मंगलवार, 17 जून 2025

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस

(World Day to Combat Desertification and Drought)

आज का दिन : 17 जून 2025

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विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस-2025 थीम

  • प्रतिवर्ष 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहली बार 'विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस' 17 जून, 1995 को मनाया गया।
  • यह दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में लगातार बढ़ रहे मरुस्थलीकरण व सूखे को रोकना है।
  • वर्ष 2025 के विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस पर वैश्विक समारोह की मेजबानी कोलंबिया सरकार द्वारा की जा रही है। मुख्य कार्यक्रम कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में किया रहा है।

रियो सम्मेलन में पड़ी थी इस दिवस को मनाने की नींव

  • 'विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस' को मनाने की नींव ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में 3 से 14 जून, 1992 तक हुए पृथ्वी सम्मेलन में रखी गई। इस पृथ्वी सम्मेलन को रियो समिट, रियो कॉन्फ्रेंस और अर्थ समिटि के नाम से भी जाना जाता है।
  • रियो पृथ्वी सम्मेलन के 2 वर्ष बाद 19 दिसंबर, 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 17 जून को 'विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस' मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसी समय महासभा ने 'संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय/कन्वेंशन' (UNCCD) की स्थापना की, जो पर्यावरण और विकास को स्थायी भूमि प्रबंधन से जोडऩे वाला एकमात्र अंतरराष्ट्रीय समझौता है।  भारत ने वर्ष 2019 से 2022 तक यूएनसीसीडी की अध्यक्षता की है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2010-2020 के दशक को 'मरुस्थल और मरुस्थलीकरण के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र दशक' (United Nations Decade for Deserts and the fight against Desertification) के रूप में मनाया था।

देश में 1952 में हुई थी काजरी की स्थापना

  • देश में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की ओर से 1952 में केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) की स्थापना राजस्थान के जोधपुर में की गई। बढ़ते मरुस्थल एवं सूखा क्षेत्रों को रोकने के लिए काजरी की स्थापना की गई। शुरुआत में यह मरु वनीकरण केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ, लेकिन बाद में इसका विस्तार करते हुए इसे केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) के रूप में 1959 में पूर्ण संस्थान का दर्जा दिया गया। दिसंबर, 2020 में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में काजरी का क्षेत्रीय केंद्र शुरू हुआ। यानी अब काजरी के वैज्ञानिक रेतीले मरुस्थल के साथ ही शीत मरुस्थल में भी अनुसंधान करेंगे।

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस-2025 की थीम

Restore the land. Unlock the opportunities


रविवार, 15 जून 2025

जून माह का तीसरा रविवार : पितृ दिवस

पितृ दिवस

(Father's Day)

आज का दिन : जून माह का तीसरा रविवार
 

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  • प्रतिवर्ष जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है।
  • सन् 1966 से फादर्स डे यानी पितृ दिवस मनाया जा रहा है।
  • वर्ष 2025 में जून माह का तीसरा रविवार 15 जून को आया है। इसलिए 15 जून को फादर्स डे मनाया जा रहा है।
  • आज पूरी दुनिया के सौ से अधिक देशों में मनाए जा रहे फादर्स डे की मूल परिकल्पना अमेरिका की है। सबसे पहले फादर्स डे 19 जून, 1909 को मनाया गया।
  • अमेरिका के वाशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा डॉड ने अपने पिता की स्मृति में फादर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। उन्हें फादर्स डे मनाने की प्रेरणा मदर्स डे से मिली।
  • सन् 1916 में अमेरिका राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। सन् 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया।
  • फिर आया सन् 1966 जब अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने पहली बार जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने का फैसला किया। इसके बाद सन् 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स डे को नियमित अवकाश के रूप में घोषित किया।
  • विश्व के अधिकांश देशों में जून माह के तीसरे रविवार को ही फादर्स डे मनाया जाता है। पितृ दिवस पर पिता को उपहार देना, पिता के लिये विशेष भोज एवं पारिवारिक गतिविधियां शामिल हैं। फादर्स डे मनाने का मूल उद्देश्य पिता के प्रति प्रेम और सम्मान प्रदर्शित करना है। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में बच्चों के पास अपने पिता के लिए समय नहीं मिल पाता है। इसी को ध्यान में रखकर पितृ दिवस मनाने की परंपरा का आरम्भ हुआ।
  • हमारी सनातन संस्कृति में मर्यादा पुरुषोत्तम राम जैसे आज्ञाकारी पुत्र हुए हैं, जिन्होंने अपने पिता के वचन की रक्षा के लिए 14 वर्ष का वनवास लिया। इसी प्रकार श्रवण कुमार जैसे मातृ-पितृ भक्त भी प्रेरणा के स्रोत हैं।

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2024 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

(World Elder Abuse Awareness Day)

आज का दिन : 15 जून 2024

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  • प्रतिवर्ष 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस या विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
  • इस दिवस को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम संघ (International Network for the Prevention of Elder Abuse - INPEA) की ओर से 15 जून, 2006 को मनाया गया। 
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर, 2011 को संकल्प ए-आरईएस/66/127 के तहत विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस को आधिकारिक मान्यता प्रदान करते हुए प्रतिवर्ष 15 जून को इसे मनाने का संकल्प लिया।
  • बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की रोकथाम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
  • बुजुर्गों के प्रति सभी प्रकार के दुर्व्यवहार जैसे कि गंभीर शारीरिक चोट और दीर्घकालिक मनोवैज्ञानिक प्रभाव (जैसे कि अवसाद, तनाव और चिंता), आपातकालीन सेवाओं का उपयोग, अस्पताल में भर्ती और मृत्यु इत्यादि का समाज और व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2021-2030 तक संयुक्त राष्ट्र स्वस्थ वृद्धावस्था दशक (United Nations Decade of Healthy Ageing) के रूप में मनाया जा रहा है। इस दशक के दौरान बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाने व उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस' भी मनाया जाता है।

विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन

  • वृद्धावस्था को लेकर प्रथम विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन (World Assembly on Ageing) का आयोजन ऑस्ट्रिया के वियना में सन् 1982 में किया गया था। इसके बाद दूसरे विश्व वृद्धावस्था सम्मेलन का आयोजन स्पेन के मैड्रिड में 8 से 12 अप्रेल, 2002 को किया गया। इसी मैड्रिड वृद्धावस्था सम्मेलन में वृद्धावस्था पर अंतरराष्ट्रीय एक्शन प्लान-2002 (Madrid International Plan of Action on Ageing (MIPAA)) को स्वीकार किया गया। इस एक्शन प्लान को 159 सदस्य देशों ने स्वीकार कर हस्ताक्षर किए थे। 

क्या कहते हैं डब्ल्यूएचओ के आंकड़े

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की वैश्विक जनसंख्या 2015 में जहां 900 मिलियन थी, वहीं यह वर्ष 2050 में बढ़कर लगभग 2 बिलियन होने की संभावना है।
  • पिछले वर्ष 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग 6 में से एक व्यक्ति ने किसी ने किसी रूप में दुर्व्यवहार का सामना किया। 
  • नर्सिंग होम और बुजुर्गों की देखभाल में लगे संस्थानों में बुजुर्गों से दुर्व्यवहार की दर अधिक है। इन संस्थाओं के 2-3 कर्मचारियों ने पिछले एक साल में बुजुर्गों से दुर्व्यवहार करना स्वीकार किया है।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान भी बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाओं में वृद्धि हुई।
  • बुजुर्गों से होने वाले दुर्व्यवहार के कारण उन्हें शारीरिक चोट लग सकती है और इसके दीर्घकालीन मनोवैज्ञानिक परिणाम सामने आते हैं।
  • कई देशों में तेजी से उम्र बढऩे वाली आबादी (वृद्ध जन) के साथ दुर्व्यवहार बढऩे की आशंका जताई गई है।

भारत में बुजुर्गों की देखभाल

  • भारत में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है और सर्वेक्षणों के अनुसार, देश में कुल आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 2001 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 2026 तक लगभग 12.5 प्रतिशत और 2050 तक 19.5 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। 
  • भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 11वीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2007-2012) के दौरान राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) की शुरूआत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य त्रिस्तरीय प्रणाली के माध्यम से बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से 4 जून 2021 को सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई) कार्यक्रम शुरू किया गया था। साथ ही एसएजीई पोर्टल भी शुरू किया गया था। जो बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ा है।  

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस-2025 का विषय/थीम

Addressing Abuse of Older Adults in Long Term Care Facilities: Through Data and Action

रविवार, 8 जून 2025

8 जून 2025 : विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस

(World Brain Tumor Day)

आज का दिन : 8 जून 2025

  • सन् 2000 से पूरी दुनिया में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जा रहा है।
  • विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की ओर से मनाया गया था। यह संस्था ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों के बीच शिक्षा और जन जागरूकता प्रसारित करती है।
  • विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के लक्षणों और इसके उपचार के बारे में आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करवाना और उन्हें जागरुक करना है।
  • ब्रेन ट्यूमर सबसे घातक बीमारियों में गिनी जाती है।  अधिकांश ट्यूमर से पीड़ित होने वाले रोगियों की संख्या ट्यूमर की तुलना में ब्रेन मेटास्टेसिस के कारण अधिक होती है।
  • भारत में ब्रेन ट्यूमर की व्यापकता और प्रसारण बढ़ता जा रहा हैं। बाल्यावस्था में होने वाले कैंसर के अध्ययन के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर लड़कियों में सामान्यत: पाया जाता है। यहाँ तक कि यह वयस्क स्त्री और पुरुषों दोनों लिंगों में भी पाया जाता है। हालांकि इनकी स्थितियों के बीच कुछ भिन्नता हो सकती है।
  • भारत सरकार ने ब्रेन ट्यूमर की रोकथाम, स्क्रीनिंग, रोग का जल्दी पता लगाने, निदान और अंतिम चरण में उपशामक देखभाल उपचार प्रदान करने के लिए अनेक उद्देश्यों की पूर्ति के साथ राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम शुरूआत की गई है।

ब्रेन ट्यूमर के बारे में कुछ तथ्य

  • ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है।
  • ब्रेन ट्यूमर होने के सही कारण स्पष्ट नहीं है।
  • ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उनके आकार, प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं।
  • वयस्कों के बीच प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार एस्ट्रोसाइटोमा, मस्तिष्कावरणार्बुद और ओलिगोडेन्ड्रोग्लियोमा हैं।
  • बच्चों में पाए जाने वाले ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार मेडुलोब्लास्टोमा, ग्रेड एक या ग्रेड दो एस्ट्रोसाइटोमा, (या तंत्रिकाबंधार्बुद) एपिन्डाइमोमा और ब्रेन स्टेम ग्लियोमा हैं।
  • ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त होने वाले ज़ोखिम के कारकों में पारिवारिक इतिहास एवं अधिक से अधिक संख्या में एक्स रे कराना हो सकते हैं

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या हैं?

  • ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ब्रेन के हिस्से में होने वाले बदलाव के आधार पर पैदा होते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, दौरा, दृष्टि समस्या, उल्टी और मानसिक परिवर्तन जैसे लक्षण हो सकते हैं। रोगी सुबह सिरदर्द और उल्टी महसूस कर सकता है। अत्यधिक विशिष्ट समस्याएँ जैसे कि चलने, बोलने और इन्द्रियबोध में परेशानी हो सकती हैं।

ब्रेन ट्यूमर के लिए उपलब्ध उपचार

  • चिकित्सक ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, ग्रेड और ट्यूमर की स्थिति तथा रोगी के सामान्य स्वास्थ्य के आधार पर उपचार की सलाह दे सकता हैं।
  • सर्जरी/शल्य-चिकित्सा।
  • रेडियोथेरेपी।
  • कीमोथेरपी।   
  • स्टेरॉयड।
  • एंटी-सीजर दवाएं।
  • वेंट्रिकुलर पेरिटोनियल शन्ट।

विश्व महासागर दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व महासागर दिवस

(World Oceans Day)

आज का दिन : 8 जून 2025

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विश्व महासागर दिवस 2024 की थीम
Awaken New Depths

  • प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1992 में पहली बार 'विश्व महासागर दिवस' मनाया गया। सन् 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने का फैसला लिया गया।
  • 5 दिसंबर 2008 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 8 जून को 'विश्व महासागर दिवस' मनाए जाने को आधिकारिक मान्यता प्रदान की। यानी विश्व महासागर दिवस आधिकारिक रूप से सन् 2009 से मनाया जाने लगा।
  • विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में समुद्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही महासागरों के महत्व व उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है। विश्व महासागर दिवस मनाने का एक उद्देश्य लोगों को याद दिला है कि महासागरों की रोजमर्रा के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2021-2030 तक 'सतत विकास के लिए महासागर विज्ञान का संयुक्त राष्ट्र दशक' (UN Decade of Ocean Science for Sustainable Development)  मनाया जा रहा है। यह दशक उन वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करेगा जो महासागर विज्ञान को समाज की जरूरतों से जोड़ सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1998 को 'महासागर का अंतरराष्ट्रीय वर्ष'(International Year of the Ocean) के रूप में मनाया गया था। 

संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन-2025

  • संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन-2025 का आयोजन फ्रांस के नीस में 9 से 13 जून 2025 तक आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन फ्रांस व कोस्टारिका द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। यह तीसरा महासागर सम्मेलन है। इस सम्मेलन की थीम- Accelerating action and mobilizing all actors to conserve and sustainably use the ocean रखी गई है। इस सम्मेलन में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
  • पिछला संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन वर्ष 2022 में लिस्बन में पुर्तगाल और केन्या द्वारा किया गया था।

महासागरों के बारे में जानने योग्य तथ्य

  • हमारी पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल समाया हुआ है।
  • महासागरों को हमारे ग्रह के फेफड़े कहा जा सकता है। क्योंकि वे धरती की 50 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। महासागरों में दुनिया की अधिकांश जैव विविधता पाई जाती है। वहीं एक अरब से अधिक लोगों को महासागरों से प्रोटीन मिलता है।
  • संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक लगभग 40 मिलियन लोग महासागरों से रोजगार प्राप्त करेंगे।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों बढ़ावा देने वाले मनुष्य द्वारा उत्पादित कार्बन डाइ ऑक्साइड के लगभग 30 प्रतिशत को महासागर अवशोषित करते हैं।
  • अनेक प्रकार से उपयोगी होने के बावजूद आज महासागर संकट के दौर से गुजर रहे हैं। बड़ी मछलियों की लगभग 90 प्रतिशत आबादी समाप्त हो गई है और 50 प्रतिशत प्रवाल भित्तियां नष्ट हो चुकी हैं। कारण हम समुद्र से जितना ले सकते हैं, उससे अधिक ले रहे हैं।

मुख्यत: पृथ्वी पर पांच महासागर हैं-

  • प्रशांत महासागर
  • हिन्द महासागर
  • अटलांटिक महासागर
  • उत्तरी ध्रुव महासागर
  • दक्षिणी ध्रुव महासागर


*विश्व महासागर दिवस-2025 का विषय/थीम*

Wonder: Sustaining what sustains us

शनिवार, 7 जून 2025

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

(World Food Safety Day)

*विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस-2025 का विषय/थीम*
Food safety: science in action

आज का दिन : 7 जून 2025

  • प्रतिवर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
  • पहला विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून, 2019 को मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर, 2018 को प्रस्ताव पारित कर प्रतिवर्ष 7 जून को यह दिवस मनाने का संकल्प अपनाया था।
  • विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की भूमिका संयुक्त राष्ट्र के 75वें सत्र की इकॉनोमिक एंड फाइनेंशियल कमेटी (सैकंड कमेटी) द्वारा रखी गई। इस कमेटी के अध्यक्ष नेपाल के अमृत बहादुर राय थे। इसी कमेटी में अक्टूबर/नवम्बर 2018 को विचार-विमर्श के बाद विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा को भेजा गया।
  • विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस आधिकारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को संतुलित एवं सुरक्षित खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करना है। यह दिवस उन प्रयासों को मजबूती प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हम जो भोजन करते हैं, वह सुरक्षित है। इसके अलावा मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, कृषि बाजार पहुंच, खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, उनका पता लगाने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए ध्यान आकर्षित करना भी इस दिवस को मनाने के उद्देश्य हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों से युक्त दूषित भोजन 200 से अधिक बीमारियों का कारण है। इसके अलावा असुरक्षित खाद्य पदार्थों के प्रभाव से कम व मध्यम आय वाले देशों में हर साल लगभग 95 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उत्पादकता का नुकसान होता है।

संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन

  • संयुक्त राष्ट्र ने 16 अक्टूबर, 1945 को रोम (इटली) में 'खाद्य एवं कृषि संगठन' की स्थापना की थी।  इसके स्थापना दिवस पर प्रतिवर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी 'विश्व खाद्य कार्यक्रम' भुखमरी मिटाने और लोगों को खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने में जुटी है। वर्ष 2020 का शांति का नोबेल पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम को दिया गया। वर्ष 2019 में विश्व खाद्य कार्यक्रम को 88 देशों में लगभग 100 मिलियन लोगों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए शांति का नोबेल दिया गया था।

