गुरुवार, 4 दिसंबर 2025

4 दिसंबर 2025 : नौसेना दिवस

नौसेना दिवस

(Navy Day)

आज का दिन : 4 दिसंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है।
  • 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नौसेना पर जीत दर्ज की थी। उसी वीरतापूर्ण विजय की स्मृति में नौसेना दिवस मनाया जाता है।
  • पाकिस्तानी सेना द्वारा 3 दिसंबर, 1971 को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया गया था। इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी। पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' चलाया गया। इसे 'ऑपरेशन पायथन' भी कहा जाता है। यह अभियान पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेकर शुरू किया गया। एक मिसाइल नाव और दो युद्ध-पोत के एक आक्रमणकारी समूह ने कराची के तट पर जहाजों के समूह पर हमला कर दिया। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान के तीन जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे। इस दौरान पाकिस्तान के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे। कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज के तबाह हो जाने से पाकिस्तान नौसेना की कमर टूट गई थी।
  • युद्ध में भारतीय नौसेना ने भी अपना जंगी जहाज आईएनएस खुकरी खो दिया था। इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी 25वीं स्क्वाड्रन कमांडर बबरू भान यादव को दी गई थी।
  • वर्तमान यानी 2025 में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी हैं।

तिरुवनंतपुरम में होगा मुख्य समारोह

  • नई परंपरा के अनुसार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन राजधानी नई दिल्ली से बाहर आयोजित किया जा रहा है। इस बार तिरुवनंतपुरम (केरल) के शंगुमुघम तट पर 3-4 दिसंबर, 2025 को नौसेना दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू है। समारोह में भारतीय नौसेना के ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन को दिखाया जाएगा।  

भारतीय नौसेना से जुड़े तथ्य

  • भारतीय नौसेना की स्थापना 5 सितंबर, 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी। तब ईस्ट इंडिया कंपनी का उद्देश्य नौसेना की स्थापना करके अपने जहाजों की सुरक्षा करवाना था। इसका नाम East India Company’s Marine रखा गया। बाद में इसे रॉयल इंडियन नौसेना दिया गया। स्वतंत्रता के बाद सन् 1950 में इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया।
  • 22 अप्रैल, 1958 से 4 जून, 1962 तक नौसेनाध्यक्ष का पद संभालने वाले वाइस एडमिरल रामदास कटारी पहले भारतीय चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ यानी नौसेनाध्यक्ष थे।
  • अनुच्छेद 33 के तहत नौसेना अधिनियम 1950 पारित किया गया है।
  • भारतीय नौसेना का ध्येय वाक्य यानी मोटो है- 'शं नो वरुण:' अर्थात् जल के देवता वरुण हमारे लिए मंगलकारी रहें। (May the Lord of the Oceans be Auspicious Unto Us)। यह 'तैत्तिरीय उपनिषद' से लिया गया है।

नौसेना का नया ध्वज निशान

  • 2 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय नौसेना के नए ध्वज निशान का अनावरण किया था। ध्वज में से गुलामी के प्रतीक माने जाने वाले रेड क्रॉस को हटाया गया है। नौसेना का नया निशान महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के राजचिह्न से प्रेरित है। नए ध्वज निशान में ऊपर बायीं ओर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है और दाहिने ओर नीले रंग का अष्टकोण है। इसमें अशोक चक्र गोल्डन रंग में अंकित है, इसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। नौसेना का आदर्श वाक्य 'शं नो वरुण:' देवनागरी में अंकित है।

भारतीय नौसेना के प्रमुख ऑपरेशन

  • भारतीय नौसेना ने सन् 2011 में लीबिया से भारतीयों की निकासी के लिए 'ब्लॉसम' ऑपरेशन चलाया।
    वर्ष 2006 में इजरायल-लेबनान संघर्ष के दौरान नौसेना भारतीयों की निकासी के लिए 'सुकून' ऑपरेशन चलाया गया।
  • सन् 2004 में आई सुनामी में भारतीय नौसेना ने मदद, सी वेव्ज, केस्टर, गंभीर, रेनबो, राहत नाम से राहत अभियान चलाए थे।
  • सन् 2001 में भारतीय नौसेना ने 'एंड्यूरिंग फ्रीडम' ऑपरेशन के तहत मलक्का खाड़ी में अमेरिकी जहाजों को सुरक्षा दी थी।
  • सन् 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने 'तलवार' नाम से अभियान चलाया था।

4 दिसंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस

अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस

(International Day of Banks)

आज का दिन : 4 दिसंबर 2025


  • प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 19 दिसंबर, 2019 को प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस के रूप में मनाने का संकल्प अपनाया गया। यानी 4 दिसंबर, 2020 को पहला अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाया गया। यह पांचवां अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस है।
  • अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाने का उद्देश्य सतत विकास के आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति एवं लोगों के जीवन स्तर में सुधार में बैंकों के महत्व को दर्शाना है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र के 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में बैंकों का योगदान दर्शाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस को मनाने की पृष्ठभूमि 13-16 जुलाई, 2015 को इथोपिया की राजधानी आदिस अबाबा में हुई तीसरी फाइनेंसिंग फॉर डवलमेंट कॉन्फ्रेंस में तैयार  हुई थी, जिसमें बैंकों का महत्व स्वीकार किया गया। आज हमारे जीवन बैंकों का अतिमहत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसी को दर्शाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस मनाया जा रहा है।

*अंतरराष्ट्रीय बैंक दिवस-2025 का विषय/थीम*
Banks Powering a Livable Planet

बुधवार, 3 दिसंबर 2025

3 दिसंबर 2025: कृषि शिक्षा दिवस

 कृषि शिक्षा दिवस

(Agricultural Education Day)

