शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

22 फरवरी 2025 : विश्व चिंतन दिवस

विश्व चिंतन दिवस

(World Thinking Day)

आज का दिन : 22 फरवरी 2025

  • प्रतिवर्ष 22 फरवरी को विश्व चिंतन दिवस मनाया जाता है।
  • यह दिवस वर्ल्ड गर्ल गाइड्स एंड गर्ल स्काउट्स एसोसिएशन की ओर से मनाया जाता है।
  • सन् 1926 में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुए वर्ल्ड गर्ल गाइड्स एंड गर्ल स्काउट्स एसोसिएशन के चौथे विश्व सम्मेलन मे प्रतिनिधियों की सहमति से 22 फरवरी को विश्व चिंतन दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है।
  • विश्व चिंतन दिवस अंतरराष्ट्रीय मित्रता का दिन है। यह गर्ल गाइडिंग और गर्ल स्काउटिंग आंदोलन का जश्न मनाने का अवसर है। साथ ही यह युवा महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बोलने का दिवस है। 
  • एसोसिएशन के सन् 1999 में डबलिन (आयरलैंड) में आयोजित 30वें विश्व सम्मेलन में थिंकिंग डे से नाम बदलकर वर्ल्ड थिंकिंग डे करने का फैसला किया गया।
  • 22 फरवरी को बॉय स्काउट मूवमेंट के संस्थापक लॉर्ड बैडेन-पॉवेल और वर्ल्ड चीफ गाइड ओलेव बैडेन-पॉवेल दोनों का जन्मदिन होने के कारण इस दिवस को मनाने के लिए यह दिन चुना गया।
  • वर्ल्ड गर्ल गाइड्स एंड गर्ल स्काउट्स एसोसिएशन की स्थापना सन् 1928 में हंगरी के पारद में की गई। इसका मुख्यालय लंदन में है।
  • भारत का स्काउट एंड गाइड इस वर्ल्ड गर्ल गाइड्स एंड गर्ल स्काउट्स एसोसिएशन का सदस्य है।

*विश्व चिंतन दिवस-2025 का विषय/थीम* 

Our Story

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025

21 फरवरी 2025 : अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

(International Mother Language Day)

 आज का दिन : 21 फरवरी 2025

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  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।
  • यूनेस्को ने 17 नवंबर, 1999 को इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी। यानी पहली बार अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी, 2000 को मनाया गया।
  • 15 फरवरी, 2002 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया।
  • अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस बांग्ला भाषी बांग्लादेश की पहल पर मनाना शुरू किया गया था। बांग्लादेश की इस पहल के पीछे बांग्ला भाषी प्रेमियों का बलिदान है।
  • 21 फरवरी, 1952 को ढाका विश्वविद्यालय (अब बांग्लादेश में) के छात्र व सामाजिक कार्यकर्ता अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी पुलिस ने गोलियां बरसाईं, जिससे 16 लोगों की जान चली गई। इन्हीं मातृभाषा प्रेमियों के बलिदान को चिरस्थायी करने के लिए बांग्लादेश ने यह दिवस मनाने की पहल की।
  • बांग्लादेश में इस दिवस को 'भाषा शहीद दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
  • 20 फरवरी से 21 फरवरी, 2025 को यूनेस्को मुख्यालय में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
 

भारत में मातृभाषा

  • हमारे देश में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदी को मातृभाषा बताने वाले लोगों की संख्या 43.63 प्रतिशत रही यानी 52,83,47,193 लोगों की मातृभाषा हिंदी है। 8.3 प्रतिशत के साथ बांग्ला दूसरे और 7.09 प्रतिशत के साथ मराठी तीसरे स्थान पर है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार संस्कृत को अपनी मातृभाषा बताने वाले 24,821 लोग रहे। बोलने वालों की संख्या के लिहाज से यह देश की सबसे कम बोली जाने वाली भाषा है।

*अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस-2025 का विषय/थीम*

Silver Jubilee Celebration of International Mother Language Day


गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025

20 फरवरी 2025 : विश्व सामाजिक न्याय दिवस

विश्व सामाजिक न्याय दिवस
(World Day of Social Justice)

आज का दिन : 20 फरवरी 2025

  • प्रतिवर्ष 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 26 नवंबर, 2007 को अपनी 62वें सत्र में प्रतिवर्ष 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाने की घोषणा की थी।
  • विश्व सामाजिक न्याय दिवस को मनाने का उद्देश्य लिंग भेद, दहेज प्रथा, महिला हिंसा, नशाखोरी, भ्रूण हत्या आदि को समाप्त करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा का मानना है कि सामाजिक विकास और सामाजिक न्याय राष्ट्रों के भीतर और उनके बीच शांति और सुरक्षा की प्राप्ति और उसे बनाए रखने के लिए अपरिहार्य हैं तथा बदले में, शांति और सुरक्षा के अभाव में, या सभी मानव अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के सम्मान के अभाव में सामाजिक विकास और सामाजिक न्याय प्राप्त नहीं किया जा सकता है।


*विश्व सामाजिक न्याय दिवस-2025 का विषय/थीम*
strengthen a just transition for a sustainable future

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

13 फरवरी 2025 : विश्व रेडियो दिवस

विश्व रेडियो दिवस

(World Radio Day)