भारत में खाद्य सुरक्षा

  • भारत में 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013' लागू है। इसे 10 सितम्बर, 2013 को अधिसूचित किया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता के खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हें खाद्य और पौषणिक सुरक्षा प्रदान करना है।
  • भारत में खाद्य सामग्री के मानकों को निर्धारित करने, खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, बिक्री तथा आयात को नियंत्रित करने का कार्य 'भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण' (Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI)) करता है। एफएसएसएआई की स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम, 2008 के अन्तर्गत की गई है।

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक

  • भारतीय खाद्य संरक्षा एवं सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से प्रतिवर्ष खाद्य सुरक्षा के पांच मानकों पर राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (State Food Safety Index) जारी करता है ।यह सूचकांक पहली बार 2018-19 में जारी किया गया था।
  • सितंबर, 2024 में राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2024 जारी किया गया। सूचकांक में केरल प्रथम, तमिलनाडु दूसरे और जम्मू-कश्मीर तीसरे स्थान पर रहे। सूचकांक में विशेष उल्लेख के साथ चौथे स्थान पर गुजरात को रखा गया। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में नागालैंड प्रथम स्थान पर रहा।


*विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस-2025 का विषय/थीम*

Food safety: science in action

गुरुवार, 5 जून 2025

5 जून 2025 : विश्व पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस
(World Environment Day)

आज का दिन : 5 जून 2025

 

*विश्व पर्यावरण दिवस-2025 का विषय/थीम*
Beat plastic pollution


  • प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1973 से संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से प्रतिवर्ष 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाया जा रहा है।
  • दुनिया के 119 देशों ने 5 से 16 जून, 1972 तक स्वीडन के स्टाकहोम में पहले पर्यावरण सम्मेलन में भाग लिया और यह दिवस मनाने का निर्णय किया। इसी सम्मेलन से संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ।
  • विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया में पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरुकता फैलाने और इसके प्रति राजनीतिक चेतना जगाने के लिए मनाया जाता है। इन मुद्दों में विषैला रासायनिक प्रदूषण, वन उन्मूलन और वैश्विक तापमान वृद्धि शामिल हैं। 1972 में शुरू हुआ यह आंदोलन आज एक विराट रूप ले चुका है। आमजन जागरुक है। लेकिन इस जागरुकता को और बढ़ाना होगा।
  • वर्ष 2025 के पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक से लड़ाई पर आधारित है। यूएनईपी के तथ्यों के अनुसार दुनिया में प्लास्टिक का उत्पादन हर वर्ष 400 मिलियन टन से ज्यादा है। इसमें से आधा सिंगल यूज प्लास्टिक है। हर वर्ष 11 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा जलीय निकायों यानी झीलों, नदियों और समुद्र में जा रहा है। खतरनाक स्थिति तो यह है कि 5 मिमी व्यास के छोटे प्लास्टिक कण आदमी के शरीर में जा रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति प्रतिवर्ष 50,000 से अधिक प्लास्टिक कणों का सेवन करता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2021-2030 तक 'पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक' (Decade on Ecosystem Restoration) मनाया जा रहा है। पारिस्थितिकी तंत्र में खेत, जंगल, घास के मैदान, पहाड़, ताजे पानी के स्रोत और महासागर आदि शामिल हैं।
  • स्टाकहोम में हुए पहले पर्यावरण सम्मेलन को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी संबोधित किया था। उन्होंने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान दिया था।
  • विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाना और इसके क्षरण को रोकने के प्रति प्रेरित करना है।
  • पहले विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'केवल एक पृथ्वी' थी।


वर्ष 2025 का मेजबान देश दक्षिण कोरिया

  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 के पर्यावरण दिवस के लिए 'प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं' (Beat plastic pollution) को मुख्य विषय बनाया है और मुख्य आयोजन की मेजबानी दक्षिण कोरिया यानी रिपब्लिक ऑफ कोरिया को सौंपी है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की साझेदारी में दक्षिण कोरिया इस वैश्विक आयोजन में दुनिया से प्लास्टिक को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।


विश्व पर्यावरण दिवस-2025 पर भारत में कार्यक्रम

  • वर्ष 2025 के विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली पार्क में 'एक पेड़ मां के नाम' पहल के अंतर्गत वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत करेंगे। यह पहल 'अरावली ग्रीन वॉल परियोजना' का हिस्सा होगी, जिसका उद्देश्य 700 किलोमीटर लंबी अरावली शृंखला को वनों से परिपूर्ण करना है। यह परियोजना चार दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के 29 जिलों में चलाई जाएगी।


भारत और पर्यावरण

  • भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही पर्यावरण को जनजीवन से जोड़ा गया है। पीपल, बरगद, तुलसी आदि जीवनदायी पेड़-पौधों को हमारी संस्कृति में उच्च स्थान मिला हुआ है।
  • भारत में पर्यावरण की सुरक्षा एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 19 नवंबर 1986 को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में वर्ष 1987 से प्रतिवर्ष 'इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार' प्रदान करता आ रहा है। ये पुरस्कार इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर को प्रदान किए जाते हैं। इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार के तहत 'संगठन श्रेणी' में दो और व्यक्तिगत श्रेणी में 3 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
  • यह भी ध्यान रखने योग्य है कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2018 के पर्यावरण दिवस के आयोजन की जिम्मेदारी भारत को सौंपी थी। देश में यह पांच दिवसीय आयोजन प्लास्टिक के प्रयोग से मुक्ति की थीम पर आधारित था। इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को धीरे-धीरे कम करने के प्रति लोगों को जागरूक किया गया था।