आज का दिन : 3 दिसंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को कृषि शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
  • देश के प्रथम राष्ट्रपति और पहले कृषि एवं खाद्य मंत्री डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती 3 दिसंबर को यह दिवस मनाया जाता है।
  • भारत सरकार के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ओर से 3 दिसंबर, 2016 को पहला 'कृषि शिक्षा दिवस' मनाया गया।
  • भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सारण जिले (वर्तमान में सीवान) के एक गांव में हुआ था।
  • भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद एकमात्र राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने देश के इस सर्वोच्च पद को दो बार सुशोभित किया।
  • भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 में कृषि शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की ओर से स्कूली पाठ्यक्रम में कृषि शिक्षा को शामिल करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।

3 दिसंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस

(International Day of Persons with Disabilities)

आज का दिन : 3 दिसंबर 2025

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  • प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से सन् 1992 से प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया रहा है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सन् 1991 में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन अथवा अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया था।
  • अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाने का उद्देश्य शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने और उनके प्रति भेदभाव की सोच बदलने का प्रयास करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सन् 1981 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन वर्ष के रूप में मनाया था। इसके पश्चात् महासभा ने सन् 1983 से 1992 तक के दशक को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दशक के रूप में मनाया था।

आंकड़ों में दिव्यांगजनों की स्थिति

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में 1.3 बिलियन लोग गंभीर विकलांगता का अनुभव करते हैं। यह विश्व की जनसंख्या का 16 प्रतिशत है यानी हममें से 6 में से एक व्यक्ति है।
  • यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विकलांग व्यक्ति सामान्य व्यक्तियों की तुलना में 20 वर्ष पहले ही अपना जीवन गंवा देते हैं।
  • दिव्यांगजनों में अवसाद, अस्थमा, मधुमेह, स्ट्रोक, मोटापा आदि बीमारियों से पीडि़त होने का जोखिम सामान्य व्यक्तियों से दुगुना होता है।
  • परिवहन सुविधाओं के मामले में भी दिव्यांगजनों को 15 गुना अधिक कठिनता का सामना करना पड़ता है।
  • इसके अलावा भी दिव्यांगजनों को अनेक अनुचित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें भेदभाव, गरीबी, अशिक्षा, रोजगार से बहिष्कार और स्वास्थ्य प्रणाली में आने वाली बाधाएं शामिल हैं।

भारत में दिव्यांगों के कल्याण संबंधी योजनाएं

  • भारत में दिव्यांगों के कल्याण संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय करता है। वर्ष 2017 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से सुगम्य भारत अभियान भी चलाया गया।

राष्ट्रपति प्रदान करेंगी राष्ट्रीय पुरस्कार

  • अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में अर्जित की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं किए गए कार्यों के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य / जिला आदि को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है।
  • 2017 तक यह पुरस्कार योजना राष्ट्रीय पुरस्कार नियम, 2013 के तहत शासित थी, जो दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम, 1995 के अनुसार दिव्यांगों की 7 श्रेणियां प्रदान करती थी। हालांकि, 19 अप्रैल 2017 को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रभावी होने के साथ ही नए कानून के तहत निर्दिष्ट दिव्यांगताओं  की संख्या 7 से बढ़कर 21 हो गई। इन्हें 2 अगस्त, 2018 को भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचित किया गया।


*अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस-2025 का विषय/थीम*

Fostering disability inclusive societies for advancing social progress

मंगलवार, 2 दिसंबर 2025

2 दिसंबर 2025 : राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस

राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस

(National Pollution Prevention Day)

आज का दिन : 2 दिसंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1984 में 2-3 दिसंबर की रात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में घटित गैस त्रासदी में अपने प्राण गंवाने वाले लोगों की याद में 'राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस' मनाया जाता है।
  • भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड के रासायनिक संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट नामक जहरीली गैस के रिसाव के कारण लोगों की मौत हुई थी।  जिसे एमआईसी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्रासदी विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण आपदाओं में से एक मानी जाती है।
  • राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस को मनाने का उद्देश्य उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को रोकना और प्रदूषण नियंत्रण का महत्व समझाते हुए लोगों को जागरूक करना है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

  • भारत में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकारी निकाय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) कार्यरत है।
    सीपीसीबी का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम वर्ष 1974 के अंतर्गत सितंबर वर्ष 1974 में किया गया था। 
  • वर्तमान यानी वर्ष 2025 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष वीर विक्रम यादव हैं।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशालय और उनके अधिकार क्षेत्र वाले राज्य व केंद्रशासित प्रदेश इस प्रकार हैं-
  • 1. क्षेत्रीय निदेशालय भोपाल - छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान
  • 2. क्षेत्रीय निदेशालय बेंगलुरु - कर्नाटक, केरल, गोवा और लक्ष्यद्वीप
  • 3. क्षेत्रीय निदेशालय लखनऊ - उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
  • 4. क्षेत्रीय निदेशालय कोलकाता - बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान व निकोबर द्वीप समूह
  • 5. क्षेत्रीय निदेशालय वडोदरा - गुजरात और दादर व नगर हवेली और दमन दीव
  • 6. क्षेत्रीय निदेशालय चेन्नई - आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु  और पुड्डुचेरी
  • 7. क्षेत्रीय निदेशालय पुणे - महाराष्ट्र
  • 8. क्षेत्रीय निदेशालय चंडीगढ़ - पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख
  • 9. क्षेत्रीय निदेशालय शिलांग - अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम और त्रिपुरा
  • 10. परियोजना कार्यालय आगरा
  • भारत में वायु प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम के लिए वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम वर्ष 1981 में अधिनियमित किया गया था। यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करता है
  • सीपीसीबी का मुख्य कार्य जल प्रदूषण के निवारण एवं नियंत्रण द्वारा राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में कुओं और सरिताओं की स्वच्छता को सुधारना तथा देश में वायु प्रदूषण के निराकरण या नियंत्रण, निवारण के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है।

