मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

30 अक्टूबर 2025 : विश्व बचत दिवस

विश्व बचत दिवस

(World Savings Day)

आज का दिन : 30 अक्टूबर 2025

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  • प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में 31 अक्टूबर को विश्व मितव्ययता दिवस यानी विश्व बचत दिवस मनाया जाता है।
  • भारत में विश्व बचत दिवस 30 अक्टूबर को मनाया जाता है। सन् 1984 में 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निधन के बाद से ही हमारे देश में यह दिवस एक दिन पूर्व यानी 30 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • पहली बार विश्व बचत दिवस सन् 1924 में मनाया गया।
  • सन् 1924 में इटली के मिलान शहर में वर्ल्ड सोसायटी ऑफ सेविंग्स बैंक की ओर से प्रथम अंतरराष्ट्रीय मितव्ययिता सम्मेलन आयोजित किया गया। इसी सम्मेलन के आखिरी दिन 'विश्व बचत दिवस' मनाने की घोषणा की गई।
  • विश्व बचत दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को बचत (मितव्ययता) के लिए प्रोत्साहित करना है। यह दिन सुरक्षित तथा सुनिश्चित भविष्य के लिए निरंतर बचत के महत्व को रेखांकित करता है।

स्वास्थ्य जीवन शैली से धन की बचत

  • स्वास्थ्य में सुधार, स्वास्थ्य खर्चों को कम कर सकता है।
  • बचत में बढ़ोत्तरी से ऋण से बचाव एवं तनाव को दूर किया जा सकता है।
  • बचत आपको स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार करती है।
  • बचत मानसिक सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करती है।
  • बचत लंबा जीवनयापन करने के लिए सकारात्मक रवैये का नेतृत्व भी करती है।
  • स्वस्थ जीवन शैली, कई जानलेवा रोगों जैसे कि दिल का दौरा, स्ट्रोक, कैंसर तथा अन्य रोगों के जोखिम को कम करती है।
  • चिकित्सा बीमा के लिए हमेशा जाएं।

हम पैसे की बचत कैसे कर सकते हैं?

  • अपने खर्चों पर नियंत्रण करके बचत शुरू कर सकते हैं।
  • बजट बनाकर भी पैसे बचाए जा सकते हैं।
  • एक-एक रुपए को बुद्धिमानी से खर्च करें।
  • केवल आवश्यक एवं जरूरत की चीजें ही खरीदें। 'जरूरत' व 'लालच' के बीच भेद करें।
  • आत्मनिर्भर बनें।
  • अपने बिजली, पानी तथा अन्य बिलों के बजट में कटौती करें।
  • बचत के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करें।
  • विभिन्न बचत माध्यमों में निवेश करें।

स्मरण योग्य महत्वपूर्ण बिंदु

  • बचत बीमारी, बेरोजगारी एवं अन्य आर्थिक परेशानियों के जोखिम के खिलाफ सुरक्षा गार्ड है।
  • आपकी छोटी-सी बचत राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकती हैं।
  • व्यवस्थित बचत एवं निवेश अच्छा रिटर्न प्रदान करता है।
  • व्यर्थ व्यय की रोकथाम से बचत पर्यावरण के संरक्षण में मदद करती है।
  • अपना बचत खाता पोस्ट ऑफिस या भारत के किसी भी बैंक की शाखा में खोलें।


मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

21 अक्टूबर 2025 : विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस

आज का दिन : 21 अक्टूबर 2025

विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस

(World Iodine Deficiency Day)

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  • विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस (आयोडीन अल्पता विकार) या विश्व आयोडीन अल्पता दिवस प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस को मनाने का उद्देश्य आयोडीन के उपयोग के प्रति लोगों में जागरुकता उत्पन्न करना है। इसके साथ ही आयोडीन की कमी के परिणामों के प्रति जागरुकता फैलाना है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वैश्विक स्तर पर अनुमानित 1.88 अरब लोगों को अपर्याप्त आयोडीन सेवन का खतरा है, इनमें भी 30 प्रतिशत स्कूली बच्चे शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ वर्ष 1993 से ही आयोडीनयुक्त नमक का समर्थन कर रहे हैं। इस पहल के कारण ही वर्तमान में 120 से अधिक देशों ने आयोडीनीकरण कार्यक्रम को अपना रखा है।
  • आयोडीन सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो कि मानव वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक है।
  • आयोडीन नमक आयोडीन यौगिक से युक्त सामान्य नमक होता है।
  • शरीर में आयोडीन की कमी से गलगण्ड/घेंघा के साथ अनेक रोग होने की आशंका रहती है।
  • भारत सरकार ने सन् 1962 में राष्ट्रीय गलगण्ड नियंत्रण कार्यक्रम का आरभ किया। सन् 1992 में इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम रखा गया।
  • केन्द्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर प्रतिबंध और प्रतिबंध) विनियमन, 2011 के अधिनियम 2.3.2012 के अंतर्गत बिना आयोडीन युक्त नमक की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है।