*विश्व पर्यावरण दिवस-2025 का विषय/थीम*
Beat plastic pollution

मंगलवार, 3 जून 2025

3 जून, 2025 : विश्व साइकिल दिवस

विश्व साइकिल दिवस
(World Bicycle Day)

आज का दिन : 3 जून, 2025

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  • प्रतिवर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है।
  • 12 अप्रेल, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इस तरह सन् 2018 में प्रथम साइकिल दिवस मनाया गया।
  • विश्व साइकिल दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाने के प्रति प्रोत्साहित करना है, क्योंकि साइकिल पर्यावरण हित में, सेहत बढ़ाने वाली और सस्ती परिवहन सुविधा है।
  • सतत विकास के लिए साइकिल के संबंध में 15 मार्च 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक और संकल्प अपनाया।
  • संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य-2030 में खेलों को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसी कड़ी में विश्व भर में साइक्लिंग को प्रोत्साहन देने के लिए यूएन महासभा ने यह निर्णय लिया।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक स्तर पर वर्ष 2018 से 2030 तक विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी। विश्व साइकिल दिवस इन्हीं वैश्विक गतिविधियों का एक हिस्सा है।
  • हमारे देश में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से 22 दिसंबर, 2024 को 'फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल' अभियान की शुरुआत की गई। इस पहल में अब तक लगभग 3 लाख नागरिकों ने भाग लिया है, वहीं 3.44 बिलियन से अधिक लोगों ने डिजिटल समर्थन भी दिया है। हालांकि देश में साइकिल चालकों के लिए अलग से लेन बनाए जाने की सख्त आवश्यकता है।

साइकिल चलाने के फायदे

  • चार पहियों से दो पहिए तक का सफर करने वाली साइकिल से सफर करना बेहद सेहतमंद है। साइकिल से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। प्रतिदिन साइकिल चलाने से ब्रेन में हेल्प हार्मोंस का निर्माण होता है, जिससे स्ट्रेस दूर होता है। साइक्लिंग से ब्लड सेल्स और स्किन में पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई से स्किन ग्लो करती है। बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है, जिससे हार्ट भी हैल्दी रहता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 

सोमवार, 2 जून 2025

2 जून 2025 : तेलंगाना स्थापना दिवस

तेलंगाना स्थापना दिवस

(Telangana Formation Day)

आज का दिन : 2 जून 2025

  • भारत के सबसे युवा राज्य तेलंगाना का स्थापना दिवस 2 जून को मनाया जाता है।
  • 2 जून, 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग कर तेलंगाना राज्य का गठन किया गया। इसीलिए इस दिन को तेलंगाना दिवस या तेलंगाना गठन दिवस या तेलंगाना स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • अपने गठन के समय तेलंगाना देश का 29वां राज्य था। वर्तमान में यह 28वां राज्य है। तेलंगाना का अर्थ है- तेलुगभाषियों की भूमि। इस राज्य की अधिकांश आबादी तेलुगूभाषी है।
  • वर्तमान यानी 2025 में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा हैं।
  • वर्तमान यानी 2025 में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी हैं।
  • तेलंगाना के प्रथम मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव थे।

तेलंगाना राज्य का गठन

  • केंद्रीय कैबिनेट ने 5 दिसंबर, 2013 को आंध्र प्रदेश से अलग कर तेलंगाना राज्य का निर्माण करने का निर्णय किया।
  • आंध्र प्रदेश विधानसभा में तेलंगाना विधेयक 30 जनवरी, 2014 को खारिज हो गया।
  • 8 फरवरी, 2014 को केंद्रीय कैबिनेट ने तेलंगाना विधेयक को मंजूरी दे दी।
  • इसके बाद 18 फरवरी, 2014 को लोकसभा और 20 फरवरी, 2014 को राज्यसबा में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित हुआ।
  • 1 मार्च, 2014 को राष्ट्रपति ने इस विधेयक पर अपने हस्ताक्षर किए।
  • 2 जून, 2014 से तेलंगाना राज्य विधिवत रूप से अस्तित्व में आया।
  • तेलंगाना की राजधानी के रूप में हैदराबाद को चुना गया। यह ऐतिहासिक शहर दस साल के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी बनाया गया। आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती है।


तेलंगाना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • तेलंगाना की राजधानी - हैदराबाद है।
  • तेलंगाना का क्षेत्रफल - 1,14,840 वर्ग किमी
  • तेलंगाना के जिले - राज्य गठन के समय तेलंगाना में 10 जिले हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडक, नलगोंडा, महबूबनगर, वारंगल, करीमनगर, निजामाबाद , आदिलाबाद और खम्मम थे। वर्तमान यानी 2022 में तेलंगाना में 33 जिले हैं।
  • तेलंगाना से 17 लोकसभा सदस्य चुने जाते हैं। वहीं 7 राज्यसभा सीटें हैं।
  • तेलंगाना में द्विसदनीय विधानमंडल है। विधानसभा में 119 और विधान परिषद् में 40 सीटें हैं।
  • तेलंगाना की प्रमुख नदियां - गोदावरी, कृष्णा, भीमा, मूसी, मंजीरा।
  • उच्च न्यायालय - हैदराबाद
  • तेलंगाना के नृत्य - पेरिनी शिवतांडवम, बोनालू
  • तेलंगाना राज्य के उत्तर और उत्तर पश्चिम में महाराष्ट्र, पश्चिम में कर्नाटक, उत्तर-पूर्व में छत्तीसगढ़ और पूर्व में ओडिशा स्थित हैं।
  • तेलंगाना के वन्य जीव अभयारण्य - शिवराम वन्यजीव अभयारण्य और मंजीरा वन्य जीव अभयारण्य।