आज का दिन : 13 फरवरी 2025

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  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है।
  • वर्ष 2010 में स्पेन रेडियो एकेडमी ने यूनेस्को के सामने इस दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा। चूंकि 13 फरवरी, 1946 को संयुक्त राष्ट्र रेडियो की शुरुआत हुई थी, इसलिए यूनेस्को ने वर्ष 2011 में इसे मनाने की घोषणा की। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में इसे मान्यता प्रदान की। यानी वर्ष 2013 में पहला विश्व रेडियो दिवस मनाया गया।
  • समाचार चैनलों और इंटरनेट के तेजी से सूचना फैलाने वाले इस दौर में भी रेडियो का महत्व कम नहीं हुआ है। लोग अभी भी रेडियो द्वारा जारी खबरों पर ही सर्वाधिक विश्वास करते हैं।
  • रेडियो पर पहली बार मानवीय स्वर 1906 में गूंजा था।

भारत में रेडियो प्रसारण

  • भारत में पहली बार रेडियो का प्रसारण अगस्त, 1921 में हुआ था। तत्कालीन गवर्नर जनरल जॉर्ज लायड के आग्रह पर टाइम्स ऑफ इंडिया और पोस्ट एंड टेलीग्राफ विभाग के संयुक्त प्रयास से बम्बई (मुंबई) में रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। जबकि समाचार बुलेटिन पहली बार 1927 में कलकत्ता में प्रसारित हुआ।
  • 1930 में अंग्रेज सरकार ने रेडियो प्रसारण सेवा का प्रबंधन अपने हाथों में लेते हुए 'इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस' की स्थापना की। इसके पहले महानिदेशक लियोनेल फील्डेन थे। 1 जनवरी, 1936 को दिल्ली के अलीपुर रोड पर प्रसारण केंद्र की स्थापना की गई। 8 जून, 1936 को इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो कर दिया गया।
  • सन् 1946 में सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने।
  • सन् 1957 में भारत सरकार ने रेडियो के राष्ट्रीय प्रसारण के लिए 'आकाशवाणी' नाम दिया।
  • आकाशवाणी के कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए 1966 में चंद्रा कमेटी और 1978 में वर्गीज कमेटी का गठन किया गया था।  
  • भारत में सन् 1999 में निजी रेडियो चैनल का प्रारंभ हुआ था।
  • भारतीय वैज्ञानिक डॉ. जगदीश चन्द्र बसु ने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया था। वे पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने रेडियो के विस्तार में अहम भूमिका अदा की। इसीलिए उन्हें 'रेडियो विज्ञान का पिता' भी कहा जाता है।

*विश्व रेडियो दिवस-2025 का विषय/थीम*

Radio and Climate Change

बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

12 फरवरी 2025 : राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस

(National Productivity Day)

आज का दिन : 12 फरवरी 2025

  • भारत में प्रतिवर्ष 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1958 में 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् (National Productivity Council) की स्थापना की गई थी। इसलिए यह दिवस मनाया जाता है।
  • इसी दिन यानी 12 फरवरी से 18 फरवरी तक राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह मनाया जाता है। हर वर्ष इसकी एक विषय/थीम तय की जाती है। वर्ष 2025 के लिए इसका विषय/थीम 'विचारों से प्रभाव तक: प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक सम्पदा की सुरक्षा' (From Ideas to Impact: Protecting Intellectual Property for Competitive Startups) है।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी, बहुपक्षीय, गैर लाभांश संगठन है। रा.उ.प. टोक्यो स्थित अंत:-शासकीय निकाय, एशियाई उत्पादकता संगठन (ए.पी.ओ.) का घटक है जिसके स्थापक-सदस्यों में से भारत भी एक है।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत कृषि सेवा संरचनात्मक तथा अन्य क्षेत्रों में उत्पादकता के कारणों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है । इसका उद्देश्य भारत में समग्र विकास को बनाए रखने में सहयोग प्रदान करने का है ताकि आम जनता की जीवन की गुणवत्ता बढ़ सके।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् द्वारा उत्पादकता के संसाधनों का बेहतर प्रयोग मात्र ही नहीं है अपितु समग्र आर्थिक तथा सामाजिक विकास के लिए गुणवत्ता पर्यावरण संरक्षण है । राउप अपनी गतिविधियों तथा उद्देश्यों के प्रति प्रयासरत है ।
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की स्थापना का उद्देश्य उत्पादकता संबंधी ज्ञान तथा अनुभव का विकास संवितरण का अनुप्रयोग ताकि उत्पादकता सुधार की संचेतना में सुुधार हो सके। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा बढ़े, निष्पादन में सुधार आए, कार्य जीवन की गुणवत्ता तथा कार्य स्थितियों में सुधार आए।
  • वर्तमान यानी 2025 में राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की महानिदेशक आईएएस नीरजा शेखर हैं।