भारत में प्रदूषण रोकने के संबंध में निम्न अधिनियम मौजूद हैं-

  • जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974
  • जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) उपकर अधिनियम 1977
  • वायु (प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981
  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986
  • खतरनाक रसायनों का निर्माण, भंडारण एवं आयात अधिनियम 1989
  • खतरनाक रसायनों का निर्माण, भंडारण, आयात और निर्यात
  • सूक्ष्मजीव/अनुवांशिक रूप से अभियंत्रित किए गए जीवों या कोशिकाओं का निर्माण, उपयोग आयात, निर्यात और भंडारण अधिनियम 1989
  • रासायनिक दुर्घटना (आपातकाल, नियोजन, तैयारी एवं प्रतिक्रिया) अधिनियम 1996
  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) अधिनियम 1998
  • पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक निर्माण और उपयोग अधिनियम 1999
  • ओजोन क्षयकारी पदार्थ (विनियमन) अधिनियम 2000
  • ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) का अधिनियम 2000
  • नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) अधिनियम 2000
  • बैटरियों (मैनेजमेंट और संचालन) अधिनियम 2001
  • पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना नियम 2006।
  • राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) अधिनियम 2010
  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016
  • खतरनाक और अन्य कचरा (प्रबंधन और सीमापार आवागमन-मैनेजमेंट एंड ट्रांसबाउंडरी मूवमेंट) अधिनियम 2016
  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016
  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016
  • ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) अधिनियम, 2016
  • निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016

वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष 7 मिलियन लोगों की मौत

  • विश्व में दस में से नौ लोग स्वच्छ वायु में सांस नहीं लेते है।
  • वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष सात मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है, जिनमें से चार मिलियन लोग घर के अंदर (इनडोर) वायु प्रदूषण से मरते हैं। एक माइक्रोस्कोपिक प्रदूषक (पीएम 2.5) इतना छोटा है, कि यह फेफड़ों, हृदय और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने के लिए श्लेष्मा झिल्ली और अन्य सुरक्षात्मक अवरोधों से गुजर सकता है।
  • प्रमुख प्रदूषकों में कण पदार्थ, ईंधन जलने से उत्पन्न ठोस और तरल बूंदों का मिश्रण, सड़क यातायात से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, औद्योगिक सुविधाओं और वाहन उत्सर्जन से प्रदूषकों के साथ सूरज की रोशनी की प्रतिक्रिया के कारण जमीन के स्तर पर ओजोन; तथा कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड और अदृश्य गैस शामिल है।
  • वायु प्रदूषण से बच्चे और बुजुर्ग अत्यधिक प्रभावित होते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन के लिए वायु प्रदूषण भी उत्तरदायी है।

वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय:

  • तीव्र आगमन के दौरान भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर चलने से बचें तथा यदि आपके साथ छोटा बच्चा है, तो उसे वाहन निकास के स्तर से ऊपर उठा लें।
  • अपशिष्ट न जलाएं क्योंकि इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण कम करने के लिए वृक्षारोपण में वृद्धि करें जैसे कि शहरी वन और छतों पर पेड़ लगाएं।
  • जब लाइट और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का उपयोग न करना हों तब इन्हें बंद कर दें।

2 दिसंबर 2025 : विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस

विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस

(World Computer Literacy Day)

आज का दिन : 2 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है। 
  • पहली बार 'विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस' सन् 2001 में मनाया गया।
  • विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस भारतीय आईटी कंपनी NIIT ने मनाना शुरू किया था। NIIT ने अपनी स्थापना के 20वें वर्ष में इस दिवस की स्थापना की थी।
  • विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को तकनीक की दुनिया से रूबरू कराना है।  तकनीक हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में घुल-मिल गई है। कम्प्यूटर साक्षरता भी साक्षर होने की तरह ही जरूरी हो गई है।
  • कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा पर ही अधिक ध्यान दिया गया। इस कारण कम्प्यूटर साक्षरता आज के दौर में अनिवार्य आवश्यकता मानी जा सकती है। 

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान

  • भारत सरकार ने 8 फरवरी 2017 को प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीडीएसए) शुरू किया था।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम है।
    प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान का क्रियान्वयन सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों (प्रति परिवार एक व्यक्ति) को शामिल करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों यानी ग्राम पंचायत/गांव में लागू की गई। अब तक योजना के अंतर्गत लगभग 7.35 करोड़ उम्मीदवारों को नामांकित कर 6.39 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया गया। इस योजना में लोग डिजिटल रूप से साक्षर करने पर वे कंप्यूटर तथा स्मार्टफोन चलाने में सक्षम हो रहे हैं।
  • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के 71वें शिक्षा सर्वेक्षण के अनुसार देश में केवल छह प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास ही कंप्यूटर है। यानी 94 प्रतिशत (लगभग 16 करोड़ ग्रामीण आबादी) कम्प्यूटर से वंचित है।

2 दिसंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस

 अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस

(International Day for the Abolition of Slavery)

आज का दिन : 2 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।
  • 2 दिसंबर, 1949 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था, इसीलिए 2 दिसंबर को 'अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस' मनाया जाता है।
  •  इतिहास के हर दौर में दास प्रथा मौजूद रही है। आज भी यह कई रूपों में मौजूद है। कई देशों में घरेलू नौकरों और कामगारों को गुलाम के रूप में रखा जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस को मनाने का उद्देश्य हर प्रकार की दास प्रथा को समाप्त करना है।
  • देश में बेरोजगारों को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी के बहाने विदेशों में भेजने और वहां उनके शोषण के मामले सामने आते हैं। 
  • नवंबर, 2016 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने जबरन श्रम को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रोटोकॉल अपनाया।

