मंगलवार, 12 अगस्त 2025

12 अगस्त 2025 : विश्व हाथी दिवस

विश्व हाथी दिवस

(World Elephant Day)

आज का दिन : 12 अगस्त 2025

  • प्रतिवर्ष 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है।
  • वर्ष 2011 में थाईलैंड के एलीफेंट रीइंट्रोडक्शन फाउंडेशन और फिल्म निर्माता पेट्रिशिया सिम्स और माइकल क्लार्क ने विश्व हाथी दिवस मनाने की पहल की। इसके बाद पहली बार 12 अगस्त, 2012 को विश्व हाथी दिवस मनाया गया।
  • विश्व हाथी दिवस को मनाने का उद्देश्य हाथियों की घटती आबादी को काबू कर उनको संरक्षण प्रदान करना है। हाथी जमीन पर रहने वाला सबसे बड़ा जीव है।
  • हाथी भारत का प्राकृतिक विरासत पशु है। 13 अक्टूबर, 2010 को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक में हाथी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 15 अक्टूबर, 2010 को पर्यावरण मंत्रालय ने हाथी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की अधिसूचना जारी की।
  • भारत में हाथियों की आखिरी गणना वर्ष 2017 में हुई थी, तब देश के 23 राज्यों में 27,312 हाथी थे। इससे पूर्व 2012 में हुई गणना में यह संख्या 29,576 थी। देश में हाथियों के संरक्षण के लिए 34 हाथी रिजर्व बनाए गए है।
  • केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से हाथियों के संरक्षण और मानव हाथी संघर्ष के समाधान व बंदी हाथियों के कल्याण के लिए 'प्रोजेक्ट टाइगर एंड एलीफेंट' के तहत राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को वित्तीय व तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
  • एशियाई हाथियों को संकटग्रस्त प्रजातियों की आईयूसीएन रेड लिस्ट में 'लुप्तप्राय' प्राणियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 5 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी पर हाथियों की 170 प्रजातियां थीं, लेकिन वर्तमान में अफ्रीकी और एशियाई दो ही प्रजातियां बची हैं।

12 अगस्त 2025 : अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस

(International Youth Day)

आज का दिन : 12 अगस्त, 2025

  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
  • पहली बार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस सन् 2000 में मनाया गया था।
  • 17 दिसंबर, 1999 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया और पहला अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस सन् 2000 में मनाया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का वैश्विक आयोजन 12 अगस्त, 2025 को नैराबी, केन्या में यूएन-हैबिटेट के सहयोग से मानया जाएगा।
  • अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस को मनाने की पृष्ठभूमि पुर्तगाल के लिस्बन में 8 से 12 अगस्त, 1998 तक आयोजित विश्व युवा सम्मेलन के दौरान तैयार हुई थी। इस सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र व पुर्तगाल सरकार ने मिलकर किया था। इसी की सिफारिशों के आधार पर प्रतिवर्ष 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का प्रस्ताव यूएन महासभा ने पारित किया।
  • अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का उद्देश्य सरकारों का ध्यान युवाओं के मुद्दों की तरफ खींचना और दुनिया के विकास में युवा जगत के योगदान को रेखांकित करना है।
  • इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् 1985 को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष के रूप में मनाया था। इसकी 25वीं वर्षगांठ पर सन् 2010 को भी संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष के रूप में मनाया गया।
  • वर्तमान में भारत युवाओं के देश के रूप में उभरकर सामने आया है। हमारे देश की वर्तमान जनसंख्या में अधिकांश आबादी 35 वर्ष की आयु तक युवाओं की है।
  • संयुक्त राष्ट्र के तथ्यों के अनुसार विश्व की आधी जनसंख्या 30 या उससे कम उम्र के युवाओं की है और वर्ष 2030 के अंत तक यह 57 प्रतिशत होने का अनुमान है।

भारत में 12 जनवरी को मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस

  • हमारे देश में आधुनिक भारत के चिंतक और युवा संन्यासी स्वामी विवेकानन्द की जयंती 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1985 को 'अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष' घोषित किया था। उसी वर्ष भारत सरकार ने भी स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

*अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस-2025 का विषय/थीम*

Local Youth Actions for the SDGs and Beyond

शनिवार, 9 अगस्त 2025

9 अगस्त, 2025 : अगस्त क्रांति दिवस

अगस्त क्रांति दिवस

(August Kranti Diwas)

आज का दिन : 9 अगस्त, 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस मनाया जाता है। 9 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। अंग्रेजों के खिलाफ यह एक प्रकार से अंतिम जंग का ऐलान था। इसीलिए इस दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 4 जुलाई, 1942 को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि यदि अंग्रेज भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ नागरिक अवज्ञा आंदोलन चलाया जाए। अगस्त क्रांति इसी का एक रूप थी।