औद्योगिक क्रांतियां

  • पहली :  औद्योगिक क्रांति पानी और भाप की शक्ति के कारण हुई, जिसने मानव श्रम को यांत्रिकी निर्माण में परिवर्तित किया।
  • दूसरी : औद्योगिक क्रांति विद्युत शक्ति के कारण हुई, जिससे बड़े स्तर पर उत्पादन संभव हो सका।
  • तीसरी : औद्यगिकी क्रांति से इलैक्ट्रोनिक और सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा स्वचालित निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • चौथी : इस औद्योगिक क्रांति का दौर जारी है। इसमें स्वचालित करण और निर्माण प्रौद्योगिकी में आंकड़ों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।

मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

11 फरवरी 2025 : विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस

विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस

(International Day of Women and Girls in Science)

आज का दिन : 11 फरवरी 2025

  • यूनेस्को और यूएन-वुमन की ओर से प्रतिवर्ष 11 फरवरी को 'विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस' मनाया जाता है। इसे 'अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस' भी कहा जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर, 2015 को प्रतिवर्ष 11 फरवरी को यह दिवस मनाने की घोषणा की थी। पहली बार यह दिवस वर्ष 2016 में मनाया गया। 
  • वर्ष 2025 में दसवां 'विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस' मनाया जाएगा। इस वर्ष 1995 के बीजिंग घोषणा पत्र को 30 साल हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से 14-15 सितंबर, 1995 को महिला अधिकारों पर बीजिंग घोषणा पत्र को अपनाया गया था।
  • यह दिवस मनाने का उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही उनके लिए इस क्षेत्र के दरवाजे खोलने के लिए जागरूकता उत्पन्न करना है।
  • यूनेस्को की विज्ञान पर रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में मात्र 33 प्रतिशत महिला शोधार्थी हैं। इसके अलावा अभी तक प्रदान किए गए 631 विज्ञान नोबेल पुरस्कारों में से मात्र 23 ही महिलाओं को प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार आधुनिक तकनीकी फील्ड एआई में भी पांच में से मात्र एक महिला प्रोफेशनल है।

11 फरवरी 2025 : यूनानी दिवस

आज का दिन : 11 फरवरी 2025

यूनानी दिवस

(Unani Day)

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  • देश में प्रतिवर्ष 11 फरवरी को यूनानी दिवस मनाया जाता है।
  • प्रसिद्ध यूनानी चिकित्सक, शिक्षक और स्वतंत्रता सेनानी हकीम अजमल खान की जयंती 11 फरवरी को 'यूनानी दिवस' मनाया जाता है।
  • भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से पहला यूनानी दिवस वर्ष 2017 में मनाया गया था। यह दिवस इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
  • यूनानी चिकित्सा पद्धति की शुरुआत यूनान (वर्तमान ग्रीस) के हिप्पोक्रेट्स ने की थी। भारत में यह चिकित्सा पद्धति ग्यारहवीं शताब्दी में अरबों और फारसियों द्वारा लाई गई थी।
  • केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से 11-12 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका विषय 'एकीकृत स्वास्थ्य समाधान के लिए यूनानी चिकित्सा में नवाचार- आगे की राह' है। इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।
  • सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।






सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

10 फरवरी 2025 : विश्व दलहन दिवस

विश्व दलहन दिवस

(World Pulses Day)

आज का दिन : 10 फरवरी 2025

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  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व दलहन दिवस हमारे भोजन में दालों के महत्व को उजागर करने के साथ ही इनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2016 को अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष के रूप में मनाया गया था। बाद में 20 दिसंबर, 2018 को संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिवर्ष 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस मनाने का संकल्प अपनाया। पहला विश्व दलहन दिवस वर्ष 2019 में मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) इस दिवस को वृहद् स्तर पर मनाता है। 
  • सामान्य शब्दों में कहा जाए तो दलहन उस फसल को कहा जाता है, जिससे हमें दालें प्राप्त होती हैं। इनमें सूखी बीन्स, चना, अरहर, खेसारी, मसूर, मूंग, राजमा, कुल्थी, उड़दी आदि शामिल हैं। ये प्रोटीन का मुख्य स्रोत होती हैं। इनकी विशेष बात ये है कि पकने के बाद भी इनके पौष्टिक तत्व बने रहते हैं। सूखे वाले क्षेत्रों और वर्षा सिंचित क्षेत्रों में दलहन उगाई जा सकती हैं, क्योंकि इसमें पानी की खपत कम होती है। यह मृदा में नाइट्रोजन संरक्षित करके मृदा की उर्वरता में भी सुधार करती है। उर्वरकों के कम प्रयोग के कारण इनसे ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम होता है।
  • देश में दलहनी फसलों पर शोध के लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर में 5 सितम्बर, 1993 को भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Pulses Research) की स्थापना की गई। वर्तमान में भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर) के धारवाड़ (कर्नाटक), भोपाल (मध्य प्रदेश), बीकानेर (राजस्थान) और खोरधा (ओडिशा) में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र हैं।
  • भारत में प्राचीन काल से ही दलहनी फसलें उगाई जा रही हैं। खरीफ  फसलों के अंतर्गत अरहर, मूंग और उड़द तथा रबी फसलों में चना, मसूर, राजमा एवं मटर की खेती की जाती है। हालांकि कुछ स्थानों पर मूंग एवं उड़द की खेती जायद में भी की जाती है। हमारे देश में लगभग 30 मिलियन हेक्टयर क्षेत्र में दलहनी फसलों की खेती की जाती है। अखिल भारतीय स्तर पर दालों का उत्पादन 2015-16 के दौरान 163.23 लाख टन से बढ़कर 2023-24 के दौरान 244.93 लाख टन हो गया है।