रविवार, 1 जून 2025

1 जून 2025 : विश्व माता-पिता दिवस

विश्व माता-पिता दिवस

(Global Day of Parents)

आज का दिन : 1 जून 2025


  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 1 जून को विश्व माता-पिता दिवस यानी Global Day of Parents के रूप में मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 सितम्बर, 2012 को ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स मनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया था। पहला माता-पिता दिवस 1 जून, 2013 को मनाया गया। 
  • यूनिसेफ की ओर से ग्लोबल पेरेंट्स डे के हिस्से के रूप में जून माह को पेरेंटिंग मंथ के रूप में मनाया जा रहा है। महीने भर चलने वाले इस अभियान में माता-पिता बनने की खुशियों और चुनौतियों के बारे में मार्मिक कहानियां दिखाई जाएंगी।
  • ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स को मनाने का उद्देश्य जीवन में माता-पिता का महत्व रेखांकित करते हुए उनके त्याग और बलिदान के प्रति श्रद्धा प्रकट की जाती है।
  • हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता को देवताओं का स्थान प्राप्त है। पुराण-शास्त्रों में 'मातृ देवो: भव:' और 'पितृ देवो: भव:' से माता-पिता को जीवन में उच्च स्थान प्रदान किया गया है।
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसी से सम्बन्धित दूसरा दिवस 'अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस' प्रतिवर्ष 15 मई को मनाया जाता है। सन् 1993 में यह दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। सन् 1994 को 'अंतरराष्ट्रीय परिवार वर्ष' के रूप में मनाया गया था।
  • अमेरिका में जुलाई के चौथे रविवार को नेशनल पैरेंट्स डे मनाया जाता है। वियतनाम में 7 जुलाई को तो फिलीपींस में दिसंबर महीने के पहले सोमवार को पैरेंट्स दिवस मनाया जाता है।

*विश्व माता-पिता दिवस-2025 का विषय/थीम*
Raising Parents

1 जून 2025 : विश्व दुग्ध दिवस

विश्व दुग्ध दिवस

(World Milk Day)

आज का दिन : 1 जून 2025

  • प्रतिवर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन की ओर से पहली बार 1 जून, 2001 को विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया।
  • विश्व दुग्ध दिवस आम जनजीवन में दूध की आवश्यकता को रेखांकित करने के साथ ही डेयरी उद्योग को समर्पित है।
  • दूध को 'सम्पूर्ण आहार' का दर्जा दिया गया है। दूध हमें गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि से प्राप्त होता है। आजकल तो ऊंटनी का भी दूध प्रचलन में है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन्स आदि की भरपूर मात्रा होती है। दूध हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, विटामिन डी, विटामिन बी 12, विटामिन ए, विटामिन बी2, नियासिन आदि पाए जाते हैं।

दूध उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर

  • दूध उत्पादन में भारत 1998 से विश्व में प्रथम स्थान पर है। भारत का वैश्विक दूध उत्पादन में 25 प्रतिशत हिस्सा है। 
  • डेयरी उद्योग से देश में लगभग 8 करोड़ परिवारों को आजीविका मिल रही है। वहीं डेयरी सेक्टर का देश की जीडीपी में 5 प्रतिशत योगदान है। 
  • वर्ष 2023-24 के दौरान देश में दूध का अतापदन 239.2 मिलियन टन हो गया है। 
  • राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश देश के शीर्ष पांच प्रमुख दूध उत्पादक राज्य हैं। 
  • केंद्र सरकार ने देश में दूसरी दुग्ध क्रांति के लिए दिसंबर, 2014 से राष्ट्रीय गोकुल मिशन चलाया हुआ है। इसके तहत राष्ट्रीय पशु उत्पादकता मिशन कार्यरत है।
  • भारत में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। देश में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती पर यह दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2014 से यह दिवस मनाया जा रहा है।


*विश्व दुग्ध दिवस-2025 का विषय/थीम*

Let’s Celebrate the Power of Dairy

शनिवार, 31 मई 2025

31 मई 2025 : विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

(World No Tobacco Day)


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आज का दिन : 31 मई 2025

  • प्रतिवर्ष 31 मई को 'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' मनाया जाता है। इस दिवस को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस भी कहा जाता है।
  • सन् 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विश्व स्वास्थ्य महासभा ने 7 अप्रेल 1988 को 'धूम्रपान न करने वाला एक विश्व' दिवस मनाया था। इसके बाद 1989 से 31 मई को 'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' मनाने का निर्णय लिया गया।
  • 'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' को मनाने का उद्देश्य तम्बाकू (धूम्रपान) के विरोध में माहौल तैयार कर आमजन को इसकी हानियों व खतरों के प्रति जागरुक करना है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हृदय संबंधी बीमारियों के कारण होने वाले अधिकांश मौतों की वजह तंबाकू उत्पाद एवं धूम्रपान है। उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर के बाद तंबाकू हृदय संबंधी बीमारियों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस-2025 पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के पुरस्कार

  • विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से व्यक्तिगत व संस्था श्रेणी में अवार्ड प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2025 के डब्ल्यूएचओ महानिदेशक विशेष पुरस्कार के लिए व्यक्तिगत श्रेणी में मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और मॉरिशस के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय को चुना गया है।
  • डब्ल्यूएचओ अपने छह रीजन में तंबाकू नियंत्रण के लिए किए  गए प्रभावी कार्यों के लिए विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पुरस्कार प्रदान करता है। दक्षिण-पूर्व एशिया रीजन में वर्ष 2025 के विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पुरस्कार के लिए भारत के कर्नाटक राज्य, बांग्लादेश के नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू, नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय और बैंकॉक (थाईलैंड) के गवर्नर चाडचार्ट सिट्टीपट को चुना गया है।