आंकड़ों में आधुनिक दासता

  • संयुक्त राष्ट्र की त्रिपक्षीय संस्था अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार वर्तमान में 50 मिलियन लोग आधुनिक दासता जकड़े हैं, इनमें 28 मिलियन बंधुआ मजदूरी और 22 मिलियन जबरन शादी के शिकार हैं।
  • आधुनिक दासता में फंसे प्रत्येक आठ में से एक बच्चा है। 
  • बंधुआ मजदूरी के तमाम केसों के 86 प्रतिशत निजी क्षेत्र में हैं।
  • श्रमिकों को बंधुआ बनाकर उनकी मजदूरी चुराने का आंकड़ा वैश्विक स्तर पर लगभग 236 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।  

*अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस-2025 का विषय/थीम*
Modern slavery is on the rise

सोमवार, 1 दिसंबर 2025

1 दिसंबर 2025 : नागालैंड स्थापना दिवस

नागालैंड स्थापना दिवस

(Nagaland Foundation Day)

आज का दिन : 1 दिसंबर 2025

nagaland-foundation-day

  • प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को नागालैंड स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • 1 दिसंबर, 1963 को नागालैंड देश का 16वां राज्य बना।
  • नागालैंड को स्वतंत्रता के पश्चात् केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया गया था। तब इसे 'नगा हिल्स तुएनसांग' क्षेत्र कहा गया। सन् 1961 में इसका नाम बदलकर 'नागालैंड' रखा गया। बाद में 1 दिसंबर, 1963 को राज्य का दर्जा दिया गया।
  • भारत सरकार और नगा पीपुल्स कन्वेंशन के बीच हुए समझौते के अनुसार नागालैंड राज्य के लिए विशेष उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 371क जोड़ा गया। यह उपबंध '13वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1962' के तहत जोड़ा गया।
  • 1 दिसंबर, 2025 को नागालैंड अपना 63वां स्थापना दिवस मना रहा है। कोहिमा में नागालैंड सचिवालय में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया।
  • नागालैंड राज्य दिवस समारोह-2025 के अवसर पर 26वां हॉर्नबिल फेस्टिवल नगा हैरिटेज गांव किसामा में 1 से 10 दिसंबर, 2025 तक हो रहा है।
  • वर्तमान यानी वर्ष 2025 में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेफियू रियो नागालैंड के मुख्यमंत्री हैं। वहीं राज्यपाल अजय कुमार भल्ला हैं।
  • इस पहाड़ी राज्य के पूर्व में म्यांमार देश, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम और दक्षिण में मणिपुर राज्य स्थित हैं।
  • नागालैंड की राजधानी कोहिमा है और इसे 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है।
  • नागालैंड ब्रह्मपुत्र घाटी और बर्मा के बीच, पहाड़ी इलाके की संकरी पट्टी में बसा हुआ है।
  • नागालैंड का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग किमी है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नागालैंड की जनसंख्या 19,78,502,  लिंगानुपात- 931/1000 पुरुष पर, साक्षरता दर- 79.6 प्रतिशत है।
  • नागालैंड गुवाहाटी उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में है। कोहिमा में न्यायालय की खंडपीठ है।
  • नागालैंड की प्रमुख भाषाएं आओ, चांग, अंगामी, लोथा, कोन्याक, सेमा, संगताम आदि हैं।
  • नागालैंड का राज्य पशु गौर और राज्य पक्षी ब्लाइथ्स ट्रापागोन है।
  • नागालैंड में बरेल एवं जाप्फू पर्वत हैं।
  • राज्य में झांजी, मेलक, दोयांग, दिखू, तीजू, धनसिरी नदियां प्रमुख हैं। यहां लेचाम झील है।
  • विधानसभा सदस्यों की संख्या 60 है। लोकसभा एवं राज्यसभा के लिए एक-एक सदस्य चुने जाते हैं।
  • कोहिमा में इंटाग्फी वन्य जीव अभयारण्य स्थित है।

इनर लाइन परमिट

  • भारतीय नागरिकों को नागालैंड में कहीं भी आने-जाने के लिए राज्य सरकार एक परमिट जारी करती है। इसे इनर लाइन परमिट कहा जाता है। सीमाओं पर चेकगेट बने हुए हैं, जहां परमिट दिखाकर ही प्रवेश पाया जा सकता है। हालांकि नागालैंड के दिमापुर शहर में जाने के लिए परमिट की आवश्कता नहीं पड़ती है।
  • यह इनर लाइन परमिट नागालैंड के अलावा मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश में भी लागू है।

1 दिसंबर 2025 : सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस

सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस

(Border Security Force Foundation Day)

आज का दिन : 1 दिसंबर 2025

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  • 1 दिसंबर, 1965 को सीमा सुरक्षा बल की स्थापना की गई थी। 
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले सीमा सुरक्षा बल की स्थापना पाकिस्तान-बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई थी। 
  • स्थापना के समय सीमा सुरक्षा बल में 25 बटालियन थीं, वहीं आज 192 बटालियन हैं। इनमें तीन एनडीआरएफी बटालियन भी शामिल हैं। वर्तमान में यह विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है।
  • बीएसएफ का यह 61वां स्थापना दिवस समारोह है। नई परंपरा के तहत बीएसएफ स्थापना दिवस राजधानी दिल्ली से बाहर मनाया जाता है। इस बार बीएसएफ स्थापना दिवस की मुख्य परेड गुजरात के भुज में आयोजित किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परेड की सलामी ली।
  • सीमा सुरक्षा बल का ध्येय वाक्य है 'जीवन पर्यन्त कर्तव्य' (Duty Unto Death)। सीमा सुरक्षा बल ने अपनी स्थापना से लेकर आज तक उसे सौंपी गई समस्त जिम्मेदारियों को उत्कृष्ट ढंग से निभाया है। 
  • सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित महसूस कराने में बीएसएफ  की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी/घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने में भी बीएसएफ हमेशा सतर्क रही है।
  • सीमा सुरक्षा बल के प्रथम महानिदेशक के एफ रुस्तमजी थे। रुस्तमजी आज तक देश के ऐसे अकेले पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया।
  • वर्तमान में यानी सन् 2025 में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी बीएसएफ के महानिदेशक हैं।