अरुणा आसफ अली ने फहराया था तिरंगा

  • अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बम्बई सत्र में 8 अगस्त 1942 को अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया।
  • आंदोलन के शुरू होने से पूर्व ही महात्मा गांधी को गिरफ्तार कर पुणे के आगा खान पैलेस में कैद कर दिया।  इस दौरान लगभग सभी नेता गिरफ्तार कर लिए गए।
  • 9 अगस्त, 1942 को अरुणा आसफ अली ने मुंबई के गवालिया टैंक मैदान में तिरंगा फहराकर भारत छोड़ो  आंदोलन का शंखनाद कर दिया। मुम्बई के जिस पार्क से यह आंदोलन शुरू हुआ उसे अब अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है।
  • अगस्त क्रांति एक प्रकार से भारतीय आजादी का अंतिम हथियार कही जा सकती है। इस आंदोलन के बाद अंग्रेजों से मुक्ति की राह मजबूती से प्रशस्त हुई।



9 अगस्त 2025 : विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

(International Day of the World's Indigenous Peoples)

विश्व आदिवासी दिवस

(World Tribal Day)

आज का दिन : 9 अगस्त 2025


  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1994 से प्रतिवर्ष 9 अगस्त को 'विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस' मनाया जा रहा है।
    भारत में यह दिवस 'विश्व आदिवासी दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
  • 9 अगस्त, 1982 को पहली बार मूल निवासियों संबंधी संयुक्त राष्ट्र के उप-आयोग की पहली बैठक हुई थी। इसी उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है। 
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से 8 अगस्त, 2025 को विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिवस पर वर्चुअल आयोजन का आयोजन किया गया। जिसका विषय/थीम “Indigenous Peoples and AI: Defending Rights, Shaping Futures” रखी गई है।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मूल निवासी लोगों यानी आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी परंपराओं का सम्मान करते हुए उन्हें बढ़ावा देना है।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया में इस समय लगभग 476 मिलियन लोग मूल निवासी हैं, जो 90 देशों में निवास कर रहे हैं। यह दुनिया की जनसंख्या का लगभग 6.2 प्रतिशत है। इन लोगों ने अपनी संस्कृति, अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं, भाषाओं और प्राचीन ज्ञान प्रणालियों को सहेजकर रखा है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 13 सितंबर, 2027 को स्वदेशी लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र को अपनाया था। उस समय इसके पक्ष में 143 देशों ने मतदान किया था। जबकि चार देशों ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसके विपक्ष में वोट दिया। हालांकि बाद में ये चारों देश भी इस घोषणा पत्र को अपना चुके। यह दुनिया के स्वदेशी लोगों के अस्स्तिव, सम्मान और कल्याण के लिए न्यूनतम मानकों का एक सार्वभौमिक ढांचा स्थापित करता है।
  • देश में 9 अगस्त का दिन विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्यों ने प्रदेश में इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने 15वें राष्ट्रपति का पदभार संभाला है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से 1994 से 2004 तक 'विश्व के मूल निवासी लोगों का दशक' (Decade of the World's Indigenous People) मनाया गया। इसके बाद वर्ष 2005 से 2014 तक दूसरा 'विश्व के मूल निवासी लोगों का दशक' मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र की ओर से अब वर्ष 2022 से 2032 तक के दशक को स्वदेशी भाषाओं के दशक (Decade of Indigenous Languages 2022 – 2032) के रूप में मनाया जा रहा है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर वर्ष 2019 को International Year of Indigenous Languages के रूप में मनाया गया था।

    *विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस-2025 का विषय/थीम*

    Indigenous Peoples and AI: Defending Rights, Shaping Futures

बुधवार, 6 अगस्त 2025

7 अगस्त, 2025 : राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस

राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस

(National Javelin Day)

आज का दिन : 7 अगस्त, 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस मनाया जाता है।
  • एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से यह दिवस मनाया जाता है।
  • प्रसिद्ध एथलीट नीरज चोपड़ा ने 7 अगस्त, 2021 को टोक्यो ओलंपिक-2020 में भाला फेंक में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता था। ओलंपिक में यह भारत का एथलेटिक्स का पहला पदक था। वो भी गोल्ड। इसलिए नीरज चोपड़ा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सम्मान करने के लिए प्रतिवर्ष देश में यह दिवस मनाना शुरू किया गया।
  • भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाला फेंक में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
  • फ्रांस के पेरिस में हुए ओलंपिक-2024 में भी नीरज चोपड़ा ने 8 अगस्त, 2024 को फाइनल में भाला फेंक कर रजत पदक जीता था।

7 अगस्त, 2025 : राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

(National Handloom Day)

आज का दिन : 7 अगस्त, 2025

  • प्रतिवर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है।
  • प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन 7 अगस्त 2015 को चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
  • 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर 7 अगस्त, 2025 को राष्ट्र स्तरीय समारोह नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु होंगी। कार्यक्रम के दौरान हथकरघा क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पांच संत कबीर पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
  • 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, देश भर में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं।  राज्य सरकारें, विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय के तहत बुनकर सेवा केंद्र, शीर्ष हथकरघा निकाय, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम, राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय आदि सहित शिक्षा संस्थान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं।
  • राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की प्रेरणा 7 अगस्त, 1905 को शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन से मिली है। इस आंदोलन का उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों और विषेश रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित करना था।
  • हथकरघा देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और देश के ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण हिस्सों में आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इस क्षेत्र में अधिकतम संख्या महिला श्रमिकों की है।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हथकरघा-बुनाई समुदाय के देश में सामाजिक व आर्थिक विकास में योगदान पर प्रकाश डालना हैं।