*विश्व दलहन दिवस-2025 का विषय/थीम*

Pulses: Bringing diversity to agrifood systems

मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

4 फरवरी 2025 : विश्व कैंसर दिवस

विश्व कैंसर दिवस

(World Cancer Day)

 आज का दिन : 4 फरवरी 2025

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  • प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
  • कैंसर एक घातक बीमारी है। इसी बीमारी के नियंत्रण और आमजन में इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को 'विश्व कैंसर दिवस' मनाया जाता है। 
  • अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) के बैनर तले विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।  
  • तंबाकू का सेवन कैंसर के रोग का सबसे प्रमुख कारण है। इस रोग के बारे में माना जाता है कि उपचार से बचाव ही बेहतर है। कैंसर हो जाने पर इससे छुटकारा पाना मुश्किल होता है पर नामुमकिन नहीं। मरीज अगर दृढ़ इच्छाशक्ति से इस बीमारी का सामना करे और सही समय पर इलाज मुहैया हो तो इलाज संभव हो जाता है। 
  • वर्तमान में कैंसर के कुछ प्रकार हैं- मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सन् 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो सकती है। वर्ष 2022 में लगभग 9.6 मिलियन मौतें कैंसर से हुई। कैंसर के कारण हर साल 10 लाख से ज्यादा बच्चे अपनी मां को खो देते हैं और 1.4 मिलियन बच्चे अपने पिता को खो देते हैं। 
  • अनुमान है कि 2020 से 2050 तक कैंसर की वैश्विक आर्थिक लागत 2552 ट्रिलियन अमेरिकी डालर होगी।
  • अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) की ओर से वर्ष 2025 से 2027 तक त्रिवर्षीय अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी थीम United by Unique रखी गई है।

विश्व कैंसर कांग्रेस

  • अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ की स्थापना सन् 1933 में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में की गई। यह संगठन प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल पर कैंसर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व कैंसर कांग्रेस (World Cancer Congress) का आयोजन करता है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन पहली बार स्पेन के मैड्रिड में अक्टूबर, 1933 में आयोजित किया गया। 
  • पिछली विश्व कैंसर कांग्रेस का आयोजन 17 से 19 सितंबर, 2024 तक जिनेवा, स्विट्जरलैंड में किया गया। 
  • अगली विश्व कैंसर कांग्रेस का आयोजन 24 से 26 सितंबर, 2026 तक हांगकांग में किया जाएगा।
  • भारत में विश्व कैंसर कांग्रेस का आयोजन अक्टूबर-नवम्बर, 1994 में किया गया था।

भारत में कैंसर के प्रति जागरुकता

  • भारत में कैंसर के प्रसार को रोकने और जल्दी पता लगाने और इलाज के उद्देश्य से 1975-76 में राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया।
  • भारत में राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस 7 नवंबर को मैडम क्यूरी की जयंती पर मनाया जाता है।
  • देश में राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अंतर्गत 'स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि' योजना 2009 में शुरू की गई। इस निधि से सहायता प्राप्त करने के लिए ऐसे विभिन्न क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों में राष्ट्रीय आरोग्य निधि जैसी रिवाल्विंग निधि स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिन्हें भारत सरकार के कैंसर कार्यक्रम से उपकरणों के लिए धनराशि प्राप्त होती है।

*विश्व कैंसर दिवस-2025-2027 का विषय/थीम*

United by Unique
*यह त्रिवर्षीय अभियान (वर्ष 2025 से 2027) का विषय/थीम है।

रविवार, 2 फ़रवरी 2025

2 फरवरी 2025 : विश्व आर्द्रभूमि दिवस

विश्व आर्द्रभूमि दिवस

(World Wetlands Day)

आज का दिन : 2 फरवरी 2025

  • प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है। 
  • एक ऐसा भू-भाग जो जल से संतृप्त यानी पानी में डूबा हुआ हो, आर्द्रभूमि (Wetland) कहलाता है। धरती की इसी अमूल्य धरोहर वेटलैंड को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है।
  • 2 फरवरी, 1971 को ईरान के रामसर शहर में आर्द्रभूमियों के संरक्षण पर सम्मेलन हुआ। जिसे रामसर अभिसमय यानी कन्वेन्शन के नाम से जाता है। यह 1975 में लागू हुआ था।
  • 30 अगस्त, 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाने का संकल्प अपनाया। हालांकि रामसर सम्मेलन के 16 वर्ष पूरे होने पर 2 फरवरी, 1997 से यह दिवस विश्व में सर्वमान्य तौर पर मनाया जा रहा है।
  • भारत का पहला 'आर्द्रभूमि संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र' 2 फरवरी 2021 को चेन्नई में स्थापित किया गया। यह राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केन्द्र (एनसीएससीएम), चेन्नई के भाग के रूप में स्थापित किया गया है।
  • स्विटजरलैंड के ग्लैंड में रामसर सचिवालय में 20 से 24 जनवरी, 2025 तक हुई 64वीं स्टेडिंग कमेटी में 31 शहरों को वेटलैंड सिटी यानी आर्द्रभूमि शहर का दर्जा दिया गया। इनमें भारत के इंदौर (मध्य प्रदेश) और उदयपुर (राजस्थान) भी शामिल हैं।

