बुधवार, 17 सितंबर 2025

17 सितंबर 2025 : विश्व रोगी सुरक्षा दिवस

 आज का दिन : 17 सितंबर 2025

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस

(World Patient Safety Day)

  • प्रतिवर्ष 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
  • मई 2019 में विश्व स्वास्थ्य सगंठन ने रोगी सुरक्षा पर ध्यान देने के लिए प्रतिवर्ष 17 सितंबर को 'विश्व रोगी सुरक्षा दिवस' मनाने का प्रस्ताव पारित किया।
  • विश्व रोगी सुरक्षा दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व में रोगियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसके प्रति जागरूकता पैदा करना है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि जब कोई व्यक्ति किसी रोग से पीडि़त हो जाता है तो उसे स्वास्थ्यकर्ताओं से चर्चा, जांच, परीक्षण आदि से गुजरना होता है। इस दौरान गलती किसी भी स्तर पर हो सकती है और इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं, इसलिए रोगी की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। इसीलिए यह दिवस मनाया जाता है।
  • वर्ष 2025 में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से Patient safety from the start! स्लोगन दिया गया है।
  • भारत सरकार की ओर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 'रोगी कल्याण सप्ताह' मनाया जाता है।
  • लोगों को रोगी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर प्रसिद्ध भवनों, ऐतिहासिक स्मारकों आदि को नारंगी (ओरेंज) रोशनी से प्रकाशित किया जाता है।


*विश्व रोगी सुरक्षा दिवस-2025 का विषय/थीम*

 Safe care for every newborn and every child

मंगलवार, 16 सितंबर 2025

16 सितंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस

अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस
International Day for the Preservation of the Ozone Layer

आज का दिन : 16 सितंबर 2025


  • प्रतिवर्ष 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया जाता है।
  • 23 जनवरी 1995 को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में प्रतिवर्ष 16 सितंबर को 'अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस' मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। तब से प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में 16 सितंबर को 'अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस' मनाया जा रहा है। इसे विश्व ओजोन दिवस भी कहा जाता है।
  • ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों और रेडियो विकिरण को पृथ्वी पर आने से रोकती है।
  • बढ़ते औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप वायुमंडल में कुछ ऐसे रसायनों की मात्रा बढ़ गई है, जिनके दुष्प्रभाव से ओजोन परत को खतरा उत्पन्न हो गया है। इसी खतरे के प्रति सम्पूर्ण विश्व को जागरुक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
  • सन् 1985 में हुई वियना संधि (कन्वेंशन) को 2025 में 40 साल हो गए हैं। दुनिया के देशों ने ओजोन परत को सुरक्षित रखने के लिए इस संधि को अपनाया था।

ओजोन छिद्र

  • सितंबर 2006 तक अन्टार्कटिका के ऊपर ओजोन की परत में 40 प्रतिशत की कमी पाई गई थी, जिसे ओजोन छिद्र का नाम दिया गया था।
  • नेशनल ओशीएनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) पृथ्वी पर लगे उपकरणों और गुब्बारों के जरिए ओजोन परत में वार्षिक होने वाले छिद्र को मापता है।
  • अंटार्कटिका के ऊपर हर साल सितंबर मध्य में ओजोन परत में छिद्र बनता है। उसके बाद अक्टूबर तक उसका दायरा सिमटता जाता है।
  • वर्ष 2017 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और नेशनल ओशीएनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने संयुक्त रूप से जांच में पाया कि ओजोन परत को वर्ष 2017 में पिछले तीस वर्षों में सबसे कम नुकसान पहुंचा। वर्ष 2017 में ओजोन परत में छेद 1988 के बाद सबसे छोटा रहा है।
  • मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसके तहत ओजोन परत को संरक्षित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से उन पदार्थों को उत्सर्जन रोकना है जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते हैं। यह संधि 1 जनवरी 1989 में प्रभावी हुई। इसे 196 देशों द्वारा मान्यता दी गई है। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन होने पर सन् 2050 तक ओजोन परत ठीक होने की उम्मीद है। 
  • भारत 19 जून, 1992 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का एक पक्षकार बना और तब से अब तक इसके तहत जितने भी लक्ष्य तय किए गए, वे सभी भारत ने सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।
  • मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले 96 रसायनों पर नियंत्रण लगाया गया है।
  • भारत को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत चार प्रमुख रसायनों क्लोरोफ्लोरा कार्बन, सीटीसी, हेलेन्स और हाइड्रो क्लोरो फ्लोरो कार्बन को इस्तेमाल से बाहर करना था। इसके तहत भारत ने सन् 2003 के प्रारंभ में हेलेन्स को इस्तेमाल से बाहर किया। इसके बाद 1 अगस्त, 2008 तक सीएफसी यानी क्लोरा फ्लोरा कार्बन का इस्तेमाल बंद किया। सीटीसी का इस्तेमाल 2009 में बंद कर दिया गया। अब हाइड्रो क्लोरो फ्लोरो कार्बन को इस्तेमाल से बाहर करने की प्रक्रिया जारी है।
  • विश्व समुदाय ने ओजोन के क्षरण, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता जैसी चुनौतियों से पार पाने में विकासशील देशों की मदद करने के लिए 'वैश्विक पर्यावरण सुविधा' (जीईएफ) की स्थापना की थी। यह परिवर्तनशील अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में ओजोन के क्षरण के लिए जिम्मेदार पदार्थों को इस्तेमाल से बाहर करने की परियोजनाओं और क्रियाकलापों को बढ़ावा देती है।
  • किगाली संशोधन : 15 अक्टूबर, 2016 को रवांडा के किगाली में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पक्षकारों की 28वीं बैठक में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत हाइड्रो क्लोरो फ्लोरो कार्बन (एचएफसी) कटौती के लिए एक और संशोधन को स्वीकार किया गया, जिसे किगाली संशोधन के नाम से जाना जाता है। भारत ने अगस्त, 2021 में किगाली संशोधन को स्वीकार किया। भारत 2032 से 4 चरणों में एचएफसी के अपने चरण को 2032 में 10 प्रतिशत, 2037 में 20 प्रतिशत, 2042 में 30 प्रतिशत और 2047 में 80 प्रतिशत की संचयी कमी के साथ पूरा करेगा।