रविवार, 3 अगस्त 2025

4 अगस्त, 2025 : अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस

अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस
(International Day of Friendship)

आज का दिन : 4 अगस्त, 2025
(अगस्त का पहला रविवार)

  • भारत सहित आधी से अधिक दुनिया में अगस्त माह के पहले रविवार को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2025 में अगस्त का पहला रविवार 3 तारीख को आया है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से प्रतिवर्ष 30 जुलाई को फ्रेंडशिप डे यानी अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाया जाता है। 
  • अलग-अलग दिन मनाने के बावजूद फ्रेंडशिप डे की भावना एक ही है। माना जाता है कि इस दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई। सन् 1919 में हॉलमार्क कार्ड्स के संस्थापक जॉएस हॉल को जाता है। पश्चिमी दुनिया में जुलाई के आसपास कोई त्योहार न होने के कारण अगस्त माह के पहले रविवार को फ्रेंडशिप मनाने की शुरुआत की गई। सन् 1958 को 30 जुलाई को औपचारिक रूप से फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत हुई।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् 2011 में 30 जुलाई को आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र का इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों, देशों और संस्कृतियों के बीच मित्रता का सेतु तैयार कर दुनिया में शांति लाना है।
  • भारत और उसके पड़ोसी देशों में यह दिन अगस्त के प्रथम रविवार को मनाया जाता है। हमारी भारतीय संस्कृति में मित्रता को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। श्रीकृष्ण व सुदामा यानी राजा और रंक की मित्रता का उदाहरण हमेशा दिया जाता रहा है।

1 से 7 अगस्त, 2025 : विश्व स्तनपान सप्ताह

विश्व स्तनपान सप्ताह

(World Breastfeeding Week)

आज का दिन : 1 से 7 अगस्त, 2025

  • नवजात शिशु के लिए मां के दूध का महत्व बताने वाला यह सप्ताह प्रतिवर्ष 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है।
  • अगस्त, 1990 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और विभिन्न देशों की सरकारों ने विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का निर्णय किया।
  • विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर 5-6 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष और ग्लोबल ब्रेस्टफीडिंग कलेक्टिव वेबिनार की मेजबानी करेंगे। इस वेबिनार का विषय/थीम Building healthcare systems that truly support breastfeeding: new tools for sustainable change. रखी गई है।

विश्व स्तनपान सप्ताह के उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • माता-पिता में स्तनपान को लेकर जागरूकता पैदा करना।
  • माता-पिता को स्तनपान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • शुरुआत एवं अनन्य स्तनपान के महत्व को लेकर जागरुकता पैदा करना और पर्याप्त एवं उचित पूरक आहार।
  • स्तनपान के महत्व से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराना।

भारत में राष्ट्रीय स्तनपान संवर्धन कार्यक्रम

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने नवजात और शिशुओं के लिए स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए रणनीति 'प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल और किशोर स्वास्थ्य' के दृष्टिकोण के तहत मां (मां का पूर्ण  स्नेह-MOTHER’S ABSOLUTE AFFECTION) के रूप में एक राष्ट्रीय स्तनपान प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

स्तनपान महत्वपूर्ण है क्योंकि:

  • यह मां और बच्चे दोनों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • यह प्रारंभिक अवस्था में दस्त और तीव्र श्वसन संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकता है और इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आती है।
  • यह मां में स्तन कैंसर, अंडाशय के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग विकसित होने के खतरे को कम करता है।
  • यह नवजात को मोटापे से संबंधित रोगों, डायबिटीज से बचाता है और आईक्यू बढ़ाता है।

नवजात शिशु के लिए अमृत है माँ का दूध

  • नवजात शिशुओं के लिए माँ का दूध अमृत के समान है। शिशुओं को जन्म से छ: माह तक केवल माँ का दूध पिलाने के लिए महिलाओं को इस सप्ताह के दौरान विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाता है।
  • शिशु के जन्म के पश्चात स्तनपान एक स्वाभाविक क्रिया है। लेकिन प्रथम बार मां बन रही माताओं को स्तनपान की जानकारी न होने कारण बच्चा कुपोषण एवं संक्रमण से पीडि़त हो सकता है।
  • मां के प्रथम दूध को 'कोलोस्ट्रम' कहा जाता है। यह गाढ़ा, पीला दूध होता है, जो शिशु को जन्म देने के 4-5 दिनों में उत्पन्न होता है।
  • मां के दूध में लेक्टोफोर्मिन नामक तत्व होता है, जो शिशु की आंत में लौह तत्व को बांध लेता है और लौह तत्व के अभाव में उसकी आंत में रोगाणु पनप नहीं पाते।

शिशु और छोटे बच्चे को दूध पिलाने के सही तरीके:

  • जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत।
  • जन्म के बाद पहले छह महीने तक अनन्य स्तनपान। अन्य प्रकार के दूध, आहार, पेय अथवा पानी को 'ना'।
  • स्तनपान को जारी रखते हुए छह महीने की आयु से उचित और पर्याप्त पूरक आहार।
  • दो वर्ष की आयु अथवा इसके बाद तक निरंतर स्तनपान।