आयोडीन की कमी से होने वाले विकार

  • थायरॉयड ग्रंथि का बढऩा।
  • मंदबुद्धि, मानसिक मंदता, बच्चों में संज्ञानात्मक विकास की गड़बड़ी एवं मस्तिष्क की क्षति।
  • तंत्रिका-पेशी एवं स्तैमित्य (मांसपेशियों की जकडऩ)।
  • एन्डेमिक क्रेटिनिजम (शारीरिक एवं मानसिक विकास का अवरुद्ध होना)।
  • मृत जन्म एवं गर्भवती महिलाओं में स्वत: गर्भपात।
  • जन्मजात असामान्यता जैसे कि बहरा-गूंगापन (बात करने में असमर्थता) और बौनापन।
  • देखने, सुनने एवं बोलने में विकार।

आयोडीन के स्रोत

  • नमक (सबसे सामान्य स्रोत), दूध, अंडा, दाल व अनाज, समुद्री शैवाल आदि।

21 अक्टूबर 2025 : पुलिस स्मृति दिवस

 आज का दिन : 21 अक्टूबर 2025

पुलिस स्मृति दिवस

(Police Commemoration Day)

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  • प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
  • वर्ष 1959 में 21 अक्टूबर को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों ने चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते से सीमा की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दे दिया। इसी बलिदान की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इसे पुलिस दिवस भी कहा जाता है। वर्तमान में भी चीन से तनातनी चल रही है। लेकिन हमारे वीर जवान उसके हर मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं।
  • पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्य समारोह का आयोजन नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर किया गया। जिसमें केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि रहे। 

चीनी फौज के बड़े दस्ते का किया था मुकाबला

  • केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक कंपनी को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में 'हाट-स्प्रिंग' में तैनात किया गया था। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल 'हाट-स्प्रिंग' में गश्त कर रहा था। तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया। मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया।
  • सीआरपीएफ के इन्हीं बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केन्द्रीय पुलिस संगठनों व सभी राज्यों की सिविल पुलिस द्वारा 'पुलिस स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
  • पुलिस स्मृति दिवस पर देशभर के सुरक्षा बलों यथा पुलिस, सीआरपीएफ आदि के द्वारा परेड सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, नई दिल्ली

  • वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चाणक्यपुरी, नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित किया था।
  • राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पुलिस बलों में राष्ट्रीय पहचान, गर्व, उद्देश्यों में एकरूपता, एक समान इतिहास और भविष्य की भावना भरने के साथ-साथ उनकी इस प्रतिबद्धता को भी और मजबूत करता है कि उन्हें अपने प्राणों की कीमत पर भी देश की रक्षा करनी है।
  • पुलिस स्मारक में एक केंद्रीय शिल्पकृति के अलावा 'शौर्य की दीवार' तथा एक संग्रहालय भी है। केंद्रीय शिल्पकृति के रूप में मौजूद एक 30 फीट ऊंचा ग्रेनाइट का एकल पाषाण खंड पुलिसकर्मियों की शक्ति, विनम्रता और नि:स्वार्थ सेवा का प्रतीक है।
  • इसी प्रकार 'शौर्य की दीवार' जिस पर शहीदों के नाम उत्कीर्ण हैं, कर्तव्य  के पथ पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले पुलिस कर्मियों की बहादुरी और बलिदान के अचल प्रतीक के रूप में उपस्थित है।

    सोमवार, 20 अक्टूबर 2025

    20 अक्टूबर 2025 : विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस

    विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस
    World Osteoporosis Day

    आज का दिन : 20 अक्टूबर 2025

    • इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन की ओर से विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस प्रतिवर्ष 20 अक्टूबर को मनाया जाता है।
    • विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस को मनाने का उद्देश्य हड्डियों की सुरक्षा और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए लोगों को जागरूक करना है। यह दिवस ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम, निदान एवं उपचार के लिए वैश्विक जागरूकता पैदा करने के प्रति समर्पित है।
    • ऑस्टियोपोरोसिस मूलत: हड्डियों के ऊतकों की खराबी है। इस रोग के कारण हड्डियां नाजुक एवं कमजोर हो जाती हैं,  जिसके परिणामस्वरूप रीढ़ की हड्डी विशेषकर कूल्हे एवं कलाई के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।
    • महिलाओं को मुख्यत: पचास वर्ष की उम्र के बाद पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस से पीडि़त होने का खतरा अधिक होता है।
    • इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन की ओर से ऑस्टियोपोरोसिस के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष एक कैम्पेन चलाया जाता है। वर्ष 2025 के लिए चलाए जाने वाले कैम्पेन का शीर्षक है-
    • STRONGER TOGETHER: A GLOBAL COMMUNITY COMMITTED TO BONE HEALTH

    ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

    • महिलाओं में अधिकांशत: यह रोग रजोनिवृत्ति के पश्चात् पाया जाता है।
    • ऑस्टियोपोरोसिस से पीडि़त होने का खतरा पचास वर्ष की आयु से अधिक उम्र के लोगों को अधिक होता है।
    • वंशानुगत अर्थात् ऑस्टियोपोरोसिस से पीडि़त होने वाले माता-पिता या भाई-बहनों के पारिवारिक सदस्यों में ऑस्टियोपोरोसिस के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है।
    • कम कैल्शियम एवं कम आहार का सेवन भी ऑस्टियोपोरोसिस रोग को आमंत्रण है।
    • स्टेरॉयड जैसी दवाओं का लंबे समय तक सेवन भी इस रोग का मुख्य कारण है।
    • आजकल की तनावपूर्ण जीवन शैली भी ऑस्टियोपोरोसिस रोग होने में सहायक है। इसके साथ ही  अधिक बैठे रहने वाली/निष्क्रिय जीवनशैली, धूम्रपान एवं शराब का सेवन इस रोग को बुलावा देता है।

    ऑस्टियोपोरोसिस से पीडि़त रोगी में लक्षण

    • समय के साथ लम्बाई में कमी।
    • शरीर का झुकना/झुकाव।
    • कूल्हे या रीढ़ की हड्डी का फ्रैक्चर।

    हड्डियों को इन उपायों से मजबूत करें

    • नियमित व्यायाम से हड्डियों को कमजोर होने से रोका जा सकता है।
    • कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। इनमें दूध, दही एवं हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं। वहीं प्राकृतिक धूप के संपर्क में रहना भी आवश्यक है।
    • धूम्रपान एवं शराब के सेवन से बचें।
    • तनाव भरी जीवनशैली से राहत पाने के लिए नियमित योग एवं ध्यान करें।

    ये भी जानिए : प्रति पांच वर्ष में 20 अक्टूबर को 'विश्व सांख्यिकी दिवस' मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग की ओर से अब तक वर्ष 2010 पहला, 2015 में दूसरा, 2020 में तीसरा और 2025 में चौथ विश्व सांख्यिकी दिवस मनाया गया।

    सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

    13 अक्टूबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस

    अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस
    (International Day for Disaster Risk Reduction)

    आज का दिन : 13 अक्टूबर 2025

    • प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है।
    • संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहला अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस वर्ष 1989 में मनाया गया था। 
    • अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस को मनाने का उद्देश्य आपदाओं से होने वाले खतरे को कम से कम करने के साथ ही सरकारों और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। 
    • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2015 में जापान के सेंदाई शहर में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीसरे विश्व सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सदस्य राज्यों को आपदा के जोखिम से राहत दिलाने वाला सेंदाई फ्रेमवर्क 2015-2030 पहला बड़ा समझौता था। सेंदाई फ्रेमवर्क 2030 से जुड़े अन्य एजेंडा समझौतों के साथ काम करता है, जिनमें जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता, विकास के लिए वित्त पोषण पर अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा, नया शहरी एजेंडा और अंतत: सतत विकास लक्ष्य यानी एसडीजी शामिल हैं।
    • देश में प्राकृतिक तथा मानव जनित आपदाओं द्वारा होने वाले विनाश तथा हानि की रोकथाम के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के द्वारा 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण' का गठन 27 सितंबर 2006 को किया गया। प्रधानंमत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 8 के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल का गठन किया गया है। देश में राज्य और जिला स्तर पर भी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है।
    • 1 जून, 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना जारी की थी। यह देश में जारी इस तरह की पहली राष्ट्रीय योजना थी। योजना को आपदा जोखिम घटाने के लिए सेंदाई फ्रेमवर्क के लक्ष्यों और प्राथमिकताओं से जोड़ा गया है। 

    *अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस-2025 का विषय/थीम*

    Fund Resilience, Not Disasters


    शनिवार, 11 अक्टूबर 2025

    मई और अक्टूबर का दूसरा शनिवार : विश्व प्रवासी पक्षी दिवस

    विश्व प्रवासी पक्षी दिवस

    (World Migratory Bird Day)

    आज का दिन : मई और अक्टूबर का दूसरा शनिवार

    विश्व प्रवासी पक्षी दिवस-2025 की थीम
    Creating Bird-Friendly Cities & Communities

    • विश्व प्रवासी पक्षी दिवस प्रतिवर्ष मई एवं अक्टूबर माह के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। 
    • 2025 में 10 मई को यह दिवस मनाया जा रहा है। साथ ही 11 अक्टूबर, 2025 को भी यह दिवस मनाया जाएगा। वर्ष में दो बार यह दिवस मनाने का कारण उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द्ध में पक्षियों के प्रवास की अलग-अलग अवधि है।
    • संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहला विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 8-9 अप्रेल, 2006 को मनाया गया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ ही उनके प्रवास स्थल आर्द्रभूमियों के संरक्षण के प्रति प्रेरित करना है। 
    • यूरोपीय देशों से प्रतिवर्ष हजारों प्रवासी पक्षी भारत आते हैं। 
    • अधिकतर प्रवासी पक्षी रात में सफर करते हैं, लेकिन शहरों की लाइट्स इन पक्षियों भटका देती है और इसी कारण से कई पक्षियों की मौत भी हो जाती है। इसके प्रति जागरूक होने का समय आ गया है।