ये होती है ओजोन गैस और ओजोन परत

  • ओजोन एक हल्के नीले रंग की गैस होती है। ओजोन परत सामान्यत: धरातल से 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है। यह गैस सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के लिए एक अच्छे फिल्टर का काम करती है।
  • ओज़ोन परत (Ozone Layer) धरातल से 20-30 किलोमीटर की ऊंचाई पर वायुमण्डल के समताप मण्डल क्षेत्र में ओजोन गैस का एक झीना-सा आवरण है। ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।
  • यदि सूर्य से आने वाली सभी पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुंच जाएं तो सभी प्राणी रोग (कैंसर) से पीडि़त हो जाएं। परन्तु सूर्य विकिरण के साथ आने वाली पराबैंगनी किरणों का लगभग 99 प्रतिशत भाग ओजोन मण्डल द्वारा सोख लिया जाता है। जिससे पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी वनस्पति तीव्र ताप व विकिरण से सुरक्षित बचे हुए हैं। इसीलिए ओजोन मण्डल या ओजोन परत को सुरक्षा कवच कहते हैं।
  • ओजोन परत को क्लोरो फ्लोरो कार्बन (सीएफ.सी), क्लोरीन एवं नाइट्रस ऑक्साइड जैसे रसायनों से नुकसान पहुंच रहा है। ये ओजोन गैस को ऑक्सीजन में विघटित कर देते हैं, जिसकी वजह से ओजोन परत पतली हो जाती है और उसमें छिद्र हो जाता है। एक अध्ययन के अनुसार ओजोन परत में छिद्र का आकार यूरोपीय महाद्वीप के आकार के बराबर हो गया है।
  • ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाला यौगिक 'क्लोरा फ्लोरा कार्बन' (सीएफसी) क्लोरीन, फ्लोरीन तथा कार्बन का यौगिक है। यह रेफ्रिजेरेशन उद्योग में प्रमुख रूप से प्रयुक्त होता है।
  • *ओजोन परत संरक्षण दिवस-2025 का विषय/थीम*
    From science to global action

रविवार, 14 सितंबर 2025

14 सितम्बर 2025 : हिंदी दिवस

हिंदी दिवस

  •  प्रतिवर्ष 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है।
  • 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को भारत संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। हिन्दी के प्रचार-प्रसार में जुटी वर्धा स्थित राष्ट्र भाषा प्रचार समिति ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया था। इसके बाद 14 सितंबर, 1953 से सम्पूर्ण देश में हिंदी दिवस मनाया जाने लगा।
  • सरकारी कार्यालयों में इस दिवस के आस-पास हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है।
  • वहीं देश में प्रतिवर्ष 14 से 20 सितंबर तक 'राष्ट्रीय हिन्दी सप्ताह' मनाया जाता है।
  • 14 सितंबर, 2024 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की ओर से मुख्य हिंदी दिवस समारोह का आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम् में किया गया था। साथ ही यहीं पर 14-15 सितंबर को चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया। अमित शाह वर्तमान यानी 2025 में संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष भी हैं।
  • भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में लिखा है, "संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा।"
  • हिन्दी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन होता है।

राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार -2023-2024

केंद्र सरकार के राजभाषा विभाग की ओर से प्रतिवर्ष राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2023-24 के राजभाषा पुरस्कार इस प्रकार हैें-
मंत्रालय/विभाग
300 से कम कार्मिक वाले मंत्रालय/विभाग

प्रथम - प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग
द्वितीय - नागर विमानन मंत्रालय
तृतीय - संस्कृति मंत्रालय

300 से अधिक कार्मिक वाले मंत्रालय/विभाग
प्रथम - परमाणु ऊर्जा विभाग
द्वितीय - अंतरिक्ष विभाग
तृतीय - रेल मंत्रालय

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (केवल मुख्यालय को)
'क' क्षेत्र
प्रथम - टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड
द्वितीय - गेल (इंडिया) लिमिटेड
तृतीय - भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
'ख' क्षेत्र
प्रथम - भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम लिमिटेड
द्वितीय - भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
तृतीय - हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
'ग' क्षेत्र
प्रथम - हिन्दुस्तान एरोानॉटिक्स लिमिटेड, बेंगलूरू
द्वितीय - एनएमडीसी लिमिटेड
तृतीय - कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड

भारत सरकार के बोर्ड/स्वायत्त निकाय/ट्रस्ट/सोसाइटी आदि (केवल मुख्यालय को)
'क' क्षेत्र
प्रथम - केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली
द्वितीय - राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान
तृतीय - तेल उद्योग विकास बोर्ड, नोएडा
'ख' क्षेत्र
प्रथम - राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, आणंद
द्वितीय - केंद्रीय नमक व समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान
तृतीय - रा.रा.पो. आयुर्वेद कैंसर अनुसंधान संस्थान, मुंबई
'ग' क्षेत्र
प्रथम - भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण
द्वितीय - केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलूरू
तृतीय - समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, कोच्चि

राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्थान (केवल मुख्यालय को)
800 से कम कार्मिक वाले
प्रथम - इंडियन ओवरसीज बैंक
द्वितीय - यूको बैंक
तृतीय - इंडियन बैंक
800 से अधिक कार्मिक वाले
प्रथम - बैंक ऑफ बड़ौदा
द्वितीय - पंजाब नेशनल बैंक
तृतीय - बैंक ऑफ इंडिया