जय हिन्द

1 दिसंबर 2025 : विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस

(World AIDS Day)

आज का दिन : 1 दिसंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1988 से दुनिया भर में प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है।
  • विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ दूर करना है।
  • विश्व एड्स दिवस मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने अगस्त, 1987 में की थी। ये दोनों डब्ल्यूएचओ में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम के लिए अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे। जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल प्रोग्राम ऑन एड्स के डायरेक्टर जोनाथन मान के सामने विश्व एड्स दिवस मनाने का सुझाव रखा। जोनाथन ने इस पर मुहर लगाते हुए 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स डे मनाने के लिए चुना। तब से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है।
  • 1 दिसंबर, 2025 को एड्स दिवस का मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।

पहला मामला सन् 1981 में आया था सामने

  • एड्स का पूरा नाम 'एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' (Acquired Immune Deficiency Syndrome) है।
  • ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण से होने वाली इस बीमारी का पहला मामला सन् 1981 में सामने आया। इसे एड्स नाम 27 जुलाई, 1982 को दिया गया।
  • भारत में एड्स का पहला मामला सन् 1986 में सामने आया। इसके बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय एड्स समिति का गठन किया। 1992 में भारत का पहला राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1992-1999) शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) का गठन किया गया। प्रथम एनएसीपी (1992-1999) का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करना था।
  • इसके बाद इस खतरनाक बीमारी से देश को मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने द्वितीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1999-2006)और तृतीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) (2007-2012) चलाए हैं। इसके बाद चौथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2012 से 2017 तक चलाया गया।
  • सरकार ने चौथे चरण का विस्तार कर इसे 2021 तक बढ़ा दिया। वर्ष 2017 में एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम,  2017 को पारित किया गया। यह अधिनियम सितंबर 2018 में प्रभावी हुआ। यह अधिनियम एचआईवी-पॉजिटिव लोगों को समान अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकता है।
  • एनएसीपी का पांचवां चरण 2021-26 के लिए शुरू किया गया। इसका लक्ष्य 2025-26 तक वार्षिक मृत्यु दर में 80 प्रतिशत तक कमी लाना है।
  • भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट के अनुसार देश में 25 लाख से ज्यादा लोग एड्स से पीडि़त हैं। वर्ष भर में एचआईवी संक्रणों की संख्या 66,400 है, जो वर्ष 2010 से 44 प्रतिशत कम है। वैश्विक स्तर पर कमी दर 39 प्रतिशत है।

रेड रिबन एक्सप्रेस

  • रेड रिबन एक्सप्रेस कार्यक्रम के अंतर्गत 80 लाख लोग आते हैं। इसके अंतर्गत 81,000 निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को एचआईवी/एड्स के मुद्दों पर प्रशिक्षित किया गया ताकि वे गाँव-गाँव में जाकर लोगों को इस बारे में जागरूक कर सकें। इसके अलावा नेहरु युवा केंद्र संगठन एवं अन्य युवा संगठनों की मदद से स्कूल नहीं जा सकने वाले युवाओं को भी इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताया गया एवं उन्हें एड्स संबंधित जानकारियाँ दी गई। विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, प्राधिकृत सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायक नर्सों एवं पंचायती राज संस्था के सदस्यों को एचआईवी/एड्स संबंधित विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

एड्स के कारण

  • अनसेफ  सेक्स करने से।
  • संक्रमित खून चढ़ाने से।
  • एचआईवी पॉजिटिव महिला के बच्चे में।
  • एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार उपयोग करने से।
  • इन्फेक्टेड ब्लेड उपयोग करने से।

एचआईवी के लक्षण?

  • एचआईवी/एड्स होने पर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं- बुखार आना, पसीना आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना, उल्टी आना, गले में खराश रहना, दस्त होना, खांसी होना, सांस लेने में समस्या, शरीर पर चकत्ते होना, स्किन प्रॉब्लम आदि।

*विश्व एड्स दिवस-2025 का विषय/थीम*

Overcoming disruption, transforming the AIDS response

बुधवार, 26 नवंबर 2025

26 नवंबर 2025 : राष्ट्रीय दुग्ध दिवस

आज का दिन : 26 नवंबर 2025

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस

(National Milk Day)


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  • प्रतिवर्ष 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है।
  • मिल्कमैन और देश में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती 26 नवंबर को देश में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है।
  • 26 नवंबर, 2014 को देश में पहली बार भारतीय डेयरी संघ ने इस दिवस को मनाया था। भारतीय डेयरी संघ ने देश के 22 राज्य स्तरीय दुग्ध संघों के साथ मिलकर डॉ. वर्गीज की जयंती को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। डॉ. वर्गीज का जन्म 26 नवंबर, 1921 को हुआ था।
  • यह दिवस दूध एवं उससे निर्मित उत्पादों के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है।
  • भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से 26 नवंबर, 2025 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में हुआ। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2025 भी प्रदान किए गए।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2025