    सेंट्रल एशियाई फ्लाईवे मार्ग पर स्थित है भारत

    • प्रवासी पक्षियों के प्रजनन स्थल से सर्दियों के प्रवास स्थल जाने के हवाई मार्ग को 'फ्लाईवेज' कहा जाता है। भारत सेंट्रल एशियाई फ्लाईवे मार्ग पर स्थित होने के कराण प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थल है। 
    • पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार हर साल 29 देशों के पक्षी भारत के लिए उड़ान भरते हैं। प्रवासी पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां भारत आती हैं। इनमें कॉम्ब डक (नटका), साइबेरिया सारस (कुरजां), ग्रेटर फ्लेमिंगो, ब्लैक विंग्ट स्टिल्ट, कॉमन टील, वुड सैंडपाइपर आदि प्रमुख प्रजातियां हैं। 
    • भारत में आने वाले पक्षियों के आने का सामान्य समय अक्टूबर माह है और दिसंबर तक ये देश के जलाशयों पर दिखाई देते हैं। देश में प्रवासी पक्षियों के प्रमुख निवास स्थानों में राजस्थान का केवलादेव घना पक्षी विहार, सांभर, खींचन, गोवा का सालिम अली पक्षी अभयारण्य, केरल का कुमारकॉम पक्षी अभयारण्य, दिल्ली का बायोडायवर्सिटी पाक, ओडिशा की चिल्का झील, तमिलनाडु का वेदानथंगल आदि प्रमुख हैं। 
    • राजस्थान के खींचन गांव को तो कुरजां नगरी के रूप में नई पहचान मिली है।
    • प्रवासी पक्षियों से पर्यावरण व जलीय पारिस्थितिकी का विकास होता है। 

    *विश्व प्रवासी पक्षी दिवस-2025 का विषय/थीम*

    Creating Bird-Friendly Cities & Communities

    शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025

    10 अक्टूबर 2025 : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

    विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

    (World Mental Health Day)

    आज का दिन : 10 अक्टूबर 2025

    vishv-mansik-swasthy-diwas

    • प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
    • विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (World Federation for Mental Health) की ओर से वर्ष 1992 से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है।
    • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाने का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना है।
    • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कई पहलों का शुभारंभ किया गया। इनमें टेली मानस ऐप संवद्र्धन भी शामिल है। 
    • मंत्रालय ने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को देश की पहली मानसिक स्वास्थ्य दूत (Mental Health Ambassador)  नियुक्त किया है। दीपिका लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करेंगी और उन्हें मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। दीपिका ने वर्ष 2015 में द लिव लव लाफ फाउंडेशन (The Live Love Laugh Foundation) की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य लोगों में मेंटल हैल्थ के प्रति अवेयरनेस फैलाना है।
    • विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ की स्थापना 1948 में की गई थी। इसकी स्थापना के पीछे उद्देश्य था- सभी लोगों और राष्ट्रों के बीच मानसिक और भावनात्मक विकारों की रोकथाम, ऐसे विकारों का उचित इलाज और देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने को प्रोत्साहन देना।
    • ग्रीन रिबन मानसिक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतीक है। मानसिक रोगियों को सम्बल प्रदान करने या उनके प्रति स्नेह दिखाने के लिए ग्रीन रिबन धारण किया जाता है।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्तमान में युवाओं में मात्र 14 वर्ष की उम्र में ही मानसिक बीमारियां होने लगी हैं। लेकिन पहचान न होने के कारण इनका इलाज नहीं हो पाता है। बदलते विश्व में आत्महत्या करने वालों में सर्वाधिक प्रतिशत 15-29 वर्ष की आयु के लोगों का है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में दस में से तीन छात्र मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीडि़त हैं। लगभग 14 प्रतिशत बच्चे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन वर्ष 2023 के विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एक विशेष अभियान चला रहा है, जिसका विषय है-Mental health in humanitarian emergencies.

    भारत में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति

    • भारत सरकार ने 10 अक्टूबर, 2014 को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति की घोषणा की थी और देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 लाया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत किशोरावस्था प्रजनन और यौन स्वास्थ्य कार्यक्रम (एआरएसएच) वयस्कों से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। भारत सरकार के कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम हैं तथा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पहलें और राष्ट्रीय योजनाएं (राष्ट्रीय सामाजिक सेवा योजना, नेहरू युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय युवा नीति वर्ष 2014) हैं, जो कि युवाओं के सकारात्मक विकास के लिए कार्यों की रूपरेखा तैयार करती हैं।
    • इससे पहले भारत में सन् 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरुआत की गई। इसी के तहत सन् 1996 में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) शुरू किया। चार जिलों के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। आज यह अनेक जिलों में चल रहा है। 

    *विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस-2025 का विषय/थीम*
    Mental health in humanitarian emergencies




    बुधवार, 8 अक्टूबर 2025

    8 अक्टूबर 2025 : वायु सेना दिवस

    वायु सेना दिवस 2024 की थीम और अन्य सम्पूर्ण जानकारी

    (Air Force Day)