गृह पत्रिकाओं के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना वर्ष 2023-24
'क' क्षेत्र के लिए
प्रथम - पीएनबी प्रतिभा, पंजाब नेशनल बैंक, प्रधान कार्यालय, द्वारका दिल्ली
द्वितीय - रक्षा अनुसंधान भारती, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नई दिल्ली
'ख' क्षेत्र के लिए
प्रथम - अभिव्यक्ति, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, अहमदाबाद
द्वितीय - महाबैंक प्रगति, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, प्रधान कार्यालय, पुणे
'ग' क्षेत्र के लिए
प्रथम - केनरा ज्योति, केनरा बैंक, प्रधान कार्यालय बेंगलूरू
द्वितीय - कॉफी सम्वाद, कॉफी बोर्ड, मुख्य कार्यालय, बेंगलूरू

राजभाषा गौरव पुरस्कार वर्ष 2023
श्रेणी-1 : भारत के नागरिकों के लिए हिंदी में ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन हेतु राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना 2023

प्रथम- पुस्तक - विज्ञान और ब्रह्माण्ड (इतिहास तथा आधुनिक अवधारणा), गिरीश चन्द्र जोशी
द्वितीय- पुस्तक - स्वलीनता (ऑटिज्म), डॉ. वासंती रामचन्द्रन
तृतीय- पुस्तक - हथकरघा: स्वदेशी तकनीक और विकास की श्रेष्ठ परम्परा, अमीन हिरेनभाई नवीनभाई

श्रेणी-2 : पुलिस अनुसंधान, अपराध शास्त्र और पुलिस प्रशासन, न्यायालयी विज्ञान आदि में मौलिक पुस्तक लेखन हेतु राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना 2023
प्रथम- पुस्तक - नक्सलवाद आकाश-कुसुम या यथार्थ?, राजेश प्रताप सिंह

श्रेणी-3 : संस्कृति, धर्म, कला, धरोहर आदि में मौलिक पुस्तक लेखन हेतु राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना 2023
प्रथम- पुस्तक- आधुनिक कला आन्दोलन (विश्वकला की आधुनिक यात्रा: 1400-1965), ज्योतिष जोशी
द्वितीय- पुस्तक- भारत में कुंभ, धनंजय चोपड़ा

श्रेणी-4 : विधि के क्षेत्र में मौलिक पुस्तक लेखन हेतु राजबाषा गौरव पुरस्कार योजना 2023
प्रथम- सूचना का अधिकार एक सरल अध्ययन, डॉ. बसंती लाल बाबेल
द्वितीय- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007, ज्ञानवती धाकड़

नराकास राजभाषा सम्मान-2023-24
राष्ट्रीय स्तर पर राजभाषा हिंदी के कार्यान्लय में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को 'नराकास राजभाषा सम्मान' प्रदान किया जाए। वर्ष 2023-24 के लिए क, ख और ग क्षेत्रों में निम्नलिखित समितियों को सम्मानित किया जाएगा-
'क' क्षेत्र (समिति और नराकास कोड)
प्रथम - नराकास इंदौर (बैंक)
द्वितीय - नराकास दिल्ली-2 उपक्रम
तृतीय - नराकास मउ नाथ भंजन (का.)

'ख' क्षेत्र (समिति और नराकास कोड)
प्रथम - नराकास नवी मुंबई (का.)
द्वितीय - नराकास नागपुर (बैंक)
तृतीय - नराकास वडोदरा (बैंक)

'ग' क्षेत्र (समिति और नराकास कोड)
प्रथम - नराकास हैदराबाद (उपक्रम)
द्वितीय - नराकास गुवाहाटी (बैंक)
तृतीय - नराकास मदुरै (का.)

हिन्दी संबंधी अन्य महत्वपूर्ण तथ्यात्मक जानकारी

  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी प्रथम स्थान पर है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदी को मातृभाषा बताने वाले लोगों की संख्या 43.63 प्रतिशत रही यानी 52,83,47,193 लोगों की मातृभाषा हिंदी है। दूसरे स्थान पर बांग्ला (8.3 प्रतिशत) और तीसरे स्थान पर मराठी (7.09 प्रतिशत) है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार संस्कृत को अपनी मातृभाषा बताने वाले 24,821 लोग रहे। बोलने वालों की संख्या के लिहाज से यह सबसे कम बोली जाने वाली भाषा है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार गैर सूचीबद्ध भाषाओं में अंग्रेजी को करीब 2.6 लाख लोगों ने मातृभाषा बताया।
  • प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसीलिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् 2006 से 'विश्व हिंदी दिवस' प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जा रहा है।

शुक्रवार, 12 सितंबर 2025

12 सितंबर 2025 : दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस

दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस

(International Day for South-South Cooperation)

आज का दिन : 12 सितंबर 2025
 
  • सयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 12 सितंबर को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इसे दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस भी कहा जाता है।
  • दक्षिण-दक्षिण सहयोग एक अंतरराष्ट्रीय विकास कार्यक्रम है, जिसमें उन विकासशील देशों के बीच सहयोग की बात की जाती है जो आपसी उन्नति और विकास की दिशा में काम कर रहे हैं।
  • इसका मुख्य उद्देश्य दक्षिणी हेमिस्फियर (आफ्रिका, एशिया, और लैटिन अमेरिका) के देशों के बीच तकनीकी और वित्तीय सहायता के माध्यम से उनके विकास को बढ़ावा देना है।
  • 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र दिवस की 22वीं उच्च स्तरीय समिति सत्र के निर्णयों के आधार पर दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग में प्रगति के लिए संयुक्त राष्ष्ट्र मुख्यालय में 12 सितंबर, 2025 को मुख्य आयोजन किया जाएगा।

*दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस-2025 का विषय/थीम*
New Opportunities and Innovation through South-South and Triangular Cooperation

शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

5 सितम्बर, 2025 : शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस
Teacher's Day

आज का दिन : 5 सितम्बर, 2025

 


  • देश में प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • भारत में सन् 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। शिक्षक दिवस देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती और उनकी स्मृति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
  • गुरु के महत्व को उजागर करने वाला यह दिवस सम्पूर्ण देश में एक पर्व की तरह मनाया जाता है, जो शिक्षकों का मान-सम्मान बढ़ाता है।
  • ज्ञान देने वाला, जिन्दगी जीना सिखाने वाला, जीवन जीने का मार्ग दिखाने वाला ही गुरु, शिक्षक, आचार्य, अध्यापक या टीचर होता है। 

देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

  • आदर्श शिक्षक के रूप में याद किए जाने वाले भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुतनी ग्राम में हुआ था। उनके पिता सर्वपल्ली वीरास्वामी राजस्व विभाग में काम करते थे। इनकी माता का नाम सीतम्मा था।
  • 13 मई, 1962 को डॉ. राधाकृष्णन देश के दूसरे राष्ट्रपति बने।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से 'विश्व शिक्षक दिवस'  5 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिवस सन् 1994 से ही सम्पूर्ण विश्व में मनाया जा रहा है।
  • सनातन परंपरा में गुरु के प्रति आदर-सम्मान और अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को 'गुरु पूर्णिमा' का पर्व मनाया जाता है। कहा भी गया है-
  • गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर
  • गुरु साक्षात् परमं ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम:
  • अर्थात- गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूं।

राष्ट्रीय पुरस्कार

  • शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की योजना 1958 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की प्रतिष्ठा को बढ़ाना और प्राथमिक, मध्यम और माध्यमिक विद्यालयों में काम कर रहे मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता देना है। शिक्षकों को पुरस्कार के लिए तीन अलग-अलग स्तरों पर चुना जाता है। पहले जिला चयन समिति द्वारा उम्मीदवारों की जांच की जाती है. जिला समिति द्वारा चुने गए प्रत्याशियों के नाम एक राज्य चयन समिति को भेजे जाते हैं, जो स्वतंत्र राष्ट्रीय ज्यूरी को अपनी सिफारिशें भेजती है।  इसके लिए हर साल 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस के दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाता है।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 सूची (National Awards to Teachers 2021)

