स्वीकार किया गया। इस एक्शन प्लान को 159 सदस्य देशों ने स्वीकार कर हस्ताक्षर किए थे। 

क्या कहते हैं डब्ल्यूएचओ के आंकड़े

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की वैश्विक जनसंख्या 2015 में जहां 900 मिलियन थी, वहीं यह वर्ष 2050 में बढ़कर लगभग 2 बिलियन होने की संभावना है।
  • पिछले वर्ष 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग 6 में से एक व्यक्ति ने किसी ने किसी रूप में दुर्व्यवहार का सामना किया। 
  • नर्सिंग होम और बुजुर्गों की देखभाल में लगे संस्थानों में बुजुर्गों से दुर्व्यवहार की दर अधिक है। इन संस्थाओं के 2-3 कर्मचारियों ने पिछले एक साल में बुजुर्गों से दुर्व्यवहार करना स्वीकार किया है।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान भी बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाओं में वृद्धि हुई।
  • बुजुर्गों से होने वाले दुर्व्यवहार के कारण उन्हें शारीरिक चोट लग सकती है और इसके दीर्घकालीन मनोवैज्ञानिक परिणाम सामने आते हैं।
  • कई देशों में तेजी से उम्र बढऩे वाली आबादी (वृद्ध जन) के साथ दुर्व्यवहार बढऩे की आशंका जताई गई है।

भारत में बुजुर्गों की देखभाल

  • भारत में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है और सर्वेक्षणों के अनुसार, देश में कुल आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 2001 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 2026 तक लगभग 12.5 प्रतिशत और 2050 तक 19.5 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। 
  • भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 11वीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2007-2012) के दौरान राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) की शुरूआत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य त्रिस्तरीय प्रणाली के माध्यम से बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से 4 जून 2021 को सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई) कार्यक्रम शुरू किया गया था। साथ ही एसएजीई पोर्टल भी शुरू किया गया था। जो बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ा है।  

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस-2025 का विषय/थीम

Addressing Abuse of Older Adults in Long Term Care Facilities: Through Data and Action

रविवार, 8 जून 2025

8 जून 2025 : विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस

(World Brain Tumor Day)

आज का दिन : 8 जून 2025

  • सन् 2000 से पूरी दुनिया में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जा रहा है।
  • विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की ओर से मनाया गया था। यह संस्था ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों के बीच शिक्षा और जन जागरूकता प्रसारित करती है।
  • विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के लक्षणों और इसके उपचार के बारे में आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करवाना और उन्हें जागरुक करना है।
  • ब्रेन ट्यूमर सबसे घातक बीमारियों में गिनी जाती है।  अधिकांश ट्यूमर से पीड़ित होने वाले रोगियों की संख्या ट्यूमर की तुलना में ब्रेन मेटास्टेसिस के कारण अधिक होती है।
  • भारत में ब्रेन ट्यूमर की व्यापकता और प्रसारण बढ़ता जा रहा हैं। बाल्यावस्था में होने वाले कैंसर के अध्ययन के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर लड़कियों में सामान्यत: पाया जाता है। यहाँ तक कि यह वयस्क स्त्री और पुरुषों दोनों लिंगों में भी पाया जाता है। हालांकि इनकी स्थितियों के बीच कुछ भिन्नता हो सकती है।
  • भारत सरकार ने ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम, स्क्रीनिंग, रोग का जल्दी पता लगाने, निदान और अंतिम चरण में उपशामक देखभाल उपचार प्रदान करने के लिए अनेक उद्देश्यों की पूर्ति के साथ राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम शुरूआत की गई है।

ब्रेन ट्यूमर के बारे में कुछ तथ्य

  • ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है।
  • ब्रेन ट्यूमर होने के सही कारण स्पष्ट नहीं है।
  • ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उनके आकार, प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं।
  • वयस्कों के बीच प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार एस्ट्रोसाइटोमा, मस्तिष्कावरणार्बुद और ओलिगोडेन्ड्रोग्लियोमा हैं।
  • बच्चों में पाए जाने वाले ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार मेडुलोब्लास्टोमा, ग्रेड एक या ग्रेड दो एस्ट्रोसाइटोमा, (या तंत्रिकाबंधार्बुद) एपिन्डाइमोमा और ब्रेन स्टेम ग्लियोमा हैं।
  • ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त होने वाले ज़ोखिम के कारकों में पारिवारिक इतिहास एवं अधिक से अधिक संख्या में एक्स रे कराना हो सकते हैं

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या हैं?

  • ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ब्रेन के हिस्से में होने वाले बदलाव के आधार पर पैदा होते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, दौरा, दृष्टि समस्या, उल्टी और मानसिक परिवर्तन जैसे लक्षण हो सकते हैं। रोगी सुबह सिरदर्द और उल्टी महसूस कर सकता है। अत्यधिक विशिष्ट समस्याएँ जैसे कि चलने, बोलने और इन्द्रियबोध में परेशानी हो सकती हैं।

ब्रेन ट्यूमर के लिए उपलब्ध उपचार

  • चिकित्सक ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, ग्रेड और ट्यूमर की स्थिति तथा रोगी के सामान्य स्वास्थ्य के आधार पर उपचार की सलाह दे सकता हैं।
  • सर्जरी/शल्य-चिकित्सा।
  • रेडियोथेरेपी।
  • कीमोथेरपी।   
  • स्टेरॉयड।
  • एंटी-सीजर दवाएं।
  • वेंट्रिकुलर पेरिटोनियल शन्ट।

विश्व महासागर दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व महासागर दिवस

(World Oceans Day)

आज का दिन : 8 जून 2025

vishav-mahasagar-diwas-2023-ki-theme
विश्व महासागर दिवस 2024 की थीम
Awaken New Depths

  • प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1992 में पहली बार 'विश्व महासागर दिवस' मनाया गया। सन् 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने का फैसला लिया गया।
  • 5 दिसंबर 2008 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 8 जून को 'विश्व महासागर दिवस' मनाए जाने को आधिकारिक मान्यता प्रदान की। यानी विश्व महासागर दिवस आधिकारिक रूप से सन् 2009 से मनाया जाने लगा।
  • विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में समुद्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही महासागरों के महत्व व उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है। विश्व महासागर दिवस मनाने का एक उद्देश्य लोगों को याद दिला है कि महासागरों की रोजमर्रा के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2021-2030 तक 'सतत विकास के लिए महासागर विज्ञान का संयुक्त राष्ट्र दशक' (UN Decade of Ocean Science for Sustainable Development)  मनाया जा रहा है। यह दशक उन वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करेगा जो महासागर विज्ञान को समाज की जरूरतों से जोड़ सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1998 को 'महासागर का अंतरराष्ट्रीय वर्ष'(International Year of the Ocean) के रूप में मनाया गया था। 

संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन-2025

  • संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन-2025 का आयोजन फ्रांस के नीस में 9 से 13 जून 2025 तक आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन फ्रांस व कोस्टारिका द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। यह तीसरा महासागर सम्मेलन है। इस सम्मेलन की थीम- Accelerating action and mobilizing all actors to conserve and sustainably use the ocean रखी गई है। इस सम्मेलन में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
  • पिछला संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन वर्ष 2022 में लिस्बन में पुर्तगाल और केन्या द्वारा किया गया था।

महासागरों के बारे में जानने योग्य तथ्य

  • हमारी पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल समाया हुआ है।
  • महासागरों को हमारे ग्रह के फेफड़े कहा जा सकता है। क्योंकि वे धरती की 50 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। महासागरों में दुनिया की अधिकांश जैव विविधता पाई जाती है। वहीं एक अरब से अधिक लोगों को महासागरों से प्रोटीन मिलता है।
  • संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक लगभग 40 मिलियन लोग महासागरों से रोजगार प्राप्त करेंगे।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों बढ़ावा देने वाले मनुष्य द्वारा उत्पादित कार्बन डाइ ऑक्साइड के लगभग 30 प्रतिशत को महासागर अवशोषित करते हैं।
  • अनेक प्रकार से उपयोगी होने के बावजूद आज महासागर संकट के दौर से गुजर रहे हैं। बड़ी मछलियों की लगभग 90 प्रतिशत आबादी समाप्त हो गई है और 50 प्रतिशत प्रवाल भित्तियां नष्ट हो चुकी हैं। कारण हम समुद्र से जितना ले सकते हैं, उससे अधिक ले रहे हैं।

मुख्यत: पृथ्वी पर पांच महासागर हैं-

  • प्रशांत महासागर
  • हिन्द महासागर
  • अटलांटिक महासागर
  • उत्तरी ध्रुव महासागर
  • दक्षिणी ध्रुव महासागर


*विश्व महासागर दिवस-2025 का विषय/थीम*

Wonder: Sustaining what sustains us

शनिवार, 7 जून 2025

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

(World Food Safety Day)

*विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस-2025 का विषय/थीम*
Food safety: science in action