    आज का दिन : 8 अक्टूबर 2025


    • प्रतिवर्ष 8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस मनाया जाता है। 
    • 8 अक्टूबर, 1932 को भारतीय वायु सेना की स्थापना की गई थी। 8 अक्टूबर, 1932 को विधायिका ने भारतीय वायु सेना विधेयक पारित किया था।
    • द्वितीय विश्व युद्ध में अद्भुत पराक्रम के प्रदर्शन पर सम्मानस्वरूप मार्च, 1945 में वायु सेना को 'रॉयल' उपसर्ग दिया गया। इसके बाद भारतीय वायु सेना का नाम 'रॉयल इंडियन एयर फोर्स' हो गया।
    • सन् 1950 में हमारे गणतंत्र की स्थापना के बाद 'रॉयल इंडियन एयर फोर्स' से 'रॉयल' शब्द हटा दिया गया और पुन: इसका नाम 'भारतीय वायु सेना' हो गया।
    • वर्तमान में यानी वर्ष 2025 में एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह (एपी सिंह) वायु सेनाध्यक्ष हैं।

    गाजियाबाद में हुआ मुख्य समारोह

    • 8 अक्टूबर, 2025 को परंपरागत रूप से वायुसेना के 93वें स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित एयरफोर्स स्टेशन हिंडन में किया गया।  

    भारतीय वायु सेना का नया ध्वज

    • 8 अक्टूबर, 2023 को तत्कालीन वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेकराम चौधरी प्रयागराज में वायु सेना दिवस समारोह में नए वायुसेना ध्वज का अनावरण किया था। इस नए ध्वज में शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक सिंह और उसके नीचे देवनागरी लिपि में सत्यमेव जयते लिखा है। अशोक सिंह के नीचे पंख फैलाए हिमालयी ईगल है। इस ईगल को हल्के नीले रंग का वलय घेरे हुए है। इस पर भारतीय वायु सेना लिखा है। हिमालयी ईगल के नीचे सुनहरे अक्षरों में वायुसेना का आदर्श वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम्' अंकित है।
    • वर्ष 1951 में वायुसेना का ध्वज बनाया गया था। अब इसे मध्य वायु कमान के संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाएगा।

    1 अप्रेल, 1933 को हुआ था पहले हवाई दस्ते का गठन

    • भारतीय वायु सेना के पहले हवाई दस्ते का गठन 1 अप्रेल, 1933 को हुआ। 
    • वर्तमान में भारतीय वायु सेना की पांच कमान हैं- 
    • 1. पश्चिमी वायु कमान, दिल्ली
    • 2. केंद्रीय वायु कमान, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
    • 3. पूर्वी वायु कमान, शिलांग (मेघालय)
    • 4. दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान, जोधपुर (राजस्थान)
    • 5. दक्षिणी वायु कमान, तिरुवनंतपुरम (केरल)
    • इसके अलावा प्रशिक्षण कमान और अनुरक्षण कमान भी कार्यरत हैं।
    • भारतीय वायु सेना में सर्वोच्च पद एयर चीफ मार्शल है। अब तक परंपरा रही है कि एक समय में एक ही एयर चीफ मार्शल सेवा में होता है।
    • भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य 'नभ:स्पृशं दीप्तम्' है। यह श्रीमद्भगवद् गीता के 11वें अध्याय के 24वें श्लोक से लिया गया है। इसका अर्थ है- वैभव के साथ आकाश को छूना।
    • सन् 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वायु सेना ने 'सफेद सागर' नाम से रक्षा अभियान चलाकर शत्रु सेना की धज्जियां उड़ाई थीं।
    • भारतीय वायु सेना के इतिहास में अब तक 'मार्शल' के पद से सम्मानित अर्जन सिंह एकमात्र पांच-सितारा रैंक के अधिकारी हैं। यह पद थल सेना के 'फील्ड मार्शल' के समकक्ष है।

    भारतीय वायु सेना की कमीशंड रैंक

    • एयर चीफ मार्शल
    • एयर मार्शल
    • एयर वाइस मार्शल
    • एयर कमोडोर
    • ग्रुप कैप्टन
    • विंग कमांडर
    • स्क्वॉड्रन लीडर
    • फ्लाइट लेफ्टिनेंट
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    भारतीय वायु सेना से जुड़े प्रमुख सैन्य अभ्यास

    • आयरन फिस्ट : भारतीय वायु सेना का राजस्थान में आयोजित युद्धाभ्यास।
    • प्रलय : उत्तर-पूर्व में भारतीय वायु सेना व थल सेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास।
    • रेडफ्लैग : भारत और अमेरिका की वायु सेना का अमेरिका के नवादा में आयोजित संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास।

    जय हिंद    जय हिंद की सेना


    मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025

    7 अक्टूबर 2025 : विश्व कपास दिवस

    विश्व कपास दिवस

    (World Cotton Day)