  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 से सम्मानित वाले स्कूली शिक्षा के 50 शिक्षकों की राज्यवार सूची इस प्रकार हैं- 
क्रम संख्याआवेदक का नामपदनामस्कूल का नाम और पताराज्य/संघ राज्य क्षेत्र
1.अविनाश शर्माव्याख्याताजीएमएसएसएसएस एनआईटी 3 फरीदाबादहरियाणा
2.सुनील कुमारव्याख्याताजीएसएसएस खडग़टहिमाचल प्रदेश
3.पंकज कुमार गोयलशिक्षकजीएसएसएस गल्र्स बरनालापंजाब
4.राजिंदर सिंहशिक्षकराजकीय प्राथमिक विद्यालय, कोठे इंदर सिंह वालेपंजाब
5.बलजिंदर सिंह बराड़उप प्रधानाचार्यराजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 4 जेजेराजस्थान
6.हुकम चंद चौधरीशिक्षकराजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बीएसएफ बीकानेरराजस्थान
7.कुसुम लता गरियाकार्यवाहक मुख्य अध्यापकराजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय वीणाउत्तराखंड
8.चंद्रलेखा दामोदर मिस्त्रीशिक्षकसत्यवती सोइरू एंगल हायर सेकेंडरी स्कूल, माशेम लोलिएमगोवा
9.चंद्रेश कुमार भोलाशंकर बोरीसागरकार्यवाहक मुख्य अध्यापकनवी बधाड़ा (बढ़ापारा) प्राथमिक विद्यालय, बधड़ागुजरात
10.विनय शशिकांत पटेलप्रधानाचार्यआर.एफ. पटेल हाई स्कूल, वडाडलागुजरात
11.माधव प्रसाद पटेलशिक्षकराजकीय मध्य विद्यालय लिधौरामध्य प्रदेश
12.सुनीता गोधाशिक्षकसरकारी. हाई स्कूल, खजुरिया सारंगमध्य प्रदेश
13.के.शारदाशिक्षकराजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खेड़ामाराछत्तीसगढ़
14.नरसिम्हा मूर्ति एच केशिक्षकडैफोडिल्स इंग्लिश स्कूल, संजयनगर-19कर्नाटक
15.द्विती चंद्र साहूशिक्षकराजकीय उच्च विद्यालय बिल्लेसूओडिशा
16.संतोष कुमार करशिक्षकजया दुर्गा हाई स्कूल, नारला रोडओडिशा
17.आशीष कुमार रॉयशिक्षकश्री नारा सिंह विद्यापीठ, अथराखाईपश्चिम बंगाल
18.प्रशांत कुमार मारिकमुख्य अध्यापकशालबागान जी एस एफ पी स्कूल, 1 नं. गुरदहापश्चिम बंगाल
19.डॉ. उरफाना अमीनमास्टरबीएचएसएस सौराजम्मू और कश्मीर
20.रविकांत द्विवेदीमुख्य अध्यापकप्राथमिक विद्यालय भगेसरउत्तर प्रदेश
21.श्याम प्रकाश मौर्यशिक्षकउच्च प्राथमिक विद्यालय मल्हूपुरउत्तर प्रदेश
22.डॉ. मीनाक्षी कुमारीशिक्षकशिव गंगा गल्र्स प्लस 2 उच्च विद्यालय,मधुबनीबिहार
23.सिकंदर कुमार सुमनकार्यवाहक मुख्य अध्यापकन्यू प्राथमिक विद्यालय तरहानीबिहार
24.के सुमाशिक्षकजीएमएस दुगनाबादअंडमान एंड निकोबार द्वीपसमूह
25.सुनीता गुप्ताव्याख्याताजवाहर नवोदय विद्यालय, धमनगांवमध्य प्रदेश
26.चारु शर्माप्रधानाचार्यडॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय, नई दिल्लीदिल्ली
27.अशोक सेनगुप्ताशिक्षकपीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नंबर 1 जलाहल्ली पश्चिम, कम्मागोंडाना हल्लीकर्नाटक
28.एच एन गिरीशव्याख्यातागवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स एनएन 0045 हुनसूर मैसूर कर्नाटक
29.नारायणस्वामी आरमुख्य अध्यापकगवर्नमेंट हाई स्कूल बशेट्टीहल्लीकर्नाटक
30.ज्योति पंकाशिक्षकपीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, लोंगडिंगअरुणाचल प्रदेश
31.लेफिजो एपोनशिक्षकजीएचएसएस दीमापुर, यूनाइटेड कॉलोनी वार्ड-20नागालैंड
32नंदिता चोंगथमशिक्षकसगोलबंद ऋषिकुल उच्च प्राथमिक विद्यालय, सगोलबंदमणिपुर
33.यांकिला लामाशिक्षकमॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अरिथांगसिक्किम
34.जोसेफ वनलालह्रुइया सेलोव्याख्यातासिनॉड हायर सेकेंडरी स्कूल, तुइथियांग वेंग आइजोलमिजोरम
35.एवरलास्टिंग पाइनग्रोपप्रधानाचार्यमाइनकेन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, भोइरीमबोंगमेघालय
36.डॉ. नानी गोपाल देबनाथशिक्षकनेता जी सुभाष विद्यानिकेतन, नेता जी चौमुहानीत्रिपुरा
37.दीपेन खनिकरशिक्षकची चिया बोकुलोनी गल्र्स हाई स्कूल, नंबर 3असम
38.डॉ. आशा रानीपोस्ट ग्रैजुएट टीचरप्लस 2 उच्च विद्यालय चंदनकियारी बोकारोझारखंड
39.जिनु जॉर्जशिक्षकएसडीवीबीएचएसएस, आलप्पुझाकेरल
40.के शिवप्रसादशिक्षकवीपीएयूपीएस कुन्दुरकुन्नु, तचनट्टुकाराकेरल
41.मिड्डे श्रीनिवास रावशिक्षकएस.पी.एस.म्युनिसिपल हाई स्कूल प्लस, गुडिवाडाआंध्र प्रदेश
42.सुरेश कुनातीशिक्षकजेडपी उच्च विद्यालय उरंदूरआंध्र प्रदेश
43.प्रभाकर रेड्डी पेसाराशिक्षकजेडपीएसएस तिरुमलयपालेमतेलंगाना
44.थादुरी संपत कुमारशिक्षकजेडपीएचएस दमन्नापेटतेलंगाना
45.पल्लवी शर्माप्रधानाचार्यममता मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल विकासपुरीदिल्ली
46.चारु मैनीप्रधानाचार्यडीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 48-49, गुरुग्रामहरियाणा
47.गोपीनाथ आरशिक्षकपंचायत यूनियन मिडिल स्कूल - राजकुप्पमतमिलनाडु
48.मुरलीधरन रमिया सेथुरमनवोकेशनल टीचरटीवीएस हायर सेकेंडरी स्कूल, मदुरैतमिलनाडु
49.मंतैया चिन्नी बेडकेशिक्षकजेड पी अपर प्राइमरी डिजिटल स्कूल जाजवंडीमहाराष्ट्र
50.सागर चितरंजन बागड़ेशिक्षकएसओयू एस.एम. लोहिया हाईस्कूल और जूनियर कॉलेज कोल्हापुरमहाराष्ट्र

शनिवार, 30 अगस्त 2025

30 अगस्त 2025 : राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस

आज का दिन : 30 अगस्त 2025

राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस

(National Small Industry Day)

rashtriya-laghu-udyog-diwas
  • प्रतिवर्ष 30 अगस्त को राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस मनाया जाता है।
  • अगस्त, 2000 में केन्द्र सरकार द्वारा लघु उद्योगों के लिए एक व्यापक नीति तैयार की गई थी। इसके बाद लघु उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष 30 अगस्त को लघु उद्योग दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य देश के छोटे व्यवसायों के महत्व और योगदान को पहचानना और उनको बढ़ावा देना है।
  • एक विकासशील देश के आर्थिक विकास में लघु उद्योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लघु उद्योग को वर्तमान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) कहा जाता है। एमएसएमई देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। यह देश में सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला माध्यम है। भारत सरकार के अनुसार देश में लगभग 6.3 करोड़ से अधिक एमएसएमई हैं।
  • वर्तमान में देश में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय (Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises) कार्यरत है। वर्तमान यानी 2025 में जीतन राम मांझी केंद्रीय एमएसएमई मंत्री हैं।



शनिवार, 23 अगस्त 2025

23 अगस्त 2025 : राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

 आज का दिन : 23 अगस्त 2025

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

(National Space Day)

आर्यभट्ट से गगनयान: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाएँ
(Aryabhatta to Gaganyaan: Ancient Wisdom to Infinite Possibilities)

  • दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) 23 अगस्त, 2024 को मनाया जा रहा है।
  • 23 अगस्त, 2023 को भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा और चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बना था, इस ऐतिहासिक उपलब्धि को महत्व प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में घोषित किया था।
  • प्रतिवर्ष 23 अगस्त को 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' मनाने की अधिसूचना भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग की ओर से 13 अक्टूबर, 2023 को जारी की गई।
  • राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस-2025 के अवसर पर राष्ट्रीय भेंट 2.0 की विषय/थीम विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों का लाभ उठाना। (Leveraging Space Technology and Applications for Viksit Bharat 2047.) रखी है।