आज का दिन : 7 जून 2025

  • प्रतिवर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
  • पहला विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून, 2019 को मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर, 2018 को प्रस्ताव पारित कर प्रतिवर्ष 7 जून को यह दिवस मनाने का संकल्प अपनाया था।
  • विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की भूमिका संयुक्त राष्ट्र के 75वें सत्र की इकॉनोमिक एंड फाइनेंशियल कमेटी (सैकंड कमेटी) द्वारा रखी गई। इस कमेटी के अध्यक्ष नेपाल के अमृत बहादुर राय थे। इसी कमेटी में अक्टूबर/नवम्बर 2018 को विचार-विमर्श के बाद विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा को भेजा गया।
  • विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस आधिकारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को संतुलित एवं सुरक्षित खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करना है। यह दिवस उन प्रयासों को मजबूती प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हम जो भोजन करते हैं, वह सुरक्षित है। इसके अलावा मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, कृषि बाजार पहुंच, खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, उनका पता लगाने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए ध्यान आकर्षित करना भी इस दिवस को मनाने के उद्देश्य हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों से युक्त दूषित भोजन 200 से अधिक बीमारियों का कारण है। इसके अलावा असुरक्षित खाद्य पदार्थों के प्रभाव से कम व मध्यम आय वाले देशों में हर साल लगभग 95 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उत्पादकता का नुकसान होता है।

संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन

  • संयुक्त राष्ट्र ने 16 अक्टूबर, 1945 को रोम (इटली) में 'खाद्य एवं कृषि संगठन' की स्थापना की थी।  इसके स्थापना दिवस पर प्रतिवर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी 'विश्व खाद्य कार्यक्रम' भुखमरी मिटाने और लोगों को खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने में जुटी है। वर्ष 2020 का शांति का नोबेल पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम को दिया गया। वर्ष 2019 में विश्व खाद्य कार्यक्रम को 88 देशों में लगभग 100 मिलियन लोगों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए शांति का नोबेल दिया गया था।

भारत में खाद्य सुरक्षा

  • भारत में 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013' लागू है। इसे 10 सितम्बर, 2013 को अधिसूचित किया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता के खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हें खाद्य और पौषणिक सुरक्षा प्रदान करना है।
  • भारत में खाद्य सामग्री के मानकों को निर्धारित करने, खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, बिक्री तथा आयात को नियंत्रित करने का कार्य 'भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण' (Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI)) करता है। एफएसएसएआई की स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम, 2008 के अन्तर्गत की गई है।

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक

  • भारतीय खाद्य संरक्षा एवं सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से प्रतिवर्ष खाद्य सुरक्षा के पांच मानकों पर राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (State Food Safety Index) जारी करता है ।यह सूचकांक पहली बार 2018-19 में जारी किया गया था।
  • सितंबर, 2024 में राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2024 जारी किया गया। सूचकांक में केरल प्रथम, तमिलनाडु दूसरे और जम्मू-कश्मीर तीसरे स्थान पर रहे। सूचकांक में विशेष उल्लेख के साथ चौथे स्थान पर गुजरात को रखा गया। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में नागालैंड प्रथम स्थान पर रहा।


*विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस-2025 का विषय/थीम*

Food safety: science in action

गुरुवार, 5 जून 2025

5 जून 2025 : विश्व पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस
(World Environment Day)

आज का दिन : 5 जून 2025

 

*विश्व पर्यावरण दिवस-2025 का विषय/थीम*
Beat plastic pollution


  • प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1973 से संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से प्रतिवर्ष 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाया जा रहा है।
  • दुनिया के 119 देशों ने 5 से 16 जून, 1972 तक स्वीडन के स्टाकहोम में पहले पर्यावरण सम्मेलन में भाग लिया और यह दिवस मनाने का निर्णय किया। इसी सम्मेलन से संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ।
  • विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया में पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरुकता फैलाने और इसके प्रति राजनीतिक चेतना जगाने के लिए मनाया जाता है। इन मुद्दों में विषैला रासायनिक प्रदूषण, वन उन्मूलन और वैश्विक तापमान वृद्धि शामिल हैं। 1972 में शुरू हुआ यह आंदोलन आज एक विराट रूप ले चुका है। आमजन जागरुक है। लेकिन इस जागरुकता को और बढ़ाना होगा।
  • वर्ष 2025 के पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक से लड़ाई पर आधारित है। यूएनईपी के तथ्यों के अनुसार दुनिया में प्लास्टिक का उत्पादन हर वर्ष 400 मिलियन टन से ज्यादा है। इसमें से आधा सिंगल यूज प्लास्टिक है। हर वर्ष 11 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा जलीय निकायों यानी झीलों, नदियों और समुद्र में जा रहा है। खतरनाक स्थिति तो यह है कि 5 मिमी व्यास के छोटे प्लास्टिक कण आदमी के शरीर में जा रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति प्रतिवर्ष 50,000 से अधिक प्लास्टिक कणों का सेवन करता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2021-2030 तक 'पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक' (Decade on Ecosystem Restoration) मनाया जा रहा है। पारिस्थितिकी तंत्र में खेत, जंगल, घास के मैदान, पहाड़, ताजे पानी के स्रोत और महासागर आदि शामिल हैं।
  • स्टाकहोम में हुए पहले पर्यावरण सम्मेलन को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी संबोधित किया था। उन्होंने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान दिया था।
  • विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाना और इसके क्षरण को रोकने के प्रति प्रेरित करना है।
  • पहले विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'केवल एक पृथ्वी' थी।