  • 1. स्वदेशी मवेशी/भैंस की नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
  • प्रथम - श्री अरविन्द यशवन्त पाटिल, कोल्हापुर, महाराष्ट्र 
  • द्वितीय - डॉ. कंकनाला कृष्ण रेड्डी, हैदराबाद, तेलंगाना
  • तृतीय - श्री हर्षित झूरिया, सीकर, राजस्थान एवं कुमारी श्रद्धा सत्यवान धवन, अहमदनगर, महाराष्ट्र
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार-
  • श्रीमती विजय लता, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
  • श्री प्रदीप पंगरिया, चंपावत, उत्तराखंड
  • 2. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)
  • प्रथम - श्री दिलीप कुमार प्रधान, अनुगुल, ओडिशा
  • द्वितीय - श्री विकास कुमार, हनुमानगढ़, राजस्थान
  • तृतीय - श्रीमती अनुराधा चकली, नंद्याल, आंध्र प्रदेश
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र  श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार
  • श्री डेलुवर हसन, बारपेटा, असम
  • 3. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन
  • प्रथम - मीनन गाडी क्षीरोलपदका सहकारण संघम लिमिटेड, वायनाड, केरल
  • द्वितीय - कुन्नमकट्टुपति क्षीरोलपादक सहकारण संघम, पलक्कड़, केरल एवं घिनोई दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, जयपुर, राजस्थान
  • तृतीय - टीवाईएसपीएल 37 सेंदुरई मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अरियालुर, तमिलनाडु
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार-
  • कुल्हा दूध उत्पादक सहकारी समिति, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड

दूध सम्पूर्ण आहार

  • दूध को 'सम्पूर्ण आहार' का दर्जा दिया गया है। दूध हमें गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि से प्राप्त होता है। आजकल तो ऊंटनी का भी दूध प्रचलन में है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन्स आदि की भरपूर मात्रा होती है। दूध हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, विटामिन डी, विटामिन बी 12, विटामिन ए, विटामिन बी2, नियासिन आदि पाए जाते हैं।

दुग्ध उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर

  • दूध उत्पादन में भारत विश्व में पहले स्थान पर है। देश में 230.58 मिलियन टन प्रतिवर्ष दूध का उत्पादन हो रहा है, यह विश्व दूध उत्पादन का 25 प्रतिशत है। दूध उत्पादन में दूसरा स्थान संयुक्त राज्य अमेरिका का है।
  • केंद्र सरकार ने देश में दूसरी दुग्ध क्रांति के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन चलाया हुआ है। इसके तहत राष्ट्रीय पशु उत्पादकता मिशन कार्यरत है।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 दिसंबर, 2021 को डेयरी मार्क लॉन्च किया था। इस लोगो में 'उत्पाद-खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली-प्रक्रिया' प्रमाणन के लिए पहले संबंधित लोगो बीआईएस-आईएसआई मार्क एवं एनडीडीबी- गुणवत्ता मार्क और कामधेनु गाय की आकृति बनी हुई है। इस डेयरी मार्क से उपभोक्ता दूध और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता के प्रति आश्वस्त हो सकते हैं।

डॉ. वर्गीज कुरियन ने रखी आधारशिला

  • देश में सहकारी दुग्ध मॉडल की आधारशिला रखने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर, 1921 को हुआ था।
  • उन्होंने 1940 में भौतिकी में स्नातक और मद्रास विश्वविद्यालय से बी.ई. (मैकेनिकल) कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने अमेरिका से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। उनका प्रशिक्षण बैंगलोर स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान और टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी जमशेदपुर में हुआ। वे गुजरात के आनंद में सरकारी डेयरी इंजीनियर बने। जब सहकारी डेयरी, कैरा जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड संकट में थी, तो डॉ. कुरियन इसका हाथ थामा और आज डेयरी के क्षेत्र में 'अमूल' अपने आप में ब्रांड बन चुका है। भैंस के दूध से पहली बार पाउडर बनाने का श्रेय भी डॉ. कुरियन को जाता है।
  • सन् 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने डॉ. कुरियन के नेतृत्व में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की स्थापना की। एनडीडीबी ने देश में वर्ष 1970 में ऑपरेशन फ्लड या श्वेत क्रांति की शुरुआत की जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बना। डॉ. कुरियन 1965 से 1998 तक 33 साल एनडीडीबी के अध्यक्ष रहे।
  • भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया। इसके अलावा उन्हें रैमन मैग्सेसे पुरस्कार, कार्नेगी वटलर विश्व शांति पुरस्कार, अमेरिका के इंटरनेशनल पर्सन ऑफ द ईयर सम्मान, वर्ल्ड फूड प्राइज, कृषि रत्न सम्मान, फ्रांस के ऑर्डर ऑफ एग्रीकल्चर मेरिट आदि से सम्मानित किया गया।

26 नवंबर 2025 : संविधान दिवस

संविधान दिवस

(Constitution Day)

आज का दिन : 26 नवंबर 2025

  • प्रतिवर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
  • 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा देश के संविधान को स्वीकृत किया गया था, इसलिए प्रतिवर्ष संविधान दिवस मनाया जाता है।
  • संविधान के जनक डॉ. भीमराव अंबेडकर को सम्मान देने के लिए संविधान दिवस मनाया जाता है।
  • भारत सरकार ने सन् 2015 में संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी, तब से यह दिवस प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है।
  • भारत सरकार 26 नवंबर, 2025 को संविधान अपनाने के 76 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आगामी वर्ष भर कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। यह समारोह 'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' अभियान के तहत आयोजित होगा। इसका उद्देश्य संविधान में निहित मूल मूल्यों को दोहराते हुए संविधान के निर्माताओं के योगदान का सम्मान करना है।
  • 26 नवंबर, 2025 को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति के नेतृत्व में उद्घाटन कार्यक्रम होगा।  
  • इस ऐतिहासिक समारोह वर्ष के लिए एक वेबसाइट constitution75.com  भी बनाई गई है। देशभर में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन होगा। आम नागरिक वाचन के पश्चात् इस वेबसाइट पर अपने वीडियो अपलोड कर सकेंगे और प्रमाणपत्र भी डाउनलोड कर सकेंगे।
  • 26 नवंबर को ही राष्ट्रीय विधि दिवस भी मनाया जाता है। विधि दिवस प्रथम बार सन् 1979 में मनाया गया। हाल ही 1 सितंबर, 2024 से 31 अगस्त, 2027 तक तीन वर्षों की अवधि के लिए भारत के 23वें विधि आयोग का गठन किया गया है। वर्तमान यानी वर्ष 2025 में भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनेश माहेश्वरी हैं।