*विश्व स्तनपान सप्ताह-2025 का विषय/थीम* 

Invest in breastfeeding, invest in the future

मंगलवार, 29 जुलाई 2025

29 जुलाई 2025 : विश्व बाघ दिवस

विश्व बाघ दिवस और भारत में टाइगर रिजर्व संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी

(World Tiger Day)

आज का दिन : 29 जुलाई 2025

world-tiger-day

  • विश्व बाघ दिवस प्रतिवर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है।
  • सन् 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुए बाघ सम्मेलन में विश्व बाघ दिवस यानी वल्र्ड टाइगर डे मनाने का निर्णय लिया गया था। इसे अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस और ग्लोबल टाइगर डे के नाम से भी जाना जाता है।
  • बाघ सम्मेलन में शामिल हुए 13 देशों ने सन् 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा था। दूसरी ग्लोबल टाइगर समिट या अंतरराष्ट्रीय बाघ फोरम अक्टूबर 2022 में रूस के व्लादिवोस्तोक में हुई। भारत सरकार की ओर से इस पर एक डाक टिकट भी जारी किया गया।
  • विश्व बाघ दिवस अथवा अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का उद्देश्य बाघों के संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाना है।
  • वल्र्ड वाइल्डलाइफ फंड के अनुसार वर्तमान में दुनिया में 5000 से अधिक बाघ हैं। इनमें भी सर्वाधिक बाघ भारत में हैं।
  • हमारा राष्ट्रीय पशु भी बाघ है। आजादी के बाद से सन् 1972 तक हमारा राष्ट्रीय पशु सिंह था। इसके बाद बाघ यानी रॉयल बंगाल टाइगर को आकर्षक सुन्दरता, ताकत, फुर्तीलेपन और अपार शक्ति के कारण भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में स्वीकार किया गया।
  • रॉयल बंगाल टाइगर यानी राजसी बाघ (Panthera Tigris) एक धारीदार जानवर है। इसकी मोटी पीली रोंयेदार चमड़ी पर गहरी काली धारियां होती हैं। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है और भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • वनों में शिकार और जरूरी संसाधनों की कमी के कारण देश में बाघों की संख्या में भारी गिरावट आई है। 
  • भारत में बाघों के संरक्षण के लिए अप्रेल, 1973 में 'प्रोजेक्ट टाइगर' (बाघ परियोजना) शुरू किया गया। इस परियोजना के तहत देश में अब तक (वर्ष 2025 तक) बाघों के लिए 58 आरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की गई है। 2025 में 58वें बाघ संरक्षित क्षेत्र के रूप में मध्य प्रदेश में माधव टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी की गई।
  • देश में बाघों के संरक्षण का काम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की देखरेख में ही चल रहा है।
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यानी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के अनुसार भारत में बाघों को बचाने के लिए 'बाघ बचाओ परियोजना' के तहत चल रही परियोजनाएं 18 राज्यों में संचालित हैं।
  • अब तक बाघों की गणना को लेकर 2006, 2010, 2014, 2018 और 2022 में रिपोर्ट जारी हो चुकी है।
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से वर्ष 2025 में हुई बाघ गणना के अनुसार देश में बाघों की संख्या 3,682 है। यानी वर्तमान में भारत में दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत बाघ हैं। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से प्रति चार वर्ष में यह गणना करवाई जाती है।
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने दुनिया में 13 देशों की पहचान की है, जहां बाघ पाए जाते हैं। भारत ने इन 13 देशों में बाघ संरक्षण की मुहिम चलाने का निर्णय लिया है। ये 13 देश हैं- बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, रूस, म्यांमार, नार्थ कोरिया, अफगानिस्तान, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, थाईलैंड, इंडोनेशिया और श्रीलंका।

भारत ने शुरू किया इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस

  • भारत में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कर्नाटक के मैसूर में 9 अप्रैल, 2023 को अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे ग्रह पर रहने वाली सात बिग कैट बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा के संरक्षण के लिए इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) का शुभारंभ किया।
  • इस एलायंस का उद्देश्य बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा के प्राकृतिक आवासों को कवर करने वाले 97 रेंज देशों तक पहुंचना है। आईबीसीए वैश्विक सहयोग और जंगली जानवरों, विशेष रूप से बिग कैट संरक्षण की कोशिशों को और मजबूत करेगा।

बाघों की 6 प्रमुख प्रजातियां

  • पूरी दुनिया में बाघों की मुख्यत: 6 प्रजातियां पाई जाती हैं। ये इस प्रकार हैं-
  • साइबेरियन बाघ : यह प्रजाति साइबेरिया के सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर में पाई जाती है। उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व रूस के सुदूर पूर्व में भी यह साइबेरियन बाघ की प्रजाति पाई जाती है।
  • बंगाल टाइगर: इस प्रजाति को पेंथेरा टिगरिस के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इसी प्रजाति के बाघ को हमारे राष्ट्रीय पशु होने का गौरव प्राप्त है।
  • इंडोचाइनीज बाघ : यह प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है।
  • मलायन बाघ : यह प्रजाति मलय प्रायद्वीप में पाई जाती है।
  • सुमात्रा बाघ : यह प्रजाति सुमात्रा द्वीप में पाई जाती है।
  • साउथ चाइना बाघ : यह प्रजाति दक्षिण चीन में पाई जाती है।