वर्ष 2025 का मेजबान देश दक्षिण कोरिया

  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 के पर्यावरण दिवस के लिए 'प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं' (Beat plastic pollution) को मुख्य विषय बनाया है और मुख्य आयोजन की मेजबानी दक्षिण कोरिया यानी रिपब्लिक ऑफ कोरिया को सौंपी है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की साझेदारी में दक्षिण कोरिया इस वैश्विक आयोजन में दुनिया से प्लास्टिक को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।


विश्व पर्यावरण दिवस-2025 पर भारत में कार्यक्रम

  • वर्ष 2025 के विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली पार्क में 'एक पेड़ मां के नाम' पहल के अंतर्गत वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत करेंगे। यह पहल 'अरावली ग्रीन वॉल परियोजना' का हिस्सा होगी, जिसका उद्देश्य 700 किलोमीटर लंबी अरावली शृंखला को वनों से परिपूर्ण करना है। यह परियोजना चार दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के 29 जिलों में चलाई जाएगी।


भारत और पर्यावरण

  • भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही पर्यावरण को जनजीवन से जोड़ा गया है। पीपल, बरगद, तुलसी आदि जीवनदायी पेड़-पौधों को हमारी संस्कृति में उच्च स्थान मिला हुआ है।
  • भारत में पर्यावरण की सुरक्षा एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 19 नवंबर 1986 को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में वर्ष 1987 से प्रतिवर्ष 'इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार' प्रदान करता आ रहा है। ये पुरस्कार इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर को प्रदान किए जाते हैं। इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार के तहत 'संगठन श्रेणी' में दो और व्यक्तिगत श्रेणी में 3 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
  • यह भी ध्यान रखने योग्य है कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2018 के पर्यावरण दिवस के आयोजन की जिम्मेदारी भारत को सौंपी थी। देश में यह पांच दिवसीय आयोजन प्लास्टिक के प्रयोग से मुक्ति की थीम पर आधारित था। इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को धीरे-धीरे कम करने के प्रति लोगों को जागरूक किया गया था।


*विश्व पर्यावरण दिवस-2025 का विषय/थीम*
Beat plastic pollution

मंगलवार, 3 जून 2025

3 जून, 2025 : विश्व साइकिल दिवस

विश्व साइकिल दिवस
(World Bicycle Day)

आज का दिन : 3 जून, 2025

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  • प्रतिवर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है।
  • 12 अप्रेल, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इस तरह सन् 2018 में प्रथम साइकिल दिवस मनाया गया।
  • विश्व साइकिल दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाने के प्रति प्रोत्साहित करना है, क्योंकि साइकिल पर्यावरण हित में, सेहत बढ़ाने वाली और सस्ती परिवहन सुविधा है।
  • सतत विकास के लिए साइकिल के संबंध में 15 मार्च 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक और संकल्प अपनाया।
  • संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य-2030 में खेलों को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसी कड़ी में विश्व भर में साइक्लिंग को प्रोत्साहन देने के लिए यूएन महासभा ने यह निर्णय लिया।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक स्तर पर वर्ष 2018 से 2030 तक विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी। विश्व साइकिल दिवस इन्हीं वैश्विक गतिविधियों का एक हिस्सा है।
  • हमारे देश में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से 22 दिसंबर, 2024 को 'फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल' अभियान की शुरुआत की गई। इस पहल में अब तक लगभग 3 लाख नागरिकों ने भाग लिया है, वहीं 3.44 बिलियन से अधिक लोगों ने डिजिटल समर्थन भी दिया है। हालांकि देश में साइकिल चालकों के लिए अलग से लेन बनाए जाने की सख्त आवश्यकता है।

साइकिल चलाने के फायदे

  • चार पहियों से दो पहिए तक का सफर करने वाली साइकिल से सफर करना बेहद सेहतमंद है। साइकिल से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। प्रतिदिन साइकिल चलाने से ब्रेन में हेल्प हार्मोंस का निर्माण होता है, जिससे स्ट्रेस दूर होता है। साइक्लिंग से ब्लड सेल्स और स्किन में पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई से स्किन ग्लो करती है। बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है, जिससे हार्ट भी हैल्दी रहता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।