तथ्यात्मक जानकारी

  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार पृथ्वी पर मात्र 6 प्रतिशत ही आर्द्रभूमि है, लेकिन सभी पेड़-पौधों और प्राणियों की प्रजातियों में से 40 प्रतिशत का संरक्षण यहीं है।
  • यूएन के अनुसार वनों की तुलना में आर्द्रभूमि तीन गुना तेजी से लुप्त हो रही है, इसीलिए इसे संरक्षण की बहुत अधिक आवश्यकता है।
  • कार्बन को अलग करने में आर्द्रभूमि बहुत अधिक उपयोगी है। तटीय आर्द्रभूमि उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की तुलना में 55 गुना तेजी से कार्बन को अलग करती है और संग्रहीत करती है।
  • आर्द्रभूमि में उगाया जाने वाला चावल दुनिया की 3.5 अरब आबादी का मुख्य आहार है।
  • आर्द्रभूमियों को सदैव एक बेकार व दलदली क्षेत्र माना जाता रहा है, लेकिन ये वेटलैंड्स जलवायु परिवर्तन से निपटने में बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। आर्द्रभूमियां प्राकृतिक स्पंज की तरह होती हैं और ये अतिरिक्त पानी सोखती हैं। साथ ही, शुष्क महीनों के दौरान अनेक महत्वपूर्ण नदियों के प्रवाह को नियंत्रित करती हैं। 

भारत की 80 रामसर साइट्स

  • विश्व की महत्वपूर्ण आर्द्रभूमियों की सूची को रामसर सूची कहा जाता है। वर्तमान में इस सूची में भारत के कुल 80 स्थल शामिल हैं। देश में वर्ष 2022 में सर्वाधिक 19 रामसर साइट्स घोषित की गईं।
  • भारत में वेटलैंड्स के संरक्षण की जिम्मेदारी वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की है। यह मंत्रालय भारत में रामसर साइट्स की सूची तैयार करता है। वर्ष 2024 में रामसर साइट्स में देश की 5 नई साइट्स शामिल हुई है -
  • 1981 से 2024 के बीच भारत की रामसर साइट्स
    क्रमरामसर साइटराज्य/केंद्र शासित प्रदेशघोषित वर्ष
    1.चिल्का झीलओडिशा1981
    2. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यानराजस्थान1981
    3.लोकटक झीलमणिपुर1990
    4.वुलर झीलजम्मू-कश्मीर1990
    5.हरिके झीलपंजाब1990
    6.सांभर झीलराजस्थान1990
    7.कंजली झीलपंजाब2002
    8.रोपड़ आर्द्रभूमिपंजाब2002
    9.कोलेरु झीलआंध्र प्रदेश2002
    10दीपोर बीलअसम2002
    11.पोंग बांध झीलहिमाचल प्रदेश2002
    12.त्सो मोरीरी झीललद्दाख2002
    13.अष्टमुडी झीलकेरल2002
    14.सस्थमकोट्टा झीलकेरल2002
    15.वेम्बनाड-कोल आर्द्रभूमि क्षेत्रकेरल2002
    16.भोज आर्द्रभूमिमध्य प्रदेश2002
    17.भितरकनिका मैंग्रोवओडिशा2002
    18.प्वाइंट कैलिमेरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2002
    19.पूर्व कोलकाता आर्द्रभूमिपश्चिम बंगाल2002
    20.चंदेरटल आर्द्रभूमिहिमाचल प्रदेश2005
    21.रेणुका आर्द्रभूमिहिमाचल प्रदेश2005
    22.होकेरा आर्द्रभूमिजम्मू और कश्मीर2005
    23.सुरिंसर और मानसर झीलजम्मू और कश्मीर2005
    24.रुद्रसागर झीलत्रिपुरा2005
    25.ऊपरी गंगा नदीउत्तर प्रदेश2005
    26.नलसरोवर पक्षी अभयारण्यगुजरात2012
    27.सुंदरवन डेल्टा क्षेत्रपश्चिम बंगाल2019
    28.नंदुर मध्यमेश्वरमहाराष्ट्र2019
    29.केशोपुर मिआनी कम्युनिटी रिजर्वपंजाब2019
    30.नांगल वन्यजीव अभयारण्यपंजाब2019
    31.व्यास संरक्षण रिजर्वपंजाब2019
    32.शहीद चंद्रशेखर आजाद पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
    33.साण्डी पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
    34.समसपुर पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
    35.समन पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
    36.पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
    37.सरसई नावर झीलउत्तर प्रदेश2019
    38.आसन कंजर्वेशन रिजर्वउत्तराखंड2020
    39.काबर/कंवर ताल झीलबिहार2020
    40.लोनार झीलमहाराष्ट्र2020
    41.सुर सरोवर झील उत्तर प्रदेश2020
    42.त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्रलद्दाख2020
    43.सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा2021
    44.भिंड़ावास वन्यजीव अभ्यारण्यहरियाणा2021
    45.वाधवाना आर्द्रभूमि क्षेत्रगुजरात2021
    46.थोल झील वन्यजीव अभ्यारण्यगुजरात2021
    47.हैदरपुर वेटलैंडउत्तर प्रदेश2021
    48.खिजडिय़ा पक्षी अभयारण्यगुजरात2022
    49.बखिरा पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2022
    50.करीकिली पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2022
    51.पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉॅरेस्टतमिलनाडु2022
    52.पिचवरम मैंग्रोवतमिलनाडु2022
    53.पाला आर्द्रभूमिमिजोरम2022
    54.साख्य सागरमध्य प्रदेश2022
    55.कूनथनकुलम पक्षी अभ्यारण्यतमिलनाडु2022
    56.सतकोसिया गॉर्जओडिशा2022
    57.नंदा झीलगोवा2022
    58.मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिजर्वतमिलनाडु2022
    59.रंगनाथितु पक्षी अभयारण्यकर्नाटक2022
    60.वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्सतमिलनाडु2022
    61.वेलोड पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2022
    62.सिरपुर वेटलैंडमध्य प्रदेश2022
    63.वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2022
    64.उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2022
    65.तंपारा झीलओडिशा2022
    66.हीराकुंड जलाशयओडिशा2022
    67.अंशुपा झीलओडिशा2022
    68.यशवंत सागरमध्य प्रदेश2022
    69.चित्रांगुडी पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2022
    70.सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्सतमिलनाडु2022
    71.वडुवूर पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2022
    72.कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2022
    73.ठाणे क्रीकमहाराष्ट्र2022
    74.हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्वजम्मू और कश्मीर2022
    75.शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्वजम्मू और कश्मीर2022
    76.अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्वकर्नाटक2024
    77.अघानाशिनी एस्चुएरीकर्नाटक2024
    78.मगदी केरे संरक्षण रिजर्वकर्नाटक2024
    79.कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2024
    80.लॉन्गवुड शोला रिजर्व वनतमिलनाडु2024