    आज का दिन : 7 अक्टूबर 2025

    • प्रतिवर्ष 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस मनाया जाता है। 
    • प्रथम विश्व कपास दिवस 7 अक्टूबर, 2019 को मनाया गया। लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 30 अगस्त, 2021 को 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस के रूप में मनाने का संकल्प पारित किया था। इसलिए यह चौथा वर्ल्ड कॉटन डे है। कपास उत्पादक देशों सी-4 (बेनिन, बुर्कीना फासो, चाड और माली) ने विश्व व्यापार संगठन के सहयोग से पहले दो दिवस मनाए।
    • विश्व कपास दिवस को संयुक्त राष्ट्र, विश्व खाद्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास सम्मेलन (UNCTAD), विश्व व्यापार संगठन तथा अंतरराष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति द्वारा मनाया जा रहा है। 
    • कपास उत्पादक देशों सी-4 (बेनिन, बुर्कीना फासो, चाड और माली) के प्रयासों से 7 से 11 अक्टूबर, 2019 तक जिनेवा में कपास समारोह का आयोजन किया गया था।
    • विश्व कपास दिवस मनाने का उद्देश्य कपास तथा इससे जुड़े लोगों को अवसर प्रदान करना तथा विकासशील देशों के लिए निजी सेक्टर तथा निवेशकों के बीच सहयोग बढ़ाना है।
    • संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार दुनिया के पांच महाद्वीपों के लगभग 80 देशों में कपास का उत्पादन किया जाता है। कपास की खेती में लगभग 32 मिलियन लोग/किसान शामिल हैं। इनमें से आधे से अधिक महिलाएं शामिल हैं। कपास से लगभग 100 मिलियन परिवार लाभाविन्त होते हैं।
    • भारत विश्व के सबसे बड़े कपास उत्पादक और उपभोक्ता देशों में शामिल है।
    • 'इंटरनेशनल कॉटन एडवाइजरी कमेटी' संयुक्त राष्ट्र और कपास उत्पादक देशों, उपभोक्ताओं और इसके व्यापार में जुटे राष्ट्रों का संगठन है। भारत के अंशुल शर्मा वर्ष 2021 में इस कमेटी के अध्यक्ष थे। वर्तमान यानी वर्ष 2025 में कोटे डी आइवर के एचईएम एली टूर इसके अध्यक्ष हैं।
    • विश्व कॉटन दिवस-2025 का मेजबान शहर इटली के रोम है, जहां 7 अक्टूबर, 2025 को मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होगा।

    भारत ने चला रखा है कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम

    • भारत ने सन् 2012 से 2018 तक कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम (टीएपी) संचालित किया था। इसमें छह अफ्रीकी देश (बेनिन, बुर्किना फासो, चाड, मालावी, नाइजीरिया और युगांडा) शामिल थे। 
    • तत्कालीन केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी ने जिनेवा में आयोजित कपास सम्मेलन में अफ्रीका के लिए कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम (टीएपी) के दूसरे चरण की घोषणा की थी। दूसरा चरण पांच वर्षों का होगा। कार्यक्रम के कवरेज को विस्तार दिया जाएगा और इसमें पांच अन्य देशों-माली, घाना, टोगो, जाम्बिया और तन्जानिया को शामिल किया जाएगा। कपास प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम (टीएपी) में शामिल होने वाले देशों की संख्या 11 हो गई हैं। 
    • जिनेवा में आयोजित पहले विश्व कपास दिवस सम्मेलन में भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बुनकर पिट्टा रामुलु ने चरखे पर अपनी कला का प्रदर्शन किया था।
    • वर्ष 2020 में विश्व कपास दिवस के अवसर पर तत्कालीन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने भारतीय कपास का पहला ब्रांड एवं लोगो लॉन्च किया था। विश्व कपास व्यापार में भारतीय कपास का ब्रांड नाम 'कस्तूरी कॉटन' रखा गया है। यह ब्रांड सफेदी, चमक, मृदुलता, शुद्धता, शुभ्रता, अनूठापन एवं भारतीयता का प्रतिनिधित्व करता है। 

     

    *विश्व कपास दिवस-2024 का विषय/थीम*

      Weaving a better future for cotton


      बुधवार, 1 अक्टूबर 2025

      1 अक्टूबर 2025 : राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस

      राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस

      National Voluntary Blood Donation Day

      आज का दिन : 1 अक्टूबर 2025

      • देश में सन् 1975 से 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जा रहा है। 
      • राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
      • वर्तमान में इसे इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रॉसफ्यूजन एण्ड इम्यूनोहैमेटोलॉजी, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मनाया जाता है।
      • इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रॉसफ्यूजन एण्ड इम्यूनोहैमेटोलॉजी की स्थापना 22 अक्टूबर 1971 में डॉ. जे.जी.जौली और मिसीज के. स्वरुप क्रिसेन ने की।
      • विश्व स्तर पर सन् 2004 से विश्व रक्तदाता दिवस प्रतिवर्ष 14 जून को मनाया जा रहा है।
      • वर्तमान समय में जरूरतमंद रोगियों को रक्त की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान दिवस की अत्यधिक आवश्यकता है।
      • औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अनुसार रक्तदाताओं के लिए निम्न मानदंड तय किए गए हैं-रक्तदाता की उम्र 18-60 के बीच में होनी चाहिए, वजन कम से कम 45 या इससे अधिक होना चाहिए, नाड़ी दर रेंज 60 से 100/मिनट होने के साथ ही बी.पी. सामान्य हो। एचबी 12.5 ग्राम/100 एमएल और शरीर का तापमान 37.5 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक नहीं होना चाहिये।
      • एक अध्ययन के अनुसार स्वैच्छिक रक्त दाताओं के रूप में त्रिपुरा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार भारत को हर साल 1.5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता है।
      आओ रक्तदान करें