देश में अब 58 टाइगर रिजर्व

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार वर्ष 2025 में अब कुल 58 टाइगर रिजर्व हो गए हैं। देश के 58 टाइगर रिजर्व की राज्य अनुसार सूची इस प्रकार है-

क्रमराज्यटाइगर रिजर्वअधिसूचना वर्ष
1आंध्र प्रदेशनागार्जुनसागर सागर2007
2अरुणाचल प्रदेशनाम्दफा 1987
3अरुणाचल प्रदेशपक्के2012
4अरुणाचल प्रदेशकमलांग2017
5असमनामेरी2000
6असमकाजीरंगा2007
7असममानस2008
8असमओरांग2016
9बिहारवाल्मीकि2012
10छत्तीसगढ़इंद्रावती2009
11छत्तीसगढ़उदंती सीतानदी2009
12छत्तीसगढ़अचानकमार2009
13छत्तीसगढ़गुरु घासीदास तमोर पिंगला 56वां2024
14झारखंडपलामू2012
15कर्नाटकनागरहोल2007
16कर्नाटकबांदीपुर2007
17कर्नाटककाली2007
18कर्नाटकबिलिगिरी रंगनाथ मंदिर2007
19कर्नाटकभद्रा2007
20केरलपरम्बिकुलम2009
21केरलपेरियार2007
22मध्य प्रदेशबांधवगढ़2007
23मध्य प्रदेशपन्ना2007
24मध्य प्रदेशकान्हा2007
25मध्य प्रदेशपेंच2007
26मध्य प्रदेशसतपुड़ा2007
27मध्य प्रदेशसंजय धुबरी2011
28मध्य प्रदेशवीरांगना दुर्गावती (54वां)2023
29मध्य प्रदेशरातापानी (57वां)2024
30मध्य प्रदेशमाधव2025
31महाराष्ट्रमेलघाट2007
32महाराष्ट्रतड़ोभा अंधारी2007
33महाराष्ट्रपेंच-एमएच2007
34महाराष्ट्रबोर2012
35महाराष्ट्रसहयाद्रि2012
36महाराष्ट्रनवेगांव नागजीरा2013
37मिजोरमदम्पा2007
38ओडिसासिमलीपाल2007
39ओडिसासतकोशिया2007
40राजस्थानरणथम्भौर2007
41राजस्थानसरिस्का2007
42राजस्थानमुकुन्दरा2013
43राजस्थानरामगढ़ विषधारी (52वां)2022
44राजस्थानधौलपुर-करौली (55वां)2023
45उत्तराखंडकॉर्बेट2010
46उत्तराखंडराजाजी2015
47उत्तर प्रदेशदूधवा2010
48उत्तर प्रदेशपीलीभीत2014
49उत्तर प्रदेशरानीपुर (53वां)2022
50तमिलनाडुसत्यमंगलम2013
51तमिलनाडुश्रीविल्लिपुथुर मेगामलाई2021
52तमिलनाडुकलाकड़ मुंडनथुराई2007
53तमिलनाडुअनामलाई2007
54तमिलनाडुमुदुमलई2007
55तेलंगानाकवल2012
56तेलंगानाअमराबाद2015
57पश्चिम बंगालसुंदरबन2007
58पश्चिम बंगालबुक्सा2009

रविवार, 27 जुलाई 2025

27 जुलाई 2025 : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल स्थापना दिवस

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल स्थापना दिवस
(Central Reserve Police Force Foundation Day)

आज का दिन : 27 जुलाई 2025

  • प्रतिवर्ष 27 जुलाई को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • 27 जुलाई, 1939 को ब्रिटिश सरकार ने 'क्राउन रिप्रेंजेन्टेटिव पुलिस' के नाम से नीमच (मध्य प्रदेश) में प्रथम बटालियन का गठन किया। इस बल का कार्य भारत की तत्कालीन रियासतों में आंदोलनों एवं राजनीतिक अशांति तथा साम्राज्यिक नीति के रूप में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना था।
  • स्वतंत्रता के बाद 28 दिसम्बर, 1949 को संसद के एक अधिनियम द्वारा इस बल का नाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (के.रि.पु. बल) कर दिया गया। जिसे सीआरपीएफ के नाम से भी जाना जाता है।
  • वर्तमान यानी सन् 2025 में सीआरपीएफ के महानिदेशक जी पी सिंह हैं।