*विश्व आर्द्रभूमि दिवस-2025 का विषय/थीम*

 "Protecting wetlands for our common future"

शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

1 फरवरी 2025 : तटरक्षक दिवस

तटरक्षक दिवस

(Coast Guard Day)

आज का दिन : 1 फरवरी 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 1 फरवरी को तटरक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • 1 फरवरी, 1977 को नौसेना मुख्यालय के अंतर्गत अंतरिम तटरक्षक संगठन की स्थापना हुई। इसीलिए प्रतिवर्ष 1 फरवरी को तटरक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • 18 अगस्त, 1978 को संसद ने अधिनियम पारित किया और 19 अगस्त, 1978 को वह लागू हुआ।
  • भारतीय तटरक्षक बल यानी इंडियन कोस्ट गार्ड की स्थापना के लिए केएफ रुस्तमजी समिति ने सिफारिश की थी, जिसका गठन सितंबर 1974 में किया गया था।
  • भारतीय तटरक्षक बल का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसे पांच जोन (क्षेत्र) में बांटा गया है। 
  • ये पांच जोन इस प्रकार हैं-
    1. तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय उत्तर-पश्चिम, गांधीनगर, गुजरात
    2. तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय पश्चिम, मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र
    3. तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय पूर्व, चेन्नई, तमिलनाडु
    4. तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय उत्तर-पूर्व, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
    5. तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय, पोर्ट ब्लेयर, अंडमान निकोबार
  • भारतीय तटरक्षक बल का मुख्य उद्देश्य भारत के समुद्री क्षेत्र एवं तटों को सुरक्षित रखना है। तटरक्षक बल हमारे समुद्र तथा तेल, मत्सय एवं खनिज सहित अपतटीय संपत्ति की सुरक्षा; संकटग्रस्त नाविकों की सहायता तथा समुद्र में जान माल की सुरक्षा; समुद्र, पोत-परिवहन, अनाधिकृत मछली शिकार, तस्करी और स्वापक से संबंधित समुद्री विधियों का प्रवर्तन; समुद्री पर्यावरण और पारिस्थितिकी का परिरक्षण तथा दुर्लभ प्रजातियों की सुरक्षा; वैज्ञानिक आंकडे एकत्र करना तथा युद्ध के दौरान नौसेना की सहायता करने सहित हमारे समुद्र तथा अपतटीय परिसम्पत्तियों का संरक्षण करता है।
  • भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना के समय इस संगठन को भारतीय नौसेना के दो पोत 'कृपाण' और 'कटार' मिले। साथ ही पांच गश्ती नौकाएं पम्बन, पुरी, पुलैकैट, पणजी तथा पनवेल मिलीं
  • बाज की तरह हमारे समुद्री क्षेत्र की निगरानी में जुटे तटरक्षक बल में वर्तमान में 159 पोत और 70 विमान हैं।  इसी बेड़े के बल पर यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तटरक्षक बल बना हुआ है। 12 जनवरी, 2023 को भारतीय तटरक्षक महानिदेशक वी.एस. पठानिया ने अत्याधुनिक त्वरित गश्ती जलपोत कमला देवी को तटरक्षक बेड़े में शामिल किया था।
  • भारतीय तटरक्षक बल का आदर्श वाक्य 'वयं रक्षाम:' है। जिसका अर्थ है- 'हम रक्षा करते हैं'।
  • तटरक्षक ध्वज का नीला रंग पोत की सरकारी सेवा को दर्शाता है। तटरक्षक ध्वज के शीर्ष के बाएं हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज है तथा ध्वज के फहरने वाले हिस्से में तटरक्षक चिन्ह है। तटरक्षक ध्वज को मुंबई में 19 अगस्त 1978 को भारतीय तटरक्षक के उद्घाटन समारोह में पहली बार फहराया गया था।
  • 1 दिसंबर 2002 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भारतीय तटरक्षक बल को राष्ट्र के प्रति की गई सेवाओं की एवज में ध्वज प्रदान किया था।
  • भारतीय तटरक्षक बल के प्रथम महानिदेशक वाइस एडमिरल ए वी कामथ थे। वहीं वर्तमान यानी सन् 2025 में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि हैं। उन्होंने 15 अक्टूबर, 2024 को भारतीय तटरक्षक बल के 26वें प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया था।