      1 अक्टूबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस

      अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस

      (International Day of Older Persons)

      (आज का दिन : 1 अक्टूबर 2025)

       

      antarrashtriya-virdhajan-diwas-2024
      अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2024 थीम
      Ageing with Dignity: The Importance of Strengthening
      Care and Support Systems for Older Persons Worldwide

      • अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को मनाया जाता है।
      • अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस/अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस/विश्व प्रौढ़ दिवस भी कह सकते हैं।
      • पहली बार अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस सन् 1991 में मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र ने 14 दिसंबर, 1990 को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
      • अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस हमें बुजुर्गों के प्रति सम्मान एवं उनके संबंध में चिंतन करने का बोध कराता है। 
      • अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2025 के अवसर पर मुख्य समारोह 1 अक्टूबर, 2025 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा।
      • संयुक्त राष्ट्र वर्ष 2021-2030 को Decade of Healthy Ageing यानी 'स्वस्थ वृद्धावस्था दशक' के रूप में मना रहा है।
      • संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1999 को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग-वर्ष के रूप में मनाया गया था।
      • भारतीय संसद भी सन् 2007 में 'माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण विधेयक' पारित कर चुकी है।
      • संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामले विभाग के अनुसार वर्तमान में दुनिया में 700 मिलियन से अधिक लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। वर्ष 2050 तक 2 बिलियन लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के होंगे। यह संख्या विश्व की जनसंख्या का लगभग 20 प्रतिशत होगी।
      • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अगले तीन दशक में वृद्धजनों की संख्या दुगुनी होने की संभावना है यानी सन् 2050 तक यह संख्या 1.50 बिलियन होगी।  साथ ही इतनी बड़ी जनसंख्या की 80 प्रतिशत आबादी अल्प व मध्यम आय वाले देशों में निवास करेगी। 

      *अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस-2025 का विषय/थीम*

      Older Persons Driving Local and Global Action: Our Aspirations, Our Well-Being and Our Rights

      रविवार, 28 सितंबर 2025

      28 सितंबर 2025 : सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस

      सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस

      (International Day for Universal Access to Information)

      आज का दिन : 28 सितंबर 2025

      • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 28 सितंबर को 'सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस' मनाया जाता है।
      • वर्ष 2015 में आयोजित यूनेस्को के आम सम्मेलन में 28 सितंबर को 'सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस' (आईडीयूएआई) के रूप में मान्यता दी गई है। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 74वें सत्र में अक्टूबर 2019 को इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया।
      • विश्वसनीय सूचना आमजन का अधिकार है और इसी अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। 
      • वर्ष 2025 में इस दिवस की थीम पर्यावरण संबंधी जानकारी तक समय पर और व्यापक पहुंच के महत्वपूर्ण महत्व पर केंद्रित है। वर्तमान में दुनिया में जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, जैव विविधता और आपदा जोखिम से जुड़े आंकड़ों की सूचनाएं लगभग सभी देशों के लिए जरूरी है। 
      • फिलीपींस की राजधानी मनीला में 29 और 30 सितंबर, 2025 को सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच पर वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 
      • संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास के वर्ष 2030 के एजेंडा के लक्ष्यों में सूचना तक पहुंच को मौलिक मानव अधिकारों में शामिल किया है।

      भारत में 'सूचना का अधिकार'

      • सूचना का अधिकार, जो आरटीआई के रूप में आम बोलचाल में आ गया है, भारतीय नागरिकों को प्राप्त एक संवैधानिक अधिकार है। भारत सरकार की ओर से 15 जून, 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 को अधिनियमित किया गया। चूंकि यह 12 अक्टूबर, 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू किया गया था, इसलिए इस दिन देश में 'सूचना अधिकार दिवस' मनाया जाता है। सूचना के अधिकार को कुछ मामलों में तो बाध्यकारी बनाया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य प्रशासन की जवाबदेही तय करते हुए नागरिकों को सशक्त बनाना है, ताकि लोकतंत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

      *सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस-2025 का विषय/थीम*

      Ensuring Access to Environmental Information in the Digital Age

      28 सितंबर 2025 : विश्व रेबीज दिवस

      विश्व रेबीज दिवस

      (World Rabies Day)