200 से अधिक बटालियनें लगी हैं देश सेवा में

  • आजादी के बाद सीआरपीएफ की दूसरी बटालियन का गठन किया गया। इसके बाद सन् 1956 में तीसरी बटालियन बनी। वर्तमान में यह बल 246 बटालियनों (203 जी डी बटालियन, 5 वी आई पी सुरक्षा बटालियन, 06 महिला बटालियन, 15 आर.ए.एफ. बटालियन, 10 कोबरा बटालियन, 5 बेतार बटालियन, 1 विशेष ड्यूटी ग्रुप और 1 संसदीय ड्यूटी ग्रुप), 43 ग्रुप केंद्रों, 22 प्रशिक्षण संस्थानों, 3 सी.डब्ल्यू.एस., 7 ए.डब्ल्यू.एस., 3 एस.डब्ल्यू.एस., 100 बिस्तर वाले 04 संयुक्त अस्पतालों और 50 बिस्तर वाले 18 संयुक्त अस्पतालों एवं 06 फील्ड अस्पतालों के गठन से बना हुआ एक बड़ा संगठन है।
  • बल के प्रमुख कार्यों में कानून व्यवस्था में राज्यों का सहयोग करना तथा देश के आंतरिक हिस्सों में असामाजिक तत्वों से निपटना है। इसके अलावा अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी इसी बल का कार्य है।
  • सन् 1950 में ही पूर्व भुज, तत्कालीन पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्य संघ (पीईपीएसयू) तथा चंबल के बीहड़ों के इलाकों में सीआरपीएफ की टुकडिय़ों द्वारा किये गये कार्यों को सर्वत्र सराहना मिली। पाकिस्तानी घुसपैठियों के हमलों के दौरान भी बल को पाकिस्तानी सीमा पर तैनात किया गया। 
  • भारत के हॉट स्प्रिंग (लदाख) पर पहली बार 21 अक्तूबर 1959 को चीनी हमले को केरिपुबल ने नाकाम किया। केरिपुबल के एक छोटे से गश्ती दल पर चीन द्वारा घात लगाकर हमला किया गया जिसमें बल के दस जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी शहादत की याद में देश भर में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • 1962 के चीनी आक्रमण के दौरान एक बार फिर बल ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना को सहायता प्रदान की। इस आक्रमण के दौरान सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हुए। पश्चिमी और पूर्वी दोनों सीमाओं पर 1965 और 1971 में भारत पाक युद्ध में भी बल ने भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया।
  • श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के साथ भी सीआरपीएफ की महिलाओं की एक टुकड़ी सहित 13 कंपनियां गई थीं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के एक अंग के रूप में हैती, नामीबिया, सोमालिया और मालद्वीप में भी सीआरपीएफ जवानों ने अपनी भूमिका अदा की है। सीआरपीएफ की स्थापना से लेकर आज तक 2340 सीआरपीएफ कर्मियों ने बलिदान दिया है।
  • चाहे 80 के दशक का पंजाब का आतंकवाद हो या नक्सल ग्रस्त अशांत इलाके सीआरपीएफ ने इन जगहों पर शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है और कर रहा है।


जय हिन्द

शनिवार, 26 जुलाई 2025

26 जुलाई 2025 : कारगिल विजय दिवस

कारगिल विजय दिवस

(Kargil Vijay Diwas)

आज का दिन : 26 जुलाई 2025

  • प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
  • भारतीय सेना के वीरों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को 26 जुलाई, 1999 को 'कारगिल युद्ध' में वापस भागने पर मजबूर कर दिया था। इसी विजय के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है।
  • वर्ष 2025 में 26वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है।
  • इस दिवस को प्रतिवर्ष मनाने का उद्देश्य देश के वीर सपूतों की वीरता और उनके बलिदान को याद करते हुए उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करना है।
  • केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख (उस समय जम्मू और कश्मीर राज्य) के कारगिल की पहाडिय़ों पर मई, 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों (पाकिस्तानी सैनिकों) ने कब्जा जमा लिया। इसका जवाब देते हुए भारतीय थल सेना और वायु सेना ने इन्हें खदेड़कर पुन: क्षेत्र पर तिरंगा लहराया। 26 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए कारगिल युद्ध में जीत हासिल की। 

चरवाहे ताशी नामग्याल ने दी थी घुसपैठ की सूचना

  • एक चरवाहे ताशी नामग्याल ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचना 3 मई 1999 को दी थी। नामग्याल उस इलाके में अपने याक को ढूंढऩे गए थे, तब उनकी नजर पाकिस्तानी घुसपैठियों पर गई और उन्होंने इसकी सूचना भारतीय सैनिकों को दी।
  • भारतीय सेना को कारगिल के युद्ध में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाडिय़ों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था। भारतीय जवानों को आड़ लेकर या रात में चढ़ाई कर ऊपर पहुंचना पड़ रहा था, यह बहुत जोखिमपूर्ण था।
  • कारगिल युद्ध में हमारे 527 जवान शहीद हुए और 1363 जवान घायल हुए।
  • द्रास में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की स्मृति में 'वॉर मेमोरियल' बनाया गया है।
  • कारगिल युद्ध के बाद भारतीय वीरों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। देश के सबसे बड़े वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से गोरखा राइफल्स के लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे (मरणोपरांत), द ग्रेनेडियर्स के ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, जम्मू कश्मीर राइफल्स के राइफलमैन संजय कुमार और कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत) को सम्मानित किया गया।
  • भारतीय वायुसेना के वीरों ने कारगिल में जिस ऑपरेशन के तहत दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया, उसे 'सफेद सागर' नाम दिया गया था।
  • कारगिल युद्ध के दौरान नौसेना ने भी दुश्मन के छक्के छुड़ाने में योगदान दिया था। नौसेना की ओर से 'ऑपरेशन तलवार' नाम से रक्षा अभियान चलाया गया था।
  • पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वी.पी. मलिक ने कारगिल युद्ध पर एक पुस्तक लिखी है, जिसका नाम है- 'कारगिल : एक अभूतपूर्व विजय'
  • कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
  • बॉलीवुड ने भी कारगिल युद्ध पर कई फिल्मों का निर्माण किया है। इनमें एलओसी कारगिल (2003), स्टम्प्ड (2003), लक्ष्य (2004), मौसम (2011) शामिल हैं।