भारत का मिशन चंद्रयान

  • चन्द्रयान-1: चन्द्रमा के लिए भारत का प्रथम अभियान चन्द्रयान-1 वर्ष 2008 में 22 अक्टूबर को लॉन्च किया गया। इस मिशन का उद्देश्य चांद पर पानी की खोज करना था। 29 अगस्त, 2009 को इससे सम्पर्क टूट गया था।
  • चन्द्रयान-2: भारत ने चन्द्रमा के लिए अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए चन्द्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया था। इसरो ने इस अभियान में स्वदेशी ऑर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान भेजा था। यह मिशन चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए था। हालांकि जब लैंडर विक्रम दक्षिणी ध्रुव पर उतर रहा था तब उसका संपर्क टूट गया। बाद में नासा और इसरो दोनों ने इसका मलबा दक्षिणी ध्रुव पर खोज निकाला था। यह अभियान 80 प्रतिशत तक सफल रहा था।
  • चन्द्रयान-3: इसरो ने 14 जुलाई, 2023 को देश का तीसरा चन्द्रमा मिशन चन्द्रयान-3 आंध्र-प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया। चन्द्रयान-3 निर्धारित 41 दिनों की यात्रा के बाद 23 अगस्त को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इसी के साथ भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बना। इस उपलब्धि के साथ भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बना। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चन्द्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग हुई और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर भ्रमण किया। विक्रम लैंडर ने जिस स्थान पर लैंड किया था, उसे शिव शक्ति पॉइंट नाम दिया गया।


*राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस-2025 का विषय/थीम*

आर्यभट्ट से गगनयान: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाएँ
(Aryabhatta to Gaganyaan: Ancient Wisdom to Infinite Possibilities)



मंगलवार, 12 अगस्त 2025

12 अगस्त 2025 : विश्व हाथी दिवस

विश्व हाथी दिवस

(World Elephant Day)

आज का दिन : 12 अगस्त 2025

  • प्रतिवर्ष 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है।
  • वर्ष 2011 में थाईलैंड के एलीफेंट रीइंट्रोडक्शन फाउंडेशन और फिल्म निर्माता पेट्रिशिया सिम्स और माइकल क्लार्क ने विश्व हाथी दिवस मनाने की पहल की। इसके बाद पहली बार 12 अगस्त, 2012 को विश्व हाथी दिवस मनाया गया।
  • विश्व हाथी दिवस को मनाने का उद्देश्य हाथियों की घटती आबादी को काबू कर उनको संरक्षण प्रदान करना है। हाथी जमीन पर रहने वाला सबसे बड़ा जीव है।
  • हाथी भारत का प्राकृतिक विरासत पशु है। 13 अक्टूबर, 2010 को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक में हाथी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 15 अक्टूबर, 2010 को पर्यावरण मंत्रालय ने हाथी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की अधिसूचना जारी की।
  • भारत में हाथियों की आखिरी गणना वर्ष 2017 में हुई थी, तब देश के 23 राज्यों में 27,312 हाथी थे। इससे पूर्व 2012 में हुई गणना में यह संख्या 29,576 थी। देश में हाथियों के संरक्षण के लिए 34 हाथी रिजर्व बनाए गए है।
  • केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से हाथियों के संरक्षण और मानव हाथी संघर्ष के समाधान व बंदी हाथियों के कल्याण के लिए 'प्रोजेक्ट टाइगर एंड एलीफेंट' के तहत राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को वित्तीय व तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
  • एशियाई हाथियों को संकटग्रस्त प्रजातियों की आईयूसीएन रेड लिस्ट में 'लुप्तप्राय' प्राणियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 5 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी पर हाथियों की 170 प्रजातियां थीं, लेकिन वर्तमान में अफ्रीकी और एशियाई दो ही प्रजातियां बची हैं।

12 अगस्त 2025 : अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस

(International Youth Day)

आज का दिन : 12 अगस्त, 2025

  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
  • पहली बार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस सन् 2000 में मनाया गया था।
  • 17 दिसंबर, 1999 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया और पहला अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस सन् 2000 में मनाया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का वैश्विक आयोजन 12 अगस्त, 2025 को नैराबी, केन्या में यूएन-हैबिटेट के सहयोग से मानया जाएगा।
  • अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस को मनाने की पृष्ठभूमि पुर्तगाल के लिस्बन में 8 से 12 अगस्त, 1998 तक आयोजित विश्व युवा सम्मेलन के दौरान तैयार हुई थी। इस सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र व पुर्तगाल सरकार ने मिलकर किया था। इसी की सिफारिशों के आधार पर प्रतिवर्ष 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का प्रस्ताव यूएन महासभा ने पारित किया।
  • अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का उद्देश्य सरकारों का ध्यान युवाओं के मुद्दों की तरफ खींचना और दुनिया के विकास में युवा जगत के योगदान को रेखांकित करना है।
  • इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् 1985 को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष के रूप में मनाया था। इसकी 25वीं वर्षगांठ पर सन् 2010 को भी संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष के रूप में मनाया गया।
  • वर्तमान में भारत युवाओं के देश के रूप में उभरकर सामने आया है। हमारे देश की वर्तमान जनसंख्या में अधिकांश आबादी 35 वर्ष की आयु तक युवाओं की है।
  • संयुक्त राष्ट्र के तथ्यों के अनुसार विश्व की आधी जनसंख्या 30 या उससे कम उम्र के युवाओं की है और वर्ष 2030 के अंत तक यह 57 प्रतिशत होने का अनुमान है।

भारत में 12 जनवरी को मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस

  • हमारे देश में आधुनिक भारत के चिंतक और युवा संन्यासी स्वामी विवेकानन्द की जयंती 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1985 को 'अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष' घोषित किया था। उसी वर्ष भारत सरकार ने भी स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

*अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस-2025 का विषय/थीम*

Local Youth Actions for the SDGs and Beyond

शनिवार, 9 अगस्त 2025

9 अगस्त, 2025 : अगस्त क्रांति दिवस

अगस्त क्रांति दिवस

(August Kranti Diwas)

आज का दिन : 9 अगस्त, 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस मनाया जाता है। 9 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। अंग्रेजों के खिलाफ यह एक प्रकार से अंतिम जंग का ऐलान था। इसीलिए इस दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 4 जुलाई, 1942 को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि यदि अंग्रेज भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ नागरिक अवज्ञा आंदोलन चलाया जाए। अगस्त क्रांति इसी का एक रूप थी।

अरुणा आसफ अली ने फहराया था तिरंगा

  • अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बम्बई सत्र में 8 अगस्त 1942 को अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया।
  • आंदोलन के शुरू होने से पूर्व ही महात्मा गांधी को गिरफ्तार कर पुणे के आगा खान पैलेस में कैद कर दिया।  इस दौरान लगभग सभी नेता गिरफ्तार कर लिए गए।
  • 9 अगस्त, 1942 को अरुणा आसफ अली ने मुंबई के गवालिया टैंक मैदान में तिरंगा फहराकर भारत छोड़ो  आंदोलन का शंखनाद कर दिया। मुम्बई के जिस पार्क से यह आंदोलन शुरू हुआ उसे अब अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है।
  • अगस्त क्रांति एक प्रकार से भारतीय आजादी का अंतिम हथियार कही जा सकती है। इस आंदोलन के बाद अंग्रेजों से मुक्ति की राह मजबूती से प्रशस्त हुई।



9 अगस्त 2025 : विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

(International Day of the World's Indigenous Peoples)

विश्व आदिवासी दिवस

(World Tribal Day)

आज का दिन : 9 अगस्त 2025


  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1994 से प्रतिवर्ष 9 अगस्त को 'विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस' मनाया जा रहा है।
    भारत में यह दिवस 'विश्व आदिवासी दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
  • 9 अगस्त, 1982 को पहली बार मूल निवासियों संबंधी संयुक्त राष्ट्र के उप-आयोग की पहली बैठक हुई थी। इसी उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है। 
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से 8 अगस्त, 2025 को विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिवस पर वर्चुअल आयोजन का आयोजन किया गया। जिसका विषय/थीम “Indigenous Peoples and AI: Defending Rights, Shaping Futures” रखी गई है।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मूल निवासी लोगों यानी आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी परंपराओं का सम्मान करते हुए उन्हें बढ़ावा देना है।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया में इस समय लगभग 476 मिलियन लोग मूल निवासी हैं, जो 90 देशों में निवास कर रहे हैं। यह दुनिया की जनसंख्या का लगभग 6.2 प्रतिशत है। इन लोगों ने अपनी संस्कृति, अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं, भाषाओं और प्राचीन ज्ञान प्रणालियों को सहेजकर रखा है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 13 सितंबर, 2027 को स्वदेशी लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र को अपनाया था। उस समय इसके पक्ष में 143 देशों ने मतदान किया था। जबकि चार देशों ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसके विपक्ष में वोट दिया। हालांकि बाद में ये चारों देश भी इस घोषणा पत्र को अपना चुके। यह दुनिया के स्वदेशी लोगों के अस्स्तिव, सम्मान और कल्याण के लिए न्यूनतम मानकों का एक सार्वभौमिक ढांचा स्थापित करता है।
  • देश में 9 अगस्त का दिन विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्यों ने प्रदेश में इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने 15वें राष्ट्रपति का पदभार संभाला है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से 1994 से 2004 तक 'विश्व के मूल निवासी लोगों का दशक' (Decade of the World's Indigenous People) मनाया गया। इसके बाद वर्ष 2005 से 2014 तक दूसरा 'विश्व के मूल निवासी लोगों का दशक' मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र की ओर से अब वर्ष 2022 से 2032 तक के दशक को स्वदेशी भाषाओं के दशक (Decade of Indigenous Languages 2022 – 2032) के रूप में मनाया जा रहा है।
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर वर्ष 2019 को International Year of Indigenous Languages के रूप में मनाया गया था।

    *विश्व के मूलनिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस-2025 का विषय/थीम*

    Indigenous Peoples and AI: Defending Rights, Shaping Futures

बुधवार, 6 अगस्त 2025

7 अगस्त, 2025 : राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस

राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस

(National Javelin Day)

आज का दिन : 7 अगस्त, 2025

  • देश में प्रतिवर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस मनाया जाता है।
  • एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से यह दिवस मनाया जाता है।
  • प्रसिद्ध एथलीट नीरज चोपड़ा ने 7 अगस्त, 2021 को टोक्यो ओलंपिक-2020 में भाला फेंक में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता था। ओलंपिक में यह भारत का एथलेटिक्स का पहला पदक था। वो भी गोल्ड। इसलिए नीरज चोपड़ा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सम्मान करने के लिए प्रतिवर्ष देश में यह दिवस मनाना शुरू किया गया।
  • भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाला फेंक में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
  • फ्रांस के पेरिस में हुए ओलंपिक-2024 में भी नीरज चोपड़ा ने 8 अगस्त, 2024 को फाइनल में भाला फेंक कर रजत पदक जीता था।

7 अगस्त, 2025 : राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

(National Handloom Day)