      आज का दिन : 28 सितंबर 2025

      • प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। 
      • प्रथम विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर, 2007 को मनाया गया था।
      • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और ग्लोबल अलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल की ओर से यह दिवस मनाया जाता है। रेबीज के प्रथम टीके की खोज करने वाले फ्रांसीसी माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. लुई पाश्चर की पुण्यतिथि 28 सिंतबर को यह दिवस मनाया जाता है। डॉ. पाश्चर ने 1885 में रेबीज के टीके का सफल परीक्षण किया था।
      • विश्व रेबीज दिवस मनाने का उद्देश्य इस घातक बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने एवं इसकी रोकथाम के प्रयासों को बढ़ावा देना है।
      • रेबीज जानवरों से फैलने वाली एक जूनोटिक बीमारी है। रेबीज एक वायरल संक्रमण है और इसके सामान्य वाहक कुत्ते, बिल्ली, बंदर जैसे जानवर हैं। इन जानवरों के काटने या खरोंचने के कारण रेबीज हो सकती है।
      • रेबीज वायरस के कारण दुनिया भर में हर साल हजारों मौतें होती हैं। डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2030 तक इस बीमारी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
      • वर्ष 2007 में ही ग्लोबल अलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल की स्थापना की गई थी। इसका मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के कंसास में है। 

      भारत में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम (एनआरसीपी)

      • भारत सरकार की ओर से देश में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम (एनआरसीपी) चलाया हुआ है। देश में 90 प्रतिशत मामलों में कुत्तों के काटने से रेबीज होती है। भारत में इसका इलाज राष्ट्रीय एकीकृत स्वास्थ्य पशु जन्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाता है। इसके तहत रोगियों को रेबीज-रोधी टीका और रेबीज-रोधी सीरम उपलब्ध करवाई जाती है। इस बीमारी से बचाव के लिए पालतू जानवरों का टीकाकरण किया जाना आवश्यक है।


      *विश्व रेबीज दिवस-2025 का विषय/थीम*

      Act Now: You, Me, Community

      शनिवार, 27 सितंबर 2025

      27 सितंबर 2025 : विश्व पर्यटन दिवस

      विश्व पर्यटन दिवस-2025 की थीम व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

      (World Tourism Day)

      आज का दिन : 27 सितंबर 2025

      • प्रतिवर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।
      • संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन द्वारा 1980 से प्रतिवर्ष 27 सितंबर को 'विश्व पर्यटन दिवस' मनाया जा रहा है। 
      • सन् 1970 में 27 सितंबर को विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। इसीलिए इस दिन विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।
      • संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) द्वारा हर वर्ष एक राष्ट्र को मेजबान राष्ट्र घोषित किया जाता है। विश्व पर्यटन दिवस-2025 की मेजबानी किसी भी देश को नहीं सौंपी गई है। भारत ने वर्ष 2019 के विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी की थी।

      सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

      • विश्व पर्यटन दिवस पर विश्व के लगभग सभी देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई राज्यों में राष्ट्रीय स्मारकों व पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है।
      • भारत में सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से अभियान शुरू किया गया था।  यह अपने किस्म का पहला प्रयास था, जिसने देश में पर्यटन को बढ़ावा दिया।
      • दुनिया में भारत का स्थान शीर्ष पांच पर्यटक स्थलों में आता है। विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एण्ड ट्रैवल काउन्सिल सहित पर्यटन क्षेत्र की कई संस्थाओं भारतीय पर्यटन को सबसे ज्यादा तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप में बताया है।

      ग्लासगो घोषणा पत्र

      • स्कॉटलैंड के ग्लासगो में नवंबर 2021 में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में पर्यटन क्षेत्र के लिए ग्लोसगो घोषणा पत्र जारी किया गया था। इसे 'पर्यटन में जलवायु कार्रवाई पर ग्लोसगो घोषणा पत्र' (Glasgow Declartion : Climate Action in Tourism) कहा जाता है। इस घोषणा पत्र के अनुसार अगले दशक में पर्यटन में कार्बन उत्सर्जन को कम से कम 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया। साथ ही वर्ष 2050 से पहले नेट जीरो हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई गई है।

      *विश्व पर्यटन दिवस-2025 का विषय/थीम*

      Tourism and sustainable transformation


      मंगलवार, 23 सितंबर 2025

      23 सितंबर 2025 : अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस

       आज का दिन : 23 सितंबर 2025

      अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस

      (International Day of Sign Languages)

      • संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिवर्ष 23 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है।
      • यह दिन सांकेतिक भाषा यानी साइन लैंग्वेज को प्रचारित-प्रसारित करने तथा उनके प्रति जागरुक करने के लिए मनाया जाता है।
      • 23 सितंबर, 1951 को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ की स्थापना हुई थी। इसीलिए इस दिन यह दिवस मनाया जाता है। यह दिवस पहली बार वर्ष 2018 में मनाया गया।
      • वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ की ओर से सभी देशों की सरकारों और लोगों का आह्वान किया है कि 23 सितंबर, 2025 को सांकेतिक भाषाओं के समर्थन में सभी सार्वजनिक स्थानों, सरकारी भवनों, हॉल्स, स्टेडियम आदि को नीली रोशनी से जगमग करें। नीले प्रकाश के इस आयोजन का उद्देश्य दुनिया को एकजुट करना है।
      • वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ के अनुसार दुनिया में 70 मिलियन लोग बधिर हैं। इनमें से 80 प्रतिशत विकसित देशों में रहते हैं।
      • विश्व में लगभग 300 अलग-अलग सांकेतिक भाषाएं प्रचलन में हैं।


      *अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस-2025 का विषय/थीम*

      No Human Rights Without Sign Language Rights