भारत में तंबाकू नियंत्रण के प्रयास

  • भारत सरकार ने सन् 2003 में 'सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद' (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम पारित किया।
  • भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन सन् 2007 से पूरे देश में 'राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम' (एनटीसीपी) संचालित किया जा रहा है। शुरुआत में इसे 21 राज्यों के 42 जिलो में पायलट परियोजना के रूप में प्रारम्भ किया गया था।
  • भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 'सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) नियम, 2008' में 13 अप्रैल 2020 को संशोधन करते हुए कंपनियों को तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर सचित्र और बड़े-बड़े शब्दों में तंबाकू और धूम्रपान से होने वाली हानियों को प्रदर्शित करने के लिए पाबंद किया है। इन प्रावधानों का उल्लंघन, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन, व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और  वितरण का निषेध) अधिनियम, 2003 की धारा 20 में निर्धारित प्रावधानों के तहत करावास या जुर्माने के साथ दंडनीय अपराध है।


*विश्व तम्बाकू निषेध दिवस-2025 का विषय/थीम*

Unmasking the Appeal: Exposing Industry Tactics on Tobacco and Nicotine Products.


शुक्रवार, 30 मई 2025

30 मई 2025 : गोवा स्थापना दिवस

गोवा स्थापना दिवस

(Goa Foundation Day)

आज का दिन : 30 मई 2025

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  • प्रतिवर्ष 30 मई को गोवा राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
  • 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया और यह भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना।
  • सन् 1947 में देश के आजाद होने के बाद भी जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा नहीं छोड़ा तो सन् 1961 में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय अभियान' शुरू कर उन्हें खदेड़ दिया।
  • सन् 1961 में 19 दिसंबर को भारतीय सेना ने गोवा, दमन और दीव को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया था। उसी की स्मृति में प्रतिवर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। गोवा में राष्ट्रवाद का जनक डॉ. टी. बी. कुन्हा को माना जाता है। इसके साथ ही प्रखर समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया को भी गोवा में आजादी की अलख जगाने का श्रेय जाता है।
  • पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के साथ समर्पण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • 20 दिसम्बर, 1962 को दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।
  • वर्तमान यानी सन् 2025 में गोवा के मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के प्रमोद सावंत हैं और राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई हैं।

गोवा का इतिहास

  • पुर्तगाली भारत आने वाले पहले यूरोपीय शासक थे। वे सन् 1510 में यहां आए। भारत से उपनिवेश छोडऩे वाले आखिरी यूरोपीय शासक भी पुर्तगाली ही थे।
  • गोवा में पुर्तगालियों का 451 साल तक शासन रहा जो अंग्रेजों से काफी अलग था। पुर्तगाल ने गोवा को 'वाइस किंगडम' का दर्जा दिया था और यहां के नागरिकों को ठीक वैसे ही अधिकार हासिल थे जैसे पुर्तगाल में वहां के निवासियों को मिलते हैं।
  • पुर्तगाली शासन के अंतर्गत गोवा में उच्च वर्ग के हिंदू और ईसाइयों के साथ-साथ दूसरे धनी वर्ग के लोगों को कुछ विशेषाधिकार भी थे। जो लोग संपत्ति कर देते थे उन्हें 19वीं शताब्दी के मध्य में यह अधिकार भी मिल गया था कि वे पुर्तगाली संसद में गोवा का प्रतिनिधि चुनने के लिए मत डाल सकें।
  • आजादी के साथ ही गोवा के महाराष्ट्र राज्य में विलय की बात ने जोर पकड़ा। इसके लिए सन् 1967 में जनमत संग्रह हुआ और गोवा की आम जनता ने केंद्रशासित प्रदेश के रूप में रहना स्वीकार किया।

30 मई 2025 : हिंदी पत्रकारिता दिवस

हिंदी पत्रकारिता दिवस

(Hindi Journalism Day)

आज का दिन : 30 मई 2025

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  • प्रतिवर्ष 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है।
  • 30 मई, 1826 को प्रथम हिंदी समाचार पत्र 'उदन्त मार्तण्ड' का प्रकाशन शुरू हुआ था। इसलिए इस दिन को 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
  • कानपुर से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक समाचार पत्र 'उदन्त मार्तण्ड' के प्रकाशक व सम्पादक पंडित युगल किशोर शुक्ल थे।
  • परम्परागत रूप से भारत में पत्रकारिता जगत से जुड़े लोग प्रेस क्लब या अन्य जगह पर इस दिवस को मनाते आए हैं।
  • 'उदन्त मार्तण्ड' साप्ताहिक पत्र था। पत्र की भाषा पछाँही हिंदी थी, जिसे इसके संपादकों ने 'मध्यदेशीय भाषा' कहा है। प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित होने वाले इस समाचार पत्र के प्रथम अंक की 500 प्रतियां प्रकाशित की गईं। बिना सरकारी के सहायता के यह पत्र नहीं चल पाया और सन् 1827 में इसका प्रकाशन बंद हो गया।
  • उदन्त मार्तण्ड के प्रकाशन व सम्पादक युगल किशोर मूलत: कानपुर के रहने वाले थे। युगल किशोर सिविल एवं राजस्व उच्च न्यायालय कलकत्ता में कार्यवाहक रीडर थे और बाद में वकील बने।
  • भारत का पहला समाचार पत्र 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने 'द कलकत्ता जनरल एडवर्टाइजर' नाम से प्रकाशित किया। इसे 'द बंगाल गजट' या 'कलकत्ता गजट' के नाम से भी जाना गया।
  • किसी भारतीय द्वारा प्रकाशित देश का पहला समाचार पत्र 'बंगाल गजट' था। इसका प्रकाशन सन् 1816 में गंगाधर भट्टाचार्य ने शुरू किया। यह अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र था।

