राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
(National Science Day)
आज का दिन : 28 फरवरी 2025

- देश में प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।
- 28 फरवरी, 1928 को महान् भारतीय वैज्ञानिक भारत रत्न प्रो. चंद्रशेखर वेंकट रमन ने अपनी उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज 'रमन इफेक्ट/रमन प्रभाव' को दुनिया के सामने रखा।
- रमन प्रभाव और प्रो. सी.वी. रमन की उपलब्धियों की स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए सन् 1986 से भारत में 28 फरवरी को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' मनाया जा रहा है।
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों और जनसाधारण को विज्ञान के प्रति प्रेरित करना एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।
- राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पूरे देश में मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर वैज्ञानिकों के आख्यान, निबंध, लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, प्रदर्शनियां, संगोष्ठी आदि का आयोजन किया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से 2025 को 'क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अंतरराष्ट्रीय वर्ष' के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने अप्रेल 2023 में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन लॉन्च किया, जिसे 2023 से 2031 तक क्रियान्वित किया जाएगा।
*राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2025 का विषय/थीम*
विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना
Empowering Indian Youth for Global Leadership in Science & Innovation for VIKSIT BHARAT
प्रोफेसर चंद्रशेखर वेंकट रमन
- प्रो. सी.वी. रमन का जन्म 7 नवम्बर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ। उनका निधन 21 नवम्बर 1970 कर्नाटक के बंगलौर में हुआ।
- प्रो. सी.वी. रमन को 'रमन प्रभाव' के लिए वर्ष 1930 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
- सन् 1954 में प्रो. सी.वी. रमन को भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- सन् 1957 में उन्हें लेनिन शान्ति पुरस्कार प्रदान किया गया।
रमन प्रभाव
- जब कोई एकवर्णी प्रकाश द्रवों, गैसों या ठोसों से होकर गुजरता है तो उसमें आपतित प्रकाश के साथ अत्यल्प तीव्रता का कुछ अन्य वर्णों का प्रकाश देखने में आता है। इसमें मूल प्रकाश की किरणों के अलावा स्थिर अंतर पर बहुत कमजोर तीव्रता की किरणें भी उपस्थित होती हैं। इन किरणों को रमन-किरणें कहा जाता है।
- प्रो. रमन ने शुरुआत में सूर्य के प्रकाश को बैंगनी फिल्टर से गुजार कर प्राप्त बैंगनी प्रकाश किरण पुंज को द्रव से गुजारा। निर्गत प्रकाश पुंज मूलत: तो बैंगनी रंग का ही था, लेकिन जब इसे हरे फिल्टर से गुजारा तो इसमें बहुत न्यून मात्रा में हरी किरणों का अस्तित्व भी देखने में आया।
नए राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों की स्थापना
- भारत सरकार ने 21 सितंबर, 2023 को नए राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की स्थापना की। ये पुरस्कार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में प्रदान किए जाएंगे। इन पुरस्कारों की स्थापना से विभिन्न विज्ञान विभागों द्वारा प्रदान किए जा रहे लगभग 300 विभिन्न पुरस्कार रद्द हो गए हैं।
- नए पुरस्कारों को 'राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार' के नाम से जाना जाएगा। ये देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार होंगे।
- राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और अन्वेषकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से या टीमों में किए गए उल्लेखनीय और प्ररेणादायी योगदान को मान्यता देना है।
- देश में सरकारी, निजी क्षेत्र के संगठनों में काम करने वाले वैज्ञानिक/प्रौद्योगिकीविद्/अन्वेषकों या किसी भी संगठन से इतर काम करने वाला कोई भी व्यक्ति, जिसने विज्ञान, प्रौद्योगिकी या प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के किसी भी क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान या नवाचार या आविष्कार के संदर्भ में विशिष्ट योगदान दिया हो, वे पुरस्कार प्राप्त करने के पात्र होंगे। विदेश में रहकर भारतीय समुदायों या समाज को लाभ पहुंचाने में असाधारण योगदान देने वाले भारतीय मूल के लोग भी पुरस्कार के पात्र होंगे।
अब राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की चार श्रेणियां
- 1. विज्ञान रत्न पुरस्कार : विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में की गई जीवन भर की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाएगा।
- 2. विज्ञान श्री पुरस्कार : विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा।
- 3. विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार : 45 वर्ष की आयु तक के युवा वैज्ञानिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए दिया जाएगा।
- 4. विज्ञान टीम पुरस्कार : तीन या अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/अन्वेषकों की एक टीम को दिया जाएगा, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में एक टीम के रूप में काम करके असाधारण योगदान दिया हो।
इन क्षेत्रों में दिए जाएंगे राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
- राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 13 क्षेत्रों अर्थात् भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग साइंस, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी और अन्य में प्रदान किया जाएगा।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के लिए नामांकन और पुरस्कार समारोह
- पुरस्कारों की इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन हर साल 14 जनवरी को आमंत्रित किए जाएंगे। 28 फरवरी (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) तक नामांकन खुले रहेंगे। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल 11 मई (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस) को की जाएगी। सभी श्रेणियों के पुरस्कारों के लिए पुरस्कार समारोह 23 अगस्त (राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस) को आयोजित किया जाएगा। सभी पुरस्कारों में एक सनद और एक पदक होगा।