आज का दिन : 7 अगस्त, 2025

  • प्रतिवर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है।
  • प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन 7 अगस्त 2015 को चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
  • 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर 7 अगस्त, 2025 को राष्ट्र स्तरीय समारोह नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु होंगी। कार्यक्रम के दौरान हथकरघा क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पांच संत कबीर पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
  • 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, देश भर में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं।  राज्य सरकारें, विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय के तहत बुनकर सेवा केंद्र, शीर्ष हथकरघा निकाय, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम, राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय आदि सहित शिक्षा संस्थान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं।
  • राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की प्रेरणा 7 अगस्त, 1905 को शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन से मिली है। इस आंदोलन का उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों और विषेश रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित करना था।
  • हथकरघा देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और देश के ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण हिस्सों में आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इस क्षेत्र में अधिकतम संख्या महिला श्रमिकों की है।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हथकरघा-बुनाई समुदाय के देश में सामाजिक व आर्थिक विकास में योगदान पर प्रकाश डालना हैं।

रविवार, 3 अगस्त 2025

4 अगस्त, 2025 : अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस

अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस
(International Day of Friendship)

आज का दिन : 4 अगस्त, 2025
(अगस्त का पहला रविवार)

  • भारत सहित आधी से अधिक दुनिया में अगस्त माह के पहले रविवार को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2025 में अगस्त का पहला रविवार 3 तारीख को आया है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से प्रतिवर्ष 30 जुलाई को फ्रेंडशिप डे यानी अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाया जाता है। 
  • अलग-अलग दिन मनाने के बावजूद फ्रेंडशिप डे की भावना एक ही है। माना जाता है कि इस दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई। सन् 1919 में हॉलमार्क कार्ड्स के संस्थापक जॉएस हॉल को जाता है। पश्चिमी दुनिया में जुलाई के आसपास कोई त्योहार न होने के कारण अगस्त माह के पहले रविवार को फ्रेंडशिप मनाने की शुरुआत की गई। सन् 1958 को 30 जुलाई को औपचारिक रूप से फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत हुई।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् 2011 में 30 जुलाई को आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र का इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों, देशों और संस्कृतियों के बीच मित्रता का सेतु तैयार कर दुनिया में शांति लाना है।
  • भारत और उसके पड़ोसी देशों में यह दिन अगस्त के प्रथम रविवार को मनाया जाता है। हमारी भारतीय संस्कृति में मित्रता को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। श्रीकृष्ण व सुदामा यानी राजा और रंक की मित्रता का उदाहरण हमेशा दिया जाता रहा है।

1 से 7 अगस्त, 2025 : विश्व स्तनपान सप्ताह

विश्व स्तनपान सप्ताह

(World Breastfeeding Week)

आज का दिन : 1 से 7 अगस्त, 2025

  • नवजात शिशु के लिए मां के दूध का महत्व बताने वाला यह सप्ताह प्रतिवर्ष 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है।
  • अगस्त, 1990 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और विभिन्न देशों की सरकारों ने विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का निर्णय किया।
  • विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर 5-6 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष और ग्लोबल ब्रेस्टफीडिंग कलेक्टिव वेबिनार की मेजबानी करेंगे। इस वेबिनार का विषय/थीम Building healthcare systems that truly support breastfeeding: new tools for sustainable change. रखी गई है।

विश्व स्तनपान सप्ताह के उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • माता-पिता में स्तनपान को लेकर जागरूकता पैदा करना।
  • माता-पिता को स्तनपान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • शुरुआत एवं अनन्य स्तनपान के महत्व को लेकर जागरुकता पैदा करना और पर्याप्त एवं उचित पूरक आहार।
  • स्तनपान के महत्व से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराना।

भारत में राष्ट्रीय स्तनपान संवर्धन कार्यक्रम

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने नवजात और शिशुओं के लिए स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए रणनीति 'प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल और किशोर स्वास्थ्य' के दृष्टिकोण के तहत मां (मां का पूर्ण  स्नेह-MOTHER’S ABSOLUTE AFFECTION) के रूप में एक राष्ट्रीय स्तनपान प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

स्तनपान महत्वपूर्ण है क्योंकि:

  • यह मां और बच्चे दोनों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • यह प्रारंभिक अवस्था में दस्त और तीव्र श्वसन संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकता है और इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आती है।
  • यह मां में स्तन कैंसर, अंडाशय के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग विकसित होने के खतरे को कम करता है।
  • यह नवजात को मोटापे से संबंधित रोगों, डायबिटीज से बचाता है और आईक्यू बढ़ाता है।

नवजात शिशु के लिए अमृत है माँ का दूध

  • नवजात शिशुओं के लिए माँ का दूध अमृत के समान है। शिशुओं को जन्म से छ: माह तक केवल माँ का दूध पिलाने के लिए महिलाओं को इस सप्ताह के दौरान विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाता है।
  • शिशु के जन्म के पश्चात स्तनपान एक स्वाभाविक क्रिया है। लेकिन प्रथम बार मां बन रही माताओं को स्तनपान की जानकारी न होने कारण बच्चा कुपोषण एवं संक्रमण से पीडि़त हो सकता है।
  • मां के प्रथम दूध को 'कोलोस्ट्रम' कहा जाता है। यह गाढ़ा, पीला दूध होता है, जो शिशु को जन्म देने के 4-5 दिनों में उत्पन्न होता है।
  • मां के दूध में लेक्टोफोर्मिन नामक तत्व होता है, जो शिशु की आंत में लौह तत्व को बांध लेता है और लौह तत्व के अभाव में उसकी आंत में रोगाणु पनप नहीं पाते।

शिशु और छोटे बच्चे को दूध पिलाने के सही तरीके:

  • जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत।
  • जन्म के बाद पहले छह महीने तक अनन्य स्तनपान। अन्य प्रकार के दूध, आहार, पेय अथवा पानी को 'ना'।
  • स्तनपान को जारी रखते हुए छह महीने की आयु से उचित और पर्याप्त पूरक आहार।
  • दो वर्ष की आयु अथवा इसके बाद तक निरंतर स्तनपान।

*विश्व स्तनपान सप्ताह-2025 का विषय/थीम* 

Invest in breastfeeding, invest in the future