स्वतंत्रता पूर्व भारत में प्रकाशित प्रमुख समाचार-पत्र

वर्षसमाचार पत्रसंस्थापक/संपादकस्थानभाषा
1818समाचार दर्पणकैरे व मार्शमैनसेरामपुर (बंगाल)अंग्रेजी
1821संवाद कौमुदीराजा राममोहन रायकलकत्ताबांग्ला
1822मिरातुल अखबारराजा राममोहन रायकलकत्ताफारसी
1853हिन्दू पैट्यिाटहरिश्चंद्र मुखर्जीकानपुरअंग्रेजी
1859सोम प्रकाशईश्वरचंद्र विद्यासागरकलकत्ताबांग्ला
1861टाइम्स ऑफ इंडियाबेनेट कॉलमेन एंड कंपनीबंबईअंग्रेजी
1868अमृत बाजार पत्रिकामोतीलाल घोष, शिशिर कुमार घोषकलकत्ताबांग्ला, अंग्रेजी
1875स्टेटसमैनराबर्ट नाइटकलकत्ताअंग्रेजी
1881केसरीबाल गंगाधर तिलकबंबईमराठी
1882मराठाबाल गंगाधर तिलकबंबईअंग्रेजी
1910प्रतापगणेश शंकर विद्यार्थीकानपुरहिंदी
1912 कामरेडमोहम्मद अलीकलकत्ताअंग्रेजी
1912 अल हिलालमौलाना अबुल कलाम आजादकलकत्ताउर्दू
1913 अल बिलागमौलाना अबुल कलाम आजादकलकत्ताउर्दू
1913हमदर्दमोहम्मद अलीकलकत्ताउर्दू
1913बॉम्बे क्रोनिकलफिरोजशाह मेहता, बी.जी. हार्निमनबंबईअंग्रेजी
1913गदरगदर पार्टीसेन फ्रांसिस्कोअनेक भाषाएं
1914न्यू इंडिया, कॉमन वील ऐनीबेसेन्ट सेन फ्रांसिस्कोअंग्रेजी
1919यंग इंडियामहात्मा गांधीअहमदाबादअंग्रेजी
1919नवजीवनमहात्मा गांधीअहमदाबादहिंदी, गुजराती
1919हरिजनमहात्मा गांधीपूनाहिंदी, गुजराती

गुरुवार, 29 मई 2025

29 मई 2025 : अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस

अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस

(International Day of UN Peacekeepers)

आज का दिन : 29 मई 2025

 
*अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस-2025 का विषय/थीम*
The Future of Peacekeeping

  • प्रतिवर्ष 29 मई को 'अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस' मनाया जाता है।
  • सन् 2003 से प्रतिवर्ष 'अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस' मनाया जा रहा है। 1948 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को वर्ष 2024 में 76 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
  • 'अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस' मनाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसम्बर 2002 को प्रस्ताव (57/129) पारित किया।
  • अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस को मनाने का मूल उद्देश्य शांति स्थापना हेतु शहीद हुए सैनिकों को याद करना एवं उन्हें सम्मान प्रदान करना है। इसी के साथ सभी पुरुष एवं महिला शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि देना एवं उनके कार्यों, जज्बे एवं समर्पण का सम्मान करना है।
  • अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस को मनाने का आग्रह यूक्रेनी शांति स्थापना एसोसिएशन एवं यूक्रेन सरकार ने किया था।

संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को डैग हैमर्शहोल्ड मेडल

  • अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र द्वारा शांति हेतु सेवा करते हुए अपने प्राण गंवाने वाले सैनिको को मरणोपरांत डैग हैमर्शहोल्ड मेडल प्रदान किया जाता है। यह पदक संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव डैग हैमर्शहोल्ड के नाम पर दिया जाता है। इसकी स्थापना दिसंबर, 2000 में की गई थी। 
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से दो भारतीय शांतिरक्षकों ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को मरणोपरांत डैग हैमर्शहोल्ड मेडल-2025 से सम्मानित किया गया है।
  • वर्ष 2024 का UN Military Gender Advocate of the Year पुरस्कार घाना की स्क्वाड्रन लीडर शेरॉन साइम को दिया गया है। वहीं यूएन महिला पुलिस अधिकारी पुरस्कार से सिएरा लियोन की जैनब ग्बला को सम्मानित किया गया है।
  • पिछली बार यानी वर्ष 2023 के लिए भारत की मेजर राधिका सेन को UN Military Gender Advocate of the Year पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

1948 से हुई शुरुआत

  • प्रतिवर्ष 29 मई को ही इस दिवस को मनाने की वजह यह है कि इस दिन को सन् 1948 में संयुक्त राष्ट्र ट्रूस सुपरविजन ऑर्गेनाईजेशन (यूएनटीएसओ) को अरब-इसराइल युद्ध में शांति वार्ता की निगरानी रखने के लिए निर्धारित किया गया था।
  • भारत ने दुनिया में शांति स्थापना के लिए हमेशा ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सन् 1950 में भारत ने कोरिया को कस्टोडियन फोर्स प्रदान कर विश्व में शांति स्थापना में अपने योगदान की शुरुआत की।
  • संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान में वर्दीधारी कर्मियों की संख्या के मामले में योगदान देने वाला भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश है। भारत के 6,000 से अधिक सैन्य और पुलिसकर्मी संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति मिशनों में तैनात हैं।
  •  यह भी जानने योग्य है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रथम तीन महत्वपूर्ण शांति सहयोगियों में भारत भी शामिल है।


*अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस-2025 का विषय/थीम*

The Future of Peacekeeping