हमारे संविधान की प्रस्तावना

"हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्ïवास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26.11.1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।"

**संविधान के 42वें संशोधन (1976) द्वारा प्रस्तावना में समाजवादी, पंथ निरपेक्ष व अखण्डता शब्द जोड़े गए हैं।

भारतीय संविधान की विशेषताएं

  • भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 
  • विश्व के सभी ज्ञात संविधानों के सर्वोत्तम लक्षणों को एकत्र करके भारतीय संविधान का निर्माण किया गया है।
  • भारतीय संविधान में मूल अधिकारों की अवधारणा अमेरिकी संविधान से ली गई है। जबकि संसदीय शासन की प्रणाली यूनाइटेड किंगडम से ग्रहण की गई है।
  • भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों को आयरलैंड के संविधान से और आपात उपबंध को जर्मनी के संविधान से लिया गया है। 
  • भारतीय संविधान में प्रशासनिक उपबंधों को भारत शासन अधिनियम 1935 से लिया गया है। सर्वप्रथम इस अधिनियम से ही भारत में संघात्मक सरकार की स्थापना की गई। 
  • भारत के संविधान में सरकार की संघात्मक प्रणाली को अपनाया गया है। संघात्मक संविधान के तहत मुख्य रूप से दो प्रकार की प्रणालियों की स्थापना की जा सकती है- अध्यक्षात्मक प्रणाली तथा संसदीय प्रणाली। 
  • अध्यक्षात्मक प्रणाली में राष्ट्रपति कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान होता है। इस प्रणाली में कार्यपालिका की सभी शक्तियां राष्ट्रपति में निहित होती है। राष्ट्रपति का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। लेकिन मंत्रिमंडल के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अमेरिका में इसी प्रकार की अध्यक्षात्मक प्रणाली को अपनाया गया है। 
  • संसदीय प्रणाली में प्रधानमंत्री कार्यपालिका का प्रमुख होता है व वास्तविक कार्यपालिका शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित होती है। मंत्रिपरिषद के सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्य होते हैं। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। भारत में संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया गया है। इस प्रणाली में राष्ट्रपति कार्यपालिका का नाम मात्र का प्रधान होता है।
  • भारत में आयरलैंड के संविधान की तरह निर्वाचित राष्ट्रपति का प्रावधान किया गया है। हालांकि राष्ट्रपति संघ की कार्यपालिका के शीर्ष पर है। लेकिन उसे मंत्रियों की सलाह पर कार्य करना होता है। राष्ट्रपति मंत्रियों की सलाह पर काम कर रहा है या नहीं, इसे न्यायालय में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता है। यदि राष्ट्रपति संविधान के अनुसार काम नहीं कर रहा है तो उसको महाभियोग के सिवाय किसी अन्य तरीके से हटाया नहीं जा सकता। 
  • भारतीय संविधान संघीय व एकात्मक प्रणालीयों का सम्मिश्रण है। संविधान निर्माताओं का उद्देश्य एक दृढ़ और शक्तिशाली केंद्र सरकार की स्थापना था जो विपरीत परिस्थितियों में बाहरी आक्रमण के साथ-साथ आंतरिक विघटनकारी तत्वों से निपटने में सक्षम हो। 
  • संविधान के भाग 3 में नागरिकों के मूल अधिकारों की घोषणा की गई है। जनता के अधिकारों का संरक्षण लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का आधार होता है। 
  • भारतीय संविधान में मूल अधिकारों पर आवश्यकता पडऩे पर सार्वजनिक हित में निर्वचन लगाए गए हैं। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सामाजिक हित में सामंजस्य स्थापित करना है।

मंगलवार, 25 नवंबर 2025

25 नवंबर 2025 : महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस

महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस

International Day for the Elimination of Violence against Women

आज का दिन : 25 नवंबर 2025

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महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस-2025 की थीम
Digital violence is real violence. There is #NoExcuse for online abuse

  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 25 नवंबर को 'महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस' मनाया जाता है।  
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 फरवरी, 2000 को इस दिवस को मनाने संबंधी संकल्प स्वीकार किया। इस तरह पहला महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस सन् 2000 में मनाया गया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना है।
  • डोमिनिकन गणराज्य की मिराबल बहनों और तीन राजनीतिक कार्यकर्ताओं की 1960 में सरकार द्वारा हत्या कराई गई थी। इन्हीं की स्मृति में इस दिवस को मनाने के लिए 25 नवंबर की तिथि को चुना गया।
  • इतिहास में जाएं तो सन् 1979 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महिलाओं के खिलाफ सभी के प्रकार के भेदभाव एवं हिंसा के खिलाफ कन्वेंशन को अपनाया गया। हालांकि इससे महिलाओं के प्रति हिंसा या भेदभाव में किसी प्रकार का कोई बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ। इसके बाद यूएन महासभा ने 23 फरवरी, 1994 को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन पर घोषणा के प्रस्ताव स्वीकार किया।
  • सन् 1981 से महिला अधिकारों से जुड़े कार्यकर्ता 25 नवंबर को लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ दिवस के रूप में मना रहे थे। इसके बाद 20 दिसंबर, 1993 को यूएन असेम्बली ने महिला हिंसा के खिलाफ एक बार फिर प्रस्ताव पारित किया। अंतत: 7 फरवरी, 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव पारित कर 25 नवंबर का दिन 'महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस' के रूप में नामित किया।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से 'महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए एकजुट हों' नामक 16 दिवसीय कैंपेन चलाया जा रहा है। यह 25 नवंबर से 10 दिसंबर, 2025 (अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस) तक चलेगा। यह अभियान महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम पर केन्द्रित है। 

*महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस 2025 का विषय/थीम*

Digital violence is real violence. There is #NoExcuse for online abuse


शनिवार, 15 नवंबर 2025

15 नवंबर 2025 : झारखंड स्थापना दिवस

झारखंड स्थापना दिवस

Jharkhand Foundation Day

आज का दिन : 15 नवंबर 2025

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  • 15 नवंबर को झारखंड राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • झारखंड 15 नवंबर, 2000 को राज्य बनाया गया। इस राज्य का गठन दक्षिण बिहार के 18 जिलों को मिलाकर किया गया। इसके साथ ही झारखंड देश का 28वां राज्य बना था।
  • 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती होने कारण ही झारखंड की स्थापना के लिए यह दिन चुना गया।
  • लोकसभा ने झारखंड को राज्य बनाने संबंधी विधेयक को 2 अगस्त, 2000 को तथा राज्यसभा ने 11 अगस्त, 2000 को मंजूरी दी।
  • बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री थे।
  • 15 नवंबर, 1875 में झारखंड के रांची में आदिवासी नेता और लोकनायक बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। बिरसा मुंडा 19वीं सदी में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे।
  • बिरसा मुंडा को रांची और सिंहभूमि के आदिवासी 'बिरसा भगवान' का दर्जा देते हैं।
  • वर्तमान यानी 2025 में झारखंड के मुख्यमंत्री झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार हैं।
  • 25वें स्थापना दिवस पर 15 नवंबर, 2025 को राज्य सरकार की ओर से मुख्य समारोह का आयोजन मोरहाबादी मैदान, रांची में होगा।

झारखंड राज्य से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • झारखंड की राजधानी रांची है।
  • झारखंड का क्षेत्रफल- 79,714 वर्ग किलोमीटर है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य की जनसंख्या- 3,29,88,134 है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य लिंगानुपात- 949/1000 है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य की साक्षरता दर- 66.4 प्रतिशत है। इसमें पुरुष साक्षरता 76.8 और महिला साक्षरता का 55.4 प्रतिशत है।
  • झारखंड राज्य की मुख्य भाषाएं- हिन्दी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी है।
  • झारखंड राज्य 210 51'10'' से 250 19'15'' उत्तरी अक्षांश एवं 830 20'50'' से 880 4'40'' पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है।
  • झारखंड राज्य पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, उत्तर में बिहार एवं दक्षिण में ओडिशा से घिरा हुआ है। 
  • उत्तरी कोयल, दक्षिणी कोयल, फल्गु, सकरी, पंचाने, दामोदर, स्वर्ण रेखा, बराकर झारखंड राज्य की प्रमुख नदियां हैं। 
  • हजारीबाग नेशनल पार्क (हजारीबाग), तोपचांपी अभ्यारण्य (धनबाद), डोल्मा वन्य जीव अभयारण्य (सिंहभूमि) और मदुआडार वन्य जीव अभयारण्य (पलामू) झारखंड के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य हैं।
  • झारखंड के लोग बसंत ऋतु में सरहूल त्योहार मनाते है। जिसमें वे अपने देवता की पूजा करते हैं।  अन्य प्रमुख त्योहारों में करमा, सोहराइ, बडना, टूसू आदि प्रमुख है। यहां क्रिसमस, होली, बसंत पंचमी, दिवाली, दशहरा आदि त्योहार भी मनाए जाते हैं।
  • छत्रा मेला झारखंड का प्रमुख पशु मेला है, जिसमें बड़ी संख्या में पशुओं की खरीद और बिक्री होती है।

15 नवंबर 2025 : जनजातीय गौरव दिवस

जनजातीय गौरव दिवस

Janjatiya Gaurav Diwas

आज का दिन : 15 नवंबर 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।
  • 15 नवंबर, 2021 को पहली बार 'जनजातीय गौरव दिवस' मनाया गया। यह पांचवा 'जनजातीय गौरव दिवस' है।
  • भारत सरकार ने 10 नवंबर, 2021 को अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
  • 15 नवंबर, 1875 में झारखंड के रांची में आदिवासी नेता और लोकनायक बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। बिरसा मुंडा 19वीं सदी में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे।
  • बिरसा मुंडा को रांची और सिंहभूमि के आदिवासी 'बिरसा भगवान' का दर्जा देते हैं।
  • 15 नवंबर, 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती है। इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का मुख्य समारोह गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित डेडियापाड़ा में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीे इस अवसर पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत करेंगे।

भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय

  • प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से झारखंड की राजधानी रांची में 'भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय' का उद्घाटन किया था। यह संग्रहालय रांची के पुराने केंद्रीय कारावास में बनाया गया है, जहां भगवान बिरसा मुंडा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। संग्रहालय जनजातीय संस्कृति एवं इतिहास को संरक्षित और बढ़ावा देगा। इस संग्रहालय में भगवान बिरसा मुंडा के साथ अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी जानकारी प्रदर्शित की गई है। 25 एकड़ में फैले इस संग्रहालय में भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई है।