राष्ट्रपति तटरक्षक पदक और तटरक्षक पदक 2025

  • 26 जनवरी 1990 से प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय तटरक्षक कर्मियों को राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (पीटीएम) और तटरक्षक पदक (टीएम) से सम्मानित किया जाता है।
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस, 2025 के अवसर पर अदम्य वीरता और विशिष्ट/सराहनीय सेवा के लिए निम्नलिखित भारतीय तटरक्षक कर्मियों को राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (पीटीएम) और तटरक्षक पदक (टीएम) से सम्मानित किया है:-
  • (क) राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (विशिष्ट सेवा)
    (i) एडीजी अनिल कुमार हरबोला, टीएम
    (ii) आईजी होमेश कुमार शर्मा, टीएम
     
  • (ख) तटरक्षक पदक (वीरता)
    (i) कमांडेंट अंशुमान रतूड़ी
    (ii) असिस्टेंट कमांडेंट मनीष सिंह
    (iii) समीर रंजन, यू/एनवीके(आर)
     
  • (ग) तटरक्षक पदक (उत्कृष्ट सेवा)
    (i) आईजी ज्योतिंद्र सिंह
    (ii) डीआईजी अतुल जोशी
    (iii) शनमुगम शंकर, पी/एड (पी)

जय हिन्द

रविवार, 26 जनवरी 2025

26 जनवरी 2025 : अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा दिवस

अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा दिवस
(International Day of Clean Energy)

आज का दिन : 26 जनवरी 2025


  • प्रतिवर्ष 26 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 25 अगस्त, 2023 को इस दिवस को मनाने का संकल्प पारित किया था। यानी 26 जनवरी, 2025 को दूसरा अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा दिवस मनाया जा रहा है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा दिवस को मनाने का उद्देश्य सभी के लिए सस्ती, भरोसेमंद, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच को बढ़ावा देना है।
  • स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से हमारे ग्रह को जलवायु परिवर्तन से भी बचा सकते हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार आज भी दुनिया में लगभग 685 मिलियन लोग अंधेरे में रहते हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक उप-सहारा अफ्रीका में हैं।


अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी

  • 26 जनवरी, 2009 को अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) की स्थापना जर्मनी के बॉन में की गई थी। वर्तमान में इसके सदस्यों में 169 देश और यूरोपीय संघ शामिल है।
  • अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी का मुख्यालय संयुक्त अरब अमीरात के अबूधाबी स्थित मसदर शहर में है।
  • अक्षय ऊर्जा स्रोतों में सूर्य, हवा, पानी, अपशिष्ट और पृथ्वी से मिलने वाली गर्मी को शामिल किया जाता है यानी प्रकृति द्वारा इनकी पुन:पूर्ति की जाती है और ये कोई ग्रीनहाउस गैस या प्रदूषण पैदा नहीं करते हैं।


26 जनवरी 2025 : गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस

(Republic Day)

आज का दिन : 26 जनवरी 2025

  • प्रतिवर्ष देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है। 
  • 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था, इसलिए यह दिवस पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसी दिन से हमारा देश सरकार के संसदीय रूप के साथ एक संप्रभुताशाली समाजवादी लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप दुनिया के सामने आया। 
  • राष्ट्र आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।
  • 26 जनवरी, 1950 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली तथा 21 तोपों की सलामी के बाद 'इर्विन स्टेडियम' (अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम) में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' को फहराकर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी।
  • गणतंत्र दिवस पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। सबसे बड़ा आयोजन नई दिल्ली में कर्तव्य पथ (पहले इसका नाम राजपथ था) पर आयोजित किया जाता है जिसमें देश की सांस्कृतिक विरासत के साथ ही सेना के तीनों अंग अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। झांकियों का यह काफिला विजय चौक से शुरू होकर लाल किले तक जाता है। वर्ष 2022 से गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी पराक्रम दिवस से शुरू होकर 30 जनवरी शहीद दिवस तक मनाया जाता है।
  • हर वर्ष गणतंत्र दिवस के इस महा उत्सव में किसी दूसरे देश का कोई मेहमान बुलाया जाता है। गणतंत्र दिवस के 76वें महाउत्सव में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि हैं। आजादी के बाद पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे। पहली बार हमारे गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल भाग लेगा।
  • 76वें गणतंत्र दिवस समारोह संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर केंद्रित है। कर्तव्य पथ परेड में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों व विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की 31 झांकिया भाग लेंगी। 
  • 27 जनवरी, 2025 को 'युवा शक्ति-विकसित भारत' थीम पर प्रधानमंत्री की एनसीसी रैली दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित होगी, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एनसीसी की विविध गतिविधियों का निरीक्षण करेंगे। 
  • 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है जिसमें तीनों सेनाओं का बैंडवादन होता है। इसके बाद औपचारिक रूप से समारोह का समापन होता है। शाम ठीक 6 बजे राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रीय ध्वज उतार लिया जाता है। इसके बाद औपचारिक रूप से गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है।
  • गणतंत्र दिवस पर सभी मुख्य सरकारी इमारतों संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, केंद्रीय सचिवालय आदि को रोशनी से सजाया जाता है। इस दिन देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।