 
जय हिन्द! जय हिन्द की सेना!!

रविवार, 20 जुलाई 2025

20 जुलाई 2025 : अंतरराष्ट्रीय चन्द्रमा दिवस

अंतरराष्ट्रीय चन्द्रमा दिवस

(International Moon Day)

आज का दिन : 20 जुलाई 2025

  • 20 जुलाई, 2022 को पहला अंतरराष्ट्रीय चन्द्रमा दिवस मनाया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 दिसंबर, 2021 को 'बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में अंतरराष्ट्रीय सहयोग' पर अपने संकल्प 76/76 में 20 जुलाई को प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाने की घोषणा की थी।
  • संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस का चयन इसलिए किया है क्योंकि आज ही के दिन 20 जुलाई, 1969 (भारतीय समयानुसार 21 जुलाई, रात 1:47) को पहली बार मनुष्य ने चन्द्रमा पर पहला कदम रखा था।
  • 20 जुलाई, 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के यान अपोलो-11 में चार दिन की उड़ान पूरी करने के बाद अंतरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्डिन ने पहली बार चांद पर कदम रखा था। दोनों अंतरिक्षयात्री चांद पर लगभग 21 घंटे से ज्यादा समय तक रहे थे। अब तक चन्द्रमा पर 12 धरती वासी कदम रख चुके हैं।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य चंद्रमा संबंधी खोज और उपयोग के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है।

चन्द्रमा से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • चन्द्रमा, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।
  • यह सौर मंडल का पाँचवां सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है। 
  • पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी लगभग 384,403 किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है। 
  • चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 1/6 है। 
  • यह पृथ्वी कि परिक्रमा 27.3 दिन में पूरा करता है।

भारत का मिशन चंद्रयान

  • चन्द्रमा के लिए भारत का प्रथम अभियान चन्द्रयान-प्रथम 22 अक्टूबर, 2008 को लॉन्च किया गया। इस मिशन का उद्देश्य चांद पर पानी की खोज करना था। 29 अगस्त, 2009 को इससे सम्पर्क टूट गया था। 
  • भारत ने चन्द्रमा के लिए अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए चन्द्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया था। इसरो ने इस अभियान में स्वदेशी ऑर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान भेजा था। यह मिशन चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए था। हालांकि जब लैंडर विक्रम दक्षिणी धु्रव पर उतर रहा था तब उसका संपर्क टूट गया। बाद में नासा और इसरो दोनों ने इसका मलबा दक्षिणी ध्रुव पर खोज निकाला था। यह अभियान 80 प्रतिशत तक सफल रहा था।
  • इसरो ने 14 जुलाई, 2023 को देश का तीसरा चन्द्रमा मिशन चन्द्रयान-3 आंध्र-प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। चन्द्रयान-3 निर्धारित 41 दिनों की यात्रा के बाद 23 अगस्त को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इसी के साथ भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बना। इस उपलब्धि के साथ भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बना। भारत सरकार ने इस उपलब्धि के लिए प्रतिवर्ष 23 अगस्त को 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' मनाने की घोषणा की।
  • हाल ही इसरो प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 की घोषणा की। चंद्रयान-4 का उद्देश्य चंद्रमा से नमूने एकत्र कर पृथ्वी पर लाना है। वहीं चंद्रयान-5 जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जेएएक्सए के साथ सहयोगात्मक मिशन है।

20 जुलाई 2025 : विश्व शतरंज दिवस

विश्व शतरंज दिवस

(World Chess Day)

आज का दिन : 20 जुलाई 2025

  • प्रतिवर्ष 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस मनाया जाता है।
  • 20 जुलाई, 1924 को शतरंज की अंतरराष्ट्रीय संस्था 'विश्व शतरंज फेडरेशन' (फीडे) की स्थापना के उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है।
  • यह दिवस अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस के रूप में सन् 1966 से ही मनाया जा रहा है, लेकिन यूनेस्को की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 दिसंबर, 2019 को इस दिवस को आधिकारिक रूप से मनाने का प्रस्ताव पारित किया।
  • भारतीय शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने वर्ष 2020 में पहले विश्व शतरंज दिवस पर यूएन की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया था। फीडे का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है।
  • बुद्धि कौशल के खेल शतरंज का जन्मदाता भारत को माना जाता है। प्राचीन भारत में शतरंज के खेल को चतुरंग के नाम से जाना जाता था।
  • संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत वयस्क आबादी (भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस) ने जीवन में कभी-न-कभी शतरंज खेला है। आज भी 604 मिलियन लोग नियमित रूप से शतरंज खेलते हैं। शतरंज के खेल में प्रतिद्वन्द्वी को मात्र दो चालों में चेकमेट करना संभव है।