 

  • *गणतंत्र दिवस-2025 का विषय/थीम*

    स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास
    Golden India: Heritage and Progress

26 जनवरी 2025 : International Customs Day

अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस

(International Customs Day)

आज का दिन : 26 जनवरी 2025

  • प्रतिवर्ष 26 जनवरी को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस मनाया जाता है। क्योंकि आज ही के दिन सन् 1953 को विश्व सीमा शुल्क संगठन (डबल्यूसीओ) का गठन किया गया था।
  • विश्व सीमा शुल्क संगठन एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय बेल्जियम के ब्रुसेल्स में स्थित है।
  • डब्ल्यूसीओ सामूहिक रूप से दुनिया भर में 180 से अधिक सीमा शुल्क प्रशासन का प्रतिनिधित्व करता है।
  • डब्ल्यूसीओ अंतरराष्ट्रीय संगत प्रणाली (एचएस) सामान का नामकरण, व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तकनीकी पहलु, सीमा शुल्क मूल्यांकन और उत्पत्ति के नियमों का कहना है, का लेखा जोखा रखता है।
  • वर्तमान यानी सन् 2025 में अमेरिका के इयान सॉन्डर्स विश्व सीमा शुल्क संगठन के महासचिव हैं। सॉन्डर्स ने 1 जनवरी, 2024 को पदभार ग्रहण किया।

*अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस-2025 का विषय/थीम*
Customs Delivering on its Commitment to Efficiency, Security and Prosperity

शनिवार, 25 जनवरी 2025

25 जनवरी 2025 : हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस

हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस

(Himachal Pradesh Foundation Day)

आज का दिन : 25 जनवरी 2025

himachal-pradesh-foundation-day-in-hindi
  • प्रतिवर्ष 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • हिमालय पर्वत की गोद में बसे हिमाचल प्रदेश का गठन 15 अप्रेल, 1948 को किया गया। 1954 में बिलासपुर को भी इसमें शामिल किया गया।
  • पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 के अंतर्गत पंजाब के कुछ क्षेत्रों को हिमाचल में मिलाया गया। बाद में 25 जनवरी, 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य का 18वां राज्य बना।
  • वर्तमान यानी सन् 2025 में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल हैं।
  • हिमाचल प्रदेश के 55वें स्थापना दिवस पर 25 जनवरी, 2025 को राजकीय समारोह का आयोजन इंदिरा गांधी स्टेडियम, बैजनाथ में होगा।

हिमाचल प्रदेश के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • हिमाचल की राजधानी शिमला है। हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर है। 
  • हिमाचल प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित है। 
  • हिमाचल के उत्तर में जम्मू-कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत स्थित है। 
  • सन् 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल की जनसंख्या 68,64,602 है। हिमाचल में लिंगानुपात 972/1000 पुरुष पर है। वहीं साक्षरता दर 82.8 प्रतिशत और जनसंख्या घनत्व- 123 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है। 
  • हिमाचल प्रदेश की मुख्य भाषाएं हिन्दी, किन्ïनौरी, गोरखा, कश्मीरी एवं लाहौली [पहाड़ी] है। 
  • हिमाचल प्रदेश का राज्य पशु कस्तूरीमृग और राज्य जाजुराना (Western tragopan) पक्षी है।
  • हिमाचल प्रदेश का सबसे छोटा जिला हमीरपुर (क्षेत्रफल 1,118 वर्ग किलोमीटर) है। वहीं 13,841 वर्ग किमी. क्षेत्रफल के साथ लाहौल-स्पीति सबसे बड़ा जिला है।
  • हिमाचल प्रदेश लोक गाथाओं की सौंदर्य से परिपूर्ण है। इस प्रदेश को देवभूमि भी कहा जाता है। भारतीय पुरातन परंपरा के अनुसार यहां यक्ष, गंधर्व और किन्नरों निवास माना जाता है। इस प्रदेश पर मौर्य, कुषाण, गुप्त एवं कन्नौज वंश के राजाओं का शासन रहा। 
  • सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा। अंग्रेजों ने भी यहां के गोरखा लोगों को पराजित करके कुछ राजाओं से संधि की तो कुछ की रियासतों को अपने साम्राज्य में मिला लिया।