भारत ने 2022 में की थी शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी

  • शतरंज की अंतरराष्ट्रीय संस्था फीडे ने 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी पहली बार भारत को सौंपी थी।
  • शतरंज ओलंपियाड का आयोजन 28 जुलाई से 10 अगस्त, 2022 तक चेन्नई में हुआ। शतरंज ओलंपियाड की शुरुआत वर्ष 1927 में हुई।
  • फीडे की ओर से पहली बार मशाल रिले का आयोजन भारत से ही शुरू किया गया है। साथ ही फीडे ने तय किया है कि आगामी शतरंज ओलंपियाड सत्रों में भी मशाल रिले की शुरुआत भारत से ही होगी।
  • चेन्नई में 44वें शतरंज ओलंपियाड में 188 देशों के 2000 से अधिक खिलाडिय़ों ने भाग लिया।
  • भारत ने वर्ष 1956 में मॉस्को में हुए शतरंज ओलंपियाड में पहली बार हिस्सा लिया था। तब भारत 27वें स्थान पर रहा था। 
  • भारत ने वर्ष 2024 में हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित 45वें शतरंज ओलंपियाड में महिला और पुरुष दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीता।

हरिकृष्णन बने 87वें ग्रैंडमास्टर

  • हाल ही 13 जुलाई, 2025 को हरिकृष्णन ए रा भारत के 87वें ग्रैंडमास्टर बने हैं। हरिकृष्णन ने फ्रांस के ला प्लेन अंतरराष्ट्रीय शतरंज महोत्सव में अपना तीसरा ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल कर यह उपलब्धि पाई। हरिकृष्णन से पहले श्रीहरि एलआर भारत के 86वें ग्रैंडमास्टर बने थे।

मंगलवार, 15 जुलाई 2025

15 जुलाई 2025 : विश्व युवा कौशल दिवस

विश्व युवा कौशल दिवस

(World Youth Skills Day)

आज का दिन : 15 जुलाई 2025

  • वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया जा रहा है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 नवम्बर 2014 को प्रतिवर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
  • विश्व युवा कौशल दिवस मनाने का उद्देश्य युवाओं के कौशल विकास में निवेश के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • 15 जुलाई, 2025 को विश्व युवा कौशल दिवस की 10वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस वर्ष का विषय कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण पर केंद्रित है।
  • विश्व युवा कौशल दिवस पर 15 जुलाई को यूएन वेब टीवी पर एक वर्चुअल इवेंट का आयोजन किया जाएगा। जिसका विषय Empowering Youth to be Agents of Change through Digital and AI Skills रखा गया है।
  • संयुक्त राष्ट्र के हाल के अनुमानों के अनुसार युवाओं को रोजगार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले 15 वर्षों में 600 मिलियन नौकरियों का सृजन करना होगा।

भारत में कौशल विकास

  • केन्द्र सरकार ने सन् 2014 में 'कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय' का गठन किया।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले विश्व युवा कौशल दिवस पर 15 जुलाई, 2015 को 'स्किल इंडिया कार्यक्रम' की शुरूआत की थी। इस कार्यक्रम का ध्येय वाक्य है- 'कौशल भारत, कुशल भारत'। इस अभियान के तहत सन् 2022 तक देश के लगभग 40 करोड़ लोगों को अलग-अलग कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की गई।

*विश्व युवा कौशल दिवस-2025 का विषय/थीम*

Youth empowerment through AI and digital skills

शनिवार, 12 जुलाई 2025

12 जुलाई 2025 : पेपर बैग दिवस

पेपर बैग दिवस

(Paper Bag Day)

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  • प्रतिवर्ष 12 जुलाई को पेपर बैग दिवस मनाया जाता है।
  • पेपर बैग दिवस को विश्व पेपर बैग दिवस के नाम से भी जाना जाता है। एक ऐसा दिवस जो पर्यावरण का रक्षक है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि दुनिया को प्लास्टिक के कचरे से भरने से अच्छा है कि हम पेपर बैग को अपनाएं।
  • पेपर बैग मशीन के अमेरिकी आविष्कार विलियम गुडेल को 12 जुलाई, 1859 को इसका पेटेंट प्रदान किया गया था। इसीलिए पर्यावरण प्रेमियों द्वारा इस दिन को पेपर बैग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • जहां प्लास्टिक को सड़ने यानी नष्ट होने में वर्षों लगते हैं, वहीं पेपर बैग को सिर्फ एक महीने में ही समाप्त या रिसाइकिल किया जा सकता है।
  • हमारे देश में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2021 के अंतर्गत 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, संग्रहण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर 30 सितंबर 2021 से प्रतिबंध लगाया गया। बाद में 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पलास्टिक कैरी बैग पर 31 दिसंबर, 2022 से प्रतिबंध लगाया गया है। भारत सरकार ने 1 जुलाई 2022 से